महाराष्ट्र के पुणे में कोरोना वायरस महामारी के इस मुश्किल दौर में 900 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर संक्रमित लोगों को ढूंढने का जोखिम भरा काम कर रहे हैं टीम ऐसे ही एक संवेदनशील हॉटस्पॉट इलाके में पहुंची जहां 100 से ज्यादा पॉजिटिव कोरोना मरीज पाए गए हैं. पुणे के धनकवडी इलाके में जाने के बाद पता चला कि पीपीई किट पहन कर प्रेम नगर में लोगों की स्क्रीनिंग करने वाले लोग आरएसएस के स्वयंसेवक हैं.
स्वयंसेवक हर रोज सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक तपती गर्मी में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों तक पहुंचने का काम कर रहे हैं. इस बारे में एक स्वयंसेवक डॉ. ओजस्विनी पलनीटकर ने कहा, रिस्की तो है ही लेकिन ये जानकारी लाने के लिए और अंदर जाने के लिए किसी न किसी को रिस्क तो उठाना ही पड़ेगा. हम यूथ डॉक्टर्स हैं, स्वयंसेवक हैं, इसलिए आगे आए हैं.
इसके अलावा संकरी गलियों में जाने का कितना खतरा है, इसके बारे में एक और स्वयंसेवक डॉक्टर ने बताया. इनका नाम डॉ. चेतन उमापे है. उन्होंने कहा, "आप तो मुझे देख पा रहे हैं कि मैंने PPE किट पहना है. हम जैसे ही किसी के घर के बाहर खड़े होते हैं तो क्वारनटीन होने के बावजूद लोग बताते नहीं हैं. कुछ लोग सहयोग करते हैं, कभी ताली भी बजाते हैं तो अच्छा लगता है
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