सोमवार, 21 जुलाई 2025

अधिकारियों की मिली भगत से छात्रावास आश्रमों की स्थिति जेल से भी खराब वरिष्ठ अधिकारी जांच कर कार्यवाही करें - डॉ अग्र

ग्वालियर 21 जुलाई । आदिम जाति कल्याण विभाग छात्रावास आश्रम शिक्षक अधीक्षक संघ (कसस) के संस्थापक प्रांताध्यक्ष डॉ जवर सिंह अग्र बताया कि आदिम जाति कल्याण विभाग जिला ग्वालियर के अधिकारियों की मिली भगत से जिले के छात्रावास आश्रम बंद होने के कगार पर हैं जिला कार्यालय में तीन अधिकारी बैठे हैं एक सहायक आयुक्त एक क्षेत्र संयोजक एक मंडल संयोजक तीनों ही अधिकारियों द्वारा छात्रावासों का  आश्रमों का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है।

 कार्यालय में मंडल संयोजक क्षेत्र संयोजक भी है जिनका कार्य छात्रावास आश्रमों का निरीक्षण करना अन्य योजनाओं का क्षेत्र में जाकर प्रचार प्रसार करना है लेकिन इन दोनों अधिकारियों से बाबू गिरी का काम कराया जा रहा है लड़कों का कार्य कराया जा रहा है जबकि 2017 से पहले विभागीय अधिकारी और अन्य रेवेन्यू के अधिकारी और ट्रेजरी की अधिकारी सतत निरीक्षण करते थे निरीक्षण दल बनते थे जैसा कि इस विभाग का नाम है आदिम जाति कल्याण विभाग अब इस विभाग को कहा जाता है अनुसूचित जाति जनजाति विभाग तो आदिम जाति का मतलब है आदिम जातियों का कल्याण लेकिन इनका कल्याण न करके अधिकारी अपने कल्याण करने में बिजी हैं।

 हजारों शिकायत है और सीएम हेल्पलाइन जनसुनवाई की सैकड़ो शिकायत दर्ज हैं जिनका निराकरण आज तक नहीं किया जा रहा है कर्मचारियों को समयमान वेतनमान और कर्मचारियों का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है कई शिक्षक अधीक्षकों की क्रमोन्ती नहीं लगाई गई है जिनमें से कई तो सेवा निवृत हो गए कई कलम लंबे थे उनके एरियों का भुगतान नहीं किया जा रहा छात्रावास आश्रमों की जमीनो पर विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से अतिक्रमण है जिला कार्यालय की जमीनों पर भी अतिक्रमण कराया जा रहा है अतिक्रमण हटाने के लिए संभागीय उपाय और सहायक कार्यालय कोई कार्रवाई नहीं करते जमीनों का सीमांकन कराकर अतिक्रमण हटाया जाए जिले में 90 - 95 के लगभग छात्रावास आश्रम है जन्मे सुकृत सीट के मान से प्रवेश ही नहीं दिए जा रहे छात्रावास आश्रम खाली पड़े हुए हैं अधीक्षकों को और कर्मचारियों को वेतन फ्री में दिया जा रहा है आज 21 जुलाई हो गई 1 जुलाई से सत्र शुरू हो गया कई जगह अभी मैच नहीं चली होगी जबकि अधिकारियों ने निरीक्षण ही नहीं किया 2017 से पहले सतत निरीक्षण होते थे अधिकारी 1 जुलाई से 10 जुलाई तक तो निरंतर निरीक्षण करते थे लेकिन अब तो आधिकारिक कार्यालय में बैठकर मजे कर रहे हैं विभाग में एक कहावत चरित्रार्थ हो रही है की बागड ही खेत को खा रही है कई छात्रावास में मैच का संचालन ही नहीं है आज तक कई कई छात्रावासों से छात्र बता रहे हैं फोन पर कि खाना ही नहीं बन रहा सब भूखन मर रहे हैं इससे स्पष्ट है कि छात्रावास आश्रम की स्थिति जेल से भी बदतर है अधिकारी अपना स्वयं का कल्याण करने में व्यस्त है विवाह के प्रभारी सहायक आयुक्त राजेंद्र शर्मा को चाहिए कि मंडल संयोजक और क्षेत्र संयोजक से छात्रावास आश्रमों का निरीक्षण कराऐं तथा संभागीय उपायुक्त संजय खेड़कर भी कार्यालय में बैठे अधिकारी से निरीक्षण कराऐं और छात्रावास आश्रमों की स्थिति सुधरवाएं साथ ही दोनों अधिकारी अधिकारियों के मध्य कार्य विभाजन भी करें अभी तो कार्यालय में मनमानी चल रही है छात्रावास आश्रमों में भी मनमानी चल रही है यही स्थिति रही तो विभाग के छात्रावास आश्रम बंद होने के कगार पर हो जाएगे और अधिकारी भी यही चाहते हैं छात्रावास आश्रम बंद हो जाए क्योंकि इन छात्रावास आश्रमों में एससी एसटी ओबीसी के छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं।

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