शुक्रवार, 13 जून 2025

अकल्पनीय होता है हवा में हर हादसा

 

अहमदाबाद में एयर इंडिया के वोइंग विमान के क्रेश होने की खबर जब वायरल हुई उस समय में एक सुपरफास्ट रेल में सफर कर रहा था. हादसे की खबर सुनकर मै सिहर उठा. थोडी ही देर में हादसे की तस्वीरें भी आना शुरू हो गई ं जिन्हे देख कुछ देर के लिए लगा जैसे सांस रुक रही है. बोइंग में 242यात्री थे और जीवित बचा सिर्फ 1.इसे चमत्कार कहा जाए तो कम नहीं होगा.

हर हादसा एक त्रासदी होता है और हर मौद दुखद लेकिन कोई भी हवाई त्रासदी सबसे दुखद होती है, क्योंकि हवाई हादसों में किसी के भी बचने की संभावना नगण्य होती है.

बात 12 जून 2025 की है.अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मेघानीनगर इलाके में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान अहमदाबाद से लंदन (गैटविक) जा रहा था और इसमें 242 लोग सवार थे, जिनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत 204 लोगों की मौत की पुष्टि हुई, जबकि दीव के रमेश विश्वास कुमार एकमात्र जीवित बचे।

विमान ने दोपहर 1:38 बजे रनवे 23 से उड़ान भरी और तुरंत MAYDAY संदेश भेजा, जिसके बाद एटीसी से संपर्क टूट गया।यह  विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल बिल्डिंग से टकराया, जिससे आग लग गई और घना काला धुआं उठा। मलबा 1.5 किमी तक फैला।प्रारंभिक जांच में इंजन की तकनीकी खराबी, पायलट की गलती, या टेकऑफ के दौरान बाधा को संभावित कारण बताया गया।बचाव और राहत कार्य:एनडीआरएफ, बीएसएफ, सेना, और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। 7 दमकल गाड़ियों ने आग बुझाने का काम शुरू किया।घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, और ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।अहमदाबाद हवाई अड्डा अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जिससे यात्रियों को परेशानी हुई। रेलवे ने विशेष ट्रेनें शुरू कीं।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू और गृह मंत्री अमित शाह अहमदाबाद पहुंचे। जांच के लिए डीजीसीए और अन्य एजेंसियां सक्रिय हैं।प्रधानमंत्री भी संभवतः मौके पर जाएंगे.टाटा ग्रुप ने मृतकों के परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपये मुआवजे की घोषणा की। इस हवाई हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया। पीएम मोदी, सीएम भूपेंद्र पटेल, और अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया।सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दुर्घटना की भयावहता दिखी। कुछ यात्रियों ने हादसे से पहले विमान में खामियों की शिकायत की थी, जिसकी जांच की मांग उठी।।

मै पिछले दो दशक में सैकडों घंटे की हवाई यात्रा का साक्षी हूँ. हवा में तीस चालीस हजार फीट ऊपर घंटों तक उडना जान हथेली पर रखने जैसा होता है, किंतु उन्नत तकनीक और घोर प्रशिक्षण से गुजरे अनुभवी पायलट हर विमान यात्री के लिए देवदूत जैसे होते हैं. विमान बवंडर में फंसे या बादलों में प्राण कंठ में आ जाते हैं. आपदा के समय बताए जाने वाले तमाम सुरक्षात्मक उपाय उस समय धरे रह जाते हैं जब कोई भी विमान हादसे का शिकार होता है.. ऐसे हादसों के बाद लाल बहादुर शास्त्री और माधवराव सिंधिया जैसे मंत्री नैतिकता के चलते अपने पदों से इस्तीफे तक दे देते हैं. लेकिन ये गुजरे जमाने की बात हो चुकी है..

टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान हादसे सबसे आम हैं, वर्ष 2023 के वैश्विक आंकड़ों (109 हादसों में 37 टेकऑफ के दौरान) से पता चलता है।यह एक दुखद घटना है, और जांच से हादसे के सटीक कारणों का पता चलने की उम्मीद है।हाल के आंकड़ों के अनुसार, हवाई यात्रा को परिवहन का सबसे सुरक्षित साधन माना जाता है, लेकिन दुर्घटनाओं का प्रतिशत समझने के लिए कुछ तथ्य महत्वपूर्ण हैं:एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के अनुसार, 2017 से 2023 के बीच दुनियाभर में 813 विमान हादसे हुए, जिनमें 1,473 यात्रियों की मौत हुई। यह संख्या कुल उड़ानों की तुलना में बहुत कम है। 2023 में, इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक, 3.7 करोड़ से अधिक उड़ानें हुईं।एसोसियेशन का दावा है कि यदि कोई व्यक्ति 1,03,239 साल तक हर दिन विमान में सफर करे, तो एक घातक दुर्घटना की संभावना होगी। 

मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी  के एक अध्ययन (2018-2022) के अनुसार, 1.34 करोड़ यात्रियों में से केवल 1 को घातक दुर्घटना का जोखिम है। 2024 में, चार घातक दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जो 2023 (कोई घातक हादसा नहीं) से अधिक थीं। फिर भी, कुल उड़ानों की संख्या के आधार पर दुर्घटना दर कम रही।पिछले पांच सालों में भारत में केवल एक घातक विमान हादसा हुआ, जिसमें यात्रियों की मौत हुई। 2017-2023 के बीच भारत में 14 हादसे दर्ज किए गए। सबसे ज्यादा हादसे टेक-ऑफ (37%) और लैंडिंग (30%) के दौरान होते हैं। अर्थात हवाई यात्रा की दुर्घटना दर अन्य परिवहन साधनों (जैसे सड़क, रेल) की तुलना में बहुत कम है। सड़क हादसों में भारत में 2022 में 61,000 से अधिक मौतें हुईं, जबकि हवाई हादसों में यह संख्या नगण्य थी। सख्त नियम, उन्नत तकनीक, और प्रशिक्षण के कारण हवाई यात्रा सुरक्षित बनी हुई  है.लेकिन हवाई दुर्घटना सबसे भयावह होती है अहमदाबाद की दुर्घटना क तरह.

@राकेश अचल

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