शुक्रवार, 15 अगस्त 2025

15 अगस्त 2025,शुक्रवार का पंचांग

🌞सूर्योदय :-* 05:51 बजे  

*🟠सूर्यास्त :-* 18:59 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल 

*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु  

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष *सप्तमी तिथि* 23:49 बजे रात तक फिर अष्टमी  तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* अश्वनी नक्षत्र 07:35 बजे तक फिर भरणी नक्षत्र

    *योग* :- आज *गंड* है।

*करण*  :-आज *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक नहीं  है भद्रा 12:58 बजे तक   गंडमूल 07:35 बजे तक  है।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज                      पश्चिम  दिशा में है।

*🌚राहूकाल* :आज  10:47 बजे से 12:25

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11: 59बजे से 12:52 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा* : - भारतीय  स्वतंत्रता दिवस श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत स्मार्त  के लिए 

*मुहूर्त* : -  नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कर्क, चन्द्र - मेष, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

अब घर बैठे ही परामर्श प्राप्त करें: ज्योतिष,वास्तु , अंक ज्योतिष एवं जन्म कुंडली द्वारा शिक्षा, सर्विस,रोजगार,व्यापार, विवाह,मंगल,कालसर्प और  पितृ दोष शनि साढ़ेसाती मुहूर्त आदि जानकारी परामर्श समाधान

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 

(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )

विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।

मो .9425187186, 9302614644

गुरुवार, 14 अगस्त 2025

14 अगस्त 2025,गुरुवार का पंचांग

🌞सूर्योदय :-* 05:51 बजे  

*🟠सूर्यास्त :-* 19:00 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल 

*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु  

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष *षष्ठी तिथि* 26:07 बजे रात तक फिर सप्तमी  तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* रेवती नक्षत्र 09:05 बजे तक फिर अश्वनी नक्षत्र

    *योग* :- आज *शूल* है।

*करण*  :-आज *गर* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक 09:05, बजे तक है,भद्रा नहीं । गंडमूल है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज                      दक्षिण दिशा में है।

*🌚राहूकाल* :आज  14:04 बजे से 15:53

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11: 59बजे से 12:52 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा* : - हल षष्ठी,चन्द्र षष्ठी

*मुहूर्त* : - सगाई,दुकान/ऑफिस ,व्यापार,नाम करण, वाहन क्रय है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कर्क, चन्द्र - मीन, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

अब घर बैठे ही परामर्श प्राप्त करें: ज्योतिष,वास्तु , अंक ज्योतिष एवं जन्म कुंडली द्वारा शिक्षा, सर्विस,रोजगार,व्यापार, विवाह,मंगल,कालसर्प और  पितृ दोष शनि साढ़ेसाती मुहूर्त आदि जानकारी परामर्श समाधान

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 

(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )

विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।

मो .9425187186, 9302614644

बुधवार, 13 अगस्त 2025

श्री मद भागवत कथा: सुदामा चरित्र मानव जीवन में हर कठिनाई से मुक्त होने की प्रेरणा मिलती है- महंत अयोध्या दास

  रविकांत दुबे जिला प्रमुख 

ग्वालियर/भिण्ड 13 अगस्त :- चित्रकूट परशुराम धाम आश्रम के मार्गदर्शक एवं सन्त श्री श्री 108 सोमेश्वरदास जी महाराज द्वारा अपने जन्म स्थान ग्राम सीताराम की लावन,  तहसील गोरमी, जिला भिण्ड में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथा चित्रकूट धाम के महंत एवं कथा प्रवक्ता श्री अयोध्या दास जी के श्रीमुख से सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया। सुदामा जी जितेंद्रिय एवं भगवान कृष्ण के परम मित्र थे। भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते। गरीबी के बावजूद भी हमेशा भगवान के ध्यान में मग्न रहते। पत्नी सुशीला सुदामा जी से बार बार आग्रह करती कि आपके मित्र तो द्वारकाधीश है। उनसे जाकर मिलो शायद वह हमारी मदद कर दें। सुदामा पत्नी के कहने पर द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राम्हण आया है। कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौङकर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते ।

