रविवार, 20 अप्रैल 2025

आखिर आ ही गया सड़कों पर देश

 

आप ख़ुशी मनाएं या गम ,लेकिन हकीकत ये है   कि  आज पूरा देश सड़कों पर आ गया है ।  किसी के हाथ में भीख का कटोरा है तो किसी के हाथ में तलवारें,कोई निहत्था है तो कोई मानव शृंखला बनाने पर मजबूर। ये सब तब हो रहा है जबकि हमारी लोकप्रिय सरकार सबको साथ लेकर सबका विकास कार रही है। यदि सचमुच सरकार सबको साथ लेकर सबका विकास कर रही है तो सबको अपने घरों में रहना चाहिए,न कि  सड़कों पर। लेकिन लोग सड़कों पर हैं ,क्योंकि संसद सबकी सुन नहीं रही। सरकार ने कानों में तेल डाल रखा है। 

सड़कों पर सबसे पहले आये देश के अल्पसंख्यक मुसलमान।  उन्हें सड़कों पर लेकर आयी हमारी लोकप्रिय सरकार।  सरकार ने मुसलमानों की भलाई के लिए नया  वक्फ बोर्ड क़ानून बनाया ,लेकिन ये कानून मुसलमानों को रास नहीं आया।  वे दक्षिण से लेकर उत्तर तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक सड़कों पर आ गए। आते जा रहे है।  बंगाल में आये । तेलंगाना में आये,आंध्र में आये कर्नाटक में आये,बंगाल में आये ।  ये कहना कठिन है कि  कहाँ नहीं आये। लेकिन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा। मुसलमान सड़कों पर नमाज  नहीं पढ़ रहे,आंदोलन कर रहे है।  अपनी इबादतगाहें,खानगाहें मसजिद और कब्रें बचाने के लिए। मुसलमान सड़कों पर भी हैं और देश की सबसे बड़ी  अदालत मे भी ।  उन्हें उम्मीद है कि  कहीं तो उनके साथ इन्साफ होगा ! कोई तो उन्हें सुनेगा !! 

मुसलमानों से पहले देश के राजपूत सड़कों पर उतरे ।  उन्हें एक दलित सांसद के हकीकत बयान करने पर आपत्ति है। ब्यान राणा सांगा कि बारे में था ।  ये राजपूत अपनी करणी सेना के साथ सड़कों पर आये ।  करणी सेना के सैनिकों  ने प्रदर्शन किया,तलवारें लहराई ।  दलित संसद रामजीलाल सुमन के घर हमला किया।  लेकिन सुमन अपने बयान से पीछे नहीं हटे ।  उन्होंने माफ़ी नहीं मांगी। सुमन के समर्थन में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव आगरा पहुंचे तो उन्हें भी गोली मारने की धमकी दी गयी ,लेकिन कोई गोली मारने का साहस जुटा नहीं पाया। तलवारें हवा में लहराने में और गोली चलने में फर्क है ।  करणी सेना के सैनिक कोई राणा सांगा थोड़े ही हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि  करणी सेना कोई सेना-वेना नहीं है,ये तो योगी सेना है। 

पिछले दिनों विश्व णमोकार मन्त्र दिवस पर अल्पसंख्यक जैन समाज के साथ णमोकार मन्त्र का जाप करने वाले प्रधानमंत्री जी के संरक्षण के बाद भी मुंबई में एक जैन मंदिर ध्वस्त किये जाने   के बाद मुंबई का जैन समाज सड़कों पर है ।  मुंबई के अलावा   भी अनेक शहरों में जैन समाज ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए जैन समुदाय के कुछ लोगों की आंखों में आंसू थे. वो इस बात से दुखी थे कि तीन दशक पुराने मंदिर को तोड़ा गया है।  जैन समाज अहिंसा को परम धर्म मानता है ,लेकिन ये नहीं जानता की ध्वंश हमारी सरकार का सबसे प्रिय खेल है।  ये वही लोकप्रिय सिंगल और डबल इंजिन की सरकार है जिसने इस देश में बुलडोजर संस्कृति कहें या बुलडोजर संहिता का व्यापक इस्तेमाल किया।  सरकार के बुलडोजर केवल अल्पसंख्यकों के घर और उनके इबादतगाह पहचानते हैं। फिर अल्पसंख्यक चाहे मुसलमान हों या जैन। मणिपुर में तो डबल इंजिन की सरकार के रहते अल्पसंख्यक ईसाइयों की 250  से ज्यादा इबादतगाहें जलाकर राख कर दिन गयी ,लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। 

इस समय  लोगों को जब सरल,सुलभ न्याय नहीं मिल रहा तो उन्हें  मजबूरन सड़कों पर आना पड़ रहा है ।  सुना है कि   महाराष्ट्र में हिंदी लागू करने के सरकारी फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे सड़कों पर आने की तैयारियां कर  रहे हैं।  उनकी सेना भी करणी  सेना जैसी ही उग्र सेना है ।  आखिर क्यों न हो उग्र ? निकली तो बाला साहब ठाकरे  की असली वाली शिव सेना के गर्भ से ही है ।  बाला साहब ठाकरे की शिव सेना  से पहले 'मनसे' बनी फिर भाजपा की कोशिशों   से इसी में से एक सेना एकनाथ शिंदे  की और दूसरी उद्धव ठाकरे साहब की बनी।  यानि आप कह सकते हैं कि  महाराष्ट्र सेना प्रधान देश है। 

