दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सभी सरकारी दफ्तरों को 4 मई से खुलने की इजाजत दी गई है. ये वही दफ्तर हैं जो जरूरी सेवाओं से संबंधित हैं, वहां 100 प्रतिशत लोग आएंगे.
- गैर-जरूरी सरकारी सेवाओं में डिप्टी सेक्रेट्री और 33 फीसदी स्टाफ आएगा
आज से दिल्ली के सारे प्राइवेट ऑफिस खुलेंगे पर ये सिर्फ 33% स्टाफ के साथ काम करेंगे.
- सेल्फ एम्प्लॉयी को इजाजत दी गई. (जिसमें घरों मे काम करने वाली बाई, प्लंबर, धोबी, टेक्निशियन, मैकेनिक, सफाई कर्मचारी लोगों को काम करने की इजाजत दी गई है)
स्टेशनरी, सभी तरह की स्टैंड-अलोन शॉप खुलेंगी.
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्राइवेट सिक्योरिटी खुलेंगे
जरूरी सामान बनाने वाली कंपनियां भी खुलेंगी. उनकी सप्लाई चेन भी खुलेगी.
आईटी हार्डवेयर, ई-कॉमर्स में जरूरी सेवाएं रहेंगी.
कार में ड्राइवर और पीछे 2 लोगों को बैठने की अनुमति है लेकिन सिर्फ जरूरी सेवाओं के लिए.
नहीं मिली इन चीजों की अनुमति
अरविंद केजरीवाल ने बताया, हवाई सेवा, मेट्रो सेवा, रेल सेवा, बसों की सेवा ये पूरी तरह से बंद रहेंगी. अगले दो हफ्तों तक स्कूल- कॉलेज बंद रहेंगे. इसी के साथ शैक्षणिक शिक्षा से संबंधित संस्थान, जैसे कोचिंग इंस्टिट्यूट, ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट ये सभी बंद रहेंगे. इसी के साथ हॉटल और रेस्टोरेंट्स बंद रहेंगे. इसी के साथ सिनेमा हॉल और सभी धार्मिक संस्थान बंद रहेंगे. वहीं नाई की दुकानें भी बंद रहेंगी.पब्लिक ट्रैवल सिस्टम, साइकिल,रिक्शा, कैब, टैक्सी की सेवाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी. उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों के माध्यम से आवश्यक सामान की आपूर्ति जारी रहेगी.
केजरीवाल ने कहा, सुबह के 7 बजे से शाम के 7 बजे तक लोगों के बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई है. यदि आपके परिवार का कोई सदस्य बीमार है और इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाना चाहता है तो ले जा सकते हैं.
क्या है गृह मंत्रालय की गाइडलाइन
गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्यों में बसों में लोगों को ले जाने या ट्रेन के संचालन की जो इजाजत दी गई है, वह भी फंसे लोगों के लिए है. यह अनुमति उन लोगों के लिए है जो लॉकडाउन की अवधि से पहले अपने स्थान से चल चुके थे लेकिन पाबंदी लगते ही वे अपने घर तक नहीं पहुंच पाए. इनमें प्रवासी मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री और पर्यटक शामिल हैं.
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