ग्वालियर 10 सितम्बर । जिन बैंकों का ऋण-जमा अनुपात (सीडी रेशियो) ठीक नहीं है उनके खिलाफ कार्रवाई के लिये राज्य स्तरीय बैंकर्स सलाहकार समिति एवं वित्त आयोग को लिखें। बैंकों का दायित्व है कि धन जमा कराने से ज्यादा सरकार की मंशा के अनुरूप लोगों को कृषि, उद्यम एवं अन्य कार्यों के लिये ऋण उपलब्ध कराएं। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिला स्तरीय बैंकर्स सलाहकार एवं समीक्षा समिति की बैठक में लीड बैंक अधिकारी को दिए। उन्होंने बैठक में मौजूद सभी बैंकों के समन्वयकों से विभिन्न विभागों द्वारा संचालित स्वरोजगारमूलक योजनाओं में प्रकरणों की स्वीकृति एवं तेजी से ऋण वितरित करने के निर्देश भी दिए।
बुधवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने विभागीय अधिकारियों को भी लक्ष्य के अनुसार डेढ़ गुने प्रकरण बैंकों में भेजने के निर्देश दिए। साथ ही उन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देने के लिये कहा जिनके द्वारा कम मात्रा में प्रकरण भेजे गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि बैंकों से समन्वय बनाकर चैक लिस्ट तैयार करें। साथ ही चैक लिस्ट के अनुसार सभी पूर्तियां कर प्रकरण बैंकों में प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने हितग्राहियों को फोन लगवाकर ऋण वितरण की वास्तविक स्थिति जानी।
बैठक में शहरी एवं ग्रामीण आजीविका मिशन, पीएम एफएमई, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, संत रविदास व डॉ. भीमराव अम्बेडकर योजना, भगवान बिरसा मुण्डा व टंट्या मामा स्वरोजगार योजना तथा पशुपालन व मत्स्य पालन विभागों सहित अन्य विभागों की स्वरोजगारमूलक योजनाओं के तहत हुए ऋण वितरण की समीक्षा की गई। साथ ही प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना, जन सुरक्षा अभियान के तहत शिविरों का आयोजन एवं आरआरसी व सर्फेसी वसूली की समीक्षा भी हुई।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुमार सत्यम, लीड बैंक अधिकारी श्रीमती अमिता शर्मा, विभिन्न बैंकों के समन्वयक एवं संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए।
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