मंगलवार, 8 जुलाई 2025

9 जुलाई भारत के लिए निर्णायक दिन होगा

दुनिया के लिए हो या न हो लेकिन भारत के लिए 9जुलाई 2025 का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि इसी तारीख को भारत और अमेरिका के बीच एक ट्रेड डील होना है और इसी तारीख को भारत के चुनाव आयोग के खिलाफ पटना में जन आंदोलन का श्रीगणेश भी होना है. इन दोनों घटनाओं का असर भारत की राजनीति और विदेशनीति पर पडने वाला है.

अब तक हम सब 9जुलाई का दिन   इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए जाना जाता है। इस दिन 1875 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना हुई थी, जो एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है. इसके अलावा, 1925 में भारतीय सिनेमा के महान अभिनेता और निर्देशक गुरु दत्त का जन्म हुआ था.9 जुलाई को ही 1938 में, अभिनेता संजीव कुमार का भी जन्म हुआ था, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को अपनी सशक्त अभिनय से समृद्ध किया. 

9जुलाई 1969 के दिन बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया  था.. इसी दिन 1816: अर्जेंटीना ने स्पेन से स्वतंत्रता हासिल की और इसी तारीख में 1951 में  भारत में पहली पंचवर्षीय योजना (1951-56) प्रकाशित की गई.इसी दिन 2011 में सूडान एक जनमत संग्रह के बाद अलग देश बन गया.

महत्वपूर्ण ये है कि 9 जुलाई को ही भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील भी होना है. इससे ठीक पहले अमेरिका ने ब्रिक्स देशों पर दबाव बढ़ाते हुए सोमवार को जापान और दक्षिण कोरिया नए टैरिफ का ऐलान कर दिया. ट्रंप ने इन दोनों देशों को पत्र लिखकर नए टैरिफ के बारे में बताया है. यह टैरिफ 1 अगस्‍त से इन देशों पर लागू किया जाएगा. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में कहा कि 1 अगस्त से दोनों देशों पर 25% टैरिफ लगेगा. इससे दोनों देशों से डील करने के लिए अधिक समय मिल जाएगा. 

लगभग एक जैसे दो पत्रों में ट्रंप ने कहा कि वह दोनों देशों के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यापार घाटे के बारे में बहुत चिंतित हैं, जिसका अर्थ है कि अमेरिका उन देशों से जितना माल खरीदता है, उससे कहीं अधिक अमेरिकी व्यवसाय उन देशों को निर्यात करते हैं.

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के इस नए ऐलान के बाद अमेरिकी बाजार में गिरावट देखने को मिली. अमेरिकी शेयर बाजार तेजी से गिरा. Dow Jones और S&P 500 में 1 फीसदी से ज्‍यादा गिरावट आई. Dow 1.13% या 505 अंक गिरकर 44,322.82 पर था, जबकि S&P 500 इंडेक्‍स 58 अंक या 0.95 फीसदी गिरकर 6243 अंक पर था. हालांकि धीरे-धीरे मार्केट में रिकवरी भी आ रही थी. अब भारत इस टैरिफ बार में जीतता है या हारता है, इसका पता लगना बाकी है. भारत के किसान और विपक्षी दल इस डील के खिलाफ हैं.

ये तो हुई एक बात. दूसरी बात ये है कि कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बुधवार को पटना दौरे पर रहेंगे, जहां वे नए श्रम संहिता और बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन ऑफ इलेक्टोरल रोल्स (विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण) के खिलाफ आयोजित 'चक्का जाम' आंदोलन में शामिल होंगे. इस आंदोलन की घोषणा सोमवार को आई एन डी आई ए गठबंधन के नेताओं ने की.  राजद के तेजस्वी यादव ने ऐलान किया कि वे 9 जुलाई को राहुल गांधी के साथ मिलकर चक्का जाम करेंगे. उन्होंने कहा, जिस तरह से बिहार के लोगों से वोटिंग का अधिकार छीना जा रहा है, उसी तरह जल्द ही उनके अन्य अधिकार भी छीन लिए जाएंगे, इसलिए हम सब मिलकर इसका विरोध करेंगे.

इन दोनों भावी घटनाओं को लेकर भारत के लोग सांस थामकर बैठे हैं. मोदी सरकार के लिए एक ओर डोनाल्ड ट्रंप साहब चुनौती हैं तो घरेलू मोर्चे पर राहुल गांधी. दोनों ने मिलकर हमारे विश्व विख्यात प्रधानमंत्री की नींद हराम कर रखी है.

@ राकेश अचल

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