मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित सभी 9 उम्मीदवारों का निर्विरोध चुने जाने जाने का रास्ता साफ हो गया है. इस तरह से चुनाव आयोग शाम तक निर्विरोध निर्वाचित होने वाले प्रत्याशियों को सर्टिफिकेट दे सकती है. इसी के साथ सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर छाया संवैधानिक संकट टल गया है.
बता दें महाराष्ट्र की 9 विधान परिषद सीटों के लिए 14 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार शहबाज राठौर का नामांकन रद्द हो गया था. इसके अलावा 4 उम्मीदवारों ने मंगलवार को ही अपने नाम वापस ले लिए हैं. इस तरह से 9 सीटों के लिए सिर्फ 9 उम्मीदवार ही बचे हैं, जिसके चलते सभी का निर्विरोध चुना जाना तय है
विधान परिषद के लिए बीजेपी की और से चार अधिकृत और दो अतिरिक्त उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. हालांकि बीजेपी ने आखिरी वक्त में एक अधिकृत उम्मीदवार को बदल दिया है. बीजेपी ने पहले अजीत गोपचडे को पहले उम्मीदवार बनाया था, लेकिन मंगलवार को उन्होंने नाम वापस ले लिया है. अजीत गोपचडे की जगह सोमवार को अतिरिक्त प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले बीजेपी नेता रमेश कराड को पार्टी ने अपना अधिकृत उम्मीदवार बना दिया.
बीजेपी के अतिरिक्त दूसरे कैंडिडेट संदीप लेले अपना नाम वापस ले चुके हैं. इस तरह से बीजेपी से रणजीत सिंह मोहिते पाटील, गोपीचंद पडलकर, नागपुर प्रवीण दटके और रमेश कराड कैंडिडेट बचे हुए हैं, जिनका निर्विरोध चुना तय है.
शिवसेना की तरफ से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और नीलम गोर्हे चुनाव विधान परिषद के लिए चुनाव लड़ रही हैं तो कांग्रेस से राजेश राठौर उम्मीदवार हैं. इन सभी के निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता अब साफ है. गुरुवार को चुनाव आयोग सभी के निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा कर सकता है. विधान परिषद की 9 सीटों के लिए निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ होने से उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री रहने पर मंडरा रहा संकट टल गया है.
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