गुरुवार, 11 नवंबर 2021

कल शुक्रवार को होगी आंवला बृक्ष की पूजा

आंवला नवमी कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी में विख्यात है।ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस दिन आँवले के वृक्ष की पूजा प्रातः स्नान के बाद वृक्ष के नीचे बैठकर पूर्व दिशा  की तरफ मुख करके पूजा की जाती है और आंवला वृक्ष की जड़ में दूध डालकर चारो तरफ कच्चा सूत लपेट कर दीपक व  कपूर से आरती की जाती है।पश्चात दान देकर ब्राह्मण भोजन कराकर फिर भोजन ग्रहण करना चाहिए।ऐसा करने से नोकरी, रोजगार से धन वृद्धि होकर घर मे सुख, शांति बढ़ती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured Post

सर्वार्थ सिद्धि एवं ध्रुव योग में गुप्त नवरात्र प्रारंभ डोली में बैठकर आएंगी माता रानी

  नवरात्रि एक साल में चार बार आती है।इनमें से दो नवरात्रि प्रकट रूप में होती है । एक  चैत्र माह में बसंत नवरात्र चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत...