शुक्रवार, 8 अगस्त 2025

गर मेरे मत पै आंच आएगी तो हुकूमत पै आंच आएगी

 

गर मेरे मत पै आंच आएगी 

तो हुकूमत पै आंच आएगी 

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झोपडी को जलाओ मत वरना

बाद में छत पै आंच आएगी

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खेल अस्मत का खेलना छोडो 

बचना, इज्जत पै आंच आएगी 

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गलतियां तुम करोगे बदले में 

माँबदौलत पै आंच आएगी

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नफरतों को हवा न दो फिर से

फिर मोहब्बत पै आंच आएगी

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कोई दीवार से नहीं लडता

बस इबारत पै आंच आएगी 

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मुँह छुपाओगे कैसे बतलाओ 

जब तिजारत पै आंच आएगी

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हम तो बच जाएंगे, हमारा क्या

सिर्फ हजरत पै आंच आएगी

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@  राकेश अचल

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