शुक्रवार, 15 मई 2020

संस्कारअंतिम संस्कार में शामिल 70 में से अभी तक 9 में हो चुकी है कोरोना की पुष्टि, उड़ीं कोविड गाइडलाइन की धज्जियां


महाराष्ट्र में 27 हजार से ज्यादा लोग अब तक इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं जबकि एक हजार से अधिक लोगों को जान तक गंवानी पड़ी है. ऐसी स्थिति में भी कुछ लोग सावधानी नहीं बरत रहे हैं ना ही दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं जिस वजह से महामारी को बढ़ावा मिल रहा है. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उल्हासनगर में सामने आया है.


 


जानकारी के मुताबिक उल्हासनगर में 9 मई को एक पचास वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई थी. प्रशासन को इस बात का संदेह था कि उस व्यक्ति को कोरोना संक्रमण था. उसकी मौत के बाद सरकारी अस्पताल द्वारा परिवार को शव दे दिया गया था.


 


व्यक्ति कोरोना का संदिग्ध केस था इसलिए शव को कोविड गाइडलाइन्स के तहत अच्छे से सैनिटाइज करके ही दिया जाना था और परिवार से अंडरटेकिंग भी लेनी थी कि परिवार शव का अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन्स के मुताबिक ही करेंगे.


परिजन अस्पताल से शव लेकर अपने घर गए. यही नहीं उन्होंने अपने धार्मिक रीति-रिवाजों के मुताबिक अंतिम संस्कार करने से पहले शव को नहलाने की प्रक्रिया भी की. इसके अलावा अंतिम संस्कार में 70 लोग भी शामिल हुए. यह सभी बातें कोरोना गाइडलाइन्स का साफ-साफ उल्लंघन थीं.


जब उल्हासनगर नगर निगम के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने अंतिम संस्कार में शामिल हुए सभी 70 लोगों का टेस्ट कराने का फैसला लिया. शुक्रवार को कुछ लोगों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नगर निगम को मिली. उन लोगों में से 9 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.


अब नगर निगम को बाकी बचे लोगों की टेस्ट रिपोर्ट आने का इंतजार है. इसके साथ ही उल्हासनगर नगर निगम मृतक व्यक्ति के परिजनों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करवाने की भी तैयारी कर रहा है.


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