शनिवार, 9 अगस्त 2025
शाह फिर राहुल के नाना की शरण में
9 अगस्त 2025, शनिवार का पंचांग
*🌞सूर्योदय :-* 05:48 बजे
*🟠सूर्यास्त :-* 19:04 बजे
श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947*
*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551*
*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल
*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु
*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* -
आज *श्रावण* माह शुक्ल पक्ष *पूर्णिमा तिथि* 13:24 बजे तक फिर प्रतिपदा तिथि।
💫 *नक्षत्र आज* श्रावण नक्षत्र 14:23 बजे तक फिर धनिष्ठा
*योग* :- आज *सौभाग्य* है।
*करण* :-आज *बव* हैं।
💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं है।
*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।
☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में है।
*🌚राहूकाल* :आज 09:07 बजे से 10:47
बजे तक अशुभ समय है।
*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:00 बजे से 12:54 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।
*पर्व त्यौहा* : - श्रावण पूर्णिमा,रक्षाबंधन,संस्कृत दिवस ,विश्व आदिवासी दिवस , उपाकर्म है भगवान श्रेयांस नाथ जी मोक्ष
*मुहूर्त* : - सगाई , वाहन क्रय है अन्य नहीं हैं।
🪐 *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-
सूर्य-कर्क, चन्द्र-मकर, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन
हर्षल-मेष में आज है।
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ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन
(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )
विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।
मो .9425187186, 9302614644
इस बार श्रवण नक्षत्र,शनि के त्रियोग भद्रा रहित सर्वार्थ सिद्धि योग में बंधेगा रक्षासूत्र
बहिनों को श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि का इंतजार लंबे समय से रहता है क्योंकि इस दिन उन्हें अपने मायके जाने का मौका मिलता है अपने परिवार के साथ बैठ कर खुशियां साझा करती हुई अपने भाइयों की कलाई पर उनके दीर्घ आयु की कामना के साथ राखी बांधती है और आजीवन भाई अपनी बहिन की रक्षा के लिए बचन देता है।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद हैं ने बताया कि इस बार का रक्षाबंधन का पर 09 अगस्त शनिवार को उदया तिथि पूर्णिमा में श्रवण नक्षत्र एवं मकर राशि में चंद्रमा के रहने से मकर राशि के स्वामी भी शनि है अर्थात शनि के त्रियोग में मनाया जाएगा।श्रवण नक्षत्र के अधिपति विष्णु इस दिन सौभाग्य योग भी है इसके अधिपति ब्रह्मा जी है अतः यह पर्व ब्रह्मा - विष्णु जी की साक्षी में पूर्ण हाने से और ज्यादा पावन होगा ।
हैं ने कहा इस बार भद्रा का साया भी नहीं है अक्सर रक्षा बंधन के दिन भद्रा हुआ करती थीं तब भद्रा के समय राखी बांधना और होली जलाना शास्त्रीय निषेध है।
इस बार भद्रा शुक्रवार की रात्रि 01:52 बजे समाप्त हो रही है इस लिए शनिवार को रक्षाबंधन का पर्व निर्विघ्न संपन्न होगा।
राखी बांधने का समय :- 09 अगस्त शनिवार उदया पूर्णिमा तिथि में प्रातः 05:47 बजे से दोपहर 13:24 बजे पूर्णिमा तिथि रहते तक पूरे समय बहिनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
शुक्रवार, 8 अगस्त 2025
गर मेरे मत पै आंच आएगी तो हुकूमत पै आंच आएगी
गर मेरे मत पै आंच आएगी
तो हुकूमत पै आंच आएगी
🌹
झोपडी को जलाओ मत वरना
बाद में छत पै आंच आएगी
🌹
खेल अस्मत का खेलना छोडो
बचना, इज्जत पै आंच आएगी
🌹
गलतियां तुम करोगे बदले में
माँबदौलत पै आंच आएगी
🌹
नफरतों को हवा न दो फिर से
फिर मोहब्बत पै आंच आएगी
🌹
कोई दीवार से नहीं लडता
बस इबारत पै आंच आएगी
🌹
मुँह छुपाओगे कैसे बतलाओ
जब तिजारत पै आंच आएगी
🌹
हम तो बच जाएंगे, हमारा क्या
सिर्फ हजरत पै आंच आएगी
🌹
@ राकेश अचल
चोरी की सरकारें या चोरों की सरकारें
मुझे पता है कि 'चोर ' और ' चोरी 'असंसदीय शब्द नहीं हैं, इसलिए आज इसी विषय पर लिख रहा हूं वो भी बिना हलफनामे के, बिना गंगाजल उठाए. सच बोलने के लिए किसी हलफनामे की जरुरत नहीं होती और जो लोग हलफनामा देकर सच बोलते हैं वे अक्सर झूठ बोलते हैं. फिल्मों में गीता की कसम खाकर आपने कितने लोगों को झूठ, सफेद झूठ और सच बोलते देखा और सुना होगा, लेकिन झूठ हर हाल में झूठ होता है और सच हर हाल में सच.
लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने देश में केंद्रीय चुनाव आयोग की मिलीभगत से होने वाली वोट चोरी की वारदात को सप्रमाण मीडिया और विपक्ष के सामने रखा है. केंद्रीय और कर्नाटक चुनाव आयोग को राहुल गांधी द्वारा किया गया पर्दाफाश झूठ लगता है और केंचुआ ने राहुल गांधी से ये तमाम सबूत हलफनामे के साथ मांगे हैं. सवाल ये है कि केंचुआ किस अधिकार से हलफनामा मांग रहा है? सीधी सी बात है कि यदि राहुल गांधी झूठे तथ्य देकर देश को भ्रमित कर रहे हैं या उनका इरादा केंचुआ को बदनाम करना है तो केंचुआ को राहुल गांधी से हलफनामे के साथ सबूत मांगने के बजाय उनके खिलाफ सीधे पुलिस या अदालत के पास जाना चाहिए.
राहुल गांधी न हमारी जाति के हैं और न रिश्तेदार इसलिए मेरा कहना है कि पूरा देश यदि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के हर झूठ-सच पर यकीन करता है तो देश को लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल तनय राजीव गांधी के हर झूठ और सच को भी काबिले यकीन मानना चाहिए क्योंकि मोदी और गांधी ने लोकसभा में एक ही संविधान को साक्षी मानकर देश सेवा की शपथ ली है.दोनों जिम्मेदार सांसद हैं, जनप्रतिनिधि हैं. दोनों से हलफनामे नहीं मांगे जाना चाहिए. देश ने कभी मोदी जी से हलफनामा मांगते हुए ये नहीं पूछा कि सीजफायर के बारे में अमेरिका का दावा सही है या गलत?
लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा किए गये रहस्योदघाटन से एक बात प्रमाणित हो गयी है कि देश की सरकार ही नहीं बल्कि देश के तमाम राज्यों में बनीं डबल इंजिन की सरकारें चोरी के वोट से बनीं हैं. आप इन्हें चोरी की सरकारें या चोरों की सरकारें भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं. खिचडी के पकने का पता डेगची के एक चावल से चल जाता है, ऐसे ही देश में हो रही वोट चोरी का पता एक विधानसभा क्षेत्र के मतदान और मतदाता सूचियों की पडताल से चल चुका है. अब केंचुआ बगलें झांके या राहुल गांधी से हलफनामा मांगे, कुछ होने वाला नहीं है. ये मामला हालांकि किसी भी अदालत में चुनौती देने लायक है, लेकिन इसका निराकरण अदालत से शायद ही हो सके क्योंकि अदालत को भी केंचुआ की तरह पहले हलफनामा मांगेगा. वैसे भी अदालत का एक हिस्सा तो राहुल गांधी को सच्चा भारतीय नहीं मानता.
वोट चोरी ठीक वैसा ही अपराध है जैसे कि आपके घर से जेवर, गैस सिलेंडर या किसी दूसरे माल-मशरूके की चोरी होती है. वोट चोरी रोकने के लिए केंचुआ और सत्तारूढ दल तो खुद कुछ करने से रहा क्योंकि इन दोनों पर ही वोट चोरी का आरोप है. अव वोटर को अपना वोट खुद सम्हालना चाहिए. जो राजनीतिक कार्यकर्ता हैं वे मतदान स्तर पर सतर्क रहें. फर्जीवाडा न होने दें. वोट की चोरी रोकना बहुत कठिन नहीं है. आखिर जो होमवर्क राहुल गांधी की टीम ने एक विधानसभा क्षेत्र मे किया है वो सभी चुनाव क्षेत्रों में किया ज सकता है.
मुझे देश के मुख्य केंचुआ के अलावा राज्यों के केंचुआ से भी न्याय की कोई उम्मीद नही है. देश में वोट चोरी से सरकारें न बनें, वोट चोरों की सरकारें न बनें, ये भारतीय लोकतंत्र के लिए मोदी युग की सबसे बडी चुनौती है.
दर असल वोट बेशकीमती चीज है इसलिए उसकी चोरी होना स्वाभाविक है. यदि किसी दल को जनता अपना कीमती वोट नहीं देती तो सत्ता लोलुप दल वोट की चोरी से बाज नहीं आता. कांग्रेस से भाजपा ने बहुत कुछ सीखा है लेकिन अब मौका आ गया है कि कांग्रेस भी भाजपा से कुछ सीखे, वोट चोरी के अलावा.कांग्रेस वोट मांगती है, चोरी नहीं करती इसलिए भुगतती है. चोरी मत करो लेकिन चोरी रोको तो सही.
@ राकेश अचल
गुरुवार, 7 अगस्त 2025
क्या फिर से '-हिंदी- चीनी भाई- भाई करने चीन जा रहे हैं मोदीजी .?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुड खाते हैं लेकिन गुलगुलों (गुड और आटे से बना पकवान )से नेम ( परहेज) करते हैं. इसका सबसे बडा उदाहरण ये है कि प्रधानमंत्री जी ने आपरेशन सिंदूर पर संसद में बहस के जबाब में सप्रयास चीन का नाम अपनी जबान पर नहीं आने दिया, जबकि विपक्ष ने बार - बार आपरेशन सिंदूर के दौरान चीन द्वारा पाकिस्तान की मदद करने का आरोप लगाया था. अब खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन का दौरा करेंगे।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री एससीओ बैठक में भाग लेने से पहले, 30 अगस्त को जापान की यात्रा पर जाएंगे, जहां वे जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वहीं से चीन रवाना होंगे। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद यह उनकी पहली चीन यात्रा होगी। इसी मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को छिछोरी मानसिकता का नेता कहा गया और चीन पर भारत की जमीन हथियाने का आरोप लगाने पर सुप्रीम कोर्ट के एक जज ने राहुल को झूठा भारतीय तक कह दिया.
आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री मोदी आखिरी बार 2019 में चीन के दौरे पर गये थे.प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर रूस से तेल खरीदने के लिए निशाना साधा हैऔर भारत पर बिना डील हुए ही 25 फीसदी टैरिफ तथा जुर्माना लगा दिया है.। अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा है कि यह समूह डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देता है। भारत और चीन दोनों ही ब्रिक्स के सदस्य देश हैं।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक प्रमुख क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देश शामिल हैं। यह संगठन क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। इस साल का शिखर सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक तियानजिन में आयोजित होगा, जिसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख भागलेंगे. इस संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में पिछले दिनों भारत ने संयुक्त वक्तव्य पर दस्तखत नहीं किए थे. विदेश मंत्री एस जयशंकर के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी चीन से खाली हाथ लौट चुके हैं.चीन के राष्ट्रपति से मिल भी नहीं पाए थे. अब कहा जा रहा है कि , इस शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक द्विपक्षीय मुलाकात हो सकती है.दोनों नेता आखिरी बार अक्टूबर 2024 में रूस में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे।
भारत का बच्चा बच्चा जानता है कि 2020 में गलवान घाटी में हुए सैन्य टकराव के बाद भारत और चीन के संबंधों में तनाव आ गया था। हालांकि, हाल के महीनों में दोनों देशों ने अपनी सीमा पर तनाव कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। हालांकि इस बीच प्रधानमंत्री मोदी चीनी सामान के बहिष्कार का वैसा ही खोखला आव्हान कर चुके हैं जैसा उन्होने हाल ही में बनारस में अमरीकी माल के बहिष्कार का आव्हान किया है. मजे की बात ये कि मोदी स्वदेशी को ढाल बनाए हैं लेकिन वे गलती से भी चीन या अमेरिका का नाम नहीं लेते. मेरा मानना है कि मोदीजी अमेरिका के दबाब से राहत की तलाश में चीन जा जरूर रहे हैं किंतु ये वही चीन है जो मोदीजी के प्रिय शत्रु देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की पीठ में छुरा घोंप चुका है.
जाहिर है मोदीजी चीन जाकर भारत की चीन द्वारा हथियाई गई भूमि मांगने नहीं जा रहे. वे चीन की ओर से भारत के पडोसी नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका को दी जाने वाली इमदाद का विरोध करने भी चीन नहीं जा रहे. मुमकिन है कि वे अमेरिका के खिलाफ चीन से मदद मांगने जा रहे हों. मुमकिन है कि वे नेहरू जी का नारा -' हिंदी चीनी भाई -भाई ' दोहराने जा रहे हों.यदि वे ऐसा करने का प्रयास करते हैं तो वे एक और बडी कूटनीतिक गलती करने वाले हैं. चीन कभी भारत का सगा नही हो सकता. चीन भारत के शत्रु पाकिस्तान का मित्र है. हमारा मित्र रूस है जो हमसे क्षुब्ध है. बेहतर होता कि मोदी जी चीन के साथ पेंग बढाने के बजाय रुस की यात्रा करते. क्योंकि रूस भी अमेरिका पीडित राष्ट्र है. चीन अमेरिका पीडित राष्ट्र नहीं है. चीन अमेरिका का प्रबल प्रतिद्वंदी है.
बहरहाल भारत की विदेशनीति की बखिया उधेड चुके मोदीजी जी भारत को किस मोड पर ले जाकर छोडेंगे ये भगवान भी नहीं जानता. वे भेडिया आया, भेडिया आया की आवाज बाऋ बार लगाते हैं लेकिन हर बार दोस्तों को परेशान करते हैं. किंतु अबकी भेडिया सचमुच आ रहा है और मोदीजी की पुकार सुनकर कोई उनकी यानि भारत की मदद करने नहीं आ रहा.
@ राकेश अचल
छात्रावास में मुर्गा पार्टी के लिए सहायक आयुक्त दोषी - डॉ अग्र
ग्वालियर । जनजाति कार्य विभाग जिला श्योपुर के प्रभारी सहायक आयुक्त जिनका मूल पद प्राचार्य है राकेश गुप्ता गुप्ता भ्रष्टाचार के लिए चर्चित है इन्होंने एकलव्य आवासीय विद्यालय करहल जिला श्योपुर के प्राचार्य रहते हुए लगभग 3 करोड़ का वित्तीय घोटाला किया एक अपनी खास महिला रिश्तेदार गुप्ता मैडम को सभी नियमों को ताक पर रखकर अतिथि शिक्षक के पद पर नियुक्ति दी। जबकि गुप्ता मैडम ग्वालियर के प्राइवेट कॉलेज से नियमित बी एड कर रही थी इनके अलावा कई अतिथि शिक्षक बनाएं जो सभी नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए ग्वालियर सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के अतिरिक्त प्रभार में रहते हुए कॉफी भ्रष्टाचार किया है जिसकी जांच चल रही है।
हॉस्टल में मुर्गा पार्टी के लिए सबसे पहले जिला के सहायक आयुक्त राकेश गुप्ता को निलंबित किया जाए और राकेश गुप्ता की विभागीय जांच संस्थापित की जाए विभागी जांच में सभी शिकायतकर्ताओं को साक्ष्य के लिए गवाह बनाया जाए।
आदिम जाति कल्याण विभाग छात्रावास आश्रम शिक्षक अधीक्षक संघ ( कसस ) के संस्थापक प्रांत अध्यक्ष डॉ जवर सिंह अग्र ने रोष व्यक्त करते हुए कहा है की राकेश गुप्ता को निलंबित कर विभागीय जांच करने के स्थान पर सहायक आयुक्त का प्रभार दे दिया गया जो अनुचित है ग्वालियर में ही दो दो जांच कमेटी 2- 2 सदस्यों की घटित है जो जांच कर रही हैं राकेश गुप्ता को सभी जांचों से पहले निलंबित किया जाये तभी निष्पक्ष जांच हो सकती है।
बुधवार, 6 अगस्त 2025
केन्द्रीय जेल ग्वालियर में रक्षाबंधन पर बहनों की भाइयों से कराई जायेगी मुलाकात
ग्वालियर 6 अगस्त । रक्षाबंधन के अवसर पर राखी बांधने के लिये केन्द्रीय जेल ग्वालियर में निरूद्ध बंदियों से उनकी बहनों की प्रत्यक्ष मुलाकात कराई जायेगी। मुलाकात के लिये आने वाली बहनों को जेल विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। मुलाकात के लिये आने वाली बहनों को जेल नियमों का पालन करना होगा। सभी बहनें सीसीटीव्ही कैमरा की निगरानी में रहेंगीं।
जेल अधीक्षक से प्राप्त जानकारी के अनुसार रक्षाबंधन यानि शनिवार 9 अगस्त के दिन मुलाकात के लिये बहनों के नाम प्रात: 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक लिखे जायेंगे, इन्हीं बहनों की दिन में 3 बजे जेल में निरूद्ध भाईयों से मुलाकात कराई जायेगी। समयावधि के बाद मुलाकात के लिये अनुरोध स्वीकार नहीं किया जायेगा।
मुलाकात के दौरान बाहरी सामग्री पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगी। इसलिए बहनों से आग्रह किया गया है कि वे किसी भी प्रकार की बाहरी सामग्री लेकर न आएं। जेल कैन्टीन से रक्षाबंधन की विशेष किट निर्धारित मूल्य का भुगतान कर प्राप्त की जा सकेगी। इस किट में राखी, मिठाई, कुमकुम व अक्षत उपलब्ध रहेगा।
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
साल 1988 में पियूष पांडे द्वारा लिखा गया ये गीत पंद्रह भाषाओं में गाया गया. राग भैरवी का ये गीत आज के राजनीतिक परिदृश्य पर पूरी तरह से खरा उतर रहा है. बीते रोज आपरेशन सिंदूर का श्रेय सरे आम सत्ता द्वारा लूटे जाने और सच्चा भारतीय को लेकर देश की सबसे बडी अदालत के एक मीलार्ड द्वारा राहुल गांधी को लेकर की गई मौखिक टिप्पणी के बाद प्रमाणित हो गया कि भाजपा और संघ के सुरों में सुर मिलाने के लिए अब कोई बचा नहीं है. यदि कोई सुर में सुर नहीं मिला रहा है तो वो राष्ट्रद्रोही और झूठा भारतीय है.
किसी भी देश में सत्ता के साथ जब कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के साथ साथ जब खबरपालिका भी वृंदगान गाने लगे तो समझ लीजिये कि वहाँ लोकतंत्र और विरोध के लिए कोई जगह नहीं बची. भाजपा और संघ को इस मुकाम तक आने में पूरी एक सदी लगी. सौ साल का आर एस एस और 45 साल की भाजपा देश को तिरंगा स्पिरिट से सिंदूरी स्पिरिट में ढालने की कोशिश करती दिखाई दे रही है. पियूष पांडे ने यही तो लिखा था
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा
सुर की नदियाँ हर दिशा से बहते सागर में मिलें
बादलों का रूप ले कर बरसे हल्के हल्के.
मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा.
और अब यही होता दिख रहा है. अब आप न्याय की अर्जी लेकर अदालत जाएंगे तो वहां साखामृग बैठे मिलेंगे. पुलिस थाना, कचहरी पंचायत सब पर साखामृगों का कब्जा हो चुका है. तोता-मैना, कौए, उल्लू सब साखाओं का उत्पाद हैं. ये वे लोग हैं जो असफलताओं के लिए महात्मा गांधी से लेकर डॉ मनमोहन सिंह को दोषी ठहराने में नहीं हिचकते. आपरेशन सिंदूर की कामयाबी का श्रेय भी इन सबने मिलकर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की झोली में डाल दिया. वे बेचारे दरबारियों के आगे ना- ना- ना करते रह गये.मोदीजी की विनम्रता देखकर विनम्रता भी लजा गई.
