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प्रवासियों को रोजगार देने के लिए दूसरे प्रदेशों को लेनी होगी मंजूरी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अलग-अलग प्रदेशों से लौटे प्रवासियों को रोजगार देने के लिए प्रवासी कमिशन का गठन किया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को रोजगार देने के इच्छुक अन्य राज्यों को यूपी सरकार की मंजूरी लेनी होगी. सरकार के आंकड़े के मुताबिक, अबतक 23 लाख कामगार और श्रमिकों की वापसी हुई है.


 


सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में प्रवासी आयोग बनाया जाएगा, जो घर लौटे मजूदरों को उनके कौशल के अनुसार उन्हें रोजगार प्रदान करेगा. श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा रही है. सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि स्किल मैपिंग में मिले डेटा के आधार पर श्रमिकों और कामगारों को अलग-अलग सेक्टरों में लगाने का प्रयास शुरू कर दिया जाए



यूपी में अब कोरोना के मरीज नहीं कर सकेंगे मोबाइल का इस्तेमाल, लगाया गया बैन

यूपी के डीजी मेडिकल केके गुप्ता ने कोरोना के मरीजों को मोबाइल साथ ले जाने पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया है. इसके लिए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज और संबंधित अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है. बता दें कि केके गुप्ता ही वो अधिकारी हैं, जिन्होंने प्रदेश में पीपीई किट में गड़बड़ियां होने की शिकायत की थी और इनके इस्तेमाल पर रोक लगाई थी.


 


महानिदेशक (चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण), उत्तर प्रदेश द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद राज्य में कोविड-19 समर्पित अस्पतालों में मरीजों द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. डीजी के मुताबिक मोबाइल से कोरोना संक्रमण फैलता है. इसके बाद कोरोना वार्ड में नई व्यवस्था के तहत अस्पताल के वार्ड इंचार्ज के पास 2 मोबाइल फोन रहेंगे. जिसके द्वारा वार्ड इंचार्ज मरीजों की उनके परिजनों से बातचीत कराएंगे



उत्तर प्रदेश में 24 घंटे में कोरोना के 237 नए मामले


कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है. कई मजदूर कोरोना संक्रमित भी पाए जा रहे हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में लौटने वाले कई प्रवासी मजदूर कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. ऐसे में गांव और मोहल्ला निगरानी समितियों के लिए संक्रमण को फैलने से रोकना महत्वपूर्ण हो जाता है. वे सुनिश्चित करें कि जो मजदूर बाहर से आ रहे हैं वे होम क्वारनटीन हों.


 


अमित मोहन प्रसाद ने बताया कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद में संक्रामक रोग की जांच के लिए एक प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी. सोमवार को 693 पूल टेस्ट हुए, जिसमें 3668 सैंपल पूल के माध्यम से टेस्ट किए गए. इसमें से 48 पूल पॉजिटिव आए


कांग्रेस की बसों की लिस्ट में बाइक-ऑटो के नंबर', योगी के सलाहकार का आरोप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने दावा किया है कि कांग्रेस ने राज्य सरकार को जो बसों की लिस्ट दी है, उसमें कई नंबर तिपहिया वाहन, मोटरसाइकिल और कार के हैं. सीएम के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने इसकी लिस्ट भी जारी की है.


 


प्रियंका ने 1000 बसें देने का वादा किया है


 


बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी सरकार को मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए कांग्रेस की ओर से 1000 बसें देने की पेशकश की थी. इसे सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वीकार कर लिया था और प्रियंका गांधी को बसों की लिस्ट राज्य सरकार को सौंपने को कहा था.


 


 


बस की बजाय थ्री व्हीलर का नंबर?


 


अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने दावा किया है कि इस लिस्ट में घालमेल है. कांग्रेस द्वारा सौंपी गई लिस्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने एक वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर का जिक्र किया है. 10 नंवबर 2016 को रजिस्टर हुई वाहन संख्या यूपी83टी1006 की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा है कि ये बस नहीं बल्कि एक थ्री व्हीलर है.


 


इसी तरह मृत्युंजय कुमार ने कहा है कि आरजे14टीडी1446 एक बस न होकर कार है. दो तीन और वाहनों के साथ भी ऐसा ही मामला है.


 


इसी तरह एक वाहन का जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी85टी6576 है. मृत्युंजय कुमार के मुताबिक जांच करने पर ये वाहन स्कूटर है, और ये वाहन पेट्रोल से चलती है.


 


 


बता दें कि यूपी सरकार ने प्रियंका गांधी के निजी सचिव को चिट्ठी लिख कर कांग्रेस की ओर से भेजी जाने वाली एक हजार बसों का फिटनेस प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रेशन नंबर, ड्राइवर और परिचालक का पूरा ब्योरा मांगा था. इसके बाद कांग्रेस की ओर से वाहनों की लिस्ट यूपी सरकार को भेजी गई थी.



नोएडा में सैलरी ना मिलने पर कर्मचारियों का हंगामा


कोरोना वायरस महासंकट की वजह से देश में लॉकडाउन लागू है. काम बंद होने की वजह से मजदूरों और कर्मचारियों को कई तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. नोएडा के सेक्टर 63 में स्थित एक कंपनी के बाहर सोमवार को सैकड़ों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का आरोप था कि उन्हें सैलरी नहीं मिली है, ऐसे में वह अपनी सैलरी मांगने आए हैं.


 


इस दौरान सड़क पर सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी इकट्ठा हो गए, कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई नज़र आईं.


 


कर्मचारियों का कहना है कि हमें मार्च से पेमेंट ही नहीं मिला है, अब ना खाने को बचा है और ना पीने को पानी है. हम यहां मांग कर रहे हैं, लेकिन कोई बात करने के लिए तैयार नहीं है


कर्मचारियों के प्रदर्शन के बाद मौके पर पुलिसबल भी पहुंचा और मामला शांत करने की कोशिश की. बता दें कि कर्मचारी नोएडा थाना फेज़ तीन की एक एक्सपोर्ट कंपनी के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे.


 


गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से काम ठप है, ऐसे में देश के अलग-अलग शहरों से इस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं. हालांकि, अब लॉकडाउन 4.0 लागू होने के बाद कई औद्योगिक गतिविधियों को अनुमति दी गई है, ऐसे में काम फिर शुरू होने के आसार हैं


गाजियाबाद में जुटे हजारों मजदूर, वेरिफिकेशन के लिए काफी भीड़, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सोमवार को सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती हुई नज़र आईं. यहां श्रमिक ट्रेन के लिए वेरिफिकेशन करवाने के लिए हजारों की संख्या में मजदूर एक साथ रामलीला मैदान में इकट्ठा हुए. यहां से आज शाम तीन श्रमिक ट्रेनें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों और बिहार के लिए रवाना होनी हैं.


 


ट्रेनों में जाने से पहले प्रशासन की ओर से मजदूरों को थर्मल स्क्रीनिंग और पेपर वेरिफिकेशन के लिए रोका गया था. लेकिन मौके पर हजारों की संख्या में मजदूर इकट्ठा हुए. ऐसे में स्थानीय प्रशासन की सभी व्यवस्था धरी की धरी रह गई और एडीएम-मजिस्ट्रेट के सामने सभी नियम बेकार साबित हुए.


गाजियाबाद के घंटाघर के पास मौजूद रामलीला मैदान लोगों की बेतहाशा भीड़ इकट्ठा हो गई है. सभी लोगों को ट्रेन या बस के जरिए घर भेजे जाने का भरोसा प्रशासन द्वारा दिया गया था. सड़क पर जितने लोग पैदल चल रहे थे सभी को वहां ले जाकर रखा गया है और अब इस कदर भीड़ हो गई है कि लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़े हुए हैं.


