शनिवार, 15 मार्च 2025

था बहुत शोर कि ग़ालिब के उड़ेंगे पुर्जे

 

और मुल्क में होली भी हो गयी और जुमे की नमाज  भी लेकिन ग़ालिब के पुर्जे नहीं उड़े। ग़ालिब ने खुद लिखा था -

 था बहुत शोर कि ग़ालिब के उड़ेंगे पुर्जे 

देखने हम भी गए पै ये तमाशा न हुआ 

अब ग़ालिब तो औरंगजेब नहीं है जो उनका नाम लेना कुफ्र माना जाये ,ग़ालिब का नाम लेने वालों का कमबख्त यूपी में इलाज भी नहीं किया जा सकता। क्योंकि ग़ालिब न अबू आजम हैं और न आदित्यनाथ योगी ।  ग़ालिब  एक आम हिंदुस्तानी थे, ठीक उसी तरह जैसे करोड़ों दूसरे मुसलमान हिंदुस्तानी हैं। होली पर पहली बार देश में जुमे की नमाज को लेकर हौवा खड़ा किया गया ।  मस्जिदों पर परदे तान दिए गये ।  लगा कि जैसे मुल्क में अनहोनी होने वाली है ,लेकिन कुछ नहीं हुआ। होली भी मस्ती के साथ खेली गयी और जुमे कि नमाज भी ख़ुलूस के साथ अता की गयी। शाहजहांपुर में लाट साहब की सवारी निकाली गयी। इस सवारी के ऊपर मुसलमानों ने फूल बरसाए। सम्भल में भी कुछ नहीं हुआ ,हालाँकि वहां सीओ अनुज चौधरी को सूबे की सत्ता ने हीरो बना दिया। मुमकिन है कि आने वाले दिनों में वे यहां से कोई चुनाव भी लड़ जाएँ।या अजय देवगन कोई नई फिल्म बना दें 

होली पर रंगों ने अपना असर दिखाया और रंग में भंग करने कि कोशिश करने वाले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना रंग दिखाया ।  उन्होंने होली पर भी गोरखपुर में सियासी भाषण दिया। आखिर योगी जी आसानी से न सुधर सकते हैं और न बदल सकते हैं। वे बकौल ग़ालिब 

 इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा,

लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं।

बिना हाथ में तलबार लिए केवल जुबान की कैंची से खूंरेजी करने अले अकेले योगी जी नहीं हैं।  मुल्क में बहुत से रंगरेज हैं जो अपने वाने से दिखते कुछ और हैं ,लेकिन होते कुछ और हैं। लेकिन इस मुल्क का  अवाम पहचानता  सभी को है। प्रतिक्रिया भी करता  है। मुझे लगता है कि ऐसा शुरू से होता आया है और आगे भी होता रहेगा। इस मिटटी के सौहार्द का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है।  मुग़ल आये और चले गए। अंग्रेज आये और चले गये ।  कांग्रेस आयी और चली गयी ।  इसी तरह भाजपा आई है और चली जाएगी एक दिन ,किन्तु न हम हिन्दू कहीं जाने वाले हैं और न मुसलमान। हमें  इसी धरती पर रहना है। अब भारत जैसे मजबूत मुल्क को बांटना आसान नहीं है।  इसकी कल्पना न योगी को करना चाहिए और न मोदी को।  हेमंत विस्वा सरमा   को भी  अब ये ख्वाब देखना छोड़ देना चाहिए। देश को कांग्रेस विहीन  करना या देश को मुसलमान विहीन कर खालिस हिन्दू राष्ट्र बनाना नामुमकिन है। 

ख़ुशी की बात ये है कि मुसलमानों ने योगी जी कि योजना को फेल कर दिय।  ग्वालियर हो या जयपुर सभी जगह जुमे कि नमाज का वक्त  आगे-पीछे कर टकराव पैदा करने कि कोशिशों को नाकाम कर दिया गया।  मुमकिन है कि योगी मानसिकता के लोग इसे अपनी जीत समझ रहे हों ,लेकिन है उनकी हार। साम्प्रदायिकता ने इतिहास में कभी कोई जंग नहीं जीती ।  न अतीत के औरंगजेब ने और न वर्तमान के औरंगजेब ने। औरंगजेब हर युग में हारते आये हैं और हारते रहेंगे। इस देश की जनता बहुत समझदार है। जानती है कि मुद्दों पर  बहस करने के बजाय मुर्दों पर बहस करने का असल मकसद क्या है ? इसी समझदारी की वजह से अल्लामा इकबाल को कहना पड़ा था -

सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा 

हम बुलबुलें हैं इसकी  ,ये गुलसितां हमारा 

सोते -जागते हिन्दू- हिन्दू चिल्लाने वालों को समझ लेना चाहिए कि चाहे आप कोई बाबरी ढांचा ढहा दो या किसी कब्र को खोदने का इरादा कर लो ।, समरसता टूटने वाली नहीं है। ये समरसता अलग ही ईंट-गारे से बनी है। इसे किसी एक ने नहीं बनाया ।  इसे हमारे पुरखों ने बनाया है। इसे तोड़ने का ख्याल भी अपने पुरखों के साथ गद्दारी है। मिर्जा ग़ालिब तभी तो कह गए कि -

