बुधवार, 5 मार्च 2025

5 मार्च 2025, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:43 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:22 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *षष्ठी तिथि*  12:51 बजे  तक फिर सप्तमी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज कृतिका नक्षत्र* 25:07 बजे तक पश्चात रोहिणी नक्षत्र।

    *योग* :- आज *वैधृति*  है। 

 *करण*  :-आज *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा,गंडमूल नहीं   है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 12:33 से 14:00 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:11 बजे से 12:57 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* :

*मुहूर्त* : नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-मेष, मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 06:43 - 08:11 शुभ

अमृत 08:11 - 09:38 शुभ

काल 09:38 - 11:05 अशुभ

शुभ 11:05 - 12:33 शुभ

रोग 12:33 - 14:00 अशुभ

उद्वेग 14:00 - 15:28 अशुभ

चर 15:28 - 16:55 शुभ

लाभ 16:55 - 18:22 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 18:22 - 19:55 अशुभ

शुभ 19:55 - 21:27 शुभ

अमृत 21:27 - 22:59 शुभ

चर 22:59 - 24:32*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

मंगलवार, 4 मार्च 2025

एमएलबी महाविद्यालय की छात्राओं ने रैली निकाल बाल विवाह को बताया अभिशाप

 


ग्वालियर। महारानी लक्ष्मीबाई कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की छात्राओं ने बाल विवाह को समाज से मिटाने के लिये रैली निकाली। छात्रायें हाथों में पोस्टर लेकर चल रही थी। छात्रायें बाल-विवाह समाज के लिए अभिशाप है का नारा लगाते हुए जब छात्राएं निकली तो हर जगह उनके हौसले की सरहाना की गई। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. हरीश अग्रवाल एवं कार्यक्रम संयोजक प्रो. कुसुम भदौरिया ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। इसके पूर्व छात्र-छात्राओं ने बाल विवाह के विरुद्ध समृद्ध एवं सशक्त महिला विषय पर पोस्टर निर्माण किया। इस अवसर पर शासकीय महाविद्यालय बानमोर से प्रो. रिचा गुप्ता एवं शासकीय कमलाराजा कन्या महाविद्यालय से प्रो दिनेश पाटीदार सहित प्रो. आर.के. सिंह, प्रो. रवि रंजन, प्रो. विभा दूरवा, डॉ. कुसुम चैधरी, डॉ दिनेश गुर्जर, राहुल, आकाश बाथम शामिल थे। 

दाम ने अनुसूचित जाति जनजाति कार्य विभाग कार्यालय शारदा विहार से की अवैध कब्जा हटाने की मांग


 कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचकर की मांग 


ग्वालियर 4 मार्च  ।आदिम जाति कल्याण विभाग संभागीय आयुक्त एवं सहायक आयुक्त कार्यालय शारदा विहार सिटी सेंटर ग्वालियर पर अतिक्रमणकारियों नेअवैध कब्जा कर लिया है अतिक्रमण हटवाने के लिए आज दिनांक 4 मार्च 2025 मंगलवार की जनसुनवाई में दलित आदिवासी महापंचायत के प्रांतीय अध्यक्ष महेश मदुरिया ने आवेदन पत्र दिया अनुसूचित जाति जनजाति कार्य विभाग की भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत विभाग के अधिकारियों ने आज तक अतिक्रमण नहीं हटाए और ना ही आज तक वरिष्ठ अधिकारियों को बताया इसलिए प्रतीत होता है कि आदिम जाति कल्याण विभाग कार्यालय ग्वालियर पर आदिम जाति कल्याण विभाग  अधिकारियों की मिली भगत से खुलेआम अतिक्रमण कर कब्जा किया गया है।

       जनसुनवाई में मौजूद संयुक्त कलेक्टर गुप्ता जी ने आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रभारी सहायक आयुक्त जिनका मूल पद प्राचार्य है श्री राकेश गुप्ता जी को निर्देश देते हुए कहा की  शीघ्र ही सीमांकन करें तथा अतिक्रमण हटाया जाए। दलित आदिवासी महापंचायत के आवेदन को जनसुनवाई में दर्ज किया गया है

       दलित आदिवासी महा पंचायत के संस्थापक संरक्षक डॉ जवर सिंह अग्र एवं प्रदेश अध्यक्ष महेश मदुरिया ने प्रशासन से मांग की है कि अनुसूचित जाति जनजाति कार्य विभाग के लिए जो जमीन आवंटित की गई है उस पर से तत्काल अतिक्रमण हटाया जाए।

    जिससे शासन एवं विभाग की जमीन अनुसूचित जाति जनजाति के उपयोग में लाई जा और अभी तक कब्जा हटाने की कार्रवाई न करने वाले विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई करने की मांग कलेक्टर  से की गई है जिस पर कलेक्टर की जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों ने जमीन पर से अतिक्रमण हटाकर यदि अधिकारी दोषी पाए जाते हैं तो उनके प्रति कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है ।

अपनी जेब के बजाय औरंगजेब पर रार

 

हिन्दुस्तानी यानि सनातनी बेमिसाल होते हैं .आजकल हम हिन्दुस्तानी अपनी लगातार काटी जा रही जेब की फ़िक्र करने के बजाय उस औरंगजेब  को लेकर आपस में कट -मर रहे हैं जिसे हम में से किसी ने भी देखा नहीं. देखते भी कैसे ,क्योंकि  उसे दुनिया से गए सैकड़ों साल हो चुके हैं .आज की राजनीति ने औरंगजेब को एक बार फिर ज़िंदा कर दिया है .अब औरंगजेब सत्ताप्रतिष्ठांन  और उससे बाबस्ता दलों और संगठनों के काम आ रहा है .कोई औरंगजेब के कसीदे पढ़ रहाहै तो कोई उसकी क्रूरता के किस्से सुना-सुनाकर हिंदुस्तान में मौजूद हर मुसलमान को औरंगजेब बनाये दे रहा है .

यकीनन बात हैरानी की है ,लेकिन हिंदुस्तान में बहुसंख्यक लोग हैं जो औरंगजेब के मुद्दे पर आपस में जूझने की वकालत कर रहे हैं .बहुत से कूढ़ मगज हैं जो आजकल औरंगजेब की तस्वीरें सार्वजनिक गुसलखानों और पाखानों पर लगाकर अपने राष्ट्रवादी होने का प्रमाण दे रहे हैं .ये सब देखकर औरंगजेब जहाँ भी होगा हंस ही रहा होगा . हिन्दू तालिबानियों  ने औरंगजेब को गुसलखानों और पखानों से लेकर फ़िल्मी दुनिया के जरिये एक बार फर जिन्दा कर दिया है .आजकल वो ' छावा ' फिल्म का लोकप्रिय खलनायक है .दर्शक औरंगजेब की भूमिका करने वाले अक्षय खन्ना के अभिनय की भूरि  -भूरि   प्रशंसा कर रहे हैं .

आप मानें या न माने किन्तु ये सच है कि आज की सियासत में भी औरंगजेबों की कमी नहीं है .मैंने  तो औरंगजेब को देखा नहीं, किताबें के जरिये ही जाना है .इसलिए मैं उसके बारे में आधिकारिक रूप से कुछ कहने का अधिकारी नहीं हूँ ,किन्तु जो औरंगजेब को ज़िंदा कर सियासत  कर रहे हैं वे शायद उसके बारे में मुझसे ज्यादा जानकारी रखते हैं .न रखते होते तो औरंगजेब को आज की सियासत का औजार भी नहीं बनाते .अब औरंगजेब ज़िंदा हो ही गया है तो रोजाना कटती अपनी जेब की चर्चा कौन करे ? जेब कतरी की चर्चा न हो ये भी औरंगजेब को जिन्दा करने की एक वजह हो सकती है .

आज की तारीख में लोग जितना देश के प्रधानमंत्री के बारे में या लोकसभा में विपक्ष के नेता के बारे में या अपने खुद के पुरखों के बारे में नहीं जानते जितना की 318 साल पहले 3 मार्च के रोज दिवंगत  हुए औरंगजेब के बारे में जानते हैं .औरंगजेब के बारे में जिसके पास जो भी जानकारी है वो इतिहास की किताबों से ही आयी है .अब आज की सरकार और आज की सरकार चलने वाली भाजपा और उसके अनुषांगिक संगठन कहते हैं कि औरंगजेब के बारे में इतिहास सच नहीं बताता .मुमकिन है कि ऐसा हो भी और न भी हो ,लेकिन सवाल ये है कि तीन सौ साल से भी ज्यादा पुराने किरदार की  आज की सियासत में क्या जगह है ? कौन से मुकाम पर हमें औरंगजेब कोई जरूरत पड़ गयी ? 