अब न कांग्रेस का युग है न जनतापार्टी का, न अटल युग है न अडवाणी युग. ये युग मोदी और अडानी का युग है. इस युग की स्पिरिट सिंदूरी है और सवाल करने की सख्त मुमानियत है. आप न संसद में सवाल कर सकते हैं न सडक पर और पत्रकार वार्ताएं इस युग में वर्जित हैं. ये वो युग है जिसमें सवाल करना राष्ट्रद्रोह जैसा असंज्ञेय अपराध है. आप यदि भूले से भी चीन का नाम लेकर कोई सवाल करेंगे तो अकेली भाजपा ही नही बल्कि देश की सबसे बडी अदालत के मीलार्ड तक आपको झूठा भारतीय बताने में नहीं हिचकेंगे.
मोदी युग की पहचान ही हिचकविहीन है. इस युग में कोई भी बिना हिचके असंवैधानिक इलेक्टोरल बांड के जरिये अरबों- खरबों कमा सकता है. बेहिचके महाभ्रष्ट को अपनी गोद में बैठाकर मंत्री बना सकता है और असहमत होने पर संबंधित को लोयागति या धनकड गति प्रदान करा सकता है. हिचक इस युग से कोसों दूर हिमालय की कंदराओं में जाकर छिप गई है इस युग की सत्ता को माँ या बाबा के रूठने से कोई फर्क नहीं पडता.
मोदी युग आजादी के बाद का अकेला ऐसा युग है जिसमें तमाम संवैधानिक संस्थाओं को पालतू तोता-मैना बना दिया गया है. इन संस्थाओं में जो समझदार लोग थे वे बगुला भगत बन गये हैं और जो प्रतिकार कर रहे हैं उन्हे सत्ताप्रतिष्ठान ने काक या श्वान घोषित कर दिया है. इस युग में सत्यमेव जयते की तख्ती तो लगी है किंतु पीछे से झूठ को संरक्षित किया जा रहा है. जो जितना बडा झूठ जितनी ज्यादा बेहयाई से बोलता है उसे उतना बडा देशभक्त माना जाता है. मै तो महाभारत के संजय की तरह बिना नमक-मिर्च लगाए आपके सामने आंखों देखा हाल पेश कर रहा हूँ. इस युग में हमारी या हम जैसों की तो कोई भूमिका रह ही नही गई.
बहरहाल सुर में सुर मिलाना ठकुरसुहाती माना जाता है. ठकुसुहाती करने से तो त्रेता में मंथरा ने भी करने से मना कर दिया था, लेकिन जब उसे सत्ता की केकैयी ने आंखैं दिखाई तो थोडी देर के लिए उसने भी कह दिया था कि-कोऊ नृप होय हमें का हानि, हमऊ करब अब ठकुरसुहाती.मंथरा ने जो बात केकैयी के लिए कही थी वो मोदी युग पर फबती है.
कहहिं झूठि फुरि बात बनाई। ते प्रिय तुम्हहि करुइ मैं माई॥
हमहुँ कहबि अब ठकुरसोहाती। नाहिं त मौन रहब दिनु राती
लेकिन हम मंथरा की तरह मौन रहने या ठकुरसुहाती करने वाले नहीं. हम बोलेंगे भले ही कोई हमें झूठा भारतीय कहे या कुछ और. किसी के कहने से न हम फिरंगी हो जाएंगे और न देशद्रोही. हमें देश की चिंता औरों से कहीं ज्यादा है.
