भोपाल । लॉकडाउन की आड़ लेकर सरकार पर लायसेंस फीस में छूट सहित अन्य मांगों पर अड़े प्रदेश के शराब ठेकेदारों को उच्च न्यायालय की जबलपर खंडपीठ के निर्णय से बड़ा झटका लगा है। न्यायालय ने उनकी मांग को सीधे तौर पर उचित नहीं माना, इसलिए न्यायालय ने उन्हें दो विकल्प दिए । पहला कि जिन ठेकेदारों को सरकार की संशोधित नीति मंजूर है वे अपनी दुकानें खोल सकते हैं। लेकिन जिन्हें ये स्वीकार नहीं है, वे अपनी दुकानों का समर्पण कर सकते हैं। सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। न्यायालय ने टेंडर समर्पण करने के लिए या फिर दुकान संचालन के लिए शपथ पत्र देने के लिए ठेकेदारों को तीन दिन का समय दिया है। न्यायालय ने समर्पित की गई शराब की दुकानों के नए सिरे से टेंडर कराने के निर्देश भी सरकार को दिए हैं।
Featured Post
16 अगस्त 2025,शनिवार का पंचांग
सूर्योदय :-* 05:52 बजे *🟠सूर्यास्त :-* 18:58 बजे श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* *श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* *सूर्य*:- -सूर्य ...
-
*🌞सूर्योदय :-* 05:48 बजे *🟠सूर्यास्त :-* 19:03 बजे श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* *श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* *सूर्य*:- -सूर...
-
ग्वालियर । जनजाति कार्य विभाग जिला श्योपुर के प्रभारी सहायक आयुक्त जिनका मूल पद प्राचार्य है राकेश गुप्ता गुप्ता भ्रष्टाचार के लिए चर्चित है...
-
देश के पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से लापता हैं. धनखड़ के बारे में कुछ अटकलें और सवाल उठे हैं कि उनके ठि...
-
भारत में पिछले कुछ दिनों से केंद्रीय चुनाव आयोग अविश्वसनीय हुआ है और जिस तरीके से आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान के...
-
ग्वालियर. प्रदेश के वरिष्ठ लेखक, पत्रकार और साहित्यकार राकेश अचल के नवीन कविता संग्रह 'बेटे से बतरस' का लोकार्पण सोमवार को आईटीएम के...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें