बहिनों को श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि का इंतजार लंबे समय से रहता है क्योंकि इस दिन उन्हें अपने मायके जाने का मौका मिलता है अपने परिवार के साथ बैठ कर खुशियां साझा करती हुई अपने भाइयों की कलाई पर उनके दीर्घ आयु की कामना के साथ राखी बांधती है और आजीवन भाई अपनी बहिन की रक्षा के लिए बचन देता है।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद हैं ने बताया कि इस बार का रक्षाबंधन का पर 09 अगस्त शनिवार को उदया तिथि पूर्णिमा में श्रवण नक्षत्र एवं मकर राशि में चंद्रमा के रहने से मकर राशि के स्वामी भी शनि है अर्थात शनि के त्रियोग में मनाया जाएगा।श्रवण नक्षत्र के अधिपति विष्णु इस दिन सौभाग्य योग भी है इसके अधिपति ब्रह्मा जी है अतः यह पर्व ब्रह्मा - विष्णु जी की साक्षी में पूर्ण हाने से और ज्यादा पावन होगा ।
हैं ने कहा इस बार भद्रा का साया भी नहीं है अक्सर रक्षा बंधन के दिन भद्रा हुआ करती थीं तब भद्रा के समय राखी बांधना और होली जलाना शास्त्रीय निषेध है।
इस बार भद्रा शुक्रवार की रात्रि 01:52 बजे समाप्त हो रही है इस लिए शनिवार को रक्षाबंधन का पर्व निर्विघ्न संपन्न होगा।
राखी बांधने का समय :- 09 अगस्त शनिवार उदया पूर्णिमा तिथि में प्रातः 05:47 बजे से दोपहर 13:24 बजे पूर्णिमा तिथि रहते तक पूरे समय बहिनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
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