गुरुवार, 13 मार्च 2025

आओ रे ! आओ !! खेलें मसाने में होली

 


भारत में चाहे कुम्भ हो या होली उसे हमारे ज्योतिषी आजकल विशेष बना देते हैं ।  जैसे कुम्भ को 144  साल के अद्भुद संयोगों का महाकुम्भ बना दिया था  वैसे  ही होली को भी 100  साल के अद्भुद संयोगों की होली बता दिया गया है। मुझे भी लगता है कि हमारे ज्योतिषी जो कहते हैं वो साबित भी करा देते हैं। जैसे कुम्भको  महाकुम्भ बनाकर ज्योतिषियों ने आधे देश को गंगा में डुबकी लगवा दी, उसी तरह अब पूरे देश को इस बार मसान में होली खेलने के लिए तैयार कर दिया गया है। 

 हिन्दू धर्म की तरह होली भी सनातन ही है । होली की अपनी कहानी है ,अपनी किम्वदंतियां हैं। अपना रंग है ,अपना स्वाद है। अपना आनंद है। लेकिन पहली बार ये आँखें होली का स्वाद, बेस्वाद होते देख रहीं है।  पहली बार होली के रंग खतरनाक   बनाये जा रहे है।  पहली  बार होली की मस्ती से देश  की एक चौथाई आबादी को अलग करने या अलग रहने के लिए कहा जा रहा है। धर्म के ठेकेदार,सियासत  के हाथों की कठपुतली  बनकर होली को सचमुच मसान में खेलने की तैयारी कर रहे हैं। 

मसान की होली अभी तक काशी की मशहूर थी। मशहूर था होली का होली [पवित्र ] गीत। ' होली खेलें मसाने में' छन्नू लाल मिसुर या  मालिनी अवस्थी जब ये गीत गातीं हैं तो मन मछँदर हो जाता है। ये गीत भगवान शिव के साथ होली खेलने का भव्य दर्शन कराता है। लेकिन अब न जाने क्या हुआ है कि हमारी सियासत काशी के मसाने की होली ,पूरे देश में खिलवाना चाहती है। फतवे जारी कर दिए गए हैं कि होली पर विधर्मी अपने घरों से बाहर न निकलें। क्योंकि इससे होली में खलल पड़ सकती है। अरे मिया ! जब महाकुम्भ में खलल नहीं पड़ी तो होली में खलल कैसे पड़ सकती है ?लेकिन यदि सत्ता प्रतिष्ठान चाहे तो कुछ भी मुमकिन है। 

होली का संदर्भ क्या  है ,सन्देश क्या है ? ये विद्वान बता सकते हैं ।  हम जैसे कूढ़ मगज तो सिर्फ इतना जानते हैं कि होली का  एकमात्र सन्देश ये है कि- प्रेम को ,भक्ति को दुनिया की कोई आग नहीं जला सकती।' होलिका भी नहीं ,जिसे आग में सब कुछ भस्म करने का वरदान हासिल था /होलिका प्रेम और भक्ति के प्रतीक प्रह्लाद को नहीं जला पायी और खुद जलकर राख हो गयी। ख़ाक में मिल गयी। इसी तरह मेरा दृढ विश्वास है की सत्ता की होलिका सद्भाव के प्रह्लाद को जलाकर न राख कर सकती है और न खाक में मिला सकती है। भले ही सत्ता प्रतिष्ठान पूरे देश के कब्रस्तान और मस्जिदें खोद कर देख ले। 

लोगों को शायद ये पता नहीं है कि होली पर रियाया आपस में गले मिलती आयी है। आज से नहीं  बल्कि आदिकाल से यानि जब से होली मानाने के सिलसिला शुरू हुआ होगा ,तब से। इस होली को अकेले हिन्दू  नहीं मानते ।  इसमें सिख,ईसाई,मुसलमान और तो और अंग्रेज तक शामिल होते आये हैं और होते आएंगे। कोई किसी को रोक नहीं सकता,रोकता भी  नहीं है। रोकना भी नहीं चाहिए ,लेकिन जो होली खेलना नहीं चाहता उसे इसमें जबरन घसीटा भी नहीं जा सकता। घसीटना भी नहीं चाहिए।  होली यदि हिन्दुओं का त्यौहार है तो उसके लिए दूसरों को न तो विवश किया जा सकता है और न ही किसी को होली खेलने ,मनाने से रोका जा सकता है। स्कूल बंद होने से पहले बच्चों ने होली माना ली,खेल ली। वहां सियासत अपना काम नहीं कर पायी ,लेकिन सम्भल  में रंगों के बजाय खून से होली खेलने की तैयारी जरूर की गयी है खुदा न करे की सम्भल में होली बदरंग हो ,बदनाम हो। 

मैंने सात समंदर पार अमेरिका में दो-तीन बार होली मनाऐहै। वहां होली घरों में नहीं मंदिरों में जलाई जाती है और घरों में नहीं बल्कि सामूहिक रूप से सार्वजनिक बागीचों में खेली जाती है। अमेरिका में अकेले हिन्दू होली नहीं खेलता। पूरा हिंदुस्तान होली खेलता है।  होली खेलने   वाले से उसका मजहब नहीं पूछा जात।  अमरीकी भी होली खेलते है।  अपने बच्चों को होली खिलाने लाते हैं ,लेकिन यदि जिस तरह से हिन्दुस्तान में पहली बार होली खेलने कि कोशिश की जा रहीहै वैसी ही होली यदि देश के बाहर दूसरे मुल्कों में रहने वाले हिन्दुओं ने खेलना शुरू कर दी तो कबाड़ा हो जायेगा ।  भारतीयता का जनाजा उठ जाएगा। भारतीयता का मतलब ही सद्भाव है। 

हमने,आप ने इसी मुल्क में सातों जातों को होली खेलते देखा है ,लेकिन अब जान-बूझकर रंग में भंग डालने की कोशिश की जा   रही है। होली सामाजिक उत्सव  है ,इसमें  राजनीति वाले ,मजहब वाले अपनी नाक क्यों घुसा रहे हैं ?वे थोड़े ही बताएँगे की हमें होली कैसे खेलना है ? किसके साथ खेलना है ? पहले तो ऐसा नहीं होता था ।  ये सब 2014  के बाद ही क्यों शुरू हुआ है ? दुर्भाग्य ये है कि अब होली को बदरंग करने के गुप्त अभियान  में नेता,भगवाधारी संत-महंत और साहित्यकार ,पत्रकार सभी शामिल हो गए हैं और जो इस कोशिश के खिलाफ खड़े हैं उन्हें विधर्मी,तथा देशद्रोही घोषित किया जा रहा है। सब मिलकर रंगों की होली को मसान की होली   बना देने पर आमादा हैं।  अब मजा तब आये जब मुल्क का वो समाज बढ़ -चढ़कर होली खेले,जिसे इससे अलग करने की कोशिश की  जा  रही है ।विधर्मी अपनी मस्जिदों  में जुमे की नमाज भी पढ़ें और नमाज के बाद खुलकर रंगों  की होली   भी खेलें ,तभी साजिशें नाकाम हो सकतीं हैं । दुनिया के किसी भी रंग से न रोजा टूटेगा और न अपवित्र होगा। जैसे हिन्दू  ईद मिलने मुसलमानों के  यहां जाते हैं ,वैसे ही मुसलंमान  भी जुमे कि नमाज के बाद हिन्दू पड़ौसियों  के यहां होली मिलने जरूर  जाएँ । 

बहरहाल हमारे यहां तो होली जलाई भी जा रही है और खेली भी जा रही है,वो भी गलियों में ,मुहल्लों में ,बगीचों में। मसान में होली खेलने कोई नहीं गया। मसान में होली खेलने का हक केवल भगवान शिव को है और हम मनुष्य भगवान नहीं है।  भगवान शिव की तरह मसान की राख से होली नहीं खेल सकते। ये अधिकार भगवान शिव ने केवल काशी वासियों को दिया है। काशी के सांसद चाहें तो काशी के मसानों में जाकर राख की होली खेल सकते हैं,किन्तु देश के मुखिया होने के नाते उनका दायित्व है कि वे होली को बदरंग न होने दें । रोकें अपने प्यादों को ऐसा करने से।  मुझे यकीन है कि उनकी बात सुनी जाएगी ।  उनके कहने पर ये देश जब ताली और थाली बजा सकता है तो मिलजुलकर,सद्भाव से होली भी खेल सकता है।होली कोई कुम्भ स्नान नहीं है कि संगम जाकर ही किया जाये ।  होली तो 60  क्या 150  करोड़ देशवासी जहाँ हैं ,वहां खेल सकते हैं।  किन्तु साहब के  मन की बात केवल साहब  ही जानते हैं। पता नहीं वे क्या चाहते हैं ?

आप सभी को होली की अनन्य अनंत शुभकामनायें। 

@ राकेश अचल

13 मार्च 2025, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:34 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:27 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *चतुर्दशी तिथि*  10:35 बजे  तक फिर  पूर्णिमा चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र* 30:18  बजे तक पश्चात उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र।

    *योग* :- आज *धृति*  है। 

 *करण*  :-आज  *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, गंडमूल नहीं  है भद्रा 10:35 बजे से 23:36 बजे तक।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 13:59 से 15:29 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:09 बजे से 12:54 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* :  होलिका दहन मुहूर्त - भद्रा के बाद रात 11:36 से 12:36 के बीच।

*मुहूर्त* : कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-सिंह मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 06:34 - 08:03 शुभ

रोग 08:03 - 09:33 अशुभ

उद्वेग 09:33 - 11:02 अशुभ

चर 11:02 - 12:31 शुभ

लाभ 12:31 - 13:59 शुभ

अमृत 13:59 - 15:29 शुभ

काल 15:29 - 16:58 अशुभ

शुभ 16:58 - 18:27 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 18:27 - 19:58 शुभ

चर 19:58 - 21:29 शुभ

रोग 21:29 - 22:59 अशुभ

काल 22:59 - 24:30*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

बुधवार, 12 मार्च 2025

पोर्ट लुई टू पटना इलेक्शन केम्पेन

 

भारतीय जनता पार्टी  चुनावों के लिए किसी भी हद को पार कर सकती है ,इसीलिए मैं भाजपा का  अनन्य प्रशंसक हूँ । हमारे प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी यदि अमेरिका में जाकर डोनाल्ड ट्रम्प का प्रचार कर सकते हैं तो मॉरीशस जाकर बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा  के लिए भी चुनाव प्रचार का श्रीगणेश कर सकते हैं। उन्होंने ऐसा कर दिखाया भी। मोदी जी को इस दूरदर्शिता और दुस्साहस के लिए हार्दिक बधाई। 

हमारे प्रधानमंत्री जी मॉरीशस गए तो थे मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि  बनकर लेकिन वहां जैसे ही उन्हें भारतीय समाज के बीच जाने का मौक़ा मिला उन्होंने अनौपचारिक रूप से बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव अभियान शुरू कर दिया ।  मोदी जी ने बिहार में नालंदा  विश्विद्यालय के उन्नयन के लिए केंद्र सरकार के काम के साथ ही बिहार में मखाना उद्योग के लिए हाल के बजट में किये गए प्रावधानों का भी उल्लेख कर दिया। आपको पता ही है की मॉरीशस में कोई दो सदी पहले अंग्रेज जिन गिरमिटिया   भारतीय मजदूरों   को भरकर ले गए थे उनमें  बहुत से बिहारी थे। मोदी जी ने पोर्ट लुई में भारतीय मूल के लोगों के बीच हिंदी ,अंग्रेजी के अलावा भोजपुरी भाषा में भी अपने प्रवचन दिए। 

प्रधानमंत्री मोदी के दो दिवसीय मॉरीशस के आधिकारिक दौरे पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड 'की ऑफ द इंडियन ओशन' देने की घोषणा की. मोदी मॉरीशस का सर्वोच्च सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. रामगुलाम ने पोर्ट लुईस में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम में ये घोषणा की। इसी कार्यक्रम में मोदी जी ने भारतीय मूल के लोगों के बीच अपनी पार्टी के एजेंडे में शामिल राम जी का भी उल्लेख किया और महाकुम्भ का भी। मोदी जी मॉरीशस के भारतियों के लिए त्रिवेणी का गंगाजल भी आपने साथ लेकर गए है।  इस गंगाजल को पोर्ट लुई के   गंगा तालाब में डाला जाएगा ताकि लोग इसमें स्नान,आचमनकर कुम्भ का पुण्य लाभ उठा सकें। 

मोदी जी का अनुशरण भाजपा वाले योगी जी कर   रहे हैं या योगी जी  का अनुशरण  मोदी जी,ये पता नहीं चल रहा / क्योंकि गंगाजल का परिवहन योगी जी ने शुरू कराया  है ।  उन्होंने उत्तर प्रदेश की तमाम जेलों में गंगाजल भिजवाकर कैदियों को कुम्भ लाभ दिलवाया ।  हमारे मध्यप्रदेश में तो अनेक मंत्री-संतरी टेंकरों में भरकर त्रिवेणी से गंगाजल  लेकर आये और घर-घर बटवा रहे हैं ठीक उसी तर्ज पर जिस तरह कोविड के दिनों में नेता ऑक्सीजन सिलेंडर बंटवाया  करते थे। वोट और समर्थन हासिल करने के लिए हमारे मोदी जी कुछ भी कर सकते हैं। मोदी जी को राम राज्य के विस्तार और बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के श्रीगणेश के साथ ही उन्हें मॉरीशस का सर्वोच्छ नागरिक सम्मान मिलने की बहुत  -बहुत बधाई। 

चुनाव कैसे लड़ा जाता है ,चुनाव प्रचार कैसे किया जाता है  ये विपक्ष को माननीय मोदी जी सीखना चाहिए। नहीं सीख रहा इसीलिए 11  साल से सत्ता से दूर है और 2047  तक उसे इसी तरह सत्ता से दूर रहना पडेगा। मोदी जी का क्या भरोसा कि वे मॉरीशस में रहने वाले बिहार मूल के लोगों को बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए बुला लें । उन्हें मताधिकार उपहार में दे दें। मोदी जी जब माननीय ट्रम्प को भारत बुलाकर  चुनाव प्रचार करा सकते हैं तो मॉरीशस की जनता कहाँ लगती है ?मॉरीशस के प्रधानमंत्री माननीय नवीनचंद्र रामगुलाम   की तो क्या जुर्रत कि  वे मोदी जी का आग्रह ठुकरा दे। मोदी जी नवीन सर को ये भी याद दिलाया की पटना के गाँधी मैदान में मॉरीशस के प्रधानमंत्री रहे सर शिव   सागर रामगुलाम की आदमकद   प्रतिमा भी भारत सरकार ने लगवाई है ,जो दोनों देशों के प्रगाढ़ रिश्तों   का प्रतीक है । 

मुझे तो लगता है की मोदी जी मॉरीशस को अपना ही एक राज्य मानकर भाषण दे रहे थे पोर्ट लुई में। भारत का गोदी  मीडिया यदि मोदी जी के पोर्ट लुई के चुनावी भाषण का सीधा प्रसारण   न करता तो मैं इसे चुनावी भाषण कहता ही नहीं ,लेकिन इस भाषण को मोदी जी भारतवासियों को ही नहीं बल्कि बिहारियों को भी सुनवाना चाहते थे इसलिए उसका सीधा प्रसारण भी कराया गया। अन्यथा ये भाषण कोई संयक्त राष्ट्र महासभा में थोड़े ही दिया गया था ! 

मोदी जी ने भारतीय शिष्टाचार का पूरा ख्याल रखा। मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरमबीर गोखुल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मॉरीशस के राष्ट्रपति को कई चीजें भेंट की है, जिसमें महाकुंभ से संगम का जल और सुपर फूड मखाना भी शामिल है. इसके अलावा पीएम ने गोखुल की पत्नी वृंदा गोखुल को बनारसी सिल्क की साड़ी भी भेंट की है.ये बात और है की मोदी जी ने अपनी सगी पत्नी को न गंगाजल भेजा और न कोई साडी ।  बेचारी ये खबर देखकर जल-भुनकर रह गयीं होंगी। लेकिन मैं किसी के निजी मामले में मदाखलत नहीं करना चाहता। मैं तो चाहता हूँ कि   मोदी   जी इसी तरह पूरी तीव्रता से दुनिया में अपनी पार्टी का एजेंडा और चुनाव प्रचार का अभियान जारी रखें। चुनाव प्रचार पोर्ट लुई से किया जाये या पटना से ,कोई फर्क नहीं पड़ता ।  बात बिहार की ,लिट्टी चोखा की ,मखाने की होना चाहिए। 

मुझे एक ही हैरानी है कि  मोदी जी ने दो सौ साल पुराने इतिहास से तो अपने आपको जोड़ा  लेकिन चार सौ साल पुराने इतिहास को याद तक नहीं किया ,अन्यथा ये मौक़ा था कि  वे जिस तरह से बिहार के मखाने का जिक्र कर रहे थे ,उसी तरह महाराष्ट्र के संभाजी राव और  औरंगजेब का भी कोई किस्सा मॉरीशस वालों   को सुना देते। मोदी जी आखिर कुछ भी कर सकते हैं। बहरहाल मोदी जी को मिले तमाम दुसरे आंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मानों की फेहरिश्त में एक और नाम मारीशस का भी  जुड़ गया है।  मेरा केंद्र सरकार से आग्रह है कि  वो मोदी   जी के कालखंड को प्रधानमंत्री संग्रहालय के सुपुर्द करने के बजाय उनके लिए अलग से चार मूर्ति भवन बनवाये। तीन मूर्ती भवन तो नेहरूजी  बहुत पहले बनवा चुके हैं। 

@ राकेश अचल 

12 मार्च 2025, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:35 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:26 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *त्रयोदशी तिथि*  09:11 बजे  तक फिर चतुर्दशी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज मघा नक्षत्र* 28:04 बजे तक पश्चात पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र।

    *योग* :- आज *सुकर्मा*  है। 

 *करण*  :-आज  *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा नहीं गंडमूल  है।

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 12:31 से 13:59 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:11 बजे से 12:57 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* :  कोई नहीं 

*मुहूर्त* : कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-सिंह मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 06:35 - 08:04 शुभ

अमृत 08:04 - 09:33 शुभ

काल 09:33 - 11:02 अशुभ

शुभ 11:02 - 12:31 शुभ

रोग 12:31 - 13:59 अशुभ

उद्वेग 13:59 - 15:29 अशुभ

चर 15:29 - 16:58 शुभ

लाभ 16:58 - 18:27 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 18:27 - 19:57 अशुभ

शुभ 19:57 - 21:28 शुभ

अमृत 21:28 - 22:59 शुभ

चर 22:59 - 24:30*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

मंगलवार, 11 मार्च 2025

' ना-रंगी ' जमात की ' औरंगी ' सियासत

सियासत   का कोई एक रंग होता  तो उसे आसानी से पहचाना जा सकता था,लेकिन मुल्क  की सियासत तो बहुरंगी है। इन तमाम रंगों के बीच  एक रंग ऐसा है जो नारंगी होकर भी ना-रंगी है। इस ना-रंगी सियासत  की जमात अलग है। फर्जी की तरह टेढ़ी-टेढ़ी चलती है ,जैसे प्यादे से फर्जी होकर फर्जी चलता है। मेरा ख्याल है कि अब आप समझ गए होंगे कि मैं किस सियासत की और किस जमात की बात कर रहा हूँ ?

दरअसल मुल्क में ना-रंगी सयासत ने नैतिकता की तमाम हदों को पार कर लिया है और अब नारंगी सियासत मुल्क में औरंगी सियासत पर उतर आयी है। औरंगी यानी औरंगजेबी  सियासत।  अब नारंगी सियासत  चाहती है कि इस मुल्क के इतिहास से न सिर्फ औरंगजेब को बल्कि इस मुल्क की धरती पर बनी औरनग्जेब की कब्र को भी तखलिया   कह दिया जाये,ताकि ' न रहे बांस और न बजे बांसुरी।'  नारंगी सियासत को लगता है कि जब तक इस मुल्क की जमीन पर औरंगजेब का नाम लेने वाली किताबें और लोग रहेंगे तब तक इस देश में नारंगियों की सियासत कामयाब नहीं हो सकती। 

नारंगी सियासत देश की अर्थव्यव्स्थाकी दयनीय हालत,किसानों के आंदोलन ,कुपोषण,गरीबी से परेशान नहीं है।  उसे परेशानी नहीं है दुनिया के आधुनिक औरंगजेबों से जो मुल्क कि अस्मिता और समरभूता कि धज्जियां उदा रहे हैं। उसे परेशान किये हुए है चैन से दो गज जमीन के नीचे 300  साल से सोया हुआ औरंगजेब। वो औरंगजेब  जो इसी मुल्क की सरजमीं पर पैदा हुआ और इसी मुल्क की सरजमीं में सुपुर्दे ख़ाक कर दिया गया। तीन सौ साल पहले चूंकि इस मुल्क में कोई नारंगी सियासत करने वाला नहीं था इसलिए औरंगजेब को दो गज जमीन भी मिल गयी वरना यदि औरंगजेब आज मरता तो उसे दफन होने के लिए बहादुर शाह जफर की तरह रंगून या एमएफ हुसैन की तरह कुवैत ले जाना पड़ता। क्योंकि नारंगी सियासत में औरंगी सियासत के लिए कोई जमीं नहीं है । 

ताजा खबर ये है कि ना-रंगी बिर्गेड मुगल सम्राट रहे औरंगजेब की कब्र तक खोद कर फेंक देना चाहती है। नारंगी ब्रिगेड की मांग पर महाराष्ट्र की महान सरकार कानूनी रास्ते भी खोजने में लग गयी है। औरंगजेब की कब्र पुराने औरंगाबाद में है, जिसे नारंगी ब्रिगेड ने बदलकर छत्रपति संभाजी नगर कर दिया है। अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी इस मामले पर बयान दिया है। फडणवीस ने कहा है कि सभी का मानना ​है कि छत्रपति संभाजीनगर में स्थित औरंगजेब की मजार को हटाया जाना चाहिए, लेकिन यह काम कानून के दायरे में किया जाना चाहिए।महाराष्ट्र की सतारा सीट से भाजपा के सांसद और मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब के मजार को हटाने की मांग की थी।उदयनराजे से पहले उनके तमाम पुरखों के दिमाग में ये हल्का ख्याल कभी नहीं आया। वे ' ' बीती  ताहि बिसार दे ' के सिद्धांत पर अमल करते रहे। 

इस शानदार मुल्क में नारंगी ब्रिगेड लम्बे इन्तजार के बाद सत्ता में आयी है। उसके दोनों और बैशाखियाँ लगीं हैं, लंगड़ाकर चलती है लेकिन अपनी हरकतों से बाज नहीं आना चाहती नारंगी ब्रिगेड। मुल्क के अमनो-अमान से उसे शायद चिढ है। नारंगी ब्रिगेड का ख्वाब तो इस मुल्क से 20  करोड़ मुसलमानों को देश निकला देने का है लेकिन वो ऐसा दस साल में नहीं कर पायी ,इसीलिए शायद अब औरंगजेब की कब्र हटाकर वो अपने ख्वाब में सांकेतिक रंग भरना चाहती है। यानि आप समझ सकते हैं कि घृणा मरकर भी नहीं मरती ।  तीन सौ साल बाद भी नहीं मरती घृणा अमर है अजर है। इसी घृणा के सहारे आजकल मुल्क की नारंगी सियासत चल रही है। भगवान श्रीराम भी इस घृणा को समूल  समाप्त नहीं कर सकते। 

आने वाले दिन बेहद चुनौती भरे हैं। कुछ लोग हैं जो औरंगी राजनीती   के बहाने खून की होली खेलना चाहते हैं। खेल शुरू भी हो गया है।  कोई संभल में एक मसजिद का चेहरा पोतना चाहता   है तो कोई चैम्पियन ट्राफी जीतने के बहाने बजरंगबली के नारे लगाकर अपना मकसद पूरा करना चाहता है ,हालाँकि किसी ने बजरंगबली से इसके बारे में कोई इजाजत नहीं ली है। नारंगी ब्रिगेड की औरंगी  सियासत आजाद भारत की सबसे कड़वी ,काली और बदसूरत सियासत है। अब ये मुल्क की अवाम को तय करना है कि वो इसी तरह की सियासत को पसंद करती है या नहीं ? इस तरह की सियासत के चलते खामोश रहना भी एक तरह का गुनाह है। आप इसके खिलाफ लिखकर, बोलकर ,सड़कों पर निकलकर बिरोध कीजिये।  और कुछ नहीं तो अपने मताधिकार के जरिये बोलिये। यदि आप सबने अपनी चुप्पी न तोड़ी तो तय मानिये कि ये नारंगियों की औरंगी  सियासत इस मुल्क को पूरी दुनिया में मुंह दिखने लायक नहीं छोड़ेगी। 

बहरहाल औरंगजेब  की कब्र समभाजी नगर में रहे या उखाड़  फेंकी जाये इससे न औरंगजेब की रूह को कोई फर्क पढ़ना है और न औरंगजेब के वारिसों को ,वे तो कहीं पंचर जोड़ रहे होंगे या बढ़ईगिरी कर रहे होंगे। फर्क पडेगा इस मुल्क के आइन को ,उस आइन को जिसकी कसमें  खाते हमारे भाग्यविधाता नहीं थकते। आइन  यानि संविधान। यदि संविधान के रहते ये मुल्क एक तीन सौ साल पुरानी किसी मुगल की कब्र नहीं बचा सकता तो आम आदमी के हको-हुकूक को क्या ख़ाक बचाएगा ? फिर इस संविधान की जरूरत क्या है ? मुझे इस बात में कोई संदेह यानि शक-सुब्हा नहीं है कि नारंगी ब्रिगेड औरंगजेब की कब्र को बख्श देगी। नारंगी ब्रिगेड इससे पहले बाबर के नाम से  तामीर एक मुर्दा इमारत को जमीदोज  कर चुकी है ,वो भी बिना किसी जेसीबी मशीन या बुलडोजर के। तो आप किसी दिन देखेंगे कि औरंगजेब की कब्र भी ठीक उसी तरह खोद फेंकी जाएगी हालांकि उस क्रूर बाशाह की कब्र किसी विवादास्पद जगह पर नहीं बनी है। ऊपर वाला नीचे हो रहे इस नाटक को रोक सके तो रोक ले अन्यथा नीचे रहने वाले भगवान तो खुद नारंगी और औरंगी सियासत के लंबरदार है। जय श्रीराम। 

@ राकेश अचल

CM यादव ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की 7

धर्म गुरुओ का सम्मान किया 

ग्वालियर 10 मार्च ।  पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया जी की 80वी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को सिंधिया परिवार के छत्री परिसर में पहुँचे और स्व. माधराव सिंधिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव भजन संध्या में भी शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित धर्मगुरुओं एवं संतजन का सम्मान भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद श्री वी डी शर्मा ने भी स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

भजन संध्या में जल संसाधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट,  सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री हितानंद शर्मा, विधायक श्री मोहन सिंह राठौर, पूर्व मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, श्री अनूप मिश्रा, श्री रामनिवास रावत, श्रीमती माया सिंह, श्री ध्यानेन्द्र सिंह, श्री प्रभुराम चौधरी, श्रीमती इमरती देवी व भाजपा जिला अध्यक्ष शहर श्री जय प्रकाश राजौरिया व ग्रामीण श्री प्रेम सिंह राजपूत, नगर निगम सभापति श्री मनोज तोमर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में ग्वालियर-चंबल संभाग के नागरिकगण भजन संध्या में शामिल हुए।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. श्री सिंधिया जी की 80वीं जयंती के अवसर पर आयोजित हुई भजन संध्या में सुप्रसिद्ध भजन गायिका सुश्री चित्रा राय एवं श्री राजेन्द्र पारिक व उनके साथियों ने सुमधुर एवं भावपूर्ण भजनों का गायन किया।


11 मार्च 2025, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:36 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:25 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *द्वादशी तिथि*  08:13 बजे  तक फिर त्रयोदशी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज आश्लेषा नक्षत्र* 26:14 बजे तक पश्चात मघा नक्षत्र।

    *योग* :- आज *अतिगंड*  है। 

 *करण*  :-आज  *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा नहीं गंडमूल  है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 15:29 से 16:57 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:11 बजे से 12:57 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* : भौम प्रदोष व्रत,मेला खाटू श्याम जी पूर्ण

*मुहूर्त* :

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-कर्क, मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

*🌞चोघडिया, दिन*

रोग 06:37 - 08:05 अशुभ

उद्वेग 08:05 - 09:34 अशुभ

चर 09:34 - 11:03 शुभ

लाभ 11:03 - 12:31 शुभ

अमृत 12:31 - 13:59 शुभ

काल 13:59 - 15:29 अशुभ

शुभ 15:29 - 16:57 शुभ

रोग 16:57 - 18:26 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

काल 18:26 - 19:57 अशुभ

लाभ 19:57 - 21:28 शुभ

उद्वेग 21:28 - 22:59 अशुभ

शुभ 22:59 - 24:31*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

सोमवार, 10 मार्च 2025

असली चैम्पियंस का सुयश यानि जय हो

 

एक लम्बे अरसे से न क्रिकेट का खेल देखा और न क्रिकेट पर कुछ लिखा ही ,गन्दी राजनीति से ही फुरसत नहीं मिल रही थी ,लेकिन रविवार की रात आम हिन्दुस्तानियों की तरह मेरे लिए भी क्रिकेट की रात थी। मुझे ख़ुशी है कि भारतीय क्रिकेट टीम ने चैम्पियंस ट्राफी जीतकर भारत का सयुश एक बार फिर बढ़ाया। ये जीत भारतीयता की जीत है। क्योंकि इस टीम  में केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरह खिलाडियों का चयन नहीं किया गया था। 

भारतीय क्रिकेट टीम ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराते हुए अपनी तीसरी ट्रॉफी जीती तो पोरे देश ने चार दिन पहले ही होली  मना ली ।हमारे यहां खेल भी तयौहार हैं और त्यौहार ही खेल।  इस मैच में पहले बैटिंग करते हुए न्यूजीलेंड टीम ,भारतीय टीम को 252 रन का लक्ष्य  दिया था।भारतीय टीम [ जिसे हम  टीम इंडिया कहते हैं ] ने 49 ओवर में 6 विकेट खोकर चेज कर लिया। इस जीत के साथ जहां भारतीय टीम सबसे ज्यादा चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम बन गई, वहीं टीम के कप्तान रोहित शर्मा और स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने भी एक रिकॉर्ड तोड़ दिया।मुझे क्रिकेट का ककहरा भी नहीं आता ,लेकिन एक जमाना था जब मैं क्रिकेट के मैदान में भी होता था और अपने अखबार जनसत्ता के लिए अनेक अंतर्राष्ट्रीय मैचों पर लिखता भी था। 

बहरहाल आज मै रविवार के मैच का विश्लेषण नहीं कर रहा । इसके बारे में तो विशेषज्ञ अपना काम कर चुके है। मै तो ये रेखांकित करने  की कोशिश कर रहा हूँ कि  जिस तरह से भारतीय टीम में हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई सब हैं उसकी वजह से हमें यानि भारतीय टीम को ये सयुश हासिल हुआ। हमारी भारतीय टीम में फिलहाल हमारी सरकार हिन्दू-मुसलमान चाहकर भी नहीं कर पायी। हमारी टीम में हिंदू ज्यादा हैं लेकिन एक मुसलमान भी है। हमारी टीम केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरह केवल हिन्दुओं की टीम नहीं है ,जिसमें एक भी मुसलमान नहीं है। 

आप कहेंगे कि  खेल में कहाँ हिन्दू-मुसलमान ले आये  ? तो जान लीजिये की खेल में ही नहीं भारतीय समाज के हर हलके में हिन्दू-मुसलमान शुरू से रहे हैं और आगे भी रहेंगे। हालाँकि आज की सरकार ये नहीं चाहती। आज की सत्ता जिन दलों के हाथों में है वे मुसलमानों को हिन्दुओं से अलग कर देने पर आमादा है।  उन्हें होली  से दूर करना चाहते हैं,दीवाली से दूर करना चाहते हैं। एक हद तक इस अभियान में सत्ता प्रतिष्ठान को इस दिशा में कामयाबी भी मिली है किन्तु ये कामयाबी भारतीय क्रिकेट टीम की कामयाबी जैसी सतरंगी नहीं है।चैम्पिनस ट्राफी जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान  रोहित शर्मा हैं तो , शुभमन गिल उप-कप्तान हैं  विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, यशस्वी जायसवाल, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह, वॉशिंगटन सुंदर भी। ये एक खूबसूरत टीम है। आदर्श टीम है और ये संकेत देती है कि  हर दिशा में हमारी टीम ऐसी ही होना चाहिए। किसी धर्म या जाति के लिए जैसे क्रिकेट प्रतिबंधित नहीं है वैसे ही राजनीति भी प्रतिबंधित नहीं होना चाहिए। अर्थात चाहे केंद्र की सरकार हो या राज्यों की सरकारें यदि उनमें कोई मोहम्मद शमी नहीं होगा तो टीम को पूरा नहीं कहा जा सकता। दुर्भाग्य से राजीनीति  की टीम में मोहम्मद शमी को जान-बूझकर दूर रखा जा रहा है। 

पिछले दिनों देश में जिस तरह से गड़े  मुर्दे उखाड़कर राजनीति की जा रही है उसे भारतीय क्रिकेट टीम की टीम भावना से कुछ सीखना चाहिए ।  औरंगजेब और तुगलक के नाम और उनकी बिरादरी से घिन करने वाले नेताओं को देखना चाहिए कि  जैसे हम सब स्वतंत्रता आंदोलन में साथ-साथ थे ,जैसे हम खेल के मैदान में साथ-साथ हैं वैसे ही हम राजनीति के मैदान में साथ-साथ रहेंगे तो हमारा सुयश बढ़ेगा,घटेगा नहीं भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तानों की फेहरिश्त पर  यदि नजर डालें तो आप पाएंगे की अब तक हुए 33  कप्तानों में से भारतीय टीम की कप्तानी इफितखार अली खान पटौदी ,गुलाम अहमद ,मंसूर अली खान पटौदी और मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों में भी सौंपी गयी ।  आज ये विश्वास किसी मुसलमान खिलाड़ी पर हमारे चयनकर्ता यदि करते हैं तो उसे ही असली खेल भावना माना जाता है।राजनेताओं को  भी इसी तरह से राजनीति में टीमें बनाना चाहिए। उन्हें मान लेना चाहिए कि  मुसलमान अस्पृश्य [अछूत ] नहीं हैं। उनका साथ रखना भी उतना ही जरूरी है जितना की आटे में नमक। 

मुझे पता है कि  इस आलेख पर भी मेरे अनेक परिचित-अपरिचित पाठक नाराज होंगे ,लेकिन मै तो जो सोचता हूं  आपसे  छिपाता नहीं ,क्योंकि मेरा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है ।  मै किसी दल विशेष के लिए नहीं लिखता। मै आम भारतीय लेखक हूँ। एक नामालूम  लेखक । नक्क्कार खाने में तूती की आवाज जैसा लेखक। मुझे जितना पढ़ा या सुना जा रहा है मेरे लिए वही बहुत है ।  एक बार फिर सभी देशवासियों को खेल में मिले सुयश की बधाई  और खिलाडियों को शुभकामनाएं। 