आप यकीन मानिये कि औरंगजेब न मणिपुर की समस्या सुलझाने के काम आ सकते हैं और न रूस और यूक्रेन के बीच  की जंग समाप्त करने में कोई भूमिका अदा कर सकते हैं. वे दो गज जमीन के नीचे  318 साल से खामोशी के साथ सोये पड़े हैं ,फिर उन्हें क्यों परेशान किया जा रहा है  ? देश के अल्पसंख्यक मुसलमानों को लज्जित करने के लिए .उन्हें देशद्रोही बताने के लिए ? दुनिया में कितने देशों में गड़े मुर्दे उखाड़कर राजनीति की जाती है मुझे नहीं मालूम लेकिन मैं इतना जानता हूँ कि आजकल देश एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जिसमें केवल और केवल एक उन्माद है .ऐसा उन्माद जिसकी न आँखें हैं और न कान .उसे न किसी की बात सुनाई देती है और न हकीकत दिखाई देती है ..

अब सुना है कि औरंगजेब को खलनायक मानने वाले लोग पूरे  मुल्क के मुसलमानों को भी औरंगजेब मानने लगे हैं. वे आने वाली होली पर मुसलमानों को अपने पास फटकने भी नहीं देंगे. गले लगाने और रंग-अबीर का इस्तेमाल करना तो दूर है .ये औरंगजेबी घृणा का ज्वार मथुरा से उठा है उसी मथुरा से जहाँ रसखान कृष्ण भक्ति में सराबोर रहा करते थे .ये गुबार देश की उस गंगा जमुनी साझा विरासत को फूंक से उड़ा देने की कोशिश है .आम मुसलमान को औरंगजेब मानने वाले हिन्दू तालिबानियों की नजर में हिंदुस्तान में कोई गंगा-जमुनी संस्कृति थी ही नहीं ,ये तो अर्बन नक्सलियों द्वारा पैदा किया गया एक मिथक है .

इतिहास एक ऐसी चीज है जो बदली नहीं जा सकती. इतिहास के जरिये आप अपना वर्तमान और भविष्य बना और बिगाड़  सकते हैं ,लेकिन इतिहास का बाल -बांका नहीं कर सकते,फिर चाहे वो इतिहास किसी अंग्रेज ने लिखा हो,किसी मुग़ल ने लिखा हो या किसी भटियारे ने . इतिहास को बदलने की कोशिश जो लोग करते हैं उन्हें इतिहास कूड़ेदान में डाल देता है .दुर्भाग्य ये है कि हम न वर्तमान को लेकर फिक्रमंद हैं और न भविष्य को लेकर .हमारी परेशानी वो इतिहास है जो अब इतिहास हो चुका है .वो हमारा कुछ भी भला-बुरा नहीं कर सकता .हाँ हम जरूर इतिहास को जेरे बहस लेकर अपने पांवों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं .मुमकिन है कि आप मेरी बात से इत्तेफाक न रखते हों लेकिन क्या एक भी तर्क है जो आप इस पक्ष में दे सकें ? क्या आप बता सकते हैं कि गुसलखानों और पाखानों  पर औरंगजेब की तस्वीरें लगाकर हम औरंगजेब का कुछ बिगाड़ लेंगे ?

आज की सियासत में कोई औरंगजेब नहीं हो सकता. कोई औरंगजेब की तरह मुल्क पर आधी सदी तक राज नहीं कर सकता ,क्योंकि अब हर पांच साल में चुनाव होते हैं .आज यदि औरंगजेब भी होता तो उसे भी चुनाव लड़ना पड़ता और मुमकिन था कि उसे भी एके-दो चुनाव के बाद जनता ख़ारिज कर देती .औरंगजेब   खुशनसीब  था  जो  उसके  जमाने  में  आरएसएस और भाजपा नहीं थी,यदि  होती तो उसे कभी का देश निकाला दे चुकी होती .संघ के और भाजपा के रहते देश किसी सूरत में गुलाम हो ही नहीं सकता था .लेकिन हम सब बदनसीब हैं कि हमारे दौर में औरंगजेब न सही लेकिन उसकी मानसिकता के लोग हमारे बीच हैं .

मुहिउद्दीन मोहम्मद कहें या  औरंगज़ेब या आलमगीर यदि चाहता तो पचास साल के शासन में देश को हिन्दू विहीन कर देता लेकिन उसने ऐसा नहीं चाहा. उसकी चाहत आज के शासकों जैसी शायद नहीं रही होगी. जो देश को कांग्रेस विहीन ,मुसलमान विहीन करना चाहते हैं .उसने हिन्दुओं पर भी राज किया और मुसलमानों पर भी ,लेकिन आज के शासक केवल हिन्दू पदशाही चाहते हैं. वे न मुसलमानों पर राज करना चाहते हैं और न उन्हें राजसत्ता में भागीदारी करने देना चाहते हैं ,इसीलिए एक-एक कर विधानसभाओं से लेकर संसद तक में उनकी सहभागिता  को कम करते जा रहे हैं ,औरंगजेब को छोड़िये जैसे अकबर के दरबार में दिखावे के लिए जो नवरत्न थे वैसे ही आज की सरकार में दिखावे के लिए भी एक मुसलमान न संसद है और न मंत्री .अब आप समझ सकते हैं की औरंगजेब कौन है ?

मेरे अवचेतन में भी औरंगजेब की वही क्रूर  छवि  है जो आम हिन्दुस्तानी,आम सनातनी,आम कांग्रेसी ,आम भाजपाई के जेहन में है ,लेकिन मैं औरंगजेब को लेकर आज अपनी जेब की दुर्दशा को नहीं भुला सकता .मेरी या आपकी जेब किसी औरंगजेब ने नहीं काटी. हमारी जेब हमारी सरकार काट रही है ,हालाँकि हमारे मुखिया औरंगजेब नहीं हैं लेकिन वे और उनके कारनामें औरंगजेब जैसे जरूर नजर आ रहे हैं .इसलिए मैं बार-बार कहता हूँ कि औरंगजेब को भाड़ में जाने दीजिये. देश के हर मुसलमान को औरंगजेब मत समझिये .मुसलमान को लेकर इतनी नफरत पैदा मत कीजिये की एक और विभाजन की त्रासदी से इस खूबसूरत मुल्क को दो -चार होना पड़े .

@ राकेश अचल

4 मार्च 2025, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:44 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:21 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *पंचमी तिथि*  15:16 बजे  तक फिर षष्ठी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज भरणी नक्षत्र* 26:37 बजे तक पश्चात कृतिका नक्षत्र।

    *योग* :- आज *इंद्र*  है। 

 *करण*  :-आज *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा,गंडमूल नहीं   है।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 15:27 से 16:54 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:11 बजे से 12:57 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* :भगवान मल्ली नाथ जी मोक्ष

*मुहूर्त* : नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-मेष, मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

*🌞चोघडिया, दिन*

रोग 06:44 - 08:11 अशुभ

उद्वेग 08:11 - 09:39 अशुभ

चर 09:39 - 11:06 शुभ

लाभ 11:06 - 12:33 शुभ

अमृत 12:33 - 14:00 शुभ

काल 14:00 - 15:27 अशुभ

शुभ 15:27 - 16:54 शुभ

रोग 16:54 - 18:22 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

काल 18:22 - 19:54 अशुभ

लाभ 19:54 - 21:27 शुभ

उद्वेग 21:27 - 22:59 अशुभ

शुभ 22:59 - 24:32* शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

सोमवार, 3 मार्च 2025

प्रह्लाद पटेल सठियाये हैं या बौरा गए हैं ?

 

एक लोक कहावत हैं कि -' साठा ,सो पाठा ।  लेकिन इस कहावत पर अब मुझे यकीन नहीं रहा, क्योंकि मैंने चार साल पहले साठा हुए भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को बौराते हुए देखा हैं।  वे भाजपा के पहले ऐसे निर्मल हृदय नेता हैं जिन्होंने सार्वजनिक रूप से जनता को भिखमंगा कहा हैं। उनके इस कथन के लिए उनका सम्मान किया जाये या निंदा या सामाजिक बहिष्कार ये अभी तय नहीं हुआ। पटेल अपने इस उद्घोष से सुर्ख़ियों में जरूर आ गए हैं। 

प्रह्लाद पटेल हम उम्र हैं। उन्हें दूर रहकर भी बाखूबी जानता हूँ  ,मेरे मन में उनके प्रति सम्मान भी बहुत था ।  ईश्वर ने उन्हें अच्छी कद-काठी भी दी थी।  उनकी रसना पर सरस्वती भी विराजती थी ,लेकिन अब लगता हैं कि  मेरी धारणा गलत थी । वे दूसरे शाखामृगों  की भांति ही कूप मंडूक और अक्ल से पैदल हैं। उन्हें जनता-जानार्दन का सम्मान करना संघ की शाखाओं में सिखाया ही नहीं गया। पता नहीं कैसे पटेल को ये आत्मानुभूति हुई कि  वे ' दाता 'और जनता ' भिखारी ' हैं। तीर, कमान से निकले और बोल, जबान से निकलने के बाद वापस नहीं आता,इसलिए मुमकिन हैं कि  प्रह्लाद चौतरफा हो रही लानत-मलानत के बाद कहें कि  उनके बायां को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया हैं उनका मकसद जनता का अपमान करना नहीं था। 

पटेल कोई नौसीखिया नहीं है।  पांच बार के संसद है।  केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं लेकिन पार्टी ने उन्हें पहली बार विधयनसभा चुनाव क्या लड़वा दिया,वे बौरा गए और सुठालिया की सभा में अपने 'मन की बात' कह बैठे । पटेल दरअसल जनता द्वारा मंत्रियों को 'टुकना' भर ज्ञापन देने से आजिज आ गए है।  उन्होंने उत्तेजना में कहा कि  जनता को भीख मांगने की आदत से बाज आना चाहिए। जनता जनार्दन हैं लेकिन कमजोर है। बीमार हैं ,इसलिए पटेल से प्रतिप्रश्न नहीं कर सकती। नहीं पूछ सकती कि  देश की जनता को पिछले एक दशक में भिखारी बनाया किसने ?जनता ये सवाल भी नहीं कर सकती कि  समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन देना भीख मांगना नहीं बल्कि जन प्रतिनिधियों को उनकी जिम्मेदारी के प्रति आगाह करना भी हैं। 

भारत में कहने के लिए जनता जनार्दन हैं लेकिन हकीकत ये है कि  हमारी सरकार ने देश की 80  करोड़ जनता को पहले ही 2028  तक के लिए भिखमंगा बना दिया हैं ,और अब पटेल जैसे जन प्रतिनिधियों को लगने लगा हैं कि  जनता उनसे भीख मांगने आती हैं ,जबकि असली और मुकम्मल भिखारी तो पटेल जैसे नेता ही हैं ,जो हर पांच साल में अपनी झोली फैलाते हुए जनता-जनार्दन से वोटों की भीख मांगने आते है। जात-पांत देखे बिना जनता के पैरों में गिर जाते हैं ,लेकिन जनता ने कभी नहीं कहा कि-  नेताओं   को भीख मांगना छोड़ देना चाहिए ?

प्रह्लाद भाजपा के युवा तुर्क लगते थे, लेकिन हैं नही।  वे 1999  से चुनाव लड़ते आ रहे है।  बुंदेलखंडी हैं ,इसलिए मुझे प्रिय है।  उन्हें हमारे शहर के माननीय अटल बिहारी वाजपेयी ने कोयला मंत्री भी बनाया था लेकिन वे अपने व्यक्तित्व से चिरकुटपन और सामंती मानसिकता को दूर नहीं कर पाए। 

तीन बच्चों के पिता प्रह्लाद पटेल करोड़पति भी हैं इसलिए उन्हें जनता अब भिखमंगी लगने लगी हैं। पटेल 1982  से युवा मोर्चा के जरिये राजनीति करते हुए जहां तक पहुंचे हैं ,वहां तक पार्टी के बहुत कम लोग पहुँच पाते हैं ,यहां तक की पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे अनूपमिश्रा तक को हाशिये पर खड़ा कर दिया गया हैं लेकिन प्रह्लाद पटेल जितने  अटल जी के समय में महत्वपूर्ण थे उतने ही मोदी जी के समय में भी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन मुझे लगता हैं कि   अब पार्टी को उन्हें घर बैठा देना चाहिए,क्योंकि उन्होंने जनता को भिखमंगा तब कहा हैं जब माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास  मोदी पार्टी के जन प्रतिनिधियों को चार दिन पहले ही भोपाल में जमीन पर रहने की सीख देकर   गए थे।प्रह्लाद पटेल ने भी मोदीजी की क्लास अटेंड की थी लेकिन सबक कुछ नहीं सीखा,रहे पटेल के पटेल।  

आपको बता दें कि  पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के साथ भाजपा से बगावत कर चुके प्रह्लाद सिंह पटेल को भाजप्पा एक बार माफ़ कर चुकी हैं ,लेकिन इस बार सार्वजनिक रूप से जनता जनार्दन के अपमान के बाद भी उन्हें पार्टी महत्व देती रहेगी इसमें मुझे संदेह हैं। प्रह्लाद पटेल सच्चे सनातनी हिन्दू है।  नर्मदा परिक्रमा कर उन्होंने पूर्व मुख्य्मंत्री दिग्विजय सिंह की नकल भी की। लेकिन मुझे लगता हैं कि  प्रदेश का मुख्यमंत्री न बन पाने की कसक प्रह्लाद के मन में भी कहीं  रह गयी और शायद यही कुंठा अब उनके बयानों से झलकने लगी हैं।  कोई संघमित्र प्रह्लाद को समझाये कि  जनता जनार्दन कभी भिखमंगी नहीं होती ,असली भिखमंगे तो नेता होते हैं।  जनता पर फ्रीविज के जरिये सरकारी खजाना खाली करने के दोषी तो सरकार हैं। 

यदि जनता  टोकना भर कर मंत्रियों को ज्ञापन देती हैं तो इसका मतलब हैं कि  प्रदेश   में डॉ मोहन यादव की सरकार ढंग से काम नहीं कर रही।तो क्या ये मान लिया जाये कि  पटेल साहब आपने ही मुख्यमंत्री की सरकार को बेपर्दा करना चाहते हैं ? या उनका निशाना सीधे मुख्यमंत्री जी खुद हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की किस्मत से जलने वाले पटेल साहब अकेले नेता नहीं है।  विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर हों या कैलाश विजयवर्गीय ,या डॉ नरोत्तम मिश्रा या और कोई भी यदि मोहन यादव से जलता हैं तो इसका अर्थ ये नहीं हैकि वो बौरा जाये और आय-बांय बोलने लगे । पटेल को समझना चाहिए कि  ये जनता जनार्दन ही हैं जो उन्हें हार बार चुनाव जिताती हैं। इसलिए जनता भिखारी नहीं बल्कि असली दाता हैं। माफ़ी मांगिये  जनता से पटेल साहब  !। कांग्रेस, पटेल साहब के बयान की निंदा कर खामोश हो गयी हैं,उसमें  इतनी कूबत नहीं कि  वो प्रह्लाद सिंह पटेल को माफ़ी मांगने के लिए मजबूर कर सके। 

@ राकेश अचल

मेयर उम्मीदवार डॉ विजय सिंह नंबरदार ने मतदाताओं का आभार जताया

गुरुग्राम । नगर निगम मानेसर से पंचायती मेयर उम्मीदवार डॉ विजय सिंह नंबरदार ने रविवार को सम्पन्न हुए चुनाव में क्षेत्र के मतदाताओं व कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र हर व्यक्ति की  मदद के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे।

इस मौके पर जीएसएल सोसायटी के पदाधिकारी, निवासी और आपकेद्वार न्यूज चैनल की संपादक श्रीमती कोमल भाटिया व चंद्रभान भाटिया ने शांति पूर्ण चुनाव संपन्न होने पर सभी का आभार व्यक्त किया है।


3 मार्च 2025, सोमवार का पंचांग


*सूर्योदय :-* 06:45 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:21 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *चतुर्थी तिथि*  18:02 बजे  तक फिर चतुर्थी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज अश्वनी नक्षत्र* 28:29 बजे तक पश्चात भरणी नक्षत्र।

    *योग* :- आज *शुक्ल* 08:56 बजे से ब्रह्म है। 

 *करण*  :-आज *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक 06:38 पर समाप्त है,भद्रा 07:30 बजे से 18:02 बजे तक है।,गंडमूल   है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 08:12 से 09:39 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:11 बजे से 12:57 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* : विनायक चतुर्थी

*मुहूर्त* : सगाई,विवाह,मंदिर निर्माण ,प्रतिमा निर्माण,देव प्रतिष्ठा,वाहन,व्यापार,विद्या, अन्नप्रासन  है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-मेष, मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

अमृत 06:45 - 08:12 शुभ

काल 08:12 - 09:39 अशुभ

शुभ 09:39 - 11:06 शुभ

रोग 11:06 - 12:33 अशुभ

उद्वेग 12:33 - 14:00 अशुभ

चर 14:00 - 15:27 शुभ

लाभ 15:27 - 16:54 शुभ

अमृत 16:54 - 18:21 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

चर 18:21 - 19:54 शुभ

रोग 19:54 - 21:27 अशुभ

काल 21:27 - 22:59 अशुभ

लाभ 22:59 - 24:33*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

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रविवार, 2 मार्च 2025

कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने आज पलेरा तहसील के ग्राम मगरई, इटायली, कछौरा खास का किया निरीक्षण

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:- कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने आज पलेरा तहसील के ग्राम मगरई, इटायली, कछौरा खास का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने जल जीवन मिशन अंतर्गत किये गये कार्यों का जायजा लिया तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही राजस्व की फार्मर रजिस्ट्री की प्रगति के संबंध में चर्चा की

कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने निर्देशित किया कि तीन गांवों का जल जीवन मिशन के अंतर्गत पीने के पानी की पाइप लाइन बिछाने के दौरान जहां भी सड़कों को खोद कर बिना मरम्मत छोड़ दिया गया है, उसको शीघ्र ठीक कराया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि तब तक ठेकेदार का पेमेंट नहीं किया जाये।

 इस अवसर पर तहसीलदार पलेरा डॉ. अवन्तिका तिवारी एवं सम्बंधित अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।

राकेश अचल की रमजान पर ग़ज़ल

 


न सुनाई देने वाला हाहाकार भी सुनिए

 

आहें,चीखें और सिसकियाँ आदमी के दुःख की अभिव्यक्ति के वे रूप हैं जिसे सभी वाकिफ हैं,लेकिन कभी -कभी ऐसा भी होता है जब ये आहें,चीखें ,सिसकियाँ हमें सुनाई नहीं देती ,हालाँकि यदि हम इन्हें सुन सकें  तो इनका स्वरूप हृदय विदारक भी होता है तो कभी-कभी कारुणिक भी और कभी-कभी जुगुप्सा पैदा करने वाला . इन दिनों दुनिया भर में निवेशकों के बीच कोहराम है. कोई आहें भर रहा है ,कोई चीख रहा है और कोई सिसकियाँ लें रहा है लेकिन सुनाई किसी   को कुछ नहीं दे रहा .सबसे बुरी हालत तो हमारे अपने देश भारत की है .जहाँ शेयर बाजार  औंधें  मुंह पड़े हुए हैं और कोई किसी को ढांढस बांधने वाला नहीं है .

.शेयर बाजार में गिरावट समंदर में उठने वाले ज्वर-भाटे की तरह होती है.कभी-कभी ये सुनामी का रूप ले लेती है और जब सुनामी आती है तो सब कुछ तबाह हो जाता है. दुनिया के शेयर बाजारों में इस समय पिछले 40  दिन से सुनामी आयी हुई है. ट्रंपअनुशासन इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है .जानकार बताते हैं कि फरवरी की 28 तारीख को दिन की शुरुआत में ही सेंसेक्स में करीब 1000 अंकों की और निफ्टी में 300 अंकों की भारी गिरावट देखने को मिली. एक झटके में निवेशकों के 7.5 लाख करोड़ रुपए डूब गए.

बात कोई एक दिन की नहीं है.शेयर बाजार हर दिन डुबकियां ले रहा है . फरवरी 2025 में कुल 20 दिन शेयर बाजार खुला, जिसमें 16 दिन सेंसेक्स नेगेटिव रहा. पिछले 4 महीने में सेंसेक्स में 12 फीसद से ज्यादा गिरावट हुई है. प्रयागराज के कुम्भ में तो मान लीजिये की 62  करोड़ लोगों ने ही डुबकी लगाईं लेकिन शेयर बाजार में तो इसका कोई पुख्ता आंकड़ा ही नहीं है .

