राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कृष्णानगर का, जिसने 12 दिन पहले जवान बेटे को खोया. लेकिन अब भी परिवार को अंत्येष्टि के लिए शव मिलने का इंतजार है.जितेंद्र को लिवर की बीमारी थी. उसका लंबे समय से उपचार चल रहा था. डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी थी. 12 दिन पहले अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. आनन-फानन में परिजन उसे नजदीकी हेडगेवार अस्पताल ले गए. जहां चिकित्सकों ने उसे ब्रॉट डेड घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने जितेंद्र का सैंपल कोरोना टेस्ट के लिए भेजने के नाम पर डेड बॉडी मोर्चरी में रखवा दी और परिजनों से कहा कि 48 घंटे बाद रिपोर्ट आएगी. उसके बाद डेड बॉडी उन्हें सौंप दी जाएगी.
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