आंवला नवमी कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी में विख्यात है।ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस दिन आँवले के वृक्ष की पूजा प्रातः स्नान के बाद वृक्ष के नीचे बैठकर पूर्व दिशा की तरफ मुख करके पूजा की जाती है और आंवला वृक्ष की जड़ में दूध डालकर चारो तरफ कच्चा सूत लपेट कर दीपक व कपूर से आरती की जाती है।पश्चात दान देकर ब्राह्मण भोजन कराकर फिर भोजन ग्रहण करना चाहिए।ऐसा करने से नोकरी, रोजगार से धन वृद्धि होकर घर मे सुख, शांति बढ़ती है।
Featured Post
आदिम जाति कल्याण विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप , जांच की मांग
ग्वालियर । ग्वालियर के आदिमजाति कल्याण विभाग में अधिकारियों द्वारा खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है शासन प्रशासन पता नहीं क्यों मौन है ।...
-
आरक्षित वर्ग विरोधी प्रशासन में बैठे अधिकारी एक पक्षीय कार्यवाही कर रहे हैं ग्वालियर 26 अप्रैल । मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग के...
-
ग्वालियर 26 अप्रैल । विभिन्न समस्याओं को लेकर आज ग्वालियर आगमन पर ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री को वर्ष 2016 में मध्य प्रदेश शास...
-
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विकास परिषद नई दिल्ली के इंजी. राहुल अहिरवार, प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी मध्य प्रदेश द्वारा जारी मीडिया रिपो...
-
Aapkedwar news–अजय अहिरवार टीकमगढ़ –पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा नाबालिग बालिका/बालक की दस्तयाबी हेतु “विशेष अभियान...
-
फाइल फोटो 14 अप्रैल के आपके द्वार न्यूज चैनल में ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने नव संवत्सर और वैशाख माह के साथ खप्पर योग...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें