आदिम जाति कल्याण विभाग छात्रावास आश्रम शिक्षक अधीक्षक संघ (कसस) के संस्थापक प्रांत अध्यक्ष डॉ जवर सिंह अग्र मध्य प्रदेश शासन अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख सचिव एवं आयुक्त अनुसूचित जाति विभाग मध्य प्रदेश तथा प्रमुख सचिव जनजाति कार्य विभाग मध्य प्रदेश शासन एवं आयुक्त जनजाति कार्य विभाग मध्य प्रदेश को पत्र लिखकर छात्रावास आश्रमों में शिष्यवर्ती राशि भेजने की मांग की गई है ।
सोमवार, 4 अगस्त 2025
कसस के प्रांत अध्यक्ष डॉ अग्र ने प्रमुख सचिव से छात्रावास आश्रम में शिष्यावृति राशि भेजने की मांग
ग्वालियर 4 अगस्त । आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले में अनुसूचित जाति जनजाति के महाविद्यालय सीनियर जूनियर बालक और कन्या छात्रावास संचालित है इनमें प्रवेशित छात्र-छात्राओं की भोजन व्यवस्था के लिए मेस संचालन के लिए प्रतिमाह शासन की ओर से शिष्यावृति राशि भेजी जाती है लेकिन महाविद्यालय छात्रावास में जून 2025 से अगस्त 2025 तक की राशि नहीं भेजी गई है जिससे छात्रावास संचालन में काफी परेशानी आ रही है। इसी प्रकार सीनियर जूनियर छात्रावास में जुलाई 2025 से राशि नहीं भेजी गई है जबकि छात्रावास नियमों के अनुसार उधारी में छात्रावास नहीं चलाया जा सकते ऐसे स्पष्ट प्रावधान है।
Featured Post
कसस के प्रांत अध्यक्ष डॉ अग्र ने प्रमुख सचिव से छात्रावास आश्रम में शिष्यावृति राशि भेजने की मांग
ग्वालियर 4 अगस्त । आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले में अनुसूचित जाति जनजाति के महाविद्यालय सीनियर जूनियर बालक और...
-
दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की मांग ग्वालियर । पुनर्घनत्वीकरण योजना थाटीपुर में ट्रांसप्लांट के नाम पर 15 बर्ष की उम्र से लेकर 100 वर्...
-
ग्वालियर 29 जुलाई । नगर निगम के मदाखलत अमले द्वारा सुगम यातायात एवं नागरिकों की सुविधा के लिए निरंतर अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्...
-
हमने जब लिखना-पढना शुरू किया था तब संसद की कार्रवाई सजीव देखने को नहीं मिलती थी.इसके लिए या तो संसद की पत्रकार दीर्घा में बैठो या अतिथि द...
-
मुझे ज्यादा अंग्रेजी नहीं आती, बस जैसे तैसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की तरह काम चला लेता हूँ. जब छोटा था तब स्प्रिट का मतलब ...
-
ग्वालियर 4 अगस्त । आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले में अनुसूचित जाति जनजाति के महाविद्यालय सीनियर जूनियर बालक और...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें