शुक्रवार, 20 नवंबर 2020
ईमानदारी की मिली सजा, ADPO रॉय का हुआ तबादला
चंदेरा पुलिस ने पकड़े 9 जुआरी, की जुआ ऐक्ट की कार्यवाही
नगर निगम द्वारा छोटे तालाब की जलकुंभी सफाई का काम नगर निगम
नेहरू युवा केन्द्र ग्वालियर की सलाहकार समिति की बैठक 23 नवम्बर को
ग्वालियर | नेहरू युवा केन्द्र ग्वालियर के सलाहकार समिति की बैठक 23 नवम्बर को दोपहर एक बजे कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित की गई है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में समिति के सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में युवा महोत्सव के संबंध में आवश्यक निर्णय लिए जायेंगे।
जब तक पटवारी का वेतन नहीं मिले तब तक मेरा भी वेतन न निकाला जाए – कलेक्टर
वेतन आहरण न होने की गुहार लगाने पर कलेक्टर ने रेडक्रॉस से दी एक लाख रूपए की सहायता
ग्वालियर | अपने नियुक्ति दिनांक से 7 वर्ष तक वेतन मिलने की लिखित शिकायत पटवारी कौशलेन्द्र सिंह राणा ने जब कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह से की तो उन्होंने पटवारी को तत्काल रेडक्रॉस के माध्यम से एक लाख रूपए की राशि प्रदान कराई। इसके साथ ही पटवारी को इतनी अवधि तक वेतन न मिलने में जिन-जिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही है उनके विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्रवाई करने के निर्देश भी जारी किए। इस संबंध में सम्पूर्ण जाँच करने की जवाबदारी एसएलआर श्रीमती शिवानी पाण्डेय को सौंपी गई है।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को पटवारी हलका क्रमांक-157 दंगियापुरा के पटवारी श्री कौशलेन्द्र सिंह राणा द्वारा पिछले सात सालों से वेतन न मिलने का आवेदन देकर वेतन दिलाने की गुहार की गई। इस संबंध में जब जानकारी प्राप्त की गई तो ज्ञात हुआ कि कौशलेन्द्र सिंह राणा पटवारी की नियुक्ति सन् 2013 में भितरवार में हुई थी। उसके पश्चात उसका स्थानांतरण चीनौर में हो गया। उक्त स्थान पर हलका क्रमांक-16 पर पदस्थ रहे। तत्पश्चात उनका स्थानांतरण हस्तिनापुर के हलका क्रमांक-113 पर हुआ। जहाँ पर पिछले चार वर्षों से पदस्थ हैं। पटवारी का प्रान नम्बर न बनने के कारण वेतन आहरण नहीं हो पा रहा है।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने पटवारी की पूरी बात सुनने के पश्चात तत्काल एक लाख रूपए की राशि रेडक्रॉस के माध्यम से प्रदान कराई। उक्त राशि वेतन आहरण होने के पश्चात जमा करने की शर्त पर प्रदान की गई है। इसके साथ ही कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जब तक पटवारी का वेतन आहरण न हो जाए तब तक कलेक्टर का वेतन भी आहरित नहीं किया जाए। कलेक्टर ने सम्पूर्ण मामले की विस्तृत जाँच करने की जवाबदारी एसएलआर श्रीमती शिवानी पाण्डे को सौंपी है। जाँच अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि भितरवार, चीनौर एवं हस्तिनापुर तहसील में वे जवाबदार अधिकारी जिनके कारण वेतन आहरण नहीं किया गया, उनके खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा पटवारी कौशलेन्द्र सिंह राणा को जब एक लाख रूपए की राशि प्रदान की गई तो उन्होंने कलेक्टर के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए वेतन के संबंध में तत्परता से निराकरण करने का अनुरोध भी किया। कलेक्टर द्वारा पटवारी को आश्वस्त किया गया कि उनका वेतन शीघ्र ही उन्हें दिलाया जायेगा। साथ ही लापरवाही बरतने वालों को भी बख्शा नहीं जायेगा।
बुधवार, 18 नवंबर 2020
संभाग आयुक्त ने किया चलित खाद्य प्रयोगशाला का निरीक्षण
ग्वालियर l खाद्य पदार्थों में मिलावट पर प्रभावी अंकुश लगाने के मकसद से प्रदेश सरकार द्वारा “मिलावट से मुक्ति” अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत हर जिले में खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग द्वारा चलित खाद्य प्रयोगशाला के माध्यम से खाद्य पदार्थों की मौके पर ही जाँच कराई जा रही है। इस कड़ी में ग्वालियर संभाग के लिये भेजी गई चलित खाद्य प्रयोगशाला का संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना ने बुधवार को मोतीमहल परिसर में निरीक्