 


गाजियाबाद एडीएम के मुताबिक, बिहार के लिए गाजियाबाद से तीन ट्रेनें चलाई गई हैं जोकि 12 सौ प्रति मजदूर ट्रेन से लेकर बिहार जाएंगी. आज करीब 36 सौ मजदूरों को बिहार भेजा जाएगा. इसके अलावा लखनऊ, गोरखपुर के मजदूरों को भी यहां से भेजा जाएगा



पत्नी, बेटा और बेटी को मारी गोली, फिर CRPF जवान ने कर ली आत्महत्या

सीआरपीएफ के जवान ने अपनी पत्नी और दो बच्चों को गोली मार दी. उसके बाद सीआरपीएफ जवान ने खुद भी जान दे दी. ये घटना थरवई के पड़िला ग्रुप सेंटर की है


घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी भी पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए. सीआरपीएफ जवान का नाम विनोद था. उन्होंने अपनी पत्नी विमला, बेटा संदीप और बेटी सिमरन की गोली मारकर हत्या कर दी. उसके बाद उन्होंने अपनी भी जान दे दी.



औरेया सड़क हादसे में 24 मजदूरों की मौत, घटनास्थल पर ही हुई 24 की मौत, कई लोग जख्मी


 औरेया जिले में प्रवासी मजदूरों से भरी डीसीएम में ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे 24 मजदूरों की मौत हो गई. इस घटना में 15 लोग घायल हैं. घायलों को जिला अस्पताल व सैफ़ई पीजीआई भेजा गया है. जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को रेस्क्यू कराया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं.






शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, मजदूरों को लेकर आ रही डीसीएम में ट्रक ने टक्कर मार दी जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई जबकि 15 लोग लोग घायल हैं. सभी घायलों को जिला अस्पताल रेफर किया गया है. डीसीएम सड़क पर खड़ी थी तभी ट्रक ने उसमें टक्कर मार दी. औरेया की एसपी सुनीति सिंह और कई थानों की पुलिस मौके पर मौजूद है. पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी है. जो लोग गंभीर रूप से घायल हैं उनको कानपुर के हैलट अस्पताल में रेफर किया गया है. घटना को देखते हुए मृतकों की संख्या में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है.


घटना शनिवार तड़के 3.30 तीन बजे की है. 24 मजदूरों की मौत घटनास्थल पर हो गई जबकि कई लोग घायल हो गए. घटना के वक्त अंधेरा था, इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी दिक्कत आई. प्रशासन के साथ आसपास के लोगों ने मदद की और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया.


प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है. मुख्यमंत्री ने सभी घायलों को फौरन उचित इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कानपुर के कमिश्नर और आईजी को निर्देश दिया के वे घटनास्थल का दौरा करें और जल्द से जल्द घटना के कारणों की रिपोर्ट दें. मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.






परिवार को भूखा देख की आत्महत्या


उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जहां पर 40 साल के एक गरीब किसान ने खुदकुशी कर ली. क्योंकि उसके पास अपने बच्चों को देने के लिए खाना नहीं था. इस मामले पर प्रशासन की तरफ से अब तक कोई बयान नहीं आया है. पुलिस ने आत्महत्या का केस दर्ज कर लिया है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.


 

लॉकडाउन में काम न मिलने से परेशान काकादेव थाना क्षेत्र के राजापुरवा निवासी विजय से जब अपने चार बच्चों की भूख नहीं देखी गई तो उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली 


मृतक विजय की पत्नी का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से काम बंद था. इसकी वजह से धीरे-धीरे घर पर खाना और पैसा खत्म हो गया था. जैसे- तैसे घर चलाता रहा और बच्चों का पेट भरता रहा. लेकिन कई दिनों से बच्चों की भूख विजय से देखी नहीं गई. तो उसने इस दुनिया से चले जाने का फैसला कर लिया और जान दे दी. पड़ोसियों के मुताबिक विजय बहादुर की मदद के लिए कई लोगों ने कई बार हाथ भी बढ़ाएं. लेकिन शायद संकोच की वजह से उसने मांगना सही नहीं समझा.