@ राकेश अचल

10 मार्च 2025, सोमवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:37 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:25 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज फाल्गुन माह शुक्ल पक्ष *एकादशी तिथि*  07:44 बजे  तक फिर द्वादशी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज पुष्य नक्षत्र* 24:50 बजे तक पश्चात आश्लेषा नक्षत्र।

    *योग* :- आज *शोभन*  है। 

 *करण*  :-आज  *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,गंडमूल  है भद्रा 07:44 बजे तक है ।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 08:06 से 09:35 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:11 बजे से 12:57 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* : आमला एकादशी,फूलडोल महोत्सव 

*मुहूर्त* :

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कुंभ, चन्द्र-कर्क, मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

*🌞चोघडिया, दिन*

अमृत 06:38 - 08:06 शुभ

काल 08:06 - 09:35 अशुभ

शुभ 09:35 - 11:03 शुभ

रोग 11:03 - 12:32 अशुभ

उद्वेग 12:32 - 13:59 अशुभ

चर 13:59 - 15:28 शुभ

लाभ 15:28 - 16:57 शुभ

अमृत 16:57 - 18:25 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

चर 18:25 - 19:57 शुभ

रोग 19:57 - 21:28 अशुभ

काल 21:28 - 22:59 अशुभ

लाभ 22:59 - 24:31*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

रविवार, 9 मार्च 2025

सभी थानों में आज से माइक्रो बीट लागू

 

ग्वालियर  9 मार्च। पुलिस महानिदेशक  पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशानुसार ग्वालियर जिले में पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) के मार्गदर्शन में जिले के सभी थानों में आज 9 मार्च  से माइक्रो बीट प्रणाली को लागू किया गया है। बीट प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु आज पुलिस कंट्रोल रूम सभागार में पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन श्री अरविन्द कुमार सक्सेना(भापुसे) द्वारा पुलिस उप महानिरीक्षक ग्वालियर रेंज श्री अमित सांघी एवं पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह(भापुसे) की उपस्थिति में जिले के समस्त राजपत्रित अधिकारी, थाना प्रभारी एवं बीट प्रभारी की बैठक ली जाकर उपस्थित पुलिस अधिकारियों को बीट प्रणाली को प्रभावी रूप से संचालित किए जाने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। बैठक में अति. पुलिस अधीक्षक(मध्य) श्रीमती सुमन गुर्जर, अति. पुलिस अधीक्षक(पश्चिम) श्री गजेन्द्र वर्धमान, अति. पुलिस अधीक्षक(देहात) श्री निरंजन शर्मा तथा समस्त सीएसपी/एसडीओपी, जिले के थाना प्रभारी एवं बीट प्रभारीगण उपस्थित रहें।

 उन्होने बताया कि ग्वालियर जिले के समस्त थानों में कुल 1073 माइक्रो बीट बनाई गई हैं। जिसमें माइक्रो बीट क्षेत्र के प्रभारी आरक्षक को एक क्षेत्र विशेष की जवाबदारी सौंपी जाकर उस क्षेत्र विशेष से संबंधित गुण्डा, निगरानी बदमाश, सजायाब आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों, बैंक, एटीएम, होटल, लॉज, ढाबा, पेट्रोल पंप, सीसीटीव्ही कैमरों, अस्पताल, नगर एवं ग्राम रक्षा समिति, धार्मिक स्थलों, धार्मिक उत्सवों, महत्वपूर्ण संस्थानों, वरिष्ठ नागरिकों, मैरिज हाल, साम्प्रदायिक या अन्य दृष्टि से संवेदनशील स्थानों, एवं लोक शान्ति प्रभावित करने वाले मुद्दों, राजनैतिक व्यक्तियों, प्रतिष्ठित एवं सम्भ्रान्त व्यक्तियों, सेवा निवृत्त एवं सेवारत शासकीय कर्मचारियों आदि की सम्पूर्ण जानकारियाँ बीट प्रभारी एवं माइक्रो बीट प्रभारी के द्वारा संधारित की जाएगी।


औरंगजेब के बाद अब तुगलक की बारी

 

'कहते हैं कि जब-' सूप  तो सूप, छलनी भी बोल उठे ' तो समझिये कि संकेत अच्छे नहीं हैं। सत्तारूढ़ दल में मुस्लिम शासकों के खिलाफ छाया युद्ध में अब औरंगजेब के बाद मोहम्मद बिन तुगलक  की एन्ट्री हो गयी है।भाजपा सांसद   दिनेश शर्मा ने अपने तुगलक लेन आवास की नेमप्लेट बदलकर स्वामी विवेकानंद मार्ग कर ली है। उनके इस कदम पर राजनीति शुरू हो गई है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ऐसे नामों को बदलने का दिल्ली में भी सही समय आ गया है। 

मोहम्मद बिन तुगलक के बारे   में जानने से पहले दिनेश शर्मा के बारे में जान लीजिये ।  पंडित जी उसी लखनऊ के हैं और उत्तर प्रदेश से ही  राजयसभा के लिए  चुने गए हैं। लखनऊ  से कभी भाजपा के संस्थापक अटल बिहारी बाजपेयी सांसद हुआ करते थे ।  पंडित जी राजनीति में आने से पहले प्रोफेसर थे,फिर महापौर बने ,विधायक बने, उप्र के उप मुख्यमंत्री बने और अब सांसद हैं। एक जमाने में पंडित अटल बिहारी वाजपेयी ने दिनेश शर्मा को महापौर बनाने के लिए जनता से वोट मांगे थे। यही दिनेश  शर्मा जी अब उस रास्ते पर निकल पड़े हैं जिस पर अटल जी कभी नहीं चले। 

आइये अब मोहम्मद बिन तुगलक के बारे में जान लेते हैं। तुगलक क्रूर औरंगजेब से भी पुराना मुगल शासक था ।  गयासुद्दीन   तुगलक के इस पढ़े लिखे  बेटे ने 1325  से 1351  तक दिल्ली के तख्त   पर राज किया और अपने जमाने में क्रूरता की ,सनक की अनेक इबारतें लिखीं। तुगलक को पढ़ने बैठिये तो आपको एक उपन्यास जैसा मजा आ जायेगा। 20  मार्च 1351  में कालकवलित हुए तुगलक के नाम पर दिल्ली में युगों से एक सड़क है। अब इसी सड़क के विरोध के बहाने तुगलक 674  साल बाद एक बार फिर जेरे बहस है। तुगलक के सनकी फैसलों की वजह से एक मुहावरा ही बन गया ,जिसे ' तुगलकी फरमान ' कहा जाता है। तुगलक के बारे में यदि आपको ज्यादा जानना है तो इतिहास की कोई किताब खरीद लीजिये। 

मै वापस आता हूँ भाजपा की बिना   मुद्दों की राजनीति की और।  भाजपा में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास   मोदी जी से लेकर दिनेश शर्मा तक बिना मुद्दों की राजनीति करते है। वो इसलिए करते हैं क्योंकि  मुद्दों पर राजनीति   करना आसान नहीं होता है ,लेकिन बिना मुद्दों के सुर्खियां बटोरना और असल मुद्दों को इन सुर्ख़ियों के नीचे दफन कर देना होता आसान होता है। भाजपा नेता आसान काम पहले करते हैं। भाजपा मुस्लिम शासकों को न मरने देती है और न जनता को चैन से बैठने देती है। बेचारा औरंगजेब कब्र से बाहर निकालकर पीटा जा रहा है। अभी वो अध्याय समाप्त भी नहीं हुआ था कि पंडित  दिनेश शर्मा जी तुगलक को कब्र से बाहर निकाल लाये। मतलब भाजपा मुर्दों को भी चैन से सोने नहीं दे रही। कल पता नहीं कौन सा मुर्दा कब्र से बाहर निकाल लाये भाजपा। 

मुसलमान शासकों को हौवा बनाकर सियासत  करने वाली भाजपा को मेरा एक ही मश्विरा है की उसे रोज-रोज का मुस्लिम विरोध करने की बजाय एक बार में किस्सा समाप्त कर देना चाहिए ।  देश में मुस्लिम शासकों की नाम से जितने गांव,शहर ,गली-मुहल्ले हैं उन सबके नाम एक झटके में एक विधान बनाकर बदल देना चाहिए /कम से कम जहाँ डबल इंजिन की सरकारें हैं ,वहां तो ये काम आसानी से हो सकता है। दूसरें भारत में जितने भी कब्रस्तान हैं उनके ऊपर बुलडोजर चलकर वहां बागीचे बना देना चाहिए , न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी। किन्तु मुश्किल ये है कि भाजपा ये भी नहीं कर सकती। क्योंकि यदि ऐसा कर दिया गया तो विरोधी भाजपा नेताओं की तुलना ही औरंगजेब और तुगलक से किये बिना नहीं मानेगे। 

इतिहास   गवाह है कि जिस किसी भू-भाग में इतिहास पर धूल डालने की कोशिश की गयी है  वहां का न वर्तमान समृद्ध हो पाया है और न भविष्य उज्ज्वल हुआ है।  इतिहास ही ज्ञान का असल स्रोत माना जाता है।  इतिहास ही यदि नींव  में नहीं है   है तो कैसा वर्तमान और कैसा भविष्य ? मुझे मध्यकाल के किसी भी मुगल शासक से कोई सहानुभूति नहीं है लेकिन मै उनके होने को भी ख़ारिज नहीं kart। मै उनसे घृणा भी नहीं करता ।  मै नहीं कह सकता कि इस मुल्क को बनाने में केवल आज की शासकों का योगदान है और अतीत  के किसी भी शासक का कोई योगदान नहीं है। यदि भाजपा की ये धारणा है तो उसे  सबसे पहले अंग्रेजों के ज़माने   की गुलामी के चिन्ह  समाप्त करने से पहले मुग़लों    के और मुगलों से पहले जो भी शासक रहे हैं उनके अवशेष या चिन्ह समाप्त करना चाहिए। विस्मिल्लाह दिल्ली में बनी क़ुतुब मीनार तोड़कर किया जा सकता है।  कहते हैं कि क़ुतुब मीनार किसी मुगल शासक कुतबुद्दीन ऐबक ने बनाई थी। उसके नाम से भी दिल्ली में बहुत कुछ है। 

पाठकों को और हिंदुस्तान की लोगों को ये तय करना है कि मुल्क में क्या रहे और क्या न रहे ?  ये तय करने वाले भाजपाई कौन होते हैं ?? उन्हें तो देश बनाने का मौक़ा जुम्मा-जुम्मा दस साल पहले मिला है और उसमें भी उन्होंने जो हिंदुस्तान बनाया है वो दरका हुआ,डरा  हुआ एक सशंकित हिंदुस्तान बना है। जिसमें सरकार शहरों ,स्टेशनों,सड़कों की नाम बदलने से ही फारिग नहीं हो पायी है।मुझे तो हैरानी होती है कि जो घ्रणित और घटिया काम पूर्व प्रधानमंत्री  अटल बिहारी वाजपेयी ने नहीं किया वो घटिया और घ्रणित काम अटल जी के शिष्य दिनेश शर्मा कर गुजरे। तुगलक लेन का नाम हालाँकि अभी बदला नहीं है लेकिन यदि बदल भी जाये तो तुगलक इतिहास से गायब नहीं हो सकते। तुगलक क्या कोई भी गायब नहीं हो सकता। इसलिए बेहतर है कि/ भाजपा और भाजपाई अपना मुस्लिम प्रेम [घृणा ] बंद करें और ये मुल्क जैसा बना था उसे वैसा ही बना रहने दें ।  हिंदुस्तान /भारत /इंडिया जैसा था खूबसूरत है। उसे विकृत मत कीजिये। जय श्रीराम 

@ राकेश अचल

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