रविवार, 8 जून 2025

8 जून को इस विवाह सीजन की आखिरी शहनाई बजेगी

 फिर साढ़े पांच माह का होगा ब्रेक

कुछ लोग अधिक गर्मी की वजह से मई ,जून की बजाय जुलाई महीने में विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं उनके लिए इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि इस बार देव सोने से लगभग एक माह पहले से ही विवाह मुहूर्तों पर रोक लग जाएगी।

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि अमूमन विवाह मुहूर्त आषाढ़ शुक्ल  एकादशी  अर्थात देव शयन एकादशी से पहले तक लगभग मध्य जुलाई तक रहते है। 

लेकिन इस बार जो लोग यह सोचकर बैठे हैं कि जून के लास्ट और जुलाई के फस्ट वीक में विवाह के मुहूर्त निकाल लेंगे उनके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इस बार विवाह मुहूर्त पर चार माह की जगह साढ़े पांच माह रोक रहेगी।

 ज्योतिषाचार्य डॉ जैन ने इस का कारण बताते हुए कहा कि इस बार गुरु तारा 12 जून  आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा तिथि गुरुवार को पश्चिम दिशा में अस्त होगा जो 06 जुलाई आषाढ़ शुक्ल एकादशी रविवार यानि देवशयनी एकादशी के दिन ही पूर्व दिशा में उदय होगा । गुरु अस्त कालांश एवं अस्त से 3 दिन पूर्व यानी वृद्वत्वकाल एवं उदय से 3 दिन बाद बाल्यत्वकाल तक शास्त्र युक्त विवाह मुहूर्त नहीं होता 02 नवंबर  को देवप्रबोधिनी एकादशी है  देवप्रबोधनी एकादशी और भड़ली नवमी को लोकाचार की दृष्टि से विवाह किए जा सकते हैं।

इसके अलावा  22 नवम्बर को ही शुद्ध विवाह मुहूर्त की अगले सीजन की शुरुआत होगी।

इस सीजन के शेष शुद्ध विवाह मुहूर्त:- 

 नवंबर - 22,23,24,25,30

दिसंबर - 04

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