सड़कों पर खड़ा देश देखकर हमारे समाजवादी पुरखे डॉ लोहिया की आत्मा बहुत खुश होगी। जो देश सड़कों पर आने का माद्दा नहीं रखता उस देश में तानाशाही अपना  प्रभुत्व कायम कर लेती है। आप देख रहे होंगे कि  भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका में भी लोग अपने राष्ट्रपति के खिलाफ सड़कों पर हैं। आपको पता ही है कि  देश की 80  करोड़ से जयादा जनता पहले से ही सड़कों पर है ।  उसके पास न घर है न घाट।  हमारी लोकप्रिय सरकार इस आबादी को पांच किलो राशन मुफ्त में न दे तो ये आबादी  सड़कों से उठकर या तो कब्रस्तान में जा पहुंचे या श्मशान में। मजे की बात तो ये है कि  अब हमारे देश की न्यायपालिका को भी सड़कों पर लाने के इंतजाम किये जा रहे है।  हमारे देश की लोकप्रिय सरकार के एक सांसद महोदय देश के मुख्यन्यायाधीश को लेकर उग्र हैं। लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने  सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाना है तो संसद भवन बंद कर देना चाहिए। उन्होंने सीजेआई खन्ना पर भी निशाना साधा था।संविधान के अनुच्छेद 368 का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कानून बनाना संसद का काम है और सुप्रीम कोर्ट कानूनों की व्याख्या करने के लिए है। कोर्ट सरकार को आदेश दे सकता है, लेकिन संसद को नहीं।भाजपा के कामचलाऊ अध्यक्ष जेपी नड्ढा ने दुबे जी के बयान से पार्टी को अलग कर लिया। हालाँकि  वे जो चाहते थे वो काम तो दुबे जी ने कर ही दिया। अब भी सीजेआई खन्ना साहब न समझें तो वे अनाड़ीहैं।

लब्बो-लुआब ये है की देश की लोकप्रिय सरकार के तीसरे कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि  उसने देश की जनता को सड़कों   पर आना सिखा दिया। सरकार ने ही जनता की प्रतिकार की ताकत को छीन लिया था ,लेकिनअब ख़ुशी की बात ये है कि  अवाम अपनी ताकत का अहसास करने लगी है।  सरकार सबको साथ लेकर सबका विकास कर रही है या नहीं ,ये आप जानें लेकिन हमारी कामना भी है और प्रार्थना भी कि  सरकार भविष्य में ऐसा कुछ न करे कि  जनता को मजबूरन सड़कों पर आकर कहना पड़े कि  -सिंघासन खाली करो,की जनता आती है।। जनता का सड़कों पर आना जहाँ लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है, वहीं दूसरी तरफ सरकार की नाकामी का भी। 

@ राकेश अचल

20 अप्रैल 2025, रविवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 05:51 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:48 बजे 

श्रीविक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : ग्रीष्म ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज वैशाख माह कृष्ण पक्ष *सप्तमी तिथि*  19:00 बजे  तक फिर अष्टमी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* पूर्वाषाढ़ नक्षत्र 11:47 बजे तक  फिर उत्तराषाढ़ नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *सिद्धि*  है।

*करण*  :-आज  *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक  गंडमूल नहीं भद्रा 06:46 बजे तक है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर  है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 17:12 बजे से 18:49 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:55 बजे से 12:47 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*:- कालाष्टमी, ईस्टर संडे

*मुहूर्त* :दुकान/ऑफिस/व्यापार,देव प्रतिष्ठा  सगाई है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मेष, चन्द्र-धनु, मंगल-कर्क बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

उद्वेग 05:52 - 07:29 अशुभ

चर 07:29 - 09:06 शुभ

लाभ 09:06 - 10:43 शुभ

अमृत 10:43 - 12:20 शुभ

काल 12:20 - 13:57 अशुभ

शुभ 13:57 - 15:34 शुभ

रोग 15:34 - 17:12 अशुभ

उद्वेग 17:12 - 18:49 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

शुभ 18:49 - 20:11 शुभ

अमृत 20:11 - 21:34 शुभ

चर 21:34 - 22:57 शुभ

रोग 22:57 - 24:20*अशुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

शनिवार, 19 अप्रैल 2025

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अल्प प्रवास पर ग्वालियर पधारे

 

ग्वालियर  19 अप्रैल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अल्प प्रवास पर शनिवार को ग्वालियर पधारे। ग्वालियर विमानतल पर जनप्रतिनिधियों ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया और प्रशासनिक अधिकारियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अगवानी की।

 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव  राजकीय विमान द्वारा भोपाल से ग्वालियर पधारे। कुछ समय रुकने के पश्चात मुख्यमंत्री डॉ. यादव हैलीकॉप्टर से मुरैना जिले में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिये रवाना हुए।

विमानतल पर विधान सभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर, संसाद श्री भारत सिंह कुशवाहा,  पूर्व मंत्री श्री रामनिवास रावत , भाजपा जिला अध्यक्ष श्री जयप्रकाश राजौरिया, ग्रामीण अध्यक्ष श्री प्रेम सिंह राजपूत, नगर निगम सभापति श्री मनोज तोमर सहित जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री की अगवानी की। 

इस मौके पर संभाग आयुक्त श्री मनोज खत्री,   आईजी श्री अरविंद सक्सेना, डीआईजी श्री अमित सांघी, कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री धर्मवीर सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री संघ प्रिय उपस्थित थे।

महाराष्ट्र को तमिलनाडु मत बनाओ राज !

 

भाषाई विवाद से दक्षिण अभी तक मुक्त नहीं हुआ है और एक बार फिर महाराष्ट्र भाषाई विवाद में उलझता दिखाई दे रहा है।  महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 तक हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा के रूप में पढ़ाये जाने का फैसला किया तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे इसके विरोध में आ गए।  अब एकनाथ शिंदे गुट ने उन पर निशाना साधा है।  जाहिर है  कि महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार है सो उसका हिंदी के खिलाफ जाना नामुमकिन है। 

 भारत में भाषा को लेकर विवाद नया नहीं है। आजादी के 77  साल बाद भी ये विवाद न सिर्फ ज़िंदा है बल्कि लगातार जारी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति  में तीन भाषाओं को पढ़ाने का प्रावधान आने के बाद, दक्षिण में केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच हिंदी-तमिल विवाद ने और जोर पकड़ा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हिंदी को मातृभाषाओं का ‘हत्यारा’ तक कह डाला। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार हिंदी थोपकर भाषाई अस्मिता को कमजोर कर रही है। डीएमके नेता कनिमोझी ने भी इस मुद्दे पर कहा कि उनकी आपत्ति हिंदी को थोपे जाने से है, न कि भाषा को लेकर।

सवाल ये है कि  क्या किसी एक देश की एक भाषा होना चाहिए या नहीं ? सवाल ये भी है की क्या अहिन्दी भाषी राज्य एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं जो वे अपनी मातृभाषा को ही अपनी राजभाषा बनाये रखना चाहते हैं। सवाल ये भी है कि  क्या नई शिक्षा नीति में सचमुच हिंदी अहिन्दी भाषियों पर थोपी जा रही है ? हर भाषा- भाषी को अपनी मातृभाषा पर गर्व होता है ,होना भी चाहिए किन्तु क्या केवल क्षेत्रीय भाषाओँ के बूते कोई एक राष्ट्रआगे बढ़ सकता है ? इन सवालों का जबाब खोजने के बजाय दक्षिण के राज्य हिंदी के अंध विरोध में संघर्षरत हैं।  हिंदी के विरोध से किसी को क्या नफ़ा-नुक्सान होता है इसके बारे में कोई कुछ नहीं बोलता।

  महाराष्ट्र  सरकार के इस फैसले का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे ने विरोध किया है। ठाकरे ने एक बयान में कहा है कि मैं स्पष्ट शब्दों में कहता हूं कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना इस अनिवार्यता को बर्दाश्त नहीं करेगी। राज ठाकरे ने इसमें लिखा है 'हम हिंदू हैं, लेकिन हिंदी नहीं! अगर आप महाराष्ट्र को हिंदी के रंग में रंगने की कोशिश करेंगे, तो महाराष्ट्र में संघर्ष होना तय है।' ठाकरे ने  लिखा है अगर आप यह सब देखेंगे, तो आपको लगेगा कि सरकार जानबूझकर यह संघर्ष पैदा कर रही है। क्या यह सब आने वाले चुनावों में मराठी और गैर-मराठी के बीच संघर्ष पैदा करने और उसका फायदा उठाने की कोशिश है?

राज ठाकरे महाराष्ट्र के स्टालिन नहीं हैं हालाँकि उनका अपना रूतबा है ,अपनी ताकत है। वे स्टालिन की तर्ज पर हिंदी का विरोध कर महाराष्ट्र का और मराठी भाषा का भला शायद नहीं कर पाएंगे। क्योंकि महाराष्ट्र देश की आर्थिक राजधानी है और वहां पूरा देश ही नहीं बल्कि दुनिया एकाकार   होती है। महाराष्ट्र में रहने वालों को जितनी मराठी की जरूरत है उतनी ही हिंदी की भी।  मैं राज ठाकरे का निजी तौर पर प्रशसंक हूँ किन्तु उन्हें मश्विरा देना चाहूंगा कि  वे हिंदी का विरोध छोड़ दें। हिंदी न तो मुगलों की भाषा है और न अंग्रेजों की ।  हिंदी न तमिल के खिलाफ है और न मराठी के खिलाफ।  भाषाओं का वजूद उनके इस्तेमाल से बनता-बिगड़ता है।  कोई भाषा किसी भाषा का नुक्सान तब तक नहीं कर सकती जब तक की उसके बोलने वाले ऐसा न चाहें। 

दुनिया में भारत की तरह बहुत से देश बहु भाषा भाषी हैं। दुनिया  के बहु भाषाभाषी देश ऐसे हैं जो बहुभाषाभाषी होते हुए भी एक राष्ट्रीय भाषा के पक्षधर हैं ।  हमारे पड़ौस चीन में 306 भाषाएँ हैं और हमारे यहां 453  भाषाएँ लेकिन क्या हम भाषाओं की वजह से दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थ व्यवस्था बन पाए ? बहरहाल भाषा किसी कोहिंदू,मुसलमान,सिख या ईसाई नहीं बनाती। आप हिंदी बोलकर मराठी होने का गौरव नहीं खो देते। तमिल वाले ऐसा सोचते हैं लेकिन दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा होने के बाद तमिल को कुल 120  मिलियन लोग बोलते हैं जबकि अंग्रेजी को । 268  बिलियन और चीनीदुसरे और  हिंदी इस मामले में तीसरे नंबर पर है ।  हिंदी बोलने वालों की संख्या 637  मिलियन ही है। 

राज भाई साहब को समझना चाहिए कि  हिंदी सीखकर कोई मुसलमान या  ईसाई नहीं हो सकता वो जो है वो ही रहेगा ।  मराठी है तो मराठी रहेगा ,इसलिए उन्हें अपना हिंदी विरोध छोड़ देना चाहिए।  मुझे पता है कि  राज ठाकरे की शिवसेना में एक से बढ़कर एक हिंदी भाषी दिग्गज हैं। उन्होंने मराठी भी सीख ली है ,लेकिन किसी के कहने  पर नहीं बल्कि अपनी जरूरत के हिसाब से।  इसी तरह हिंदी सीखकर किसी की मराठी अस्मिता समाप्त हो जाएगी ,ये धारणा बनाना ही गलत है। राजनीति के लिए भाषा के अलावा और दूसरे तमाम मुद्दे है।  भाषायी आधार पर राजनीति करने से न तमिलनाडु की कोई राजनितिक पार्टी आजतक राष्ट्रीय पार्टी बन पायी हौर न महाराष्ट्र की किसी राजनितिक पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल पाया। 