      भागवत आचार्य श्री अयोध्या दास जी ने कथा में बताया कि उनकी दीन दशा देखकर कृष्ण के आंखों से अश्रुओं की धारा प्रवाहित होने लगती है। सुदामा जी को सिंघासन पर बैठाकर कृष्ण जी सुदामा के चरण धोते हैं। सभी पटरानियां सुदामा जी से आशीर्वाद लेती हैं। सुदामा जी विदा लेकर अपने स्थान लौटते हैं तो भगवान कृष्ण की कृपा से अपने यहां महल बना पाते हैं लेकिन सुदामा जी अपनी फूंस की बनी कुटिया में रहकर भगवान का सुमिरन करते हैं। इस लिए कहा गया है कि जब जब भक्तों पर विपदा आई है प्रभु उनका तारण करने जरुर आए हैं। अगले प्रसंग में शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई, जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। तक्षक नाग आता है और राजा परीक्षित को डस लेता है। राजा परीक्षित कथा श्रवण करने के कारण भगवान के परमधाम को पहुंचते है। रविवार को हवन,कलश विसर्जन एवं भंडारे के साथ कथा सम्पन्न हो जाएगा। भागवत कथा की पोती पूजन कथा परीक्षित श्रीमती सरोजदेवी, बालकृष्ण उपाध्याय, महन्त श्री श्री 1008 सोमेश्वर दास जी महाराज, ने कर कथा प्रारम्भ की ।

        आज भागवत कथा के अंतिम दिवस पर आरती एवं पूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अशोक जैन, भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा ग्वालियर के मीडिया प्रभारी पंकज पाठक, यमुना प्रसाद श्रीवास्तव (पटवारी), श्री धर्मवीर सिंह गुर्जर, (गिरगांव), गंभीर सिंह गुर्जर (नूराबाद) ने उतारी एवं  कथा व्यास अयोध्या दास जी,संत श्री सोमेश्वर दास जी महाराज का पुष्प माला पहनाकर स्वागत कर से आशीर्वाद प्राप्त किया ।

   भागवत कथा की व्यवस्थाओं में अपना सक्रिय सहयोग करने वाले मे सर्व श्री दर्शन लाल माता दिन मातादीन रामसेवक भागीरथ प्रसाद नाथूराम जगदीश प्रसाद मुरारी लाल उपाध्याय रामदुलारे नागेंद्र उपाध्याय ओंकार उपाध्याय कमल किशोर उमेश कुमार हरीश उपाध्याय रामकिशोर उपाध्याय अनिल उपाध्याय सुनील उपाध्याय धर्मेंद्र कुमार सतीश कुमार दिनेश कुमार अभिषेक उपाध्याय दीपक कुमार पंकज कुमार मनीष कुमार आलोक उपाध्याय अंकित कुमार गिरिराज कुमार पार्थ उपाध्याय स्वैलो उपाध्याय हंस कुमार एवं समस्त उपाध्याय परिवार ने सक्रिय भागीदारी निभाई ।

13 अगस्त 2025,बुधवार का पंचांग

*🌞सूर्योदय :-* 05:50 बजे  

*🟠सूर्यास्त :-* 19:01 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल 

*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु  

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष *चतुर्थी तिथि* 06:35 बजे प्रातः  तक फिर पंचमी तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* उत्तराभाद्रपद नक्षत्र 10:31 बजे तक फिर रेवती

    *योग* :- आज *धृति* है।

*करण*  :-आज *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक है,भद्रा नहीं । गंडमूल 10:32 से  है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज                       उत्तर दिशा में है।

*🌚राहूकाल* :आज  12:26 बजे से 14:45

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11: 59बजे से 12:52 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा* : - कोई नही 

*मुहूर्त* : - सगाई,दुकान/ऑफिस ,व्यापार,नाम करण, वाहन क्रय है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कर्क, चन्द्र - मीन, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

अब घर बैठे ही परामर्श प्राप्त करें: ज्योतिष,वास्तु , अंक ज्योतिष एवं जन्म कुंडली द्वारा शिक्षा, सर्विस,रोजगार,व्यापार, विवाह,मंगल,कालसर्प और  पितृ दोष शनि साढ़ेसाती मुहूर्त आदि जानकारी परामर्श समाधान

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 

(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )

विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।

मो .9425187186, 9302614644

आखिर बच गया तिरंगा एक रंगी राजनीति से

 

देश में पिछले एक दशक से ' एक ' को लेकर जबरदस्त कोशिशें हो रही हैं, एक को अंग्रेजी में ' वन 'कहते हैं. यानि वन नेशन, वन इलेक्शन, वन कांस्टीट्यूशन,. हिंदी में एक निशान, एक विधान. आजकल एक नया नारा है वन मैन, वन वोट. गनीमत ये है कि वन कलर फ्लैग का नारा लगाने की हिम्मत किसी की नहीं हुई. उनकी भी जिन्होंने आजादी के पांच दशक बाद तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया था.

 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर चूंकि आज भी घर -घर तिरंगा पहुंचाने की मुहिम चल रही है इसलिए मै आश्वसत हूँ कि भले ही हमारा संविधान खतरे में हो, संसद का सम्मान खतरे में हो, मतदान खतरे में हो लेकिन हमारा तिरंगा निशान खतरे में नहीं है. राष्ट्र ध्वज को लेकर हमारी बेफिक्री तभी तक है जब तक भारत धर्मनिरपेक्ष, और समाजवादी संकल्प से जुडा है. जिस दिन भी ये देश पाकिस्तान की तरह एक धर्म का हो जाएगा, उसी दिन हमारा तिरंगा भी एक रंग के झंडे में बदल जाएगा.

भारत के तिरंगे की कहानी भी भारत के संविधान की तरह रोचक है. आज हर राजनीतिक दल जिस तिरंगे को घर- घर पहुंचाने का अभियान चलाता है, तिरंगा यात्राएं निकालता है, उसकी रचना एक दिन की नहीं है. तिरंगे की कहानी स्वतंत्रता संग्राम, राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक विरासत से गहराई से जुड़ी है। तिरंगा, जिसे भारत का राष्ट्रीय ध्वज कहा जाता है, न केवल एक प्रतीक है, बल्कि देश की आजादी, बलिदान और आकांक्षाओं का जीवंत चित्रण है। 

विजयी विश्व तिरंगे  को  अपने वर्तमान स्वरूप में आने से पहले कई बदलावों से गुजरना पडा.19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में, जब स्वतंत्रता आंदोलन जोर पकड़ रहा था,. तब हमारे पास तिरंगा नहीं था. सबका अपना अपना डंडा और अपना अपना झंडा था.विभिन्न ध्वजों का उपयोग किया गया, जो क्षेत्रीय और सांस्कृतिक भावनाओं को दर्शाते थे.

अगर आप इतिहास के पन्ने पलटें तो जान पाएंगे कि स्वदेशी आंदोलन के दौरान, 7 अगस्त 1906 को कोलकाता के पारसी बागान में पहला "राष्ट्रीय ध्वज" फहराया गया। इसे सखाराम गणेश देउस्कर और अन्य नेताओं ने प्रस्तावित किया। इस ध्वज में हालांकि तीन रंग थे, लेकिन वे दूसरे रंग थे.सबसे ऊपर लाल  पट्टी थी जिसे जिसमें सूर्य और चंद्रमा के प्रतीक माना गया था.

मध्य पट्टी पीले रंग की थी जिसमें "वंदे मातरम्" लिखा था।और सबसे नीचे 

हरा रंग था जिसमें कमल के फूल थे।

यह ध्वज स्वदेशी भावना और भारतीय एकता का प्रतीक था।लेकिन साल भर बाद ही 1907 में, मैडम भीकाजी कामा ने जर्मनी के स्टटगार्ट में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन में एक और ध्वज फहराया। यह ध्वज भी तीन रंगों (लाल, पीला, हरा) का था, जिसमें "वंदे मातरम्" लिखा था और सूर्य, चंद्रमा जैसे प्रतीक थे। इसे "बर्लिन कमेटी ध्वज" भी कहा जाता है। यह भारत की स्वतंत्रता की मांग को वैश्विक मंच पर ले जाने का प्रतीक था।

कोई एक दशक तक यही तिरंगा चला किंतु 1917 में होम रूल आंदोलन के समय एनी बेसेंट और बाल गंगाधर तिलक ने होम रूल आंदोलन के दौरान एक नया ध्वज प्रस्तावित किया। इसमें पांच लाल और चार हरी क्षैतिज पट्टियाँ थीं।

सात तारे सप्तऋषि के प्रतीक के रूप में थे।ऊपरी बाएँ कोने में यूनियन जैक  का प्रतीक था, जो स्वायत्तता की मांग को दर्शाता था।दाहिनी ओर अर्धचंद्र और तारा था।यह ध्वज स्वायत्त शासन की मांग का प्रतीक था।

भारत का ध्वज कोई चार साल बाद फिर  बदला.1921 में, महात्मा गांधी ने एक साधारण ध्वज का सुझाव दिया, जो राष्ट्रीय एकता को दर्शाए। पिंगली वेंकैया, एक स्वतंत्रता सेनानी और डिज़ाइनर, ने इस विचार को मूर्त रूप दिया। इस ध्वज में लाल रंग हिंदुओं का प्रतीक बना.हरा मुस्लिम समुदाय का और सफेद अन्य समुदायों का प्रतीक बनाया गया.इसमें एक चरखा था, जो स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था। यह ध्वज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सत्रों में लोकप्रिय हुआ।

आधुनिक तिरंगे की नींव1931 में रखी गई.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक नए ध्वज को अपनाया, जो वर्तमान तिरंगे का आधार बना। पिंगली वेंकैया ने ही इस ध्वज को डिज़ाइन किया, जिसमें सबसे ऊपर केसरिया पट्टी, को बलिदान और साहस का प्रतीक बनाया गया. मध्य पट्टी सफेद रखी गई जो शांति और सत्य का प्रतीक थी।और सबसे नीचे हरी पट्टी, जो समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक थी।

केंद्र में नीला चरखा रखा गया जो स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को दर्शाता था।

यह ध्वज राष्ट्रीय आंदोलन का प्रतीक बन गया और स्वतंत्रता संग्राम में व्यापक रूप से इस्तेमाल हुआ.

आपको बता दूं कि 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के समय, वर्तमान तिरंगे को आधिकारिक रूप से राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया हालांकि इसमें कुछ बदलाव किए गए और चरखे की जगह अशोक चक्र को शामिल किया गया, जो सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया था। यह नीला चक्र धर्म, प्रगति और गतिशीलता का प्रतीक है।रंगों का अर्थ सामुदायिक एकता से हटकर अधिक समावेशी और व्यापक बनाया गया.केसरिया रंग साहस और बलिदान का सफेद शांति और सत्य का तथा हरा रंग समृद्धि और विश्वासका प्रतीक बना.अशोक चक्र धर्म और प्रगति का प्रतीक बना. इस तरह हमारा तिरंगा न हिंदू बना और न मुसलमान. तिरंगे के लिए एक ध्वज संहिता भी बनाई गई जिसे 2002 में, भारत सरकार ने संशोधित किया, जिसके तहत आम नागरिक अब तिरंगे को सम्मान के साथ किसी भी दिन फहरा सकते हैं।


वर्ष 2022 में, भारत सरकार ने ' हर घर तिरंगा '  अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता के 75वें वर्ष  पर प्रत्येक भारतीय को तिरंगे के प्रति गर्व और सम्मान की भावना को बढ़ावा देना था। इस अभियान ने तिरंगे को जन-जन तक पहुँचाया। गया लेकिन बाद में सत्तारूढ दल ने इसका राजनीतिक इस्तेमाल शुरू कर दिया. इन दिनों भी आपरेशन सिंदूर के बाद घर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है

बचपन में हमारी पीढी के लोग प्रभात फेरियां निकादते थे और "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा" गीत गाया करते थे. इस गीत के लेखक श्यामलाल गुप्त 'पार्षद' थे. यह गीत 1924 में लिखा गया था और इसे भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान में गाया जाता है।भाजपा और संघ जिस केसरिया ध्वज को लालकिले की प्राचर से फहराने का सपना देख रही थी वो अब संघ की शाखाओं तक सिमिट कर रह गया है.

@ राकेश अचल

मंगलवार, 12 अगस्त 2025

भाषा अध्ययन केंद्र जीवाजी विश्वविद्यालय में संस्कृत दिवस पर एकदिवसीय कार्यक्रम आयोजित

 रविकांत दुबे जिला प्रमुख 

 ग्वालियर । जीवाजी विश्वविद्यालय भाषा अध्ययन केंद्र में संस्कृत विभाग द्वारा आज संस्कृत दिवस का आयोजन  मंगलवार को मध्यान्ह 12:00 बजे  सेमिनार हाल में सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में भाषा अध्ययनशाला के समन्वयक प्रोफेसर नवनीत गरुड़  की विशेष उपस्थिति रही।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रों के साथ हुआ, छात्र निशांत और छात्रा शताक्षी राय, सरस्वती ने मां सरस्वती का पूजन गीत प्रस्तुति कर आरम्भ किया।अतिथियों का स्वागत सम्मान शाल, श्रीफल, दुर्गा सप्तशती भेंटकर डॉ ज्योत्स्ना सिंह ने किया । 

संस्कृत दिवस पर व्याख्यान के लिए मुख्य वक्ता के रूप में एमएलबी कॉलेज के डॉ अशोक विश्नोई द्वारा सारगर्भित उद्वोधन प्रस्तुत किया गया। छात्रों का ध्यान खींचते हुए कहा कि वर्तमान समय में संस्कृत की उपयोगिता महत्व और रोजगार के अवसर कैसे प्राप्त करें साथ ही संस्कृत केवल भाषा न होकर, सम्पूर्ण भारतीय संस्कृति की जीवनशक्ति है। विद्यालय स्तर से लेकर के विश्वविद्यालय तक संस्कृत के विभिन्न अवसर सरकार द्वारा प्रदान किए जाते हैं इतना ही नहीं संस्कृत छात्रों को छात्रवृत्तियां भी प्रदान की जाती हैं। 

विज्ञान में उपयोगी तार्किक ढाँचे प्रदान करती है। इसी संदर्भ में अन्य वक्ता के रूप में केंद्रीय संस्कृत संस्थान जयपुर राजस्थान से राम तिवारी ने संस्कृत भाषा की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता” विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि संस्कृत में निहित ज्ञान-विज्ञान, दर्शन और साहित्य आज भी विश्व को दिशा निर्देशन कर रहे हैं। 

अध्यक्षीय उद्बोधन में भाषा अध्ययन केंद्र के संयोजक डॉक्टर नवनीत गरुड़ ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा है कि भविष्य में भी इस तरह के आयोजन विभाग में होते रहें जिससे कि छात्रों में संस्कृत के प्रति रुझान और लगाव पैदा हो और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर राष्ट्र के विकास में सहयोग प्रदान करें। गीत प्रस्तुति हिना आसिफ के द्वारा की गयी।कार्यक्रम का संचालन अतुल दीक्षित ने किया।  कार्यक्रम में छात्रों द्वारा संस्कृत श्लोक-पाठ प्रस्तुत किए गए, जिससे वातावरण पूरी तरह संस्कृत-भाव से ओत-प्रोत हो उठा। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ज्योत्सना सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित में डॉक्टर वंदना कुशवाह, डॉ मंजू चौहान डॉ धर्मेंद्र शर्मा, डॉ मंजू लता आर्य, डॉक्टर रीना पाठक, डॉ पूजा वर्मा, शुभांगी धीरू बढ़ाना, शिवानी, शालिनी सतीश ,निखिल निशांत, अरेन्द्र यादव, योगेश कुमार, ज्योति पाठक वेदवीर ,सूरज सहित कार्यक्रम में प्राध्यापकगण, शोधार्थी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