मृतक की पत्नी ने कहा कि घर में कुछ जेवर भी थे जिन्हें बेचने का प्रयास भी किया गया. लेकिन दुकान ना खुली होने की वजह से जेवर नहीं बेच सका. यह कदम विजय ने तब उठाया जब पत्नी बच्चों के साथ कुछ खाने की इंतजाम के लिए घर से बाहर निकली थी. ऐसे में उसने भूखे बच्चों के दर्द को ना सहन कर पाने की वजह से फांसी का फंदा अपना लिया


पंजाब से बिहार पैदल जा रहे मजदूरों को रोडवेज बस ने कुचला, 6 की मौत

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में बुधवार रात करीब एक बजे दर्दनाक हादसे में 6 लोगों की जान चली गई। मुजफ्फरनगर-सहारनपुर स्टेट हाइवे पर पंजाब से लौट रहे मजदूरों को एक रोडवेज बस ने कुचल दिया। इस हादसे में छह मजदूरों की मौत हो गई और चार की हालत गंभीर है। देर रात सभी घायलों को मेरठ मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह दर्दनाक हादसा मेरठ के घलौली चेकपोस्ट से आगे रोहाना टोल प्लाजा के पास हुआ। बिहार में गोपालगंज जिले के रहने वाले कुछ मजदूर पंजाब से पैदल लौट रहे थे। पीछे से आ रही तेज रफ्तार रोडवेज बस ने उन्हें कुचल दिया। बताया जा रहा है कि छह मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। 
हादसे की सूचना मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। सभी घायलों को एंबुलेंस से मेरठ मेडिकल के लिए भेजा गया। इनकी हालत भी गंभीर बनी हुई है। सिटी कोतवाली प्रभारी अनिल कपरवान ने छह मजदूरों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दो मजदूरों से बातचीत हुई। उन्होंने रोडवेज बस से हादसा होना बताया है। फिलहाल रोडवेज बस हाथ नहीं आई है। इसे ट्रेस करने के लिए नाकाबंदी कर दी गई है। पुलिस ने रात में ही शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हादसे में चार घायलों की हालत गंभीर है, इसलिए मरने वालों की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
मुजफ्फरनगर बस हादसा : बिखरी पड़ी चप्पलें, बिस्किट्स और पूड़ियां सुना रही थीं मजदूरों की मौत की दास्तां
खूनी बस पकड़ी, ड्राइवर गिरफ्तार
हादसे के बाद मौके पर बड़ी संख्या में मजदूरों की चप्पलें बिखरी हुई थी। रास्ते मे उन्हें किसी ने पूड़ियां दी होंगी। वे पूड़ियां भी नहीं खाई गई और घटनास्थल पर पड़ी मिली। बिस्किट के भी 2 पैकेट पड़े हुए थे। उधर, मुजफ्फरनगर सिटी कोतवाली पुलिस ने देर रात नाकेबंदी करते हुए खूनी रोडवेज बस को पकड़ लिया। वह आगरा के ताज डिपो की है। ड्राइवर भी गिरफ्तार हो गया है। हादसे में बस के भी शीशे टूट गए। पुलिस, ड्राइवर से पूछताछ कर रही है।


BJP विधायक ने अधिकारियों को दी जूतों से मारने की धमकी


उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक ने अधिकारियों को जूतों से मारने की धमकी दी है. इससे पहले विधायक ने महोबा जिले के डीएम, एसपी को अनाड़ी, चोर और दलाल कह कर हड़कंप मचा दिया था. अब उन्हें जूतों से मारने की सरेआम धमकी दे दी.


दो दिन पहले विधायक ब्रजभूषण राजपूत भेष बदल कर गेंहू खरीद केंद्र पहुंचे थे और अपनी फसल बेचने की बात कही. इस पर खरीद केंद्र प्रभारी ने कमीशन मांगा. गेंहू खरीद में कमीशन लिए जाने का विधायक ने स्टिंग ऑपरेशन किया था. उसी स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी करते हुए विधायक ब्रजभूषण राजपूत काफी उत्तेजित हो गए


बीजेपी विधायक ब्रजभूषण राजपूत ने अधिकारियों को जूता मारने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि सम्मान में दिक्कत आएगी, बर्दास्त नहीं किया जाएगा, जूता चलेगा जूता. वास्तव में यही करूंगा, अगर किसानों से यह रुपया लेंगे तो मैं अपना जूता चलाऊंगा. मेरे खिलाफ मुकदमे लिखना हो तो लिख लो.


बीजेपी विधायक ब्रजभूषण राजपूत ने कहा कि अब अधिकारी अपमानित होगा. मैंने बहुत से अधिकारियों को लहंगा, चुनरी पहनवाकर मांगे भरवा दी है, जो भ्रष्टाचारी थे. मैं विधायक होने की मर्यादा में इस वक्त अधिकारियों को अपमानित नहीं कर पा रहा था. पद की गरिमा की वजह से बर्दाश्त कर रहा था.



वाराणसी में मोदी-योगी के खिलाफ नारेबाजी, सब्जी कारोबारियों ने किया विरोध


वाराणसी के किसानों को विरोध में अपनी लाखों रूपयों की सब्जियों को बीच सड़क फेंकना पड़ा. किसानों की नाराजगी मंडी के खुलने के समय में किए गए बदलाव को लेकर थी. किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नारेबाजी भी की.


 


दरअसल, समय-समय पर लॉकडाउन में लोगों को राहत देने के लिए स्थानीय प्रशासन परिस्थियों के मुताबिक छूट भी दे रहा है, लेकिन 10 तारीख से बाजारों और बड़ी मंडियों के खुलने के समय में बदलाव वाराणसी के लमही स्थीत सब्जी मंडी आने वाले किसानों को रास नहीं आया. इसका विरोध उन्होंने बीच सड़क अपनी लाखों रूपयों की सब्जी को फेंककर जताया


सब्जी मंडी को नए समय के मुताबिक, सुबह 8 बजे खुलना था, लेकिन किसान 7 बजे ही मंडी पहुच गए. इसको लेकर पुलिस मंडी के पदाधिकारियों से पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई. इसके विरोध में किसान बिफर पड़े और बेचने के लिए लाई सब्जियों को बीच सड़क ही फेंककर बर्बाद करने लगे


व्यापारियों का कहना है कि होलसेल सब्जी मंडी में किसानों को पहले तड़के 3 से 6 बजे तक की छूट थी. फिर सब्जी फुटकर मार्केट में चली जाती थी, लेकिन अब वक्त सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक का कर दिया गया, इस नए समय से किसानों को काफी दिक्कत तो आ ही रही है और तो और सब्जी भी खराब हो रही है.


 


ऑटो रिक्शा में महाराष्ट्र से उत्तराखंड पहुंचे, निकले कोरोना पॉजिटिव


उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में कोरोना के 4 नए मामले सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. चारों लोग बाहर से आए थे, जिसमें 3 का टेस्ट जिला अस्पताल रुद्रपुर में किया गया और एक मरीज की खटीमा में जांच हुई. इससे पहले जिले में 9 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे, जो अब बढ़कर 13 हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इनमें से चार ठीक हो गए हैं, बाकी का इलाज चल रहा है.


कोरोना नोडल अधिकारी अविनाश खन्ना के मुताबिक, कोरोना संक्रमित मरीजों में दो गदरपुर, एक अल्मोड़ा और एक खटीमा का है. गदरपुर के रहने वाले दोनों मरीज महाराष्ट्र से ऑटोरिक्शा में सवार होकर सभी राज्यों की सील सीमा को लांघते हुए उत्तराखंड के उधम सिंह नगर पहुंचे थे. वहीं, अल्मोड़ा निवासी कोरोना मरीज हरियाणा से और खटीमा निवासी मरीज गुजरात से आए थे.


प्रेमिका ने फोन कर बुलाया, परिजनों के साथ मिलकर की प्रेमी की हत्या


यूपी के जिला एटा से सनसनीखेज मामला सामने आया है. जहां अवैध संबंधों के शक में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई और उसके शव को खेत में फेंक दिया गया. सुबह जब खेत में युवक की लाश मिली तो गांव में कोहराम मच गया. सूचनी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया.


बताया जा रहा है कि प्रेम संबंधों के चलते प्रेमिका और उसके परिजनों ने युवक को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया. साथ ही प्रेमिका और अन्य परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है. घटना की जांच के लिए पुलिस ने टीम गठित की है


ये मामला कोतवाली अवागढ़ के गांव बुर्रा का है. परिजनों ने बताया कि मृतक युवक और उसकी प्रेमिका के बीच कई सालों से प्रेम संबंध थे. इस बात की जानकारी जब प्रेमिका के परिजनों को हुई तो उन लोगों ने इसका विरोध किया और युवक को मौत के घाट उतार दिया.


हालांकि, पुलिस इस पूरे मामले में अभी जांच कर रही है. लेकिन शुरुआती जांच में ये मामला प्रेम प्रसंग के चलते हत्या का पाया गया है. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए 2 टीम गठित की है. परिजनों को मुताबिक, मृतक युवक बुधवार रात से गायब था और परिवार वाले युवक को तलाश कर रहे थे.



उत्तराखंड: CM रावत के निधन की झूठी खबर पर कमेंट्स की झड़ी,


सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निधन की अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. दरअसल, सोशल मीडिया पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के निधन की झूठी खबर फैलने के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. बता दें कि फेसबुक पर किसी ने सीएम त्रिवेंद्र के निधन की झूठी खबर पोस्ट की थी.


सोशल मीडिया पर सीएम रावत के निधन की फेक पोस्ट पर कमेंट्स की झड़ी लग गई. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. इसके साथ ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है. इस मामले पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर आशोक कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


सोशल मीडिया के माध्यम का दुरुपयोग करते हुए एक शख्स ने फेसबुक पर झूठी खबर फैलाते हुए लिखा कि बहुत दु:खद घटना अभी-अभी उत्तराखंड मुख्यमंत्री का निधन हो गया है. इस पोस्ट पर एक के बाद एक लोगों ने मुख्यमंत्री के निधन को लेकर कमेंट्स करना शुरू कर दिया. कई लोगों ने दु:ख जताया तो कई लोगों ने कुछ अन्य टिप्पणियां कीं.


फेसबुक पर मुख्यमंत्री के निधन को लेकर फैली अफवाह की जानकारी जैसे ही पुलिस मुख्यालय को मिली. तत्काल ही महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून एसएसपी को मुकदमा दर्ज करके संबंधित लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए.



मजदूरों से नहीं लेंगे किराया, एक-एक हजार रुपये भी देंगे

बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि किसी भी मजदूर को पैसा देने की जरूरत नहीं है. सभी मजदूरों को क्वारनटीन सेंटर में रखा जाएगा और इसके बाद उन्हें एक-एक हजार रुपये दिए जाएंगे.


 


सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'मैं बिहार के लोगों को वापस भेजने के सुझाव पर विचार करने के लिए केंद्र को धन्यवाद देना चाहता हूं. अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों को वापस बिहार भेजने के लिए केंद्र को शुक्रिया. किसी को भी टिकट के लिए भुगतान नहीं करना पड़ेगा. उनके लिए यहां क्वारनटीन सेंटर बनाया गया है.'



इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि हम शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ़ से 50 ट्रेन देने को तैयार है. सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करें, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफ़र करेगी



 


बिहार के 33 जिलों में खुलेंगे सैलून-चलेंगी टैक्सी

 



बिहार के 33 जिलों में खुलेंगे सैलून-चलेंगी टैक्सी, रेड जोन में शर्तों के साथ छूटशॉप पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खरीदारी करते ग्राहक (PTI)


बिहार में ग्रीन-ऑरेंज जोन इलाके में खुलेंगे सैलूनग्रीन जोन में बस-टैक्सी-ऑटो-रिक्शा चल सकेंगेबिहार के रेड जोन के 5 जिलों में जारी रहेंगी पाबंदी



लॉकडाउन के फेस-3 के साथ ही बिहार के ग्रीन जोन को ऑरेंज जोन में तब्दील कर दिया गया है, जहां सोमवार से बहुत हद तक छूट दे दी गई है जबकि रेड जोन में कुछ शर्तों के साथ राहत दी गई है. ऑरेंज जोन में शामिल 33 जिलों में ई कॉमर्स से कोई भी सामान मंगाया जा सकेगा, यहां टैक्सी और ऑटो चल सकेंगे. दोनों जोन में शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक घर से बाहर निकलने, बुजुर्गों और 10 साल से छोटे बच्चों के बाहर निकलने पर प्रतिबंध जारी रहेगा. हालांकि, बिहार के हॉटस्पॉट इलाके में किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई है.


 


केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए बिहार सरकार ने व्यक्तिगत चार पहिया वाहन (चालक के अलावा दो यात्री) और दो पहिया वाहन (अकेले) की अनुमति होगी. शहरी क्षेत्र में गैर आवश्यक सामान की दुकानें, मॉल, बाजार और बाजार परिसर खोलने की अनुमति नहीं होगी.


शहरी इलाकों में एकल दुकानें, आवासीय परिसर की दुकानों को खोलने की अनुमति होगी. विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड), निर्यात केन्द्रित इकाइयों (ईओयू), औद्योगिक क्षेत्रों और औद्योगिक नगरों जैसे शहरी क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सीमित पहुंच के साथ स्वीकृति दे दी गई है.


 


बिहार के रेड जोन जिलों में छूट


 


बिहार के पांच जिलों को रेड जोन में शामिल किया गया है. जिसमें मुंगेर सहित पटना, रोहतास, बक्सर और गया शामिल है. रेड जोन में अभी कई प्रकार की सुविधा से वंचित रहना पड़ेगा. रेड जोन में निषिद्ध क्षेत्र में प्रतिबंधित गतिविधियों के अलावा भी कुछ गतिविधियों पर रोक रहेगी. मोबाइल, व स्टेशनरी और कपड़े की दुकानें खुलेगी. 33 फीसदी स्टाफ के साथ निजी कार्यालय खुलेंगे. इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, कारपेंटर सेवाएं शुरू हो सकेंगी. आईटी सेवाएं और डेटा कॉल सेंटर खुलेंगे, जहां साइट पर श्रमिक होंगे वहां काम शुरू होगा


यूपी में कल सुबह 10 बजे से खुलेंगी शराब की दुकानें

उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री को लेकर बड़ा फैसला किया है. सोमवार 4 मई से उत्तर प्रदेश में शराब की बिक्री की जा सकेगी. लॉकडाउन के दौरान ग्रीन और ऑरेंज जोन में शराब की बिक्री पर छूट दी गई है. हालांकि हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन में शराब की बिक्री पर पाबंदी रहेगी. वहीं होटल और रेस्टोरेंट के बार में फिलहाल शराब नहीं बेची जा सकेगी.यूपी सरकार ने शराब की बिक्री के लिए समयसीमा भी निर्धारित की है. सरकार ने बताया कि आबकारी विभाग की मात्र एकल दुकानों को ही सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक शराब की बिक्री की अनुमति है. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए शराब बिक्री के निर्देश दिए गए हैं. एक दुकान पर एक वक्त में सिर्फ 5 लोग ही शराब खरीद सकेंगे.



सीतामढ़ी में SSB जवान ने की खुदकुशी, कनपटी पर गोली मारकर दी जान

बिहार के सीतामढ़ी में एसएसबी के एक जवान ने शनिवार को खुदकुशी कर ली. जानकारी के मुताबिक, जवान ने अपनी कनपटी पर गोली मारकर जान दे दी. मृतक की पहचान एसएसबी 20वीं बटालियन के जवान एसएसआई रमेश कुमार के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि जवान बैरगनिया में इंडो-नेपाल बॉर्डर पर तैनात था.


 


जानकारी के मुताबिक सीमा पर तैनात एसएसबी की 20वीं बटालियन के जवान ने अपनी कनपटी पर गोली मार ली. आनन-फानन में एसएसबी के साथी जख्मी जवान को इलाज के लिए शहर के एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे,जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया.


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