अतिक्रमण से मुक्त कराए 50 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र को पौधारोपण के लिए किया गया सुरक्षित
अतिक्रमण बेदखली के दौरान कच्चे एवं पक्के मकानों को किया गया जमीजोंद
मगरइ और पाली के ग्रामीणों के द्वारा किया गया था वर्षों पूर्व वन भूमि पर अतिक्रमण जिसके लिए लगा हुआ था विधानसभा प्रश्न और आश्वासन
Aapkedwar news –ajay kumar ahirwar
जतारा– जतारा रेंज अंतर्गत वन अमले के द्वारा पुलिस और प्रशासन के सहयोग से कर्मोरा परिक्षेत्र सहायक वृत की बीट मगरई नंबर 1 के कंपार्टमेंट नंबर पी-332 में वन क्षेत्र में अतिक्रमणकारियों द्वारा किए गए पुराने अतिक्रमण के विरुद्ध रेंजर जतारा शिशुपाल अहिरवार द्वारा टीम बनाकर एवम स्वम उपवन मंडल अधिकारी मनीषा बघाड़े के साथ मौके से रहकर वनक्षेत्र से अवैध अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही तीन से चार जेसीबी मशीन और चार से पांच ट्रैक्टर लगाकर की गई है । जिसमे वन भूमि पर वर्षो पुराने अवैध अतिक्रमण जिनको वर्षात होने पर अतिक्रमणकारियों द्वारा हर साल की तरह इस बार भी जुताई करके फसल बोने की योजना थी,उसको दल बल के साथ नष्ट करके गहरी खाई और बड़े गड्ढे खोदकर चारों तरफ से ट्रेंच खोदकर उस पर कटीली झंडियों का बीज बोकर बेदखल किया गया।
साथ ही अतिक्रमण से मुक्त कराए गए वन क्षेत्र को वर्षा ऋतु में पौधा रोपण किए जाने के लिए सुरक्षित किया गया।
उक्त अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही के तहत वर्षो से वनक्षेत्र के अन्दर बने पक्के एवं कच्चे मकानों को जेसीबी की सहायता से जमीजोद किया गया साथ ही कुछ मकान धारकों को दो दिन के अन्दर स्वयं से खाली कर ध्वस्त करने की सहमति मगरई गांव के अतिक्रमणकारियों के द्वारा दी जाकर वन सीमा को स्पष्ट करते हुए 2500 मीटर से अधिक की सीपीटी खाई खोदी जाकर वन सीमा निर्धारित की गई। उक्त अतिक्रमण के लिए विधानसभा प्रश्न और आश्वासन भी लगा हुआ था, जिसके परिपालन में बेदखली करके विधानसभा प्रश्न और आश्वासन की पूर्ति अतिक्रमण हटाकर की गई।
खबर लिखे जाने तक कार्यवाही जारी है जिसको लगातार चार से पांच दिन तक जारी रखा जाना बताया गया।
उक्त अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही वन संरक्षक वन वृत छतरपुर और वन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ एवं उपवन मंडल अधिकारी टीकमगढ़ के दिशा निर्देश के अनुक्रम में वन परिक्षेत्र अधिकारी जतारा शिशुपाल अहिरवार के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में की गई जिसमे वन विभाग जतारा का संपूर्ण वन अमला एवं खरगापुर पुलिस प्रशासन का महिला एवं पुरुष बल शामिल रहा।
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