कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के खून की बिक्री की जा रही है. कोरोना के इलाज और वैक्सीन के नाम पर मरीजों के खून को डार्कनेट पर बेचा जा रहा है. ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (ANU) की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है.डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिंदगी भर के लिए कोरोना से इम्यून बनाने के दावे के साथ कोरोना मरीजों के ब्लड को लाखों रुपये में बेचा जा रहा है. एक लीटर ब्लड का दाम 10 लाख रुपये तक रखा गया है.ब्लड के साथ अवैध रूप से पीपीई, मास्क, टेस्ट किट सहित अन्य सामान भी ऊंचे दाम पर बेचे जा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया की नेशनल यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 12 अलग-अलग डार्कनेट मार्केट पर ये सामान बेचे जा रहे हैं.कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के प्लाज्मा के जरिए अन्य मरीजों के इलाज से जुड़ी कुछ रिपोर्टें सामने आई हैं. लेकिन प्लाज्मा थेरेपी के खतरे भी हैं और इससे लोगों की जान भी जा सकती है. फिलहाल डॉक्टर प्रयोग के तौर पर कुछ खास परिस्थिति में ही इस थेरेपी को आजमा रहे हैं
Featured Post
दिग्विजय सिंह का झूठ भी सच और सच भी झूठ है
मप्र के पू्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उर्फ़ दिग्गी राजा को सुर्खियों में रहना खूब आता है. इन दिनों जब कांग्रेस हाईकमान मप्र में नये सिरे स...

-
वोट चोरी के मुद्दे पर देश का बिखरा विपक्ष पहली बार इतनी मजबूत से प्रकट हुआ है कि सत्ता के होश फाख्ता हो गए हैं. पिछले 11 साल में विपक्ष वोट ...
-
भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को पानी पी पीकर भले ही कोसते हों लेकिन संकट की हर घडी में...
-
भारत में सबसे कम 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बने राजीव गांधी यदि जीवित होते तो आज वे 81 साल के हो जाते, लेकिन राजीव गांधी नान वायलोजीकल...
-
सुरक्षा में सहयोग और वन वर्धनिक कार्यों में ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाने के लिए जगह जगह चलाई जाएगी सामूहिक भोजन की मुहिम सामूहिक भोजन से स्ट...
-
*🌞सूर्योदय :-* 05:56 बजे *🟠सूर्यास्त :-* 18:51 बजे श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* *श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* *सूर्य*:- -सूर...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें