आचार्य श्री सौरभ सागर जी महाराज की प्रेरणा व आशीर्वाद से चल रहे वास्तु एवम ज्योतिष सम्मेलन सूरजमल विहार में ग्वालियर नगर की तरफ से वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने भाग लिया और अपना ज्योतिष आलेख वाचन करते हुए प्रथम शत्र में कुंडली में बनने वाले चांडाल योग और अंगार कारक योग पर शोध पढ़ा दूसरे दिन पांचवे शत्र में फिर ज्योतिषाचार्य ने कहा कि ज्योतिष में सारे ग्रहों के कष्ट निवारण के उपचार हमारे परिवार में ही होते है हम उनपर ध्यान न देकर महंगे महंगे रत्न अंगूठी धारण कर के उपचार करना चाहते हैं या फिर तंत्र,मंत्र,पूजा पाठ के चक्करों में रहते हैं जबकि अपने ही घर में सभी ग्रहों के कष्ट निवारण हेतु उपाय रहते है यह बताते हुए समझाया कि अगर कुंडली में आप का सूर्य ग्रह खराब है या उसकी दशा खराब फल दे रही है तो पिता के प्रतिदिन सुबह उठकर पैर छुए सूर्य नमस्कार करे। गाय को गेहूं, गुड खिलाए। अगर चंद्रमा खराब है उस से संबंधित परेशानी हो रही है तो मां के पैर छुए उनके पास बैठे उनकी बात सुने उनकी कोई जरूरत पूरी करते रहे गाय को आटा,चावल खिलाए। मंगल ग्रह खराब फल दे रहे है तो भाई से संबंध अच्छे रखे उनकी जरूरत पूरी करे गाय को मलका मसूर गुड खिलाते रहे।
बुध संबंधी बातो की परेशानी हो रही है व्यापार नही चल रहा या विवेक काम नहीं कर रहा समझो बुध ग्रह खराब है बहिन,भांजी,मौसी,चाची की जरूरत पूरी करे गाय को हरा घास खिलाएं।
गुरु खराब फल दे रहे हैं तो गुरु की सेवा करे गुरु द्वारा दिए मंत्र का जाप करे पुस्तक दान करें गाय को चने की दाल खिलते रहे।
शुक्र खराब हो गया है तो पत्नी पर क्रोध न करे उनकी जरूरत पूरी करते रहे गाय को आटे में मिलाकर गुड खिलाए।
शनि ग्रह भारी हो गया है तो उसकी पीड़ा निवारण के लिए अपने अधीन सेवको से अच्छा व्यवहार रखे उनकी सैलरी न रोके गाय को काले उड़द खिलाते रहे।
ज्ञात रहे वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 26 वर्षो से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्यरत हैं अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध होने से उनकी ज्योतिष के क्षेत्र में दूर दूर तक विख्यात हैं इस अवसर पर सूरजमल विहार दिल्ली की समाज ने उन्हें तिलक,माला, स्मृति चिन्ह आदि भेंट कर सम्मानित किया।
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