राज ठाकरे का तर्क है कि  देश के तमाम राष्ट्रों का गठन भाषायी आधार पार किया गया था,सही है लेकिन भाषायी आधार पर राज्य  के गठन का ये अर्थ ये तो नहींहै कि  वे किसी एक भाषा के जरिये सम्पर्क सूत्र में नहीं बन सकते। अतीत में जब मनसे नहीं थी तब भी भाषायी आधार पर गैर मराठियों के साथ आंदोलन भी हुए और गैर मराठियों कोमहारष्ट्र से खदेड़ने की कोशिशें भी। लेकिन क्या महाराष्ट्र गैर मराठियों  से रिक्त या मुक्त हो गया ? राज भाई साहब को समझना चाहिए कि  वे जिस दौर की दुनिया में है वहां  न रंग के आधार  पर , न जाति के आधार पार और न भाषा के आधार पर किसी से भेद नहीं किया जा सकता।  भाषायी अस्पृश्यता भी उतनी ही खराब है जितनी कि  जातीय अस्पृश्यता। इसलिए हिंदी का विरोध करने से फायदा कम नुकसान जयदा होगा। 

मुमकिन है कि  कल को हिंदी के मुद्दे को लेकर राज ठाकरे की नमस्ते एकनाथ शिंदे की शिवसेना के साथ हाथ मिला ले लेकिन इससे न राज्य की सरकार अस्थिर होगी और न उसे ब्लैकमेल किया जा सकेगा। हिंदी के विरोध के किसी भी आंदोलन से महाराष्ट्र का महाराष्ट्र की  अर्थव्यवस्था और संस्कृति का नुक्सान होगा। दक्षिण वाले हिंदी का विरोध कर अपने सूबे की सियासत में तो टिके हैं लेकिन वे राष्ट्रीय राजनीति का हिस्सा नहीं बन पाए   हैं। हम चाहते हैं कि  राज ठाकरे जैसे प्रतिभाशाली युवा राष्ट्रिय राजनीति का हिस्सा बनें ,किन्तु इसके लिए राज ठाकरे को अपनी भाषायी प्रतिबद्धता का त्याग करना पड़ेगा। क्योंकि हिंदी के साथ खड़े होने का अर्थ मराठी या मराठियों का विरोध या उनके हितों का अतिक्रमण नहीं है।

  @ राकेश अचल

19 अप्रैल 2025, शनिवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 05:52 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:48 बजे 

श्रीविक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज वैशाख माह कृष्ण पक्ष *षष्ठी तिथि*  18:21 बजे  तक फिर सप्तमी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* मूल नक्षत्र 10:20 बजे तक  फिर पूर्वाषाढ़ नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *शिव*  है।

*करण*  :-आज  *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक नहीं भद्रा 18:21 से  गंडमूल 10:20 बजे तक है।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 09:07 बजे से 10:43 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:55 बजे से 12:47 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*:- ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ

*मुहूर्त* :-  विवाह है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मेष, चन्द्र-धनु, मंगल-कर्क बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

काल 05:53 - 07:30 अशुभ

शुभ 07:30 - 09:07 शुभ

रोग 09:07 - 10:43 अशुभ

उद्वेग 10:43 - 12:20 अशुभ

चर 12:20 - 13:57 शुभ

लाभ 13:57 - 15:34 शुभ

अमृत 15:34 - 17:11 शुभ

काल 17:11 - 18:48 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

लाभ 18:48 - 20:11 शुभ

उद्वेग 20:11 - 21:34 अशुभ

शुभ 21:34 - 22:57 शुभ

अमृत 22:57 - 24:20*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025

देव शयन काल से एक माह पहले ही यानी साढ़े पांच माह इस वार विवाह मुहूर्त पर रोक लगेगी

कुछ लोग अधिक गर्मी की वजह से मई ,जून की बजाय जुलाई महीने में विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं उनके लिए इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि इस बार देव सोने से लगभग एक माह पहले से ही विवाह मुहूर्तों पर रोक लगा जाएगी।वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बता

या कि अमूमन विवाह मुहूर्त आषाढ़ शुक्ल  एकादशी  अर्थात देव शयन एकादशी से पहले तक लगभग मध्य जुलाई तक रहते है। 

लेकिन इस बार जो लोग यह सोचकर बैठे हैं कि जून के लास्ट और जुलाई के फास्ट वीक में विवाह के मुहूर्त निकाल लेंगे उनके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इस बार विवाह मुहूर्त पर चार माह की जगह पांच माह रोक रहेगी।

 ज्योतिषाचार्य डॉ जैन ने इस कारण बताते हुए कहा कि इस बार गुरु तारा 12 जून  आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा तिथि गुरुवार को पश्चिम दिशा में अस्त होगा जो 06 जुलाई आषाढ़ शुक्ल एकादशी रविवार यानि देवशयनी एकादशी के दिन ही पूर्व दिशा में उदय होगा । गुरु अस्त कालांश एवं अस्त से 3 दिन पूर्व यानी वृद्वत्वकाल एवं उदय से 3 दिन बाद बाल्यत्वकाल तक शास्त्र युक्त विवाह मुहूर्त नहीं होता 02 नवंबर  को देवप्रबोधिनी एकादशी है  देवप्रबोधनी एकादशी और भड़ली नवमी को लोकाचार की दृष्टि से विवाह किए जा सकते हैं।

इसके अलावा  22 नवम्बर को ही शुद्ध विवाह मुहूर्त की अगले सीजन की शुरुआत होगी।

इस सीजन के शेष शुद्ध विवाह मुहूर्त:- 

अप्रैल - 14,16,18,20,21,25,29,30 मई - 05,06,07,08,13,17,28,

जून - 02,04,07,08

 नवंबर - 22,23,24,25,30

दिसंबर - 04

भड़कने का संवैधानिक अधिकार आपको भी

 

देश के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप   धनकड़ को भड़कता देख कभी-कभी मेरा मन भी भड़कने का  करता है ,लेकिन सवाल ये है कि मैं आखिर भड़कूं तो किसके ऊपर भड़कूं ?  संविधान ने भड़कने का अधिकार सभी को दिया है ,इसीलिए धनकड़ साहब भी भड़क रहे हैं और ममता बनर्जी भी। योगी आदित्यनाथ भी भड़क रहे हैं और तमाम दूसरे लोग भी। अब आप सोचिये कि  यदि संविधान ने आम आदमी को भड़कने का अधिकार न दिया होता तो क्या धनकड़ साहब देश की सबसे बड़ी अदालत के किसी फैसले पर भड़क सकते थे ?

धनकड़ साहब उप राष्ट्रपति बनने से पहले बंगाल  के राज्यपाल थे ।  उन्होंने भड़कना तभी से सीखा।  वे जब बंगाल में राज्यपाल थे तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दिन-रात भड़का करते थे ।  उन्हें लगता था कि  राज्यपाल का काम केवल और केवल राज्य की सरकार पर भड़कना होता है। धनकड़ साहब हालाँकि वकील हैं, उन्होंने क़ानून पढ़ा है किन्तु जब वे कुर्सी पर होते हैं तो क़ानून-वानून भूल जाते हैं। उप राजयपाल के रूप में भी और राज्य सभा के सभापति के रूप में भी उन्हें भड़कने के अलावा और कुछ याद नहीं रहता। वे विपक्ष कि ऊपर लगातार बरसते हैं बेमौसम बरसात की तरह। 

धनकड़ साहबआजकल सुप्रीम  कोर्ट  पर भड़क रहे हैं। संविधान पर भड़क रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से राष्ट्रपति और राज्यपालों को बिलों को मंजूरी देने की समयसीमा तय किये जाने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भड़क गए है।  उन्होंने कहा कि हम ऐसी स्थिति नहीं रख सकते, जहां अदालतें भारत के राष्ट्रपति को निर्देश दें. उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत मिले कोर्ट को विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ  उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। धनकड़ साहब भूल जाते हैं की यदि हमारे संविधान ने सुप्रीम कोर्ट को कुछ न्यूक्लियर मिसाइल न दिए होते तो ये देश कब का हिन्दू राष्ट्र बन गया होता। 

कभी-कभी मुझे लगता है कि  इस देश में संविधान को हमारे नेता एक कमसिन लड़की से ज्यादा नहीं समझते और जैसे ही उन्हें मौक़ा मिलता है वे इसे छेड़  बैठते हैं। संविधान से छेड़छाड़ इसके बनने से लेकर आजतक जारी है और जब भी किसी दल को अखंड या प्रचंड बहुमत मिलेगा संविधना के साथ छेड़छाड़ की जाएगी। अब तक संविधान  से  छेड़छाड़ की कोई 106  घटनाएं हो चुकी है।  कानून की शब्दावली में संविधान से छेड़छाड़  को 'संशोधन' कहा जाता है। कांग्रेस ने चूंकि देश पर सबसे ज्यादा समय तक राज किया है इसलिए संविधान से छेड़छाड़  की वारदातें सबसे ज्यादा कांग्रेस के समय में हुई हैं। भाजपा को अभी सत्ता में आये ग्यारहवां साल है इसलिए उसने संविधान  के साथ छेड़छाड़  में अभी कांग्रेस का कीर्तिमान तोड़ नहीं पाया है ,हालाँकि भाजपा ने संविधान के साथ सबसे बड़ी छेड़छाड़  अनुच्छेद 370 को हटाकर की है। 

आप अन्यथा न लें तो हकीकत ये है कि  संविधान कलिकाल में एक द्रोपदी है। ऐसी निरीह द्रोपदी का चीरहरण करने का दुस्साहस कोई भी कर लेता है। जरूरत सिर्फ हाथ में सत्ता और सत्ता में भी अखंड,प्रचंड बहुमत का होना है। देश का सुप्रीम कोर्ट जब तब संविधान की द्रोपदी का चीरहरण रोकने के लिए कृष्ण की भूमिका में आता है तो धनकड़ जैसी पुण्य आत्माएं सुप्रीम कोर्ट पर भड़क उठतीं हैं, लेकिन वे उस समय शांत रहतीं हैं जब सुप्रीम कोर्ट सत्ता प्रतिष्ठान के मन माफिक फैसले करता है या निर्देश देता है। 

जहाँ तक मेरा ज्ञान है उसके मुताबिक धनकड़ साहब को सुप्रीम कोर्ट पर भड़कने का कोई नैतिक  अधिकार है नहीं।  वे जिस पद पर बैठे हैं उसकी मर्यादा है।  उन्हें अपने पूर्ववर्ती उप राष्ट्रपतियों से इस मर्यादा का पाठ सीखना चाहिए ,लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे।  ,क्योंकि धनकड़ साहब अपने आपको भाजपा का देवतुल्य कार्यकर्ता जो मानते हैं [जबकि वे   हैं नहीं ] धनकड़ साहब कभी आरएसएस की शाखा में प्रशिक्षण लेने नहीं गये ।  भाजपा में शामिल होने से पहले उन्होंने घाट-घाट का पानी पिया है ,किन्तु आज वे भाजपा के सबसे निष्ठावान कार्यकर्ता है।  कोर्ट हो या कोई और जैसे ही भाजपा के खिलाफ कोई टिपण्णी करता है सबसे पहले उदरशूल धनकड़ साहब के पेट में होता है ।  मुमकिन है कि  धनकड़ साहब आजकल में ही  सुप्रीम कोर्ट को नए वक्फ क़ानून पर दिए जाने वाले फैसले के लिए भी कोसने लगें। 

सुप्रीम कोर्ट पर भड़कने वाले धनकड़ साहब देश को बता रहे हैं कि   "भारत में राष्ट्रपति का पद बहुत ऊंचा है और राष्ट्रपति संविधान की रक्षा, संरक्षण एवं बचाव की शपथ लेते हैं, जबकि मंत्री, उपराष्ट्रपति, सांसदों और न्यायाधीशों सहित अन्य लोग संविधान का पालन करने की शपथ लेते हैं. हम ऐसी स्थिति नहीं बना सकते जहां आप भारत के राष्ट्रपति को निर्देश दें और वह भी किस आधार पर? संविधान के तहत आपके पास एकमात्र अधिकार अनुच्छेद 145(3) के तहत संविधान की व्याख्या करना है। "धनकड़ साहब भूल जाते हैं कि  राष्ट्रपति का पद  सचमुच बहुत ऊंचा है किन्तु उसे सचमुच इतना छोटा कर दिया गया है ,क्योंकि  राष्ट्रपति  अब देश के प्रधानमंत्री को केवल दही- मिश्री खिलाने के अलावा कोई काम नहीं करता/करती है ,संविधान की रक्षा,संरक्षण या बचाव नहीं। राष्ट्रपति ने अपनी भूमिका खुद ही बदल ली है। 

बहरहाल मैं माननीय धनकड़ साहब के लिए प्रार्थना करता हूँ कि  ईश्वर उन्हें पल-पल होने वाले उदरशूल से मुक्ति दिलाये। धनकड़ साहब उदरशूल से पीड़ित अकेले व्यक्ति नहीं हैं। बहुत से लोग हैं उनकी तरह। लेकिन निसे उदरशूल होना चाहिए वो कभी अपना मुंह नहीं खोलता । न मणिपुर पर ,न बंगाल पर ,न अमेरिका पर ,न चीन पर। उसने बोलना छोड़ ही दिया है जैसे /वो केवल अपने मन की करता है या फिर मन की  बात करता है। इस प्रवृत्ति को देशज भाषा में मनमानी भी कहते हैं। 

@ राकेश अचल

18 अप्रैल 2025, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 05:54 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:47 बजे 

श्रीविक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज वैशाख माह कृष्ण पक्ष *पंचमी तिथि*  17:07 बजे  तक फिर  षष्ठी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* ज्येष्ठा नक्षत्र 08:20 बजे तक  फिर मूल

    *योग* :- आज *परिधि*  है।करण  :-आज  *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा नहीं गंड मूल  है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 10:44 बजे से 12:21 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:55 बजे से 12:47 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*:- गुड फ्रायडे 

*मुहूर्त* :-  विवाह विद्यारंभ 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मेष, चन्द्र-वृश्चिक, मंगल-कर्क बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

चर 05:54 - 07:30 शुभ

लाभ 07:30 - 09:07 शुभ

अमृत 09:07 - 10:44 शुभ

काल 10:44 - 12:21 अशुभ

शुभ 12:21 - 13:57 शुभ

रोग 13:57 - 15:34 अशुभ

उद्वेग 15:34 - 17:11 अशुभ

चर 17:11 - 18:47 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

रोग 18:47 - 20:11 अशुभ

काल 20:11 - 21:34 अशुभ

लाभ 21:34 - 22:57 शुभ

उद्वेग 22:57 - 24:20*अशुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

गुरुवार, 17 अप्रैल 2025

शराब पर प्रतिबंध लगाने के लिए ग्राम वासियों ने थाना प्रभारी एवं तहसीलदार पलेरा को सौंपा ज्ञापन