सडक पर संसद, संसद में सडक, सरकार मौन

 
दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र मे ही ये संभव है कि जब आधी संसद सडक पर हो और सरकार हंगामें के बीच आधा दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराकर अपनी पीठ खुद ठोंक ले. भारत की संसद में ये पहली बार नहीं हुआ बल्कि बार बार हो रहा है. वोट चोरी के मुद्दे पर जब समूचा विपक्ष सडक पर और बाद में पुलिस हिरासत में था तब सरकार ने 8 विधेयक पारित करा लिए.

संसद के दोनों सदनों में सोमवार को विपक्षी सांसद लगातार हंगामा करते रहे. जिससे सदन की कार्यवाही लगातार प्रभावित होती रही. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संसद की कार्यवाही में बार-बार हो रहे व्यवधान के लिए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “सरकार अब लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी, जिसके बाद संसद में आठ विधेयक पारित किए गए.”

लोकसभा  में राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, आयकर (संख्यांक 2) विधेयक और कराधान विधि (संशोधन) विधेयक.और राज्यसभा ने गोवा राज्य, सभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व का पुन: समायोजन विधेयक, वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक को पारित कर दिया तथा मणिपुर विनियोग विधेयक और मणिपुर माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक को वापस कर दिया, जो पहले ही लोकसभा द्वारा पारित किए जा चुके हैं.

लगातार ऐकला चलो वाली सरकार के संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने संकेत दिए हैं कि संसद 21अगस्त से पहले अवसान की जा सकती है क्योंकि अब संसद के सामने कोई विधाई कार्य लंबित नहीं है.किरेन का आरोप है कि विपक्ष संसद की कार्यवाही चलने देने में दिलचस्पी नहीं रखता. विपक्ष को केवल खबरों के प्रबंधन में रुचि है. उन्हें लोकतांत्रिक संस्थाओं में भरोसा नहीं है.’’

विपक्ष को ठेंगा दिखाते हुए किरेन ने कहा, ‘‘हम हर दिन एक मुद्दे पर देश और संसद का समय बर्बाद नहीं होने देंगे. इसलिए, हम महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराएंगे.’’उन्होंने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा के लिए उत्सुक है, लेकिन विपक्ष द्वारा बार-बार व्यवधान के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित हो रही है. रीजीजू ने कहा कि विपक्षी सदस्य जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने में रुचि नहीं रखते हैं और हर दिन केवल एक मुद्दे पर विरोध करने के लिए उत्सुक रहते हैं.

आप देख रहे हैं कि संसद में अब तक का अधिकतर समय हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस दौरान दो दिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा हुई. विपक्षी दल के सांसद भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर भी सरकार को घेरा और जोरदार हंगामा किया. विपक्षी दल इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

भारतीय संसद का ये पहला ऐसा मानसून सत्र है जिसके पहले ही दिन राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. धनकड़ तभी से लापता हैं. आशंका जताई जा रही है कि उन्हें नजरबंद कर लिया गया है. किसी भी सत्र में ये भी पहली बार हुआ जब समूचे विपक्ष ने संसद में सुनवाई न होने पर सडक का रास्ता चुना, गिरफ्तारी दी और अब विपक्ष सरकार के खिलाफ निर्णायक लडाई पर आमादा है. देश ने पहली बार गांधी परिवार के दो सदस्यों राहुल गांधी और उनकी अनुजा प्रियंका वाड्रा को गिरफ्तारी देते देखा. विरोध की ये आंधी तूफान बनेगी या नहीं कहना कठिन है. किंतु इतना तो कहा ही जा सकता है कि अब भारतीय लोकतंत्र सडक पर है.

@ राकेश अचल

12 अगस्त 2025,मंगलवार का पंचांग

*🌞सूर्योदय :-* 05:49 बजे  

*🟠सूर्यास्त :-* 19:01 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल 

*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु  

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष *तृतीया तिथि* 08:40:33 बजे  तक फिर चतुर्थी तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र 11:51 बजे तक फिर उत्तराभाद्रपद

    *योग* :- आज *सुकर्मा* है।

*करण*  :-आज *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक है,भद्रा 08:41 बजे  तक गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज                       उत्तर दिशा में है।

*🌚राहूकाल* :आज  15:44 बजे से 17:23

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11: 59बजे से 12:52 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा* : - कजली तीज

*मुहूर्त* : - नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कर्क, चन्द्र - मीन, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

अब घर बैठे ही परामर्श प्राप्त करें: ज्योतिष,वास्तु , अंक ज्योतिष एवं जन्म कुंडली द्वारा शिक्षा, सर्विस,रोजगार,व्यापार, विवाह,मंगल,कालसर्प और  पितृ दोष शनि साढ़ेसाती मुहूर्त आदि जानकारी परामर्श समाधान

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 

(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )

विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।

मो .9425187186, 9302614644

सोमवार, 11 अगस्त 2025

पद्म भूषण राम बहादुर राय ने किया 'बेटे से बतरस' का विमोचन

ग्वालियर. प्रदेश के वरिष्ठ लेखक, पत्रकार और साहित्यकार राकेश अचल के नवीन कविता संग्रह 'बेटे से बतरस' का लोकार्पण सोमवार को आईटीएम के राममनोहर लोहिया सभागार में वरिष्ठ लेखक, पत्रकार और इंदिरा गांधी कला केंद्र दिल्ली के प्रमुख पद्म भूषण श्री राम बहादुर राय और आईटीएम यूनिवर्सिटी के संस्थापक चेयरमेन श्री रमाशंकर सिंह ने इमरजेंसी का सच परिसंवाद में किया.

 बीएफसी पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित इस कविता संग्रह का मूल्य मात्र 174 ₹ है. पुस्तक का ककिंडल संस्करण मात्र  54 ₹में उपलब्ध है. श्री राय और श्री रमाशंकर सिंह ने इस अवसर पर राकेश अचल को अपनी शुभकामनायें दीं.इस अवसर पर नगर के प्रमुख गणमान्य नागरिक बडी संख्या में उपस्थित थे.

उल्लेखनीय है कि इसी माह राकेश अचल लेखों का संग्रह '  समय की सनद 'भी विचार प्रकाशन से आया है. दोनों ही पुस्तकों का पाठकों से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है.बेटे से बतरस का किंडल संस्करण पाने के लिए लिंक -

https://books.google.co.in/books/about?id=K-J1EQAAQBAJ&redir_esc=y

जब लोग मतदान से कन्नी काटने लगेंगे

 

भारत में पिछले कुछ दिनों से केंद्रीय चुनाव आयोग अविश्वसनीय हुआ है और जिस तरीके से आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान के नाम पर कतर व्योंत शुरु की है उसे देखते हुए वो दिन दूर नहीं जब आम भारतीय मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के साथ ही मतदान से भी कन्नी काटने लगेगा. 

भारत में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 99.1 करोड़ है,  यह संख्या 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 96.88 करोड़ से बढ़ी है। इस समय देश में वोट चोरी को लेकर कांग्रेस ने एक राष्ट्रवयापी अभियान छेडा हुआ है. कांग्रेस ने कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र महादेवपुरा में वोट चोरी के आंकडे देकर आम मतदाता के मन में ये आशंका पैदा कर दी है कि कहीं उसका वोट भी तो चोरी नहीं हो गया.?

 चुनाव आयोग की विश्वसनीयता बहाल करने के साथ उसे बढाने के लिए 1990 में जो प्रयास तत्कालीन मुख्य चुनाव टीएन शेषन ने किए थे  उन्हे आज मिट्टी में मिला दिया गया है. चुनाव आयोग को लोग भाजपा की बी टीम कह उठे हैं. केंचुआ मतदाता के मताधिकार की सुरक्षा की गारंटी देने में नाकाम साबित हुआ है. चुनाव में वोट चोरी के साथ ही मनी पावर, मसल पावर और मशीन पावर का इस्तेमाल इस अविश्वसनीयता की असल जड है.

बिहार के सघन मतदाता पुनरीक्षण अभियान का विवाद अभी देश की सबसे बडी अदालत में विचाराधीन है.  चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि ऐसा जरूरी नहीं है कि वह उन मतदाताओं के नाम की लिस्ट भी प्रकाशित करे जिनके नाम बिहार की वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट रोल में शामिल नहीं हैं। 

चुनाव आयोग ने यह बात एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स  की याचिका के जवाब में कही है। एडीआर ने अपनी याचिका में कहा था कि उन 65 लाख मतदाताओं के नाम और बाकी जानकारियों को सार्वजनिक किया जाए, जिनके नाम 1 अगस्त को प्रकाशित किए गए ड्राफ्ट में नहीं थे।

आप जानते ही हैं कि बिहार में विशेष सघन पुनरीक्षण  (SIR) के खिलाफ विपक्ष लगातार आवाज बुलंद कर रहा है। इस अभियान के पहले चरण के बाद यह बात सामने आई थी कि राज्य के करीब 8 फीसदी मतदाता यानी 65 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं हो पाए हैं.

इसके बाद सवाल उठा था कि क्या इन 65 लाख लोगों को चुनाव में वोट डालने का मौका नहीं मिलेगा?लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित तमाम विपक्षी नेता बिहार से लेकर दिल्ली तक एस आई आर का विरोध कर रहे हैं। बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं।

एडीआर ने 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मांग की थी कि इन 65 लाख लोगों के न सिर्फ नाम बताए जाएं, बल्कि नाम क्यों काटा गया, इसकी वजह भी बताएं। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे जितने मतगणना फार्म मिले, उनके आधार पर ही वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित किया गया है और इस चरण में कोई जांच नहीं की गई है।

यदि एडीआर और विपक्ष वोट चोरी का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट में हार जाता है तो एसडीआर पूरे देश में लागू किया जा सकता है. सरकार केंचुआ के कंधे पर बंदूक रखकर देश की मतदाता सूची में से गैर भारतीयों की छंटनी करना चाहती है, हालांकि केंचुआ एसडीआर का अलग उद्देश्य बताती है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंचुआ के एसडीआर के बचाव में नेहरू जी की आड ली है और दावा किया है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सबसे पहले एसडीआर का इस्तेमाल किया था.

@राकेश अचल

11 अगस्त 2025,सोमवार का पंचांग

  आप का दिन मंगलमय हो 🙏🏻

*🌞सूर्योदय :-* 05:49 बजे  

*🟠सूर्यास्त :-* 19:02 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल 

*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु  

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष *द्वितीया तिथि* 10:33 बजे  तक फिर तृतीया तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* शतभिषा नक्षत्र 12:59 बजे तक फिर पूर्वाभाद्रपद

    *योग* :- आज *अतिगंड* है।

*करण*  :-आज *गर* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक है,भद्रा 21:39 बजे  तक गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज                        पूर्व दिशा में है।

*🌚राहूकाल* :आज  07:29 बजे से 09:08

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:00 बजे से 12:54 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा* : - 

*मुहूर्त* : - सगाई,नामकरण, वाहन ,  है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कर्क, चन्द्र - कुंभ, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

अब घर बैठे ही परामर्श प्राप्त करें: ज्योतिष,वास्तु , अंक ज्योतिष एवं जन्म कुंडली द्वारा शिक्षा, सर्विस,रोजगार,व्यापार, विवाह,मंगल,कालसर्प और  पितृ दोष शनि साढ़ेसाती मुहूर्त आदि जानकारी परामर्श समाधान

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 

(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )

विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।

मो .9425187186, 9302614644

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4 सितम्बर 2025, गुरुवार का पंचांग

*🌞सूर्योदय :-* 06:01 बजे   *🟠सूर्यास्त :-* 18:37 बजे  श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947*  *श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551*  *सूर्य*:- -सूर...