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक,

कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक।

साम्प्रदायिकता की जुल्फ कभी सर होने वाली नहीं है। हमारे यहां हज्जाम ऐसी उलझी जुल्फों को काट फेंकते हैं। वक्त की कैंची यही काम करती आयी है ।  आगे भी करेगी। आप देखेंगे कि जैसा हिंदुस्तान हमारे पूर्वजों ने हमें सौंपा था ,ये वैसा ही रहेग।  यहां राम-रहीम को अलग करना नामुमकिन है। यहां राम लला हों या कृष्ण महाराज उनके कपडे न योगी जी सिलते थे और न सिलेंगे ।  उनके कपडे मुसलमान ही सिलते थे और वे ही सिलेंगे। हमारे विग्रह हमारे नेताओं कि तरह तंगदिल नहीं हैं ।  वे कभी मुसलमानों के हाथों से बने कपडे पोशाकें   पहनने से इंकार नहीं करने वाले। 

आप सभी को होली और रमजान की बधाइयाँ,मुबारकबाद देते हुए मेरा मश्विरा है कि हमारे बीच में यद कोई ऐसा आदमी हो जो योगी आदित्यनाथ को मिर्जा ग़ालिब के लिखे शेर पढ़वा सके ,तो बात बन जाय।योगी जी शायद यूपी के मुसलमानों को सताना बंद कर दें।   ग़ालिब कह गए हैं कि -

यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं,

अदू (शत्रु) के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों है।

आज चूंकि बहुत से घरों में अखबार नहीं आया होगा इसलिए मौक़ा है कि आप इस आलेख को बार-बार पढ़ें और मित्रों कोभी पढ़वायें। शायद कुहासा छंटने में कुछ मदद हो सके 

@राकेश अचल

15 मार्च 2025, शनिवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:32 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:28 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *प्रतिपदा तिथि*  14:33 बजे  तक फिर  द्वितीया चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र 08:53 बजे  तक फिर हस्त नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *गंड*  है। 

 *करण*  :-आज  *कौलव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं  है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी  पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व  दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 09:31 से 11:01 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:09 बजे से 12:54 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* : बसंतोत्सव,होला मेला आनंदपुर,विश्व उपभोक्ता दिवस 

*मुहूर्त* :वाहन क्रय  अन्य कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-कन्या मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

काल 06:32 - 08:02 अशुभ

शुभ 08:02 - 09:31 शुभ

रोग 09:31 - 11:01 अशुभ

उद्वेग 11:01 - 12:30 अशुभ

चर 12:30 - 13:59 शुभ

लाभ 13:59 - 15:29 शुभ

अमृत 15:29 - 16:59 शुभ

काल 16:59 - 18:28 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

लाभ 18:28 - 19:59 शुभ

उद्वेग 19:59 - 21:29 अशुभ

शुभ 21:29 - 22:59 शुभ

अमृत 22:59 - 24:30*शुभ

चर 24:30* - 25:59*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

विजली विभाग : आउटसोर्स भर्ती में भ्रष्टाचार और भाई–भतीजावाद को लेकर जांच की मांग

छतरपुर ।   मीडिया रिपोर्ट में अवगत कराया गया कि        म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि.संभाग कार्यालय बिजावर एवं वितरण केंद्र बिजावर में आउटसोर्स भर्ती मे भ्रष्टाचार और भाई भतीजाबाद की नीति अपनाई गई है ।

राहुल अहिरवार ने अवगत कराया की मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड संभाग बिजावर एवं वितरण केंद्र बिजावर में एक एक पद खाली था, जिससे आउटसोर्स भर्ती के माध्यम से भरा जाना था, उपरोक्त पदों के लिए  अधीक्षण अभियंता मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड वृत कार्यालय छतरपुर द्वारा समस्त कार्यपालन अभियंताओं को लेख किया गया था,कि विभाग के खाली पदों पर आउटसोर्स भर्ती में  मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के युवाओं एवं एक वर्ष ट्रेनिंग पूर्ण कर चुके अप्रेंटिसशिप युवाओं को प्रथम प्राथमिकता दी जाए, लेकिन  मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड संभाग बिजावर मे सेवानिवृत कर्मचारी  मोहम्मद यूसुफ के सगे संबंधी जाकिर मोहम्मद की आउटसोर्स पद पर भर्ती की गई, इसके पूर्व में मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के युवा राहुल अहिरवार ने ट्रेनिंग पूर्ण के बाद रिक्त आउटसोर्स पद पर भर्ती हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के युवा  के आवेदन को कार्यपालन अभियंता संभाग बिजावर द्वारा नजअंदाज किया गया कोई कार्यवाही नहीं की गई कार्यपालन अभियंता संभाग बिजावर द्वारा कार्यवाही न करने का मुख्य कारण  सेवानिवृत कर्मचारी मोहम्मद यूसुफ की सेवानिवृत होने के बाद भी सेवा लेना और मोहम्मद यूसुफ का प्रतिदिन ऑफिस आना तथा समस्त गोपनीय कार्य करना था, इस संबंध में राहुल अहिरवार ने  राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक आयोग भारत सरकार,  राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार, माननीय मानव अधिकार आयोग भारत सरकार, माननीय प्रमुख सचिव श्रम विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल, माननीय अपर सचिव महोदय ऊर्जा विभाग मध्यप्रदेश शासन, कलेक्टर जिला छतरपुर को ईमेल के माध्यम से शिकायती पत्र प्रेषित किया, और आउटसोर्स भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने  दोषियो पर कार्यवाही करने, तथा सेवानिवृत कर्मचारी मोहम्मद यूसुफ को  सेवानिवृत्ति के बाद कार्यपालन अभियंता संभाग बिजावर कार्यालय में सेवा देने से रोकने की मांग की ।






मनमानी का लोकतंत्र,हर कोई परम स्वतंत्र

 

भारत में लोकतंत्र अब मनमानी का पर्याय बन चुका है। यदि सत्ता प्रतिष्ठान आपके हाथों में है तो आप जो जी में आये कर सकते हैं ।  न ' लोक ' आपका हाथ पकड़ सकता है और न ' तंत्र ' । यानी लोकतंत्र में परम स्वतंत्र होने की आजादी इस देश की सियासत को वर्ष 2104  के बाद पूरी तरह से मिल चुकी है। 2014  से पहले ये आजादी आंशिक रूप से कांग्रेस के पास थी ।   जो सत्ता प्रतिष्ठान से बाहर हैं वे ही अब परतंत्र हैं ,क्योंकि उनका लोक ,उनका तंत्र अब बीमार हो चुका है।

* अपनी बात के समर्थन में मेरे पास एक नहीं अनेक तथ्य हैं ,तर्क हैं,दुर्भाग्य ये है कि आज के लोकतांत्र में न तथ्य काम आ रहे हैं और न तर्क। तर्कों का मुकाबला कुतर्कों से हो रहा है और तथ्यों का समाना झूठ से। देश में पहली बार हुआ है कि  भाजपा शासित राज्यों में सत्ता प्रतिष्ठान ने होली के मौके पर इबादतगाहों को कपडे या तिरपाल से ढंक दिया है। इबादतगाहें ढंकने की शुरुवात एक परम सभ्य प्रदेश से हुई जिसके मुखिया एक सन्यासी हैं ,लेकिन सत्ताधीश हैं। उन्होंने संविधान की परवाह किये बिना इबादतगाहों को ढंकने का फरमान जारी कर दिया और मशीनरी ने आनन-फानन में मस्जिदों को ढंक दिया। ये कार्रवाई संविधान का मखौल है ,लेकिन योगी बाबा को न राष्ट्रपति ने रोका और न प्रधानमंत्री ने। वे रोकते भी कैसे ? दोनों खुद योगी कि अनुयायी हैं। योगी से ही  ' बंटोगे तो कटोगे '  का नारा उधार लेकर उसकी पैरोडी बनाते हैं। कहते हैं ' एक रहोगे तो सेफ ' रहोगे।

* भाजपा की सरकारें एक दूसरे से प्रेरणा लेती रहतीं है।  योगी ने इबादतगाहें ढंकवाई तो मध्यप्रदेश की सरकार कहाँ पीछे रहने वाली थी । मध्यप्रदेश के पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी योगी की नकल करते हुए अपने यहां इबादतगाहों को ढंकने का फतवा जारी कर दिया। परम स्वतंत्र ,न सर पर कोई 'इसी को कहते हैं।  अब चूंकि सत्तारूढ़ दल में कोई अल्पसंख्यक विधायक है नहीं ,और होता भी तो वो इस कार्रवाई  का विरोध नहीं कर पाता और विपक्ष के विरूद्ध को विरोध माना नहीं जाता।  विपक्ष की परवाह कौन करता है ?

* दुनिया में ये नए तरह का बहुसंख्यक आतंकवाद है। लोग रंगों से खुश होने के बजाय भयभीत हैं। अल्पसंख्यकों को को भगवा   रंग आतंकित कर रहा है तो बहुसंख्यकों को हरे रंग से चिढ हो रही है। अल्पयंख्यक अब बहुसंख्यकों  को आतंकवादी समझ रहे हैं और बहुसंख्यक ,अल्पसंख्यंकों को आतंकवादी मान बैठे हैं । मान क्या बैठे हैं उनसे आतंकियों जैसा बर्ताव भी करने लगे हैं। नफरत केवल रंगों से ही नहीं है । नफरत भाषा तक जा पहुंची है । तमिलनाडु सरकार ने तो भारतीय रूपये के प्रतीक चिन्ह को ही बदल डाला है। नामुराद तमिलनाडु सरकार नहीं समझना चाहती कि  भारतीय रूपये पर तमिल पहले से दर्ज भाषा है।

* आपको बता दें कि भारतीय नोट पर 17 भाषाएं मुद्रित होती हैं. इंग्लिश और हिंदी सामने की तरफ होती हैं तो नोट के पीछे की तरफ 15 भाषाएं दर्ज  होती हैं। दुर्भाग्य ये है की  भारतीय संविधान में किसी भी भाषा को राष्‍ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला और देश में 22 भाषाएं बोली जाती हैं. ऐसे में इन सभी भाषाओं को नोट पर प्राथमिकता दी गई है। एक देश ,एक चुनाव का नारा देने वाली सरकार भी भारत कि लिए एक भाषा पर अम्ल नहीं कर पायी। जो भाषाएं नोट पर छपी  होती हैं उनमें हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमी, बंगाली, गुजराती, कन्‍नड़, कश्‍मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़‍िया, पंजाबी, संस्‍कृति, तमिल, तेलगु और उर्दू शामिल हैं।  इसके साथ ही 2000 रुपए के नोट पर ब्रेल लिपि भी छपी होती थी  जिससे उन लोगों को आसानी हो जो देख नहीं सकते हैं ,लेकिन ये नोट भी हमारी सरकार ने बंद करा दिया।

