ग्वालियर। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष दशमी 1 जून सोमवार को गंगा दशहरा एवं बटुक भैरव जयंती मनाई जाएगी। इस बार गंगा दशहरा के 10 योग में से 8 योग घटित हो रहे हैं। गंगा दशहरा अबूझ मुहूर्त होने के कारण कोई भी शुभ कार्य इस दिन करने से सिद्ध होता है। दशहरा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। कोरोना महामारी को देखते हुए घर में ही स्नान के जल में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाकर स्नान करें। इससे गंगा स्नान का फल प्राप्त होगा।
गंगा दशहरा के दिन ही बटुक भैरव जयंती भी मनाई जाएगी। भगवान शिव ने आपद नामक राक्षस का वध करने के लिए इसी दिन बटुक भैरव का रूप धारण कर राक्षस का वध किया था। बटुक भैरव की आराधना करने से फंसे हुए धन की प्राप्ति, शत्रु पर जय एवं रोग नाश होते हैं। गंगा दशहरा के दूसरे दिन मंगलवार को निर्जला एकादशी व्रत होगा।ज्योतिषाचार्य पं. विजयभूषण वेदार्थी के अनुसार गंगा दशहरा के 10 योग में से इस बार 8 योग घटित हो रहे हैं। ये योग हैं ज्येष्ठ माह, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गरकरण योग, चंद्र कन्या तथा वृषभ राशि में सूर्य। आनंद योग एवं बुधवार यह दो योग इस वर्ष गंगा दशहरा के दिन नहीं बन रहे हैं। लॉकडाउन में गंगा घाट जाना उचित नहीं है इसलिए घर में ही स्नान के जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करें।स्नान के उपरांत स्वच्छ वस्त्र धारण करें। स्नान के दौरान ऊं नमः शिवाय नारायण्यै दशहरा गंगाय नमः मंत्र का जाप करें। इस दिन 10 का विशेष महत्व है लिहाजा पूजा करते समय सभी सामग्रियों को 10 की मात्रा में चढ़ाएं जैसे 10 फूल, 10 दीपक और 10 फल आदि।
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