ऋषि पंचमी व्रत 23 अगस्त को है। पिछले समय मे किये हुए पापों के प्रायश्चिक के लिए रखा जाता है। ऋषि पंचमी का दिन पूर्ण रूप से ऋषियों को समर्पित होता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए कहा कि भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी के नाम से जानते हैं।
ऋषि पंचमी तिथि शुभ मुहूर्त -
ऋषि पंचमी तिथि 22 अगस्त शाम 7 बजकर 57 मिनट पर प्रारम्भ होगी। ओर 23 अगस्त को शाम 05 बजकर 04 मिनिट तक रहेगी।
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त -
23 अगस्त को सुबह 11 बजकर 6 मिनट से दोपहर 1 बजकर 41 मिनट तक है।
अन्य व्रत की तरह ही इस व्रत को महिलाओं के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी रख सकती है। इस व्रत का अन्य उपवास की तरह महज सुहाग या मनवांछित वर पाने से संबंध या महत्व नहीं है, बल्कि इसका लाभ अलग है।
जैन के अनुसार ऋषि पंचमी का व्रत मुख्य रूप से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति दिलाता है। किसी भी उम्र के यह व्रत रख सकते है।
इस उपवास की एक रोचक बात यह है कि इस व्रत में किसी भी देवी-देवता का पूजन नहीं किया जाता है. बल्कि देवी-देवताओं के स्थान पर इस दिन महिलाएं। सप्तर्षियों को पूजती है।इसी कारण से इस व्रत को ऋषि पंचमी के नाम से जाना जाता है। बता दें कि पंचमी तिथि पांचवे दिन के साथ ही ऋषियों का भी प्रतिनिधित्व करती है.
गुरुवार, 20 अगस्त 2020
ऋषियों को समर्पित ऋषि पंचमी व्रत 23 को , पिछले सब पाप नष्ट होते है
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