शुक्रवार, 23 मई 2025

आठ जून तक बजेगी शहनाई , पांच माह के लिए रहेगा विराम

 

अक्सर कर देवशयन एकादशी के पहले तक विवाह मुहूर्त होते हैं इनमें भंडली नवमी को अबूझ मुहूर्त होता है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस बार 12 जून  25 को गुरु पश्चिम  दिशा में अस्त हो जाएगा जो 06 जुलाई 25 को गुरु पूर्व दिशा में उदय होगा।

गुरु तारा अस्त के तीन  दिन पहले से गुरु वृदित्वकाल एवं  उदय से तीन दिन तक बाल्यत्व काल विवाह आदि शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।

कहते हैं कि उत्तम दाम्पत्य जीवन के लिए विवाह वाली कन्या की राशि से गुरु ग्रह बलवान होना आवश्यक है। गुरु बलहीन होने पर दाम्पत्य जीवन में अनेक कठिनाइयां हर तरह से आती है इसलिए गुरु के अस्त समय में विवाह मुहूर्त शास्त्र युक्त नहीं होता और यही वजह हैं कि इस समय कोई विवाह नहीं करना चाहिए।

जैन ने कहा कि 06 जुलाई 25 से आषाढ़ शुक्ल एकादशी रविवार से कार्तिक शुक्ल एकादशी रविवार 02 नवंबर 25 तक हरिशयन काल का समय रहने से शहनाई नहीं बजेगी।

अगला शुभ व शुद्ध विवाह मुहूर्त 22 नवंबर 25 को है।

इस साल के शेष मुहूर्त :- मई में 28 

 जून - 02,04,07,08

नवंबर में 22,23,24,25,30 को मुहूर्त है।

दिसंबर माह में केवल दो मुहूर्त ही हैं।

04,05 दिसम्बर को

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