रविवार, 10 मई 2020

शनि जयंती  22 मई को

ग्वालियर। शनि जयंती 22 मई शुक्रवार, ज्येष्ठ माह की अमावस को कृतिका नक्षत्र में मनाई जाएगी। अमावस्या तिथि 21 मई को पाक 09:35 बजे से प्रारंभ होगी और 22 मई रात्रि 11:07 बजे तक रहेगी। इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। इसी दिन हिंदू बड़ अमावस व्रत भी रखती हैं। विशेषकर शनि की साढ़े साती, शनि की ढैया आदि शनिदोष से पीड़ित जातकों के लिए इस दिन का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। विशेषकर शनि की साढ़े साती, शनि की ढैया आदि शनिदोष से पीड़ित जातकों के लिए इस दिन का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। इस दिन शनि देव की पूजा से कुंडली से दोष भी दूर हो जाते हैं। सूर्य के पुत्र शनि जिन्हें कर्मफलदाता माना जाता है। दंडाधिकारी कहा जाता है। न्यायप्रिय माना जाता है। जो अपनी दृष्टि से राजा को भी रंक बना सकते हैं। हिंदू धर्म में शनि देवता भी हैं और नवग्रहों में प्रमुख ग्रह भी हैं, जिन्हें ज्योतिषशास्त्र में बहुत अधिक महत्व मिला है। मुरैना में स्थित ऐंती गांव में शनिदेव का अति प्राचीन मंदिर है। इसके बारे में कहा जाता है कि यहां हनुमानजी के द्वारा लंका से फेंका हुआ अलौकिक शनिदेव का पिंड है। यहांशनिश्चरी अमावस्या के दिन मेला लगता है।


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