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Climate कहानी : आज ही के दिन बदल गयी थी कोविड को ले कर हमारी सोच

आज से ठीक एक साल पहले, 23 जनवरी 2020 को, चीन ने जब वुहान शहर में तालाबंदी लागू की थी, तब शायद पहली बार पूरी दुनिया ने कोविड को एक महामारी की शक्ल में संजीदगी से लिया था।

साल भर बाद आज कोविड-19 न सिर्फ पूरी दुनिया में ज़बरदस्त नुकसान पहुंचा चुका है, बल्कि इस ग्रह पर लगभग सभी की ज़िन्दगी को भी बदल चुका है। इस महामारी ने विश्व को सोचने पर मजबूर कर दिया है और पुराने सभी मानदंडों को भी चुनौती भी दे दी है। इस वैश्विक महामारी ने जलवायु परिवर्तन के साथ मिल कर एक यौगिक संकट उत्पन्न कर दिया है। साथ ही प्रकृति के साथ मानव विकास को संरेखित करने की आवश्यकता की याद दिला दी है, जो आने वाले वर्ष के लिए नई उम्मीदें प्रदान करता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम कोविड 19 से सबक सीखें और साथ ही आगे के वर्ष  में उन चुनौतियों का समाधान करने की ओर आगे बढ़े।

इस पूरे घटनाक्रम की कुछ मुख्य बातों की पहचान की गई है:

दुनिया को एक साथ दो संकटों का समाधान करना है

ज़ूनोटिक रोग, जैसे कोविड-19, और जलवायु परिवर्तन आपस में जुड़े हुए वैश्विक खतरे हैं। महामारी के बीच जलवायु संकट की निरंतर तीव्रता दुनिया भर में महसूस की जा रहा है। अच्छी बात ये है कि इस खतरे से बचने के तरीके काफ़ी मिलते जुलते हैं इसलिए इनका एक साथ समाधान करना संभव भी है।

सीखने को मिले कुछ एहम सबक

कोविड-19 के नाश के बावजूद, दुनिया भर के लोगों ने एक दूसरे और समाज की रक्षा के लिए एक साथ काम किया। महामारी ने एक लचीला समाज और अर्थव्यवस्था के निर्माण की तत्परता को उजागर किया, जहां मानव गतिविधियों को स्थायी लक्ष्यों के साथ संरेखित किया जाता है।

एकीकृत प्रणाली ज़रूरी

हमें संकटों से निपटने के लिए एकीकृत और प्रणालीगत बदलाव की आवश्यकता है। दोनों जलवायु और कोविड-19 संकटों ने अंतर्राष्ट्रीय असमानता पर प्रकाश डाला है।

ग्रीन रिकवरी बेहद ज़रूरी

हालांकि आशा के संकेत हैं, हमें एक समान ग्रीन रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए और अधिक करने की आवश्यकता है।

कोविड-19 ने एक बार फिर खुलासा किया है कि प्रकृति, मनुष्य और दुनिया परस्पर जुड़े हुए हैं। ज़ूनोटिक रोग, जैसे कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन आपस में जुड़े हुए अंतर वैश्विक खतरे हैं और कुछ समान तरह के उपचार साझा करते हैं। प्रतिक्रियाओं को संरेखित करना सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, एक स्थायी आर्थिक भविष्य बनाने और ग्रह के शेष प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता की बेहतर रक्षा करने का अवसर प्रस्तुत करता है।

महामारी ने लोगों को शहरों और परिवहन प्रणालियों को फिर से संगठित करने और रहने, काम करने और यात्रा करने के तरीके को बदलने का मौका दिया है। दुनिया भर में लोगों ने बाइक लेन को फिर से डिज़ाइन करने और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं का समर्थन करने के लिए एक साथ काम किया है। साथ ही सरकार उन अवरोधों के माध्यम से तोड़ने में सक्षम साबित हुई है जो पहले अनिर्दिष्ट थे।

कोविड-19 महामारी के बावजूद, रिन्यूएबल ऊर्जा ने उच्च प्रदर्शन दिखाया है। 2020 की पहली छमाही में यूरोपीय संघ में जीवाश्म ईंधन स्रोतों की तुलना में रिन्यूएबल स्रोतों ने पहले बार अधिक बिजली उत्पन्न की। कोयले से चलने वाले बिजलीघरों का विश्व का बेड़ा भी पहली बार 2020 में सिकुड़ गया है। पीक तेल की मांग भी शायद पहले ही गुज़र चुकी है।

महामारी ने असमानता के मुद्दे को संबोधित करने की आवश्यकता को भी क़रीब लाया है। समाज के सभी स्तंभों से लोग और नेता व्यवस्था परिवर्तन का आह्वान कर रहें हैं। कई संस्थानों और विचारशील नेताओं ने प्रकृति की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए सतत विकास के मार्गों को फिर से तैयार करने के लिए रास्ते प्रस्तावित किए हैं।

अंतिम लेकिन ज़रूरी बात है कि वर्तमान ग्रीन रिकवरी न तो पर्याप्त रूप से बड़ी है और न ही पर्याप्त महत्वाकांक्षी है। हम अभी भी तेज़ उत्सर्जन वृद्धि के मनसूबे में हैं। ग्रीन रिकवरी प्रत्येक देश की कोविड -19 आर्थिक नीति का केंद्र होना चाहिए। औद्योगिक देशों की वसूली योजना की 'ग्रीननेस' ('ग्रीन क्षमता') एक मिश्रित तस्वीर दिखती है जिसमें ग्रीन निवेश के संभावित लाभों को कम करके आंका गया है। कोविड-19 से पहले की नीतियों के आधार पर, 2030 में एक ग्रीन रिकवरी ग्रीनहाउस उत्सर्जन में 25% की कटौती कर सकती है।


 

आ गई वैक्सीन: रूस और ब्रिटेन में अगले हफ्ते से लगेगा टीका

लंदना।आखिरकार कोरोना की महामारी से जूझ रहे विश्व को ब्रिटेन व रूस से राहत भरी खबरें आई हैं। अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की संयुक्त रूप से विकसित कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को ब्रिटेन ने स्वीकृति दे दी है। यह कदम उठाने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया है। वहां पर अगले सप्ताह की शुरुआत से टीकाकरण का कार्य हो जाएगा। सबसे पहले उन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी जिनकी मौत का सबसे ज्यादा खतरा है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन यरोप में कोविडसे सर्वाधिक मौतों को झेलने वाला देश है। वहां करीब 60 हजार लोग काल के गाल में समा चुका हैं। उधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अधिकारियों को अगले हफ्ते से बड़े पैमाने पर कोरोना टीका लगाने का अभियान शुरू करने के आदेश दिए हैं। पुतिन ने कहा कि स्पूतनिक वी टीके की 20 लाख से ज्यादा खुराक तैयार कर ली गई हैं। रूस ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण का ऐलान ऐसे समय किया है, जब फाइजर, मॉडर्मा सहित कई कंपनियां अपने टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी हासिल करने में जुटी हैं। रूस ने ही दुनिया में सबसे पहले 11 अगस्त को ही कोरोना का टीका स्पूतनिक वी तैयार कर लेने का ऐलान किया था।

आर्कटिक में बर्फ न्‍यूनतम स्‍तर पर, अब तक का सबसे गर्म महीना रहा सितम्‍बर: कॉपरनिकस

कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (सी3एस) ने आज ऐलान किया कि सितंबर 2020 दुनिया में अब तक का सबसे गर्म सितंबर रहा। सितंबर 2020 पूरी दुनिया में सितंबर 2019 के मुकाबले 0.05 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा। जिससे इस तरह इस बीच, साइबेरियन आर्कटिक में तापमान में सामान्य से ज्यादा की बढ़ोत्‍तरी जारी रही और आर्कटिक सागर पर बर्फ का आवरण दूसरे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया।
सी3एस के विश्लेषण से मिले डाटा से जाहिर होता है कि सितंबर 2020 मानक 30 वर्षीय जलवायु संदर्भ अवधि के तहत सितंबर में दर्ज किए गए औसत तापमानों के मुकाबले 0.63 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। इस तरह सितंबर 2019 के मुकाबले इस साल इसी महीने में तापमान 0.05 डिग्री सेल्सियस और सितंबर 2016 के मुकाबले  0.08 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। इससे पहले सितम्‍बर 2019 सबसे गर्म सितम्‍बर रहा, जबकि वर्ष 2016 में गुजरा सितंबर दूसरा सबसे ज्यादा गर्म सितम्‍बर रहा। सी3एस को यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्ट (ईसीएमडब्ल्यूएफ) द्वारा यूरोपीय कमीशन  की ओर से लागू किया गया है। यह यूरोपीय तथा वैश्विक स्तर पर तापमानों की निगरानी करता है।
पूरे यूरोप में भी सितंबर में औसत तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह इससे पहले सबसे गर्म सितंबर के तौर पर दर्ज किए गए वर्ष 2018 के इसी महीने के मुकाबले 0.2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा गर्म रहा। महाद्वीप के ज्यादातर इलाकों में सितंबर में दर्ज तापमान औसत से ज्यादा रहा। खासतौर से दक्षिण पूर्वी यूरोप में।
सी3एस के वैज्ञानिकों ने यह भी जाहिर किया कि अब तक के सबसे गर्म साल के तौर पर दर्ज किए गए वर्ष 2016 में और 2020 में ईयर टू डेट आंकड़ों के लिहाज से इस वक्त बहुत थोड़ा सा अंतर दिखाई दे रहा है। इसका मतलब यह है कि इन दोनों वर्षो में एक जनवरी से 30 सितंबर के बीच औसत वैश्विक तापमान विसंगतियां बहुत मिलती-जुलती हैं। वर्ष 2019 के मुकाबले 2020 ज्यादा गर्म है। अब ला नीनो जैसे जलवायु पैटर्न यह तय करेंगे कि क्या वर्ष 2020 अब तक का सबसे गर्म साल बन जाएगा। साइबेरियन आर्कटिक में सितंबर माह में तापमान में सामान्य से ज्यादा बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी है। इससे तपिश का क्रम बरकरार है और इसकी वजह से वसंत की शुरुआत से ही एक बहुत बड़े क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों पर असर पड़ा है। हालांकि साइबेरिया और आर्कटिक में साल दर साल तापमान में बड़े उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन अध्ययन से यह पता चला है कि इस साल दर्ज की गई सापेक्ष तपिश अपने पैमाने और दृढ़ता के मामले में अभूतपूर्व है।
सी3एस हर महीने समुद्री बर्फ की भी निगरानी करता है और उसके डेटा से इस बात की पुष्टि होती है कि सितम्‍बर में आर्कटिक सागर में जमी बर्फ के क्षेत्रफल में दूसरी सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है। वर्ष 2012 में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी थी। वर्ष 1979 में सेटेलाइट से निगरानी का सिलसिला शुरू होने के बाद से आर्कटिक में समुद्री बर्फ के क्षेत्रफल में खासी कमी आयी है। बर्फ के दायरे में गिरावट का यह रुख साल के सभी महीनों में देखा जा सकता है लेकिन खासकर सितम्‍बर के महीने में बर्फ का यह आवरण साल के न्‍यूनतम स्‍तर पर पहुंच जाता है। जलवायु सम्‍बन्‍धी कारकों की वजह से समुद्री बर्फ का खालिस वार्षिक चक्र वसंत की शुरुआत से ही शुरू होकर गर्मियों के अंत तक चलता है, जब हिमावरण अपने न्‍यूनतम स्‍तर पर पहुंच जाता है। आमतौर पर ऐसा सितम्‍बर में होता है। उसके बाद बर्फ का आवरण फिर से बढ़ने लगता है और सामान्‍यत: मार्च तक यह उच्‍चतम स्‍तर पर पहुंच जाता है।
कॉपरनिकस क्‍लाइमेट चेंज सर्विस के निदेशक कार्लो बुओटेम्‍पो ने बताया ‘‘वर्ष 2020 के जून और जुलाई के महीनों में आर्कटिक सागर पर बर्फ की परत में अभूतपूर्व गिरावट देखी गई है। यह गिरावट उन्हीं इलाकों में हुई है जहां सामान्य से ज्यादा तापमान दर्ज किया गया है। इसकी वजह से इस साल खास तौर पर बर्फ के आवरण में कमी आई है। रिकॉर्ड गर्मी और आर्कटिक सागर में बर्फ की मात्रा में गिरावट को मिलाकर देखें तो इससे जाहिर होता है कि दुनिया में सबसे तेजी से गर्म हो रहे क्षेत्र में और अधिक व्यापक तथा बेहतर निगरानी कितनी जरूरी है।’’
कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस द्वारा प्रतिमान तापमान सारांश
वर्ष 1981 2010 की अवधि में सितंबर के औसत के सापेक्ष सितंबर 2020 में सतह की वायु के तापमान में विसंगति। डेटा स्रोत ईआरए5 क्रेडिट : कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस/ ईसीएमडब्ल्यूएफ सी3एस हर महीने जलवायु संबंधी बुलेटिन प्रकाशित करता है, जिसमें वैश्विक सतह वायु तापमान तथा जलवायु को प्रभावित करने वाले अन्य अन्य कारकों में होने वाले बदलावों का जिक्र किया जाता है। प्रकाशित किए जाने वाले सभी तथ्य कंप्यूटर जेनरेटेड अध्ययनों पर आधारित होते हैं। इन अध्ययनों के लिए  सेटेलाइट, पानी के  जहाज, विमान तथा दुनिया भर में स्थित मौसम केंद्रों से मिलने वाले अरबों पैमानों का इस्तेमाल किया जाता है।
सितंबर 2020 में सरफेस एयर टेंपरेचर :
·        यूरोप में और वैश्विक स्तर पर सितंबर 2020 तक का सबसे गर्म सितंबर रहा। यह वर्ष 2019 के सितंबर के मुकाबले 0.05 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म रहा।
·        दुनिया भर के अनेक क्षेत्रों में तापमान सामान्य से काफी ज्यादा रहा। इनमें उत्तरी साइबेरिया के तट से दूर इलाके पश्चिम एशिया के क्षेत्र और दक्षिण अमेरिका तथा ऑस्ट्रेलिया के इलाके शामिल हैं।
·        पूर्वी इक्वेटोरियल प्रशांत महासागर में औसत से ज्यादा ठंड रही जो ला नीनो के अनुरूप है। 


