शासन प्रशासन से गुहार करने के बाद एमपी रेंजर एसोसिएशन ने हाई कोर्ट जबलपुर में दायर की थी याचिका
Aapkedwar news–अजय अहिरवार
टीकमगढ़–मध्य प्रदेश में वन विभाग ही नहीं अपितु संपूर्ण विभाग अपनी विभागीय समस्याओं से शासन की नीतियों के कारण परेशान हो रहे हैं, जिसका उदाहरण मध्य प्रदेश अंतर्गत कार्यरत फॉरेस्ट रेंजर का कैडर भी है, जिसके लिए शासन और प्रशासन ने आज तक रेंजर कैडर के लिए न तो सेवा भर्ती नियम बनाए हैं ,और न ही उसके ग्रेड पे का उन्नयन किया गया। जबकि 2006 के बाद उसका ग्रेड पे उन्नयन की जगह अवनत कर दिया। जिसके लिए एमपी रेंजर एसोसिएशन लगातार संघर्षरत है। वही रेंजर कैडर में रेंजर से ही भर्ती होने और रेंजर से सेवा निवृत्त हो रहे रेंजरों की समस्याओं को देखते हुए रेंजर कैडर के प्रमोशन कराए जाने हेतु शासन और प्रशासन स्तर से प्रयास करने के बाद जब सफलता नहीं मिली, तब एमपी रेंजर एसोसिएशन ने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाकर प्रमोशन किए जाने के लिए याचिका दाखिल की गई थी
उक्त याचिका के संबन्ध में एमपी रेंजर एसोसिएशन के द्वारा बताया गया कि मध्य प्रदेश शासन में वर्ष 2016 के बाद से वर्तमान तक वन क्षेत्रपाल (फॉरेस्ट रेंजर)से सहायक वन संरक्षक (एसीएफ)पद पर रेगुलर पदोन्नति नहीं किए जाने और मध्य प्रदेश शासन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी/2016 का बहाना लेकर पदोन्नति नहीं करने के कारण अपने हक और अधिकारों की रक्षा के लिए मध्यप्रदेश स्टेट फॉरेस्ट रेंज ऑफीसर (राजपत्रित) एसोसिएशन की ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई जिस पर उच्च न्यायालय जबलपुर ने दिनांक 17 सितंबर 2024 को शासन को 60 दिवस के अंदर नियमित पदोन्नति (रेगुलर प्रमोशन)हेतु डीपीसी किए जाने का आदेश पारित कर दिया है।
साथ ही उक्त पारित आदेश में शासन को यह भी निर्देशित किया गया है कि मध्य प्रदेश शासन एसएलपी/2016 का बहाना नहीं बनाएगी। उक्त याचिका के निर्णय के बाद एमपी रेंजर एसोसिएशन में खुशी की लहर दौड़ गई है।
जिसके लिए अब एमपी रेंजर एसोसिएशन उक्त आदेश की कॉपी के साथ एक प्रेजेंटेशन लेटर शासन और प्रशासन को देगी, जिसमें 60 दिवस के अन्दर डीपीसी करने की बात को लिखते हुए अपने कैडर के प्रमोशन को शीघ्र करवाएगी।
यदि उक्त अवधि में निराकरण शासन स्तर से नहीं किया जाता है तो एमपी रेंजर एसोसिएशन पुनः उच्च न्यायालय जबलपुर का दरवाज़ा खटखटाकर कंटेम्प्ट की कार्यवाही के लिए प्रतिबद्ध होगी।
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