रक्षा बंधन का त्यौहार बड़े त्योहार में से एक है इस दिन के लिए भाई अपनी कलाई पर अपनी बहन से राखी बधाने के लिए पूरे वर्ष भर इंतजार करते हैं और बहने भी बड़ी उत्सुकता के साथ अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए इंतजार करती हैं।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया यह त्यौहार मुख्यतः तो भाई बहन का त्योहार है। इस दिन बहन भाई के हाथ पर राखी बांधती है और माथे पर तिलक लगाती है भाई बहन की रक्षा का संकल्प लेता है ऐसा कहा जाता है एक बार भगवान कृष्ण के हाथ में चोट लगने से रक्त बहने लगा था तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनके हाथ में बांध दी थी इसी बंधन से ऋणी होकर श्री कृष्ण ने दुशासन द्वारा चीर हरण के समय द्रोपदी की लाज बचाई थी। मध्यकालीन इतिहास में एक घटना ऐसी और मिलती है जिसमें की चित्तौड़ की रानी कर्मवती ने दिल्ली के मुगल बादशाह हुमायूं के पास राखी भेज कर अपना भाई बनाया था हुमायूं ने राखी की इज्जत की और उसके सम्मान की रक्षा के लिए गुजरात के बादशाह से युद्ध किया था।
जैन धर्म में भी इस दिन का विशेष महत्व के रूप में देखा जाता है। कहते हैं विष्णु कुमार मुनिराज ने 700 जैन मुनियों का उपसर्ग दूर किया था।
*रक्षाबंधन का मुहूर्त* रक्षा बंधन सोमवार 19 अगस्त को ।
जैन ने कहा भद्रा तिथि रहने तक राखी नही बांधना चाहिए।
राखी बांधने का सही समय भद्रा समाप्ति के बाद दोपहर 01:30 बजे से रात 09:08 बजे तक
अवधि - 07 घंटे 38 मिनट
विशेष मुहूर्त दोपहर 01:43 बजे से 04: 20 बजे तक
अवधि - 02 घंटे 37 मिनट
प्रदोष समय रक्षा बंधन मुहूर्त - शाम 06:56 बजे से रात 09:08 बजे तक अवधि - 02 घंटे 11 मिनट
रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय - दोपहर 01:30 बजे ।
पूर्णिमा तिथि आरंभ - 19 अगस्त रात्रि 03:55 बजे से अर्ध रात्रि 11:55 बजे तक रहेगी।
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