 


कोरोना: पुतिन का दावा- रूस ने बना ली दुनिया की पहली वैक्सीन, बेटी को भी दिया गया टीका

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को ऐलान किया कि उनके देश ने कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन बना ली है. व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि ये दुनिया की पहली सफल कोरोना वायरस वैक्सीन है, जिसे रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है. इतना ही नहीं व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उनकी बेटी ने भी इस वैक्सीन को लिया है.


 


समाचार एजेंसी AFP की जानकारी के मुताबिक, इस वैक्सीन को मॉस्को के गामेल्या इंस्टीट्यूट ने डेवलेप किया है. मंगलवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को सफल करार दिया. इसी के साथ व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया कि रूस में जल्द ही इस वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू किया जाएगा और बड़ी संख्या में वैक्सीन की डोज़ बनाया जाएगा.


चीन में नई संक्रामक बीमारी से सात की मौत, 60 पीड़ित, मनुष्यों में फैलने की आशंका

वुहान से शुरू हुए कोरोना संक्रमण से अभी पूरी दुनिया जूझ ही रही है कि चीन में एक नई संक्रामक बीमारी ने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। इस संक्रमण से चीन में सात लोगों की मौत हो चुकी है और 60 लोग पीड़ित हैं। चीन के सरकारी मीडिया ने बुधवार को आशंका जताई है कि यह संक्रमण मनुष्यों के बीच फैल सकता है। पूर्वी चीन के जियांग्सू प्रांत में पिछले छह महीने के दौरान SFTS वायरस से 37 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। पूर्वी चीन के अन्हुई प्रांत में भी 23 लोगों के संक्रमित होने की बात सामने आई है। चीन में पहली बार वर्ष 2011 में इसका पता चला था। वायरोलोजिस्ट का मानना है कि यह संक्रमण पशुओं के शरीर पर चिपकने वाले कीड़े (टिक) से मनुष्य में फैल सकता है। इसके बाद मानव जाति में संक्रमण का प्रसार हो सकता है। एसएफटीएस वायरस से संक्रमित जियांग्सू की राजधानी नानजियांग की एक महिला को शुरू में खांसी व बुखार के लक्षण दिखाई दिए थे। एक महीने के इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई। इस वायरस से अन्हुई व झेजियांग प्रांत में कम से कम सात लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, एसएफटीएस वायरस नया नहीं है। 


दुनिया को आज मिलेगी कोरोना वैक्सीन? यहां से आ सकती है खुशखबरी

लंदन: कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्‍सीन खोजने की दिशा में आज का दिन अहम साबित होने जा रहा है. वैसे तो कई कंपनियां इस जानलेवा वायरस के प्रकोप से बचने के लिए रात-दिन कोशिशों में लगी हैं लेकिन गुरुवार का दिन इसलिए खास साबित हो सकता है क्‍योंकि ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई वैक्‍सीन के शुरुआती ट्रायल के नतीजे घोषित हो सकते हैं. ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्‍ट्रा जेनेका कंपनी मिलकर वैक्‍सीन को बना रहे हैं. 
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक आईटीवी के राजनीतिक संपादक रॉबर्ट पेस्‍टन ने सूत्रों के हवाले से ये दावा किया है. उनके इस दावे के बाद सबकी आस भरी निगाहें इसलिए इस तरफ टिक गई हैं क्‍योंकि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) ने जून में कहा था कि एस्‍ट्रा जेनेका, कोरोना वैक्‍सीन विकसित करने की दिशा में सबसे एडवांस और अग्रणी है. पेस्‍टन ने अपने ब्‍लॉग में कहा कि मैं सुन रहा हूं कि गुरुवार को ऑक्‍सफोर्ड की तरफ से कोरोना वायरस की वैक्‍सीन के शुरुआती ट्रायल के संबंध में पॉजिटिव न्‍यूज मिल सकती है.  साभार : ZEENEWS


दुबई में भारतीय ने मचाया हड़कम्प, करोड़ों का मालिकों को चुना लगा के Repatriation Flight से भागा India

संयुक्त अरब अमीरात में करीब 50 उद्योगपतियों को 16 लाख डॉलर का कथित रूप से चूना लगाकर एक भारतीय नागरिक हैदराबाद आ रहे विमान से भारत लौट आया है। गल्फ न्यूज में शनिवार को आयी खबर के अनुसार, ठगी में मुख्य आरोपी योगेश अशोक यारिआवा बंदे भारत मिशन के तहत 11 मई को अबू धाबी से हैदराबाद आये विमान से करीब 170 फंसे हुए अन्य भारतीयों के साथ वापस लौट आया था।अखबार के अनुसार, धोखेबाज रॉयल लक फूडस्टफ ट्रेडिंग के 36 वर्षीय मालिक योगेश ने व्यापारियों को आगे की तारीख का चेक देकर 60 लाख दिरहम (16 लाख डॉलर) की खरीददारी की और फिर भारत भाग आया। खरीदे गए सामान में मास्क, सेनेटाइजर, चिकित्सा दस्ताने (कीमत करीब पांच लाख दिरहम), चावल और मेवे (3,93,000 दिरहम), टूना, पिस्ता और केसर (3,00,725 दिरहम) आदि शामिल है। व्यापारियों ने योगेश के खिलाफ बर दुबई थाने में शिकायत दर्ज करायी है।


UP में एंटीबॉडी टेस्टिंग की शुरुआत

उत्तर प्रदेश के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी यानि केजीएमयू में अब कोरोना के एंटीबॉडी टेस्टिंग की शुरुआत हो चुकी है. केजीएमयू प्रदेश का इकलौता अस्पताल है, जहां एंटीबॉडी टेस्टिंग की शुरुआत हुई है. पहले चरण में 100 हेल्थ वर्कर्स और प्लाज्मा डोनर्स के एंटीबॉडी टेस्ट किए गए हैं.


 


केजीएमयू के एंटीबॉडी टेस्टिंग की हेड डॉक्टर तूलिका चंद्रा ने कहा कि एंटीबॉडी टेस्टिंग रैपिड टेस्टिंग जैसा है, जहां 3 से 4 घंटे में बिल्कुल सटीक नतीजे आते हैं. यह कोरोनावायरस एंटी पीसीआर टेस्ट से इस मायने में अलग है. यह तय करता है कि किसी व्यक्ति के शरीर में एंटीवायरस बना है या नहीं.


बिहार निवासी युवक ने नहर में कूदकर दी जान लॉकडाउन से छिन गया रोजगार

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिहार के बेगूसराय के निवासी 28 साल के एक युवक ने नहर में छलांग लगाकर जान दे दी. युवक के इस आत्मघाती कदम के पीछे कर्ज का बोझ और लॉकडाउन से रोजगार का चौपट होने को वजह बताया जा रहा है. युवक का शव हरियाणा के फरीदाबाद में नहर से निकाला गया है. पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला बताते हुए कहा है कि इस मामले में धारा 174 के तहत कार्रवाई की जा रही है.


चीन सीमा पर शहीद सुनील राय का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार


सारण। सीमा पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प में बिहार के छपरा का सपूत शहीद हो गया। शहादत के बाद शहीद का शव जब गांव पहुंचा तो पूरा गांव उसकी शहादत को नमन करने पहुंच गया। परसा थाना क्षेत्र के दीघड़ा गांव के रहने वाले पूर्व सैनिक सुखदेव राय के 38 वर्षीय पुत्र सुनील राय की पोस्टिंग लद्दाख में थी और सोमवार रात चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में वो शहीद हो गए। उन पर कंटीले तारों से हमला किया गया है।
उनके शहीद होने की सूचना शाम करीब 5.30 बजे शहीद की पत्नी मेनका राय के मोबाइल पर सेना के अधिकारी ने दी। यह जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पति के शहीद होने की सूचना मिलने पर पत्नी वहीं पर बेहोश होकर गिर पड़ीं। इसके बाद यह खबर गांव में भी फैल गई। ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की भीड़ देर शाम तक घर पर उमड़ पड़ी।
आज जब उनका शव घर पहुंचा तो पूरा गांव उमड़ पड़ा। शहीद जिंदाबाद के नारों के बीच पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद सुनील का अंतिम संस्कार किया गया। शहीद सुनील राय के पिता सुखदेव राय भी थल सेना से रिटायर हैं और अभी बंगाल में दूसरी नौकरी कर रहे हैं। शहीद की एक पुत्री तीन वर्षीय रोशनी मां को रोती देख उनसे लिपट कर रो रही थी।


सुशांत के सुसाइड की खबर नहीं बर्दाश्त कर पाईं भाभी, डिप्रेशन के बाद मौत

एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के निधन से परिवार, फैन्स और बॉलीवुड सदमे में है. सुशांत की खुदकुशी के सदमे उनकी चचेरी भाभी बर्दाश्त नहीं कर पाईं और सोमवार को उनकी भी मौत हो गई. बताया जा रहा है कि सोमवार को देवर सुशांत के आत्महत्या की खबर मिलने के बाद बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित पैतृक गांव में रहने वाली भाभी सुधा देवी का निधन हो गया.


 


सुशांत सिंह राजपूत का पैतृक गांव पुर्णिया जिले का मलडीहा है. सुशांत के आत्महत्या की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो उनकी चचेरी भाभी सुधा देवी को झटका लगा और वह भी डिप्रेशन का शिकार हो गईं. उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया. इधर, मुंबई में सुशांत का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, उधर सुधा देवी के निधन की खबर आ गई.


यूपी में अब नहीं बिकेगा कोई भी चाइनीज आइटम, सीएम योगी ने बनाया बड़ा एक्शन प्लान

लखनऊ. दीपावली पर चाइनीज आइटम जैसे मूर्तियों, दीयों और झालरों की बिक्री कम करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो एक्‍शन प्‍लान सुझाया है, उसपर काम शुरू हो गया है। इस क्रम में कुम्‍हारों को मूर्तियां और दीपक बनाने के लिए उपकरण फ्री में दिए जाएंगे। सबसे पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह सुविधा गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ के कलाकारों को दी जाएगी। तीनों जिलों के कलाकारों और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया।


गोरखपुर से जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी एनपी मौर्या और कुम्हारों के प्रतिनिधि के तौर पर जाफरा बाजार से अरविंद प्रजापति, तिवारीपुर से सिब्बन लाल प्रजापति, छोटे काजीपुर से लालमन प्रजापति और जंगल एकला से हरिओम आजाद बैठक में शामिल हुए। जिसमें तय हुआ कि चीन से आने वाले दीपक, लक्ष्मी, गौरी और गणेश की प्रतिमाओं पर निर्भरता कम करने के लिए जून के आखिर से अगस्त तक ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।