 अजय अहिरवार Apkedwar news

पलेरा– जनपद पंचायत पलेरा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत बन्ने बुजुर्ग में अवैध रूप से दारू पर प्रतिबंध लगाने के लिए ग्राम वासियों ने पलेरा तहसीलदार और थाना प्रभारी पलेरा को ज्ञापन सौंपा और मांग की है की दारू पर प्रतिबंध लगाया जाए जिससे गांव के छोटे-छोटे बच्चो  का भविष्य खराब ना हो और परिवार में घरेलू हिंसा ना हो क्योंकि लगातार दारू की बिक्री होने से युवाओं का भविष्य खतरे में है अधिकांश शराबी दारू के नशे में महिलाओं के साथ मारपीट करते हैं और बच्चों के साथ मारपीट करते है गाली गलौज करते हैं।जिससे गांव का माहौल खराब होता है ऐसे लोग जिनकी दारु पीने की आदत बन गई है वे घर वाल से पैसे की मांग करते हैं पैसा ना देने पर आपत्तिजनक शब्दों का और गाली का प्रयोग करते हैं और लड़ाई करते है ग्रामीणों ने कहा कि सरकार जहां रोजगार मुहैया करा रही है  वहीं महंगाई, और भ्रष्टाचारी खत्म करने के लिए तरह तरह के प्रयास कर रही हैं लेकिन सरकार दारू पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा पा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि सरकार अवैध दारू बेचवा कर कई परिवारों की जिंदगी बर्बाद कर रही है। शराब कारोबारीयो को मालामाल कर रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द ग्राम में बिक रही शराब को बंद करवाया जाए यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो ग्रामीण आंदोलन करने के लिए बाध्य होगे । इस मौके पर समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी जिला अध्यक्ष रामकुमार यादव ने कहा युवा ही देश का भविष्य है। युवाओं के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ ना करें और जल्द से जल्द दारू पर प्रतिबंध लगाए नहीं तो समाजवादी पार्टी उग्र आंदोलन करेगी। जिसकी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के शासन प्रशासन की होगी। गांव के सरपंच अंकित गुप्ता ने कहा गांव को खुशहाली और तरक्की की ओर ले जाने के लिए दारू पर प्रतिबंध होना चाहिए। इस मौके पर समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी जिला अध्यक्ष रामकुमार यादव, ग्राम पंचायत बन्ने बुजुर्ग के सरपंच अंकित गुप्ता, नीलू महाराज, अनुज यादव, राजा भैया यादव, सुरेश यादव रमेश कुशवाहा दिलीप, नीलू महाराज आदि अनेक महिलाएं भी उपस्थित रहे।

बढ़ता ही जा रहा है सत्ता प्रतिष्ठान का दुस्साहस

ये अच्छी खबर है या बुरी ये कहना कठिन है ,लेकिन एक बात साफ़ है कि बैशाखियों पर चलने वाले देश के सत्ता प्रतिष्ठान का दुस्साहस लगातार बढ़ता जा रहा है।  अब सत्ता प्रतिष्ठान का मकसद येन-केन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी माँ श्रीमती सोनिया गांधी को जेल भेजना है।  माँ-बेटे को जेल जाने से अब भगवान भी शायद ही बचा पाए ,क्योंकि अब अदाबत अपने चरम पर है।  

नेशनल हेराल्ड मामले  में गांधी परिवार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अब गेंद अदालत के पाले में है। अदालत किसी पर मेहरबान होती है और किसी पर नहीं। हालाँकि आरोप पत्र दाखिल होने के बाद श्रीमती सोनिया गाँधी और राहुल गांधी की दोबारा गिरफ्तारी आसान नहीं है क्योंकि दोनों  पहले से जमानत पर हैं और अब जब तक कि  अदालत कोई फैसला नहीं सुना देती तब तक दोबारा गिरफ्तारी नामुमकिन है। मुमकिन  है की सत्ता प्रतिष्ठान ने इस मामले में भी कोई कैलेंडर तय कर रखा हो कि  कब फैसला आये और कब दोनों को जेल यात्रा पर भेजा जाये ?

पूरे देश को पता है कि  ईडी यानि प्रवर्तन निदेशालय इन दिनों सत्ता प्रतिष्ठान के जमूरे की तरह काम कर रहा है। नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालयने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं के खिलाफ चार्जशीट  में ईडी  ने आरोपियों पर 988 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है।कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यापारी राबर्ट वाड्रा के खिलाफ गुरुग्राम लैंड डील केस में बुधवार को दूसरी बार पूछताछ हो रही है।  पिछले दो दिनों में ये कांग्रेस के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों की दूसरी बड़ी कार्रवाई है। सत्ता प्रतिष्ठान की इस कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस ने देश भर में प्रदर्शन किये हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि  इनका कोई असर सरकार या अदालत पर पड़ने वाला है ,क्योंकि सत्ता प्रतिष्ठान और प्रवर्तन निदेशालय के साथ ही माननीय अदालत का रुख साफ़ है। 

मौजूदा सत्ता प्रतिष्ठान ने गांधी परिवार को नेस्तनाबूद करने के लिए पिछले एक दशक में अपने सभी घोड़े खोल लिए हैं किन्तु उसे अभी तक कामयाबी नहीं मिली। विपक्ष के नेता राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्य्ता छीनी गयी किन्तु माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उसे बहाल कर दिया। राहुल से उनका सरकारी बँगला खाली करा लिया गया। राहुल न डरे और न झुके। उलटे पिछले आम चुनाव में नयी ऊर्जा के साथ अपनी बहन प्रियंका के साथ लोकसभा में वापस लौटे। राहुल ने पिछले दिनों हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव भी हारे किन्तु हिम्मत नहीं हारी और वे कांग्रेस का अधिवेशन करने सत्ताप्रतिष्ठान के नाभि केंद्र गुजरात में जा पहुंचे। सत्ता प्रतिष्ठान को ये सब नागवार गुजर रहा है। परिणाम स्वरूप सत्ता  प्रतिष्ठान की और से गांधी परिवार पर आक्रमण और तेज हो गया है। 

आने वाले दिनों में कौन जेल जाए और कौन न जाये इससे हमारा कोई ताल्लुक नहींहैं। हमारी चिंता तो सियासत में बढ़ती अदावत को लेकर है।  जिनके प्रारब्ध में जेल यात्रा होती है ,वे जेल जाते ही हैं और गांधी परिवार तो सनातन जेल यात्री है लेकिन सत्ता प्रतिष्ठान से जुड़े नेताओं को जेल यात्रा का कोई ख़ास अनुभव नहीं है। वे आपातकाल को छोड़ कभी जेल नहीं गए। जो दुर्भाग्य से जेल गए वे भी माफियां मांगकर जेल से बाहर आ गये ।  किसी ने जेल में रहकर अपनी जवानी बर्बाद नहीं की ।  किसी ने जेल में रहकर  न स्वाध्याय किया और न कोई किताब लिखी। बहरहाल मामला राहुल,सोनिया,और रावर्ट वाड्रा का है। इनकी कुंडली में जेल यात्रा का योग होगा तो कोई ताकत रोक नहीं सकती और नहीं तो सत्ता प्रतिष्ठान कितनी भी कोशिश कर ले उसे कामयाबी नहीं  मिलने वाली। 

