पितृ पक्ष की शुरुवात चंद्रग्रहण से हुई समाप्ति सूर्यग्रहण के साथ होगी।अब आश्वनि कृष्ण पितृअमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण है ।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि 02 अक्टूबर को कंकणआकृति सूर्यग्रहण पृथ्वी के भू भाग पर कन्या राशि में पेसिफिक,दक्षिण अमेरिका के दक्षिण भाग में दक्षिण अर्जेंटीना,दक्षिण चिली आदि स्थानों पर कंकण आकृति सूर्य ग्रहण दिखाई देगा ।
भारतीय समय अनुसार ग्रहण का स्पर्श रात्रि 09:13 बजे पर ,मध्य रात्रि 12:15 बजे मोक्ष रात्रि 03:17 बजे पर होगा।
जैन ने कहा कंकण आकृति सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा अतः भारत में इस ग्रहण की कोई धार्मिक दृष्टि से सूतक आदि मान्यता नहीं है।
पितृपक्ष की अमावस्या तिथि खास तिथि मानी जाती है इस तिथि का विशेष महत्व है इस वार सूर्य ग्रहण की वजह से इस का महत्व और भी विशेष होगा क्योंकि इस दिन ही पितर पृथ्वी लोक से विदाई लेंगे ये दिन पितृपक्ष का आखरी दिन होगा।
जैन ने बताया इस दिन उन सभी दिवंगत आत्माओं का श्राद्ध किया जाता हैं जिनकी मृत तिथि ज्ञात नहीं होती या उनके परिजन तिथि भूल चुके हो।इस वार यह तिथि 02 अक्टूबर बुधवार के दिन पूरे दिन और रात्रि 12:18 बजे तक रहेगी इसी दिन प
प्रवर्द्धमान योग और दोपहर 12:12 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग भी दिन रात रहेगा इन सब के साथ सूर्यग्रहण की छाया पितरों का तर्पण/श्राद्ध और जिनकी कुंडली शापित है,कालसर्प योग है या शनि की साढ़ेसाती चल रही है उनके शांति के लिए विशेष शुभ है।
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