चीन की मूर्तियों और उत्पादों से प्रतिस्पर्धा के लिए माटी कला बोर्ड से जुड़े कलाकारों को प्रशिक्षण के साथ नि:शुल्क अत्याधुनिक डाई, फर्नीशिंग मशीन और आवश्यक मटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा। कारीगरों की मांग पर नि:शुल्क पग मिल, इलेक्ट्रिक चॉक, दीपक बनाने वाली मशीन और मार्डन डिजाइन की डाई उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया गया। निर्मित उत्पाद, मिट्टी की उपलब्धता और परिवहन संबंधी दिक्कतों का जिला स्तर पर निदान कराने का प्रमुख सचिव खादी एवं ग्रामोद्योग डॉ नवनीत सहगल ने आश्वासन दिया।


जिला ग्रामोद्योग अधिकारी एनपी मौर्या ने बताया कि सरकार की तरफ से अत्यधिक संख्या में दीये और मूर्तियों का निर्माण करने के निर्देश मिले हैं। ताकि विदेशों से आयात होने वाली मूर्तियों पर निर्भरता कम हो। कुम्हारों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। सरकार की कोशिश है कि स्थानीय स्तर पर मिट्टी कलाकारों का व्यवसाय भी बढ़े।


कूड़े की गाड़ी में रखा गया था अधेड़ का शव, वीडियो वायरल होने पर 7 कर्मचारी सस्पेंड

देश कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहा है. तमाम कोशिशों के बावजूद वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच कुछ जगहों से अव्यवस्थाओं की खबरें भी सामने आ रही हैं. बढ़ते केसों के साथ अस्पतालों में बेड की कमी की शिकायत आम होती जा रही है. वहीं यूपी के बलरामपुर जिले से एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसने इंसान की संवेदनहीनता का चेहरा सामने ला दिया.


 


बता दें कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें एक शव के साथ की गई संवेदनहीनता साफ-साफ नजर आ रही थी. वीडियो में सड़क पर पड़े अधेड़ के शव के साथ इस हद तक अमानवीयता हुई कि उसे नगर पालिका के एक डंपर पर लाद दिया गया. इस दौरान वहां कुछ पुलिस वाले भी मौजूद नजर आ रहे थे. माना जा रहा है कि अधेड़ के उस शव के साथ ऐसा दुर्व्यवहार कोरोना संक्रमण के डर की वजह से किया था. कोतवाली उतरौला क्षेत्र के कस्बे में हुई इस घटना को लेकर एसपी ने जांच के आदेश दिए हैं.


शिक्षिका ने 13 महीनों तक का वेतन एक करोड़ रुपये निकाले

उत्तर प्रदेश राज्य के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में कार्यरत एक शिक्षिका का वेतन 1 करोड़ निकला. इसके लिए शिक्षिका प्रदेश के 25 स्कूलों में एक साथ नौकरी कर वेतन पा रही थी. ये मामला संज्ञान में तब आया जब विभाग ने शिक्षकों का डेटाबेस बनाना शुरू किया और अब विभाग ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं


यूपी के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी ने कहा, 'विभाग ने जांच का आदेश दिया है और आरोप सच होने पर शिक्षिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद से डिजिटल डेटाबेस पारदर्शिता के लिए बनाया जा रहा है. यदि विभाग के अधिकारियों की कोई संलिप्तता है तो कार्रवाई की जाएगी. अनुबंध के आधार पर केजीबीवी स्कूलों में भी नियुक्तियां की जाती हैं. विभाग इस शिक्षिका के बारे में तथ्यों का पता लगा रहा है


 


ताजमहल खुलेगा पर सीमित रहेंगे पर्यटक


आगरा। लॉकडाउन के बाद से ही दुनिया की सात धरहरों में शामिल ताजमहल में भी सैलानियों की आवाजाही पूरी तरह से ठप है। ताजमहल पर ही आगरा का अर्थव्यवस्था भी काफी कुछ निर्भर पर लॉकडाउन में ढील के बाद भी ताजमहल बंद है। अब इस बात पर मंथन हो रहा है कि सैलानियों के लिए ताजमहल के दरवाजे किस तरह खोल जाए। पुरातत्व विभाग के अफसरों के बीच इसे लेकर मंत्रणा हुई और अभी यह तय किया है कि ताजमहल के भीतर सिर्फ पांच हजार सैलानियों को ही प्रवेश दिया जाए वो भी टर्न स्टाइल गेट के बजाय सीधे गेट से प्रवेश दिया जाए।


 


तूफान और ओलावृष्टि से कन्नौज में भारी तबाही, 6 मरे और 4 घायल

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में चक्रवाती तूफान और ओलावृष्टि से भारी तबाही हुई है और इसके चपेट में आने से 6 लोगों की मौत हो गई जबकि 4 लोग घायल हुए हैं. घायलों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.


 


कन्नौज जिले के तिर्वा तहसील में चक्रवाती तूफान में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार ने 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. जिले में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका तिर्वा ही है.


 


इस तूफान से दर्जनों पेड़, बिजली के पोल, मुर्गी फार्म, डेरी फार्म और गैस एजेंसी धराशायी हो गई हैं. बिजली के पोल गिरने से 12 से ज्यादा गांवो में विद्युत आपूर्ति ठप्प हो गई है. उपजिलाधिकारी इन गावों में पहुंचकर नुकसान का जायजा ले रहे हैं.


 


स्थानीय लोगों का दावा है कि तूफान इतना भीषण था कि कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचा. ग्रामीणों की मानें तो इससे पहले जिले में इतना भीषण तूफान नहीं आया, लोगों ने ऐसी तबाही नहीं देखी. वहीं ठठिया क्षेत्र में एक व्यक्ति के सिर पर बड़ा ओला गिरने से दम निकल गया. दो जगह दीवार गिरने से दो लोगों की जान चली गई.



मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर महिला की मौत पर मांगा जवाब

बिहार के मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर अपनी मृतक मां के कफन के साथ एक मासूम बच्चे का खेलते हुए वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है. घटना 25 मई की मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन की है. जब श्रमिक एक्सप्रेस में सवार होकर एक प्रवासी महिला मुजफ्फरपुर लौट रही थी और यात्रा के दौरान ही उसकी मौत हो गई.


 


जानकारी के मुताबिक यह प्रवासी महिला अहमदाबाद से बिहार वापस लौट रहे थी. कटिहार जिले की रहने वाली मृतक महिला अहमदाबाद से श्रमिक एक्सप्रेस में अपने बहन और जीजा के साथ मुजफ्फरपुर पहुंची थी. हालांकि रास्ते में महिला की मौत हो गई थी.


   


उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में घुसी टिड्डियां

टिड्डियों के हमला का खतरा दिल्ली-एनसीआर तक आ चुका है. खतरे से निपटने के लिए दिल्ली सरकार तैयारी कर रही है तो नोएडा में भी किसानों को अलर्ट किया गया है. पाकिस्तान से राजस्थान में घुसपैठ करने वाली टिड्डियां कई राज्यों में फसलों को बर्बाद कर रही हैं. महाराष्ट्र में टिड्डियों को मारने के लिए कृषि विभाग ने दमकल की मदद ली.


 


बीते 26 साल में टिड्डियों का देश में ये सबसे घातक हमला है. राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के किसानों पर इन छोटे दुश्मनों का बड़ा कहर बरपा है. राजस्थान और मध्य प्रदेश में लाखों एकड़ फसल को नुकसान पहुंचाने वाली टिड्डियां अब उत्तर प्रदेश में दाखिल हो चुकी हैं.


       


प्रवासियों को रोजगार देने के लिए दूसरे प्रदेशों को लेनी होगी मंजूरी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अलग-अलग प्रदेशों से लौटे प्रवासियों को रोजगार देने के लिए प्रवासी कमिशन का गठन किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को रोजगार देने के इच्छुक अन्य राज्यों को यूपी सरकार की मंजूरी लेनी होगी. सरकार के आंकड़े के मुताबिक, अबतक 23 लाख कामगार और श्रमिकों की वापसी हुई है.


 


सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में प्रवासी आयोग बनाया जाएगा, जो घर लौटे मजूदरों को उनके कौशल के अनुसार उन्हें रोजगार प्रदान करेगा. श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा रही है. सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि स्किल मैपिंग में मिले डेटा के आधार पर श्रमिकों और कामगारों को अलग-अलग सेक्टरों में लगाने का प्रयास शुरू कर दिया जाए



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