हर माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को एकादशी व्रत रखा जाता है। विष्णुजी की पूजा-आराधना की जाती है और द्वादशी तिथि में व्रत का पारण किया जाता है।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि। अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इंदिरा एकादशी का व्रत भटकते हुए पितरों की गति सुधारने के लिए भी खास माना जाता है इसे इंदिरा एकादशी के दिन किया जाता है।
इस दिन मान्यता है कि जो लोग पितरों का तर्पण,श्राद्ध और पिंडदान करते हैं, उनको इंदिरा एकादशी व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। यह भी कहा जाता है कि इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है और इस दिन पूर्वजों के नाम दान-पुण्य के कार्य भी किए जाते हैं।
जैन ने बताया कि इस दिन शालिग्राम जी की पूजा भी की जाती है ऐसा कहा गया है कि सतयुग में इंद्रसेन नामक एक राजा था एक दिन नारद जी उस के यहां पधार कर कहने लगे में यम लोक से आया हू वहा आप के पिता बड़े दुःखी हैं तुम उनकी सद गति के लिए अश्वनी कृष्ण एकादशी व्रत करो इस के प्रभाव से वे सद गति को प्राप्त होंगे। तब नारद जी के कहने से इंद्रसेन ने इस अश्वनी कृष्ण एकादशी तिथि का व्रत किया तभी से इस तिथि को इंदिरा एकादशी व्रत नाम से किया जाता है।
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