@ राकेश अचल
मंगलवार, 5 अगस्त 2025
भक्त के वश में है भगवान : मुकेश पचौरी महाराज
हिंडोला झुला उत्सव मे श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ, सिद्धपीठ श्री गंगादास जी की बडी शाला में
अबसर पर पूरन बैराठी पीठाधीशुर स्वामी राम सेवक दास जी महाराज के पावन सानिध्य में श्री मद भागवत कथा में श्री मुकेश पचौरी महाराज ने प्रभु हमेसा अपने भक्तो के वश में रहते है प्रभु का एक नाम दीन बंधू की कहाँ गया है प्रभु के दीन बंधू नाम को सिद्ध करने के किय सुदामा जी के सुन्दर चरित का वर्णन किया श्री महाराज जी ने वताया की श्री शुकदेव जी ने जितने सम्मान ओर विश्लेषण के साथ उनका नाम लिया उतना किसी ओर के लिए नहीं लिया
हम यह कहते की प्रभु ने सुदामा जी का बहुत सम्मान किया पर यह सोचना चाहिए की प्रभु में सुदामा जी के त्याग ओर समर्पण का सम्मान किया है आज के जीव के पास सब कुछ होने पर भी उस के अंदर संतुष्टि नहीं है पर सुदामा जी के घर में खाने को अन्न नहीं पहन ने को वस्त्र नहीं रहने को छत नहीं फिर भी उन के भीतर परम सांतोष है पर आज के जीव के भीतर सांतोस नहीं है इस लिए सब कुछ होने पर भी शांति का अनुभब नहीं कर पाता इस लिए हमें कथा से हमें यह सीखना है की जीवन में सांतोष होना जरुरी है तभी प्रभु की कृपा होगी कथा में श्री मन महाराज जी ने कहाँ की हमारा मन बड़ा चंचल है इस चंचल मन को प्रभु के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए मन को प्रभु चरणों में लगाने के तीन साधन बताय विशवास सम्बन्ध ओर समर्पण प्रभु के प्रति हमारा सम्पूर्ण समर्पण होना चाहिए यही सच्ची भक्ति है एवं कथा के विश्राम में गुरु की महिमा का वर्णन किया जीवन में गुरु बहुत ही जरुरी है गुरु ऐसा होना चाहिए की जो हमें संसार चक्र से निकल कर परमात्मा से मिला दे कथा के विश्रम में शुकदेव जी का पूजन किया गाय ओर सुंदर भजनो की प्रस्तुति के भक्तो को झूमने पर विवस कर दिया ओर कथा कृष्ण सुदामा जी की सुन्दर झांकी का दर्सन किया यज्ञ हवन से देवता प्रसन होते है ओर प्रकृति सुद्ध होती है सिद्ध पीठ श्री गंगा दास जी की साला में के अबसर पर पूरन बैराठी पीठधीशुर स्वामी रामसेवक दास जी महारज ने बताया की की किसी भी धार्मिक कार्य की पूर्णता हवन के द्वारा ही सम्पन होती है विगत सात दीन के चल रही भागवत कथा का विश्राम हवन के साथ हुआ महाराज जी ने बताया की हवन करने से देवता तो प्रसन होते ही है उस के साथ प्रकृति भी भी सुद्ध होती हवन की सुगन्धि से अनेक रोगो का नास होता है जल वायु पवित्र हो जाती सिद्ध पीठ में कारिक्रम के आचार्य श्री राम चन्द्र दास जी ने पुरे बिधि बिधान से वेद मंत्रो का उच्चारण करते हुए हवन कराय हवन के की पूर्ण आहुति में पूज्य महंत स्वामी रामसेवक दास जी महाराज इस अवसर पर संत श्री राम दास जी श्री दास जी संत श्री उड़िया बाबा श्री भुवनेश वैण्णव मुरल
श्रीवास्तव राजू कंकर सुनील कंकर अमित शर्मा
हिंडोला झूला उत्सव 27 जुलाई झूला तीज से आरंभ हुआ, हजारों की संख्या मे भक्तों ने नीत्य झूला के दर्शन कर झूला झूलाया व आशिर्वाद प्राप्त कीए हिंडोला झूला उत्सव समापन मे पूरण वैराठी पीठाधीश्वर स्वामी रामसेवक रामसेवक दास जी ने बडी शाला के सभी भक्तों को आशिर्वाद देकर कहा की हिंडोला झूला उत्सव हमारे बडी शाला की परंपरा मे शामील है
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