शुक्रवार, 8 अगस्त 2025

गर मेरे मत पै आंच आएगी तो हुकूमत पै आंच आएगी

 

गर मेरे मत पै आंच आएगी 

तो हुकूमत पै आंच आएगी 

🌹

झोपडी को जलाओ मत वरना

बाद में छत पै आंच आएगी

🌹

खेल अस्मत का खेलना छोडो 

बचना, इज्जत पै आंच आएगी 

🌹


गलतियां तुम करोगे बदले में 

माँबदौलत पै आंच आएगी

🌹

नफरतों को हवा न दो फिर से

फिर मोहब्बत पै आंच आएगी

🌹

कोई दीवार से नहीं लडता

बस इबारत पै आंच आएगी 

🌹

मुँह छुपाओगे कैसे बतलाओ 

जब तिजारत पै आंच आएगी

🌹

हम तो बच जाएंगे, हमारा क्या

सिर्फ हजरत पै आंच आएगी

🌹

@  राकेश अचल

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

जगदीप धनकड जन अदालत में हाजिर हों!

  देश के पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से लापता हैं. धनखड़ के बारे में कुछ अटकलें और सवाल उठे हैं कि उनके ठि...