ग्वालियर 6 मई । दलित आदिवासी महापंचायत (दाम) के प्रतिनिधि मंडल ने आज ग्वालियर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान से आदिम जाति कल्याण विभाग जिला ग्वालियर में सहायक आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार में जिनका मूल पद प्राचार्य है राकेश शुक्ला को 19 बिंदुओं मैं भ्रष्टाचार का उल्लेख करते हुए ज्ञापन सोपा गया जिस पर कलेक्टर ने ग्वालियर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार IAS को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
प्रतिनिधि मंडल में शामिल दलित आदिवासी महापंचायत के संस्थापक संरक्षक डॉ जवर सिंह अग्र , प्रांत अध्यक्ष महेश मदुरिया , ग्वालियर चंबल संभाग के प्रभारी दारा सिंह कटारे शामिल थे उक्त नेताओं ने कलेक्टर महोदय से निवेदन किया की राकेश गुप्ता द्वारा विभाग में खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है इनके द्वारा जिला श्योपुर के एकलव्य विद्यालय कराहल में लगभग तीन करोड़ का भ्रष्टाचार किया है जांच में दोषी है लेकिन संभागीय उपायुक्त कार्यालय अनुसूचित जाति जनजाति कार्य विभाग संभाग ग्वालियर द्वारा जांच रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई उल्टा उनको बचाया गया है इसी प्रकार राकेश गुप्ता द्वारा अपनी एक रिश्तेदार को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने और व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने के लिए जो ग्वालियर से नियमित बीएड कर रही थी कोई गुप्ता उनको अतिथि शिक्षक बनाया गया है और उनको प्रतिमाह 42000 रुपए मानदेय का भुगतान नियमित किया जा रहा था जबकि नियमित बीएड करने वाले किसी भी व्यक्ति को विद्यालय में अतिथि शिक्षक नहीं बनाया जा सकता तथा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम में मिलने वाली राहत राशि पीड़ितों को नहीं दी गई है 28 फरवरी 2025 तक ग्वालियर जिले में अकेले 1038 प्रकरण लंबित है इस बिंदु पर भी राकेश गुप्ता को निलंबित करने की मांग की गई है इसके अतिरिक्त 17 अन्य बिंदु है जो गंभीर है जनसुनवाई में अधिकारीयों ने कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है ।
ज्ञात रहे की श्री राकेश गुप्ता की मूल पद स्थापना आज भी एकलव्य विद्यालय कराहल जिला श्योपुर में है प्राचार्य के पद पर और वेतन भी कराहल से ही मिल रहा है ग्वालियर का तो अतिरिक्त प्रभार है ज्ञापन में यह भी मांग की गई है की जो ज्ञापन में बिंदु है उनकी निष्पक्ष जांच हेतु पहले राकेश गुप्ता को निलंबित किया जाए यदि निलंबित नहीं किया जा सकता तो इन्हें कार्यालय से हटाकर किसी वरिष्ठ डिप्टी कलेक्टर को विभाग का प्रभार दिया जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
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