रविवार, 3 मई 2020

विदेश वालों की फ्री घर वापसी, मजदूरों से किराया, कहां गया पीएम केयर्स?

लॉकडाउन के चलते लाखों प्रवासी मजदूर अलग-अलग राज्यों में फंसे हैं. इन प्रवासी मजूदरों की घर वापसी के लिए गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन तो जारी कर दी है, लेकिन इनको भेजने के एवज में राज्यों से किराया लेने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है.


इस मसले को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है. उमर ने ट्वीट करके कहा है कि अगर आप कोरोना संकट में विदेश में फंसे हुए हैं तो सरकार आपको मुफ्त वापस लेकर आएगी, लेकिन किसी राज्य में कोई प्रवासी मजदूर फंसा है तो उसे सोशल डिस्टेंसिंग कॉस्ट के साथ पूरा खर्च उठाना होगा. अगर ऐसा है तो पीएम केयर्स फंड कहां गया?


मजदूरों से किराए के मामले पर समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने भी रविवार को केंद्र सरकार को घेरा था. अखिलेश ने ट्वीट करके कहा था कि ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मजदूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की खबर बेहद शर्मनाक है. आज साफ हो गया है कि पूंजीपतियों का अरबों माफ करने वाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के खिलाफ


बेहतर रोजी के लिए लोग बाहर जाते हैं. इस संकट की घड़ी में उनके आने के लिए हमने केंद्र से ट्रेन के लिए बात की थी. कोटा में फंसे राज्य के छात्र बस से आए. उन्हें दो दिन का वक्त लगा और कठिनाई हुई. इसलिए हमने ट्रेन चलाने की अपील की थी. ट्रेन भारत सरकार की है और मजूदरों को लाने के लिए राज्य सरकार से केंद्र पैसा ले, ये गलत है



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