* कहने का आशय ये है कि  न भाजपा सरकार को संविधान की परवाह है और न तमिलनाडु सरकार को। दोनों नफरत के मामले में एक जैसे है।  तमिलनाडु सरकार को हिंदी भाषा से चिढ है तो भाजपा की राज्य सरकारों को अल्पसंख्यक मुसलमानों से नफरत है। नफरत के इस माहौल में न संविधान सुरक्षित है और न लोकतंत्र। लेकिन इसकी चिंता किसी को नहीं है ।  सब अपना-अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं। गन्दी सियासत इसी को तो कहते हैं। मुझे आशंका होती है के  आने वाले दिनों में भाषायी नफरत कि चलते कहीं दक्षिण वाले अपना नोट खुद न छाप लें या  फिर वोटों की राजनीति कि चलते हमारी केंद्र सरकार खुद अलग-अलग प्रदेशों कि लिए अलग-अलग भाषा के नोट छपने पर मजबूर न हो जाये।

* सवाल ये है कि जो सरकार अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जम्मू-कश्मीर से धारा 370  हटा सकती है, जो सरकार अयोध्या में राम मंदिर बनवा सकती है  ,जो सरकार महाकुम्भ से लाखों करोड़ रूपये कमा सकती है।  वो मस्जिदों को ढंकने से नहीं रोक सकती क्या ? क्या उस सरकार के पास इतनी ताकत नहीं है कि  वो भारतीय रूपये का प्रतीक चिन्ह बदलने वाली तमिलनाडु सरकार को बर्खास्त कर दे ?

* होली के मौके पर इस मुद्दे पर यदि आप होली मन से विचार करें तो ही बात बनेगी अन्यथा अब न सियासत ' होली ' बची है और न राष्ट्रीयता की पाकीजगी महफूज रह गयी है। आज का दिन मेरे लिए नियमित लिखने वाले हिंदी के धुरंधर लेखक स्वर्गीय वेद प्रताप वैदिक को याद करने का दिन भी है। आज ही के दिन उन्होंने देवलोक गमन किया था। उनके ही तरह मै भी बिना कोई अवकाश लिए पिछले पांच साल से लिखता आ रहा हूँ बिना किसी अपेक्षा  के । वैदिक जी के प्रति विनम्र श्रृद्धांजलि।

@ राकेश अचल

14 मार्च 2025, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:33 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:27 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *पूर्णिमा तिथि*  12:23 बजे  तक फिर  प्रतिपदा चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र दिन रात तक 

    *योग* :- आज *शूल*  है। 

 *करण*  :-आज  *बव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं  है।

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 11:01 से 12:30 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:09 बजे से 12:54 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* : धूलंडी , चैतन्य महाप्रभु जयंती 

*मुहूर्त* : कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-सिंह मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

चर 06:33 - 08:02 शुभ

लाभ 08:02 - 09:32 शुभ

अमृत 09:32 - 11:01 शुभ

काल 11:01 - 12:30 अशुभ

शुभ 12:30 - 13:59 शुभ

रोग 13:59 - 15:29 अशुभ

उद्वेग 15:29 - 16:58 अशुभ

चर 16:58 - 18:28 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

रोग 18:28 - 19:58 अशुभ

काल 19:58 - 21:29 अशुभ

लाभ 21:29 - 22:59 शुभ

उद्वेग 22:59 - 24:30*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

गुरुवार, 13 मार्च 2025

होली के त्यौहार को दृष्टिगत रखते हुए की जा रही चैकिंग के द्वारान टीकमगढ़ पुलिस की प्रभावी कार्यवाही

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

 1 क्विंटल 19 किलो नकली मावा एवं 75.95 किलो नकली मिठाई की गई जप्त

टीकमगढ़:- पुलिस अधीक्षक मनोहर सिह मंडलोई के द्वारा होली के त्योहार को दृष्टिगत रखते हुए सभी थाना/चौकी प्रभारियों को पेट्रोलिंग,वाहन चैकिंग करने हेतु निर्देशित किया गया है ।

इसी तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीताराम व एसडीओपी जतारा अभिषेक गौतम के मार्गदर्शन मे थाना दिगौडा प्रभारी उप निरीक्षक नीरज सिंह लोधी के नेतृत्व गठित पुलिस टीम द्वारा होली के त्यौहार को दृस्टिगत रखते हुए की जा रही सघन चेकिंग के द्वारान रोडबेज बस क्र. यू पी78एचटी 8486 से दिगौडा बस स्टेन्ड पर प्लास्टिक की बोरियो मे भरा 1 क्विटल 19 किलो नकली मावा व 75.95 किलो नकली मिठाई कीमती लगभग 60000रूपए होली के त्योहार पर विक्रय हेतु लाई गई थी जिसे जप्त कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है ।

उक्त सराहनीय कार्य मे थाना प्रभारी दिगौडा उप निरी नीरज कुमार, सउनि कल्याण सिह, प्र.आर.240 अभय वर्मा, प्र.आर.275 विजय घोष प्र.आर.322 आनन्द सुडेले, आर 225 राघबेन्द्र लोधी आर 97 आभिषेक तिवारी आर 732 नीलू सिह आर रजित दांगी, आर अजीत सिह एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष जैन की मुख्य भूमिका रही।

महाराज छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने पन्ना के प्राणनाथ और जुगल किशोर मंदिर का शैक्षणिक भ्रमण किया

छतरपुर । महाराज छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर से प्रणामी संप्रदाय विषय के विद्यार्थियों ने पन्ना के प्राणनाथ और जुगल किशोर मंदिर का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस अवसर पर, छात्र अर्जुन कुमार ने बताया कि हमें प्रणामी संप्रदाय के बौद्धिक सत्र द्वारा प्रणामी संप्रदाय के बारे में गहराई से जानने का अवसर प्राप्त हुआ।

उन्होंने बताया कि  प्रणामी संप्रदाय से संबंधित गलत अवधारणाओं को दूर किया गया और असली और उचित सिद्धांतों का वर्णन किया गया। हमारे विभागाध्यक्ष जे. पी. शाक्य जी के मार्गदर्शन द्वारा हमने प्रणामी संप्रदाय का अपने विषय के रूप में चयन किया, जो हमारे लिए लाभप्रद रहा।

इस अवसर पर  छतरपुर के राजा महाराज छत्रसाल जी का प्रणामी संप्रदाय के प्रति विचार और दृष्टिकोण जानने का अवसर मिला। छात्रों ने जे. पी. शाक्य सर, बी. डी. नामदेव सर, और संतोष सर जी का धन्यवाद वयक्त किया है ।


आओ रे ! आओ !! खेलें मसाने में होली

 


भारत में चाहे कुम्भ हो या होली उसे हमारे ज्योतिषी आजकल विशेष बना देते हैं ।  जैसे कुम्भ को 144  साल के अद्भुद संयोगों का महाकुम्भ बना दिया था  वैसे  ही होली को भी 100  साल के अद्भुद संयोगों की होली बता दिया गया है। मुझे भी लगता है कि हमारे ज्योतिषी जो कहते हैं वो साबित भी करा देते हैं। जैसे कुम्भको  महाकुम्भ बनाकर ज्योतिषियों ने आधे देश को गंगा में डुबकी लगवा दी, उसी तरह अब पूरे देश को इस बार मसान में होली खेलने के लिए तैयार कर दिया गया है। 

 हिन्दू धर्म की तरह होली भी सनातन ही है । होली की अपनी कहानी है ,अपनी किम्वदंतियां हैं। अपना रंग है ,अपना स्वाद है। अपना आनंद है। लेकिन पहली बार ये आँखें होली का स्वाद, बेस्वाद होते देख रहीं है।  पहली बार होली के रंग खतरनाक   बनाये जा रहे है।  पहली  बार होली की मस्ती से देश  की एक चौथाई आबादी को अलग करने या अलग रहने के लिए कहा जा रहा है। धर्म के ठेकेदार,सियासत  के हाथों की कठपुतली  बनकर होली को सचमुच मसान में खेलने की तैयारी कर रहे हैं। 

मसान की होली अभी तक काशी की मशहूर थी। मशहूर था होली का होली [पवित्र ] गीत। ' होली खेलें मसाने में' छन्नू लाल मिसुर या  मालिनी अवस्थी जब ये गीत गातीं हैं तो मन मछँदर हो जाता है। ये गीत भगवान शिव के साथ होली खेलने का भव्य दर्शन कराता है। लेकिन अब न जाने क्या हुआ है कि हमारी सियासत काशी के मसाने की होली ,पूरे देश में खिलवाना चाहती है। फतवे जारी कर दिए गए हैं कि होली पर विधर्मी अपने घरों से बाहर न निकलें। क्योंकि इससे होली में खलल पड़ सकती है। अरे मिया ! जब महाकुम्भ में खलल नहीं पड़ी तो होली में खलल कैसे पड़ सकती है ?लेकिन यदि सत्ता प्रतिष्ठान चाहे तो कुछ भी मुमकिन है। 

होली का संदर्भ क्या  है ,सन्देश क्या है ? ये विद्वान बता सकते हैं ।  हम जैसे कूढ़ मगज तो सिर्फ इतना जानते हैं कि होली का  एकमात्र सन्देश ये है कि- प्रेम को ,भक्ति को दुनिया की कोई आग नहीं जला सकती।' होलिका भी नहीं ,जिसे आग में सब कुछ भस्म करने का वरदान हासिल था /होलिका प्रेम और भक्ति के प्रतीक प्रह्लाद को नहीं जला पायी और खुद जलकर राख हो गयी। ख़ाक में मिल गयी। इसी तरह मेरा दृढ विश्वास है की सत्ता की होलिका सद्भाव के प्रह्लाद को जलाकर न राख कर सकती है और न खाक में मिला सकती है। भले ही सत्ता प्रतिष्ठान पूरे देश के कब्रस्तान और मस्जिदें खोद कर देख ले। 

लोगों को शायद ये पता नहीं है कि होली पर रियाया आपस में गले मिलती आयी है। आज से नहीं  बल्कि आदिकाल से यानि जब से होली मानाने के सिलसिला शुरू हुआ होगा ,तब से। इस होली को अकेले हिन्दू  नहीं मानते ।  इसमें सिख,ईसाई,मुसलमान और तो और अंग्रेज तक शामिल होते आये हैं और होते आएंगे। कोई किसी को रोक नहीं सकता,रोकता भी  नहीं है। रोकना भी नहीं चाहिए ,लेकिन जो होली खेलना नहीं चाहता उसे इसमें जबरन घसीटा भी नहीं जा सकता। घसीटना भी नहीं चाहिए।  होली यदि हिन्दुओं का त्यौहार है तो उसके लिए दूसरों को न तो विवश किया जा सकता है और न ही किसी को होली खेलने ,मनाने से रोका जा सकता है। स्कूल बंद होने से पहले बच्चों ने होली माना ली,खेल ली। वहां सियासत अपना काम नहीं कर पायी ,लेकिन सम्भल  में रंगों के बजाय खून से होली खेलने की तैयारी जरूर की गयी है खुदा न करे की सम्भल में होली बदरंग हो ,बदनाम हो। 

मैंने सात समंदर पार अमेरिका में दो-तीन बार होली मनाऐहै। वहां होली घरों में नहीं मंदिरों में जलाई जाती है और घरों में नहीं बल्कि सामूहिक रूप से सार्वजनिक बागीचों में खेली जाती है। अमेरिका में अकेले हिन्दू होली नहीं खेलता। पूरा हिंदुस्तान होली खेलता है।  होली खेलने   वाले से उसका मजहब नहीं पूछा जात।  अमरीकी भी होली खेलते है।  अपने बच्चों को होली खिलाने लाते हैं ,लेकिन यदि जिस तरह से हिन्दुस्तान में पहली बार होली खेलने कि कोशिश की जा रहीहै वैसी ही होली यदि देश के बाहर दूसरे मुल्कों में रहने वाले हिन्दुओं ने खेलना शुरू कर दी तो कबाड़ा हो जायेगा ।  भारतीयता का जनाजा उठ जाएगा। भारतीयता का मतलब ही सद्भाव है। 

हमने,आप ने इसी मुल्क में सातों जातों को होली खेलते देखा है ,लेकिन अब जान-बूझकर रंग में भंग डालने की कोशिश की जा   रही है। होली सामाजिक उत्सव  है ,इसमें  राजनीति वाले ,मजहब वाले अपनी नाक क्यों घुसा रहे हैं ?वे थोड़े ही बताएँगे की हमें होली कैसे खेलना है ? किसके साथ खेलना है ? पहले तो ऐसा नहीं होता था ।  ये सब 2014  के बाद ही क्यों शुरू हुआ है ? दुर्भाग्य ये है कि अब होली को बदरंग करने के गुप्त अभियान  में नेता,भगवाधारी संत-महंत और साहित्यकार ,पत्रकार सभी शामिल हो गए हैं और जो इस कोशिश के खिलाफ खड़े हैं उन्हें विधर्मी,तथा देशद्रोही घोषित किया जा रहा है। सब मिलकर रंगों की होली को मसान की होली   बना देने पर आमादा हैं।  अब मजा तब आये जब मुल्क का वो समाज बढ़ -चढ़कर होली खेले,जिसे इससे अलग करने की कोशिश की  जा  रही है ।विधर्मी अपनी मस्जिदों  में जुमे की नमाज भी पढ़ें और नमाज के बाद खुलकर रंगों  की होली   भी खेलें ,तभी साजिशें नाकाम हो सकतीं हैं । दुनिया के किसी भी रंग से न रोजा टूटेगा और न अपवित्र होगा। जैसे हिन्दू  ईद मिलने मुसलमानों के  यहां जाते हैं ,वैसे ही मुसलंमान  भी जुमे कि नमाज के बाद हिन्दू पड़ौसियों  के यहां होली मिलने जरूर  जाएँ । 

बहरहाल हमारे यहां तो होली जलाई भी जा रही है और खेली भी जा रही है,वो भी गलियों में ,मुहल्लों में ,बगीचों में। मसान में होली खेलने कोई नहीं गया। मसान में होली खेलने का हक केवल भगवान शिव को है और हम मनुष्य भगवान नहीं है।  भगवान शिव की तरह मसान की राख से होली नहीं खेल सकते। ये अधिकार भगवान शिव ने केवल काशी वासियों को दिया है। काशी के सांसद चाहें तो काशी के मसानों में जाकर राख की होली खेल सकते हैं,किन्तु देश के मुखिया होने के नाते उनका दायित्व है कि वे होली को बदरंग न होने दें । रोकें अपने प्यादों को ऐसा करने से।  मुझे यकीन है कि उनकी बात सुनी जाएगी ।  उनके कहने पर ये देश जब ताली और थाली बजा सकता है तो मिलजुलकर,सद्भाव से होली भी खेल सकता है।होली कोई कुम्भ स्नान नहीं है कि संगम जाकर ही किया जाये ।  होली तो 60  क्या 150  करोड़ देशवासी जहाँ हैं ,वहां खेल सकते हैं।  किन्तु साहब के  मन की बात केवल साहब  ही जानते हैं। पता नहीं वे क्या चाहते हैं ?

आप सभी को होली की अनन्य अनंत शुभकामनायें। 

@ राकेश अचल

13 मार्च 2025, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:34 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:27 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *चतुर्दशी तिथि*  10:35 बजे  तक फिर  पूर्णिमा चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र* 30:18  बजे तक पश्चात उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र।

    *योग* :- आज *धृति*  है। 

 *करण*  :-आज  *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, गंडमूल नहीं  है भद्रा 10:35 बजे से 23:36 बजे तक।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 13:59 से 15:29 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:09 बजे से 12:54 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* :  होलिका दहन मुहूर्त - भद्रा के बाद रात 11:36 से 12:36 के बीच।

*मुहूर्त* : कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-सिंह मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 06:34 - 08:03 शुभ

रोग 08:03 - 09:33 अशुभ

उद्वेग 09:33 - 11:02 अशुभ

चर 11:02 - 12:31 शुभ

लाभ 12:31 - 13:59 शुभ

अमृत 13:59 - 15:29 शुभ

काल 15:29 - 16:58 अशुभ

शुभ 16:58 - 18:27 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 18:27 - 19:58 शुभ

चर 19:58 - 21:29 शुभ

रोग 21:29 - 22:59 अशुभ

काल 22:59 - 24:30*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

बुधवार, 12 मार्च 2025

पोर्ट लुई टू पटना इलेक्शन केम्पेन

 

भारतीय जनता पार्टी  चुनावों के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है ,इसीलिए मैं भाजपा का  अनन्य प्रशंसक हूँ । हमारे प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी यदि अमेरिका में जाकर डोनाल्ड ट्रम्प का प्रचार कर सकते हैं तो मॉरीशस जाकर बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा  के लिए भी चुनाव प्रचार का श्रीगणेश कर सकते हैं। उन्होंने ऐसा कर दिखाया भी। मोदी जी को इस दूरदर्शिता और दुस्साहस के लिए हार्दिक बधाई। 

हमारे प्रधानमंत्री जी मॉरीशस गए तो थे मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि  बनकर लेकिन वहां जैसे ही उन्हें भारतीय समाज के बीच जाने का मौक़ा मिला उन्होंने अनौपचारिक रूप से बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव अभियान शुरू कर दिया ।  मोदी जी ने बिहार में नालंदा  विश्विद्यालय के उन्नयन के लिए केंद्र सरकार के काम के साथ ही बिहार में मखाना उद्योग के लिए हाल के बजट में किये गए प्रावधानों का भी उल्लेख कर दिया। आपको पता ही है की मॉरीशस में कोई दो सदी पहले अंग्रेज जिन गिरमिटिया   भारतीय मजदूरों   को भरकर ले गए थे उनमें  बहुत से बिहारी थे। मोदी जी ने पोर्ट लुई में भारतीय मूल के लोगों के बीच हिंदी ,अंग्रेजी के अलावा भोजपुरी भाषा में भी अपने प्रवचन दिए। 

प्रधानमंत्री मोदी के दो दिवसीय मॉरीशस के आधिकारिक दौरे पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड 'की ऑफ द इंडियन ओशन' देने की घोषणा की. मोदी मॉरीशस का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. रामगुलाम ने पोर्ट लुईस में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में ये घोषणा की। इसी कार्यक्रम में मोदी जी ने भारतीय मूल के लोगों के बीच अपनी पार्टी के एजेंडे में शामिल राम जी का भी उल्लेख किया और महाकुम्भ का भी। मोदी जी मॉरीशस के भारतियों के लिए त्रिवेणी का गंगाजल भी आपने साथ लेकर गए है।  इस गंगाजल को पोर्ट लुई के   गंगा तालाब में डाला जाएगा ताकि लोग इसमें स्नान,आचमनकर कुम्भ का पुण्य लाभ उठा सकें। 

मोदी जी का अनुशरण भाजपा वाले योगी जी कर   रहे हैं या योगी जी  का अनुशरण  मोदी जी,ये पता नहीं चल रहा / क्योंकि गंगाजल का परिवहन योगी जी ने शुरू कराया  है ।  उन्होंने उत्तर प्रदेश की तमाम जेलों में गंगाजल भिजवाकर कैदियों को कुम्भ लाभ दिलवाया ।  हमारे मध्यप्रदेश में तो अनेक मंत्री-संतरी टेंकरों में भरकर त्रिवेणी से गंगाजल  लेकर आये और घर-घर बटवा रहे हैं ठीक उसी तर्ज पर जिस तरह कोविड के दिनों में नेता ऑक्सीजन सिलेंडर बंटवाया  करते थे। वोट और समर्थन हासिल करने के लिए हमारे मोदी जी कुछ भी कर सकते हैं। मोदी जी को राम राज्य के विस्तार और बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के श्रीगणेश के साथ ही उन्हें मॉरीशस का सर्वोच्छ नागरिक सम्मान मिलने की बहुत  -बहुत बधाई। 

चुनाव कैसे लड़ा जाता है ,चुनाव प्रचार कैसे किया जाता है  ये विपक्ष को माननीय मोदी जी सीखना चाहिए। नहीं सीख रहा इसीलिए 11  साल से सत्ता से दूर है और 2047  तक उसे इसी तरह सत्ता से दूर रहना पडेगा। मोदी जी का क्या भरोसा कि वे मॉरीशस में रहने वाले बिहार मूल के लोगों को बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए बुला लें । उन्हें मताधिकार उपहार में दे दें। मोदी जी जब माननीय ट्रम्प को भारत बुलाकर  चुनाव प्रचार करा सकते हैं तो मॉरीशस की जनता कहाँ लगती है ?मॉरीशस के प्रधानमंत्री माननीय नवीनचंद्र रामगुलाम   की तो क्या जुर्रत कि  वे मोदी जी का आग्रह ठुकरा दे। मोदी जी नवीन सर को ये भी याद दिलाया की पटना के गाँधी मैदान में मॉरीशस के प्रधानमंत्री रहे सर शिव   सागर रामगुलाम की आदमकद   प्रतिमा भी भारत सरकार ने लगवाई है ,जो दोनों देशों के प्रगाढ़ रिश्तों   का प्रतीक है । 

मुझे तो लगता है की मोदी जी मॉरीशस को अपना ही एक राज्य मानकर भाषण दे रहे थे पोर्ट लुई में। भारत का गोदी  मीडिया यदि मोदी जी के पोर्ट लुई के चुनावी भाषण का सीधा प्रसारण   न करता तो मैं इसे चुनावी भाषण कहता ही नहीं ,लेकिन इस भाषण को मोदी जी भारतवासियों को ही नहीं बल्कि बिहारियों को भी सुनवाना चाहते थे इसलिए उसका सीधा प्रसारण भी कराया गया। अन्यथा ये भाषण कोई संयक्त राष्ट्र महासभा में थोड़े ही दिया गया था ! 

मोदी जी ने भारतीय शिष्टाचार का पूरा ख्याल रखा। मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरमबीर गोखुल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मॉरीशस के राष्ट्रपति को कई चीजें भेंट की है, जिसमें महाकुंभ से संगम का जल और सुपर फूड मखाना भी शामिल है. इसके अलावा पीएम ने गोखुल की पत्नी वृंदा गोखुल को बनारसी सिल्क की साड़ी भी भेंट की है.ये बात और है की मोदी जी ने अपनी सगी पत्नी को न गंगाजल भेजा और न कोई साडी ।  बेचारी ये खबर देखकर जल-भुनकर रह गयीं होंगी। लेकिन मैं किसी के निजी मामले में मदाखलत नहीं करना चाहता। मैं तो चाहता हूँ कि   मोदी   जी इसी तरह पूरी तीव्रता से दुनिया में अपनी पार्टी का एजेंडा और चुनाव प्रचार का अभियान जारी रखें। चुनाव प्रचार पोर्ट लुई से किया जाये या पटना से ,कोई फर्क नहीं पड़ता ।  बात बिहार की ,लिट्टी चोखा की ,मखाने की होना चाहिए। 

मुझे एक ही हैरानी है कि  मोदी जी ने दो सौ साल पुराने इतिहास से तो अपने आपको जोड़ा  लेकिन चार सौ साल पुराने इतिहास को याद तक नहीं किया ,अन्यथा ये मौक़ा था कि  वे जिस तरह से बिहार के मखाने का जिक्र कर रहे थे ,उसी तरह महाराष्ट्र के संभाजी राव और  औरंगजेब का भी कोई किस्सा मॉरीशस वालों   को सुना देते। मोदी जी आखिर कुछ भी कर सकते हैं। बहरहाल मोदी जी को मिले तमाम दुसरे आंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मानों की फेहरिश्त में एक और नाम मारीशस का भी  जुड़ गया है।  मेरा केंद्र सरकार से आग्रह है कि  वो मोदी   जी के कालखंड को प्रधानमंत्री संग्रहालय के सुपुर्द करने के बजाय उनके लिए अलग से चार मूर्ति भवन बनवाये। तीन मूर्ती भवन तो नेहरूजी  बहुत पहले बनवा चुके हैं। 

@ राकेश अचल 

12 मार्च 2025, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:35 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:26 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *त्रयोदशी तिथि*  09:11 बजे  तक फिर चतुर्दशी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज मघा नक्षत्र* 28:04 बजे तक पश्चात पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र।

    *योग* :- आज *सुकर्मा*  है। 

 *करण*  :-आज  *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा नहीं गंडमूल  है।

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 12:31 से 13:59 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:11 बजे से 12:57 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* :  कोई नहीं 

*मुहूर्त* : कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-सिंह मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 06:35 - 08:04 शुभ

अमृत 08:04 - 09:33 शुभ

काल 09:33 - 11:02 अशुभ

शुभ 11:02 - 12:31 शुभ

रोग 12:31 - 13:59 अशुभ

उद्वेग 13:59 - 15:29 अशुभ

चर 15:29 - 16:58 शुभ

लाभ 16:58 - 18:27 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 18:27 - 19:57 अशुभ

शुभ 19:57 - 21:28 शुभ

अमृत 21:28 - 22:59 शुभ

चर 22:59 - 24:30*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

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