आपने आपको विश्वगुरु बताने वाले लोग भी देश के शेयर बाजार को डूबने से नहीं रोक पाए ,लेकिन एक अकेला चीन है जिसके  शेयर बाजार इस सुनामी से अप्रभावित दिखाई दे रहे हैं . चीन के ‘शंघाई स्टॉक एक्सचेंज कम्पोजिट इंडेक्स’ में अगस्त 2024 से जनवरी 2025 के बीच 15 प्रतिशत  का इजाफा हुआ है. जबकि हांगकांग के ‘हैंग सेंग इंडेक्स’ में सिर्फ एक महीने में 16  प्रतिशत  का उछाल दिखा है.आपको हक है कि  आप मुझसे सवाल करें  कि भारतीय बाजार में 28 साल की सबसे बड़ी गिरावट की क्या वजह है और पड़ोसी देश चीन का शेयर बाजार क्यों लगातार चढ़ता जा रहा है ?

सरकारी नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद शेयर बाजार में मगजमारी   करने वाले हमारे एक मित्र हैं डॉ रंजीत भाले. वे बताते हैं कि  फरवरी के आखिरी दिन निफ्टी ने गिरावट के मामले में 28 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है. साल 1996 के बाद से शेयर बाजार में कभी भी लगातार पांच महीने तक गिरावट नहीं देखी गई है. 1996 के बाद ये पहला मौका है जब शेयर बाजार में लगातार पांचवे महीने गिरावट देखने को मिली है.

पीएचडी उपाधि धारक डॉ भाले   भी इस सुनामी में  दूसरे निवेशकों की तरह अपना बहुत कुछ गंवा बैठे हैं .वे कहते हैं कि  उन्होंने निफ्टी के इतिहास में ऐसी गिरावट  1990 के बाद केवल दो बार पांच महीने या उससे ज्यादा समय तक गिरावट दर्ज होते देखी थी . अपनी याददाश्त पर जोर डालते हुए डॉ भाले बताते हैं कि   सितंबर 1994 से अप्रैल 1995 तक 8 महीनों में इंडेक्स 31.4 फीसदी गिर गया था. आखिरी बार पांच महीने की गिरावट 1996 में देखी गई थी. उस समय जुलाई से नवंबर तक निफ्टी में 26 फीसदी की गिरावट आई थी.

एक तरह से आर्तनाद कर रहे दुनिया भर के निवेशक इस समय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को कोस रहे हैं ,क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद लगातार टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं. ऐसे में पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल है. भय और आतंक के इस माहौल में  में निवेशक को जहां अपना निवेश सुरक्षित नजर आता है, वो वहां जाते हैं. फिलहाल निवेशक को  डॉलर और सोने में ज्यादा  सुरक्षा नजर आ रही  है. यही वजह है कि भारतीय बाजार से देशी और विदेशी निवेशक अपना  पैसा निकाल रहे हैं, जिससे बाजार गिर रहा है.लेकिन हमारे नेता,हमारी सरकार मौन साधकर बैठी है .उसे बाजार से ज्यादा अपनी चिंता है .

किसी से भी ये बात छिपीन्हीं है की भारतीय बाजार से पैसा निकालकर ज्यादातर निवेशक  अमेरिका और चीनके बाजारों में लगा  रहे हैं.  चीनी बाजार से ज्यादा रिटर्न की उम्मीद है . दूसरी ओर अमेरिकी सरकार बॉन्ड के जरिएनिवेशक  को बेहतर रिटर्न का भरोसा दे रही है. ऐसे में जब तक अमेरिकी बॉन्ड बाजार आकर्षक बना रहेगा, विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में बिकवाली यानी शेयर बेचना जारी रख सकते हैं.

मैंने शेयर बाजार में बहुत पहले कुछ पैसे लगाए थे ,लेकिन फिर मै इस मायाजाल से बाहर निकल आया .मेरी आपको यही सलाह है कि  यदि आप शेयर बाजार का हिस्सा हैं तो अभी चुप्पी साधकर बैठे रहें. घबड़ाहट में कोई फैसला न करें .बाजार में ठहराव आने दें ,हालाँकि इसके लिए आपको लाम्बा इन्तजार भी करना पड़ सकता है .लेकिन इन्तजार ही आपको इस सुनामी से उबार सकता है . हमारे  प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी हों या वित्त मंत्री निर्मला बाई वे आपकीकोई मदद नहीं कर सकते .उन्हें खुद अपनी कुर्सी कीपड़ी है .

@ राकेश अचल

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