रविवार, 15 जून 2025

पिता का स्मरण करते हुए बेटे से बतरस मै भी युद्ध विराम कर रहा हूँ बेटा

 बेहद मुश्किल काम कर रहा हूं बेटा 

मैं खुद को नीलाम कर रहा हूं बेटा

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देखें कितना दाम लगाती है दुनिया 

सब कुछ इसके नाम कर रहा हूँ बेटा

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मेरी कीमत क्या है, मुझको पता नहीं 

कोशिश रोज तमाम कर रहा हूँ बेटा

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दाम लगाने वाले ढेरों हैं फिर भी 

मोल भाव निशियाम कर रहा हूं बेटा

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दुनिया भर के कर्ज पटाना हैं मुझको

गुणा भाग अविराम कर रहा हूँ बेटा

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मेरे बाद न कुर्की हो मेरे घर की 

मै भी युद्ध विराम कर रहा हूं बेटा

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@राकेश अचल

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