देश की राजनीति में वर्ष 2014  के बाद जो तब्दीली आयी है उसमें सबसे प्रमुख बात ये हैकि अपने विरोधियों को किसी न किसी तरह या तो झुका लिया जाये और कोई न  झुके तो उसे तोड़ दिया जाये। सत्ता प्रतिष्ठान के आगे झुकने वालों और टूटने वालों की फेहरिश्त बहुत लम्बी है।  टीडीपी और जेडीयू जैसे दल तो झुककर  सत्ता प्रतिष्ठान की बैशाखी ही बन चुके हैं। बहन मायावती ,भाई अरविंद केजरीवाल हों या नवीन पटनायक तोड़े जा चुके हैं ,लेकिन बहुत से ऐसे हैं जो सत्ता प्रतिष्ठान से लगातार जूझ रहे हैं, उसे चुनौती दे रहे हैं। गांधी परिवार इस काम में सबसे आगे है ।  उनके पीछे समाजवादी अखिलेश यादव हैं,राजद के तेजस्वी यादव है।  बंगाल की ममता  बनर्जी हैं,झारखण्ड के हेमंत सोरेन हैं। दक्षिण के स्टालिन हैं। सत्ता प्रतिष्ठान की तमाम आसमानी-सुल्तानी ताकतें इन तमाम नेताओं को न तोड़ पायी हैं और न झुका पायीं है। बावजूद इसके सत्ता प्रतिष्ठान की कोशिशें जारी हैं ,हरि अनंत ,हरि कथा अनंता की तरह। 

कितनी अच्छी बात है कि  हमारा देश अमेरिका के टेरिफ वार यानी प्रहार से उतना आक्रान्त नहीं है जितना   कि गांधी   परिवार से आक्रान्त है ।  ममता,अखिलेश,तेजस्वी और सोरेन से आतंकित है। क्योंकि ये सब देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने में सबसे बड़ी बाधा है।  ये सब मिलकर धर्मनिरपेक्षता का राग अलापते रहते हैं। ऐसे में इन्हें कैसे बर्दास्त किया जा सकता है ? सत्ता प्रतिष्ठान के ओझाओं ने अभी बिच्छुओं को पकड़ने का मन्त्र सीखा है लेकिन हाथ साँपों के बिल में डाल रहे हैं। आप हंस रहे होंगे कि  मैं सत्ता प्रतिष्ठान के विरोधियों को बिच्छू और सांप कह रहा हूँ ,लेकिन ये एक कहावत है। मैं न सत्ता प्रतिष्ठान के नेताओं को सांप-बिच्छू कहता हूँ और न किसी दूसरे को ,हालाँकि तमाम ऐसे हैं जो आकंठ जहर से भरे हुए हैं। 

अब इस देश की दशा और दिशा देश की अदालतों को तय करना है।  वे जो फैसला देंगी उसी से इस देश की भावी राजनीति की दशा और दिशा तय होगी ।  फिर चाहे मामला वक्फ बोर्ड कि नए कानून का हो या गांधी परिवार के खिलाफ  'मनी लांड्रिंग' का।देश की अदालतें अभी संयोग से पूरी तरह भगवा रंग में नहीं रंगीं है।  उनमें आज भी अदालतों में तर्क की ,दलील की  ,बहस की गुंजाइश बाक़ी है। ये गुंजाइशें ही एक उम्मीद बांधती हैं ,अन्यथा अब लोकशाही  को तानाशाही में तब्दील करने किदिशा में देश बहुत आगे बढ़ चुका है। लेकिन हम तो उनमें से हैं जो ये मानते हैं की

-को कहि तर्क बढ़ावहि साखा ,होइए वही जो राम रचि रखा। 

राम जी ने क्या रच कर रखा है राम जी ही जानें।हम तो इतना जानते हैं कि  हमारा सत्ता प्रतिष्ठान परम दुस्साहसी है। वो अपने विरोधियों को नेस्तनाबूद करने कि लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है। यानि सत्ता में बने रहने कि लिए हम कुछभी करेगा। 

@ राकेश अचल

17 अप्रैल 2025, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 05:54 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:46 बजे 

श्रीविक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज वैशाख माह कृष्ण पक्ष *चतुर्थी तिथि*  15:23 बजे  तक फिर  पंचमी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* ज्येष्ठा नक्षत्र 29:54 दिन रात चलेगा।

    *योग* :- आज *वरियान*  है।*करण*  :-आज  *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा नहीं गंड मूल 05:54 बजे से है।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 13:57 बजे से 15:34 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:55 बजे से 12:47 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*:

*मुहूर्त* : 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-वृश्चिक, मंगल-कर्क बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 05:55 - 07:31 शुभ

रोग 07:31 - 09:08 अशुभ

उद्वेग 09:08 - 10:44 अशुभ

चर 10:44 - 12:21 शुभ

लाभ 12:21 - 13:57 शुभ

अमृत 13:57 - 15:34 शुभ

काल 15:34 - 17:10 अशुभ

शुभ 17:10 - 18:47 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 18:47 - 20:10 शुभ

चर 20:10 - 21:34 शुभ

रोग 21:34 - 22:57 अशुभ

काल 22:57 - 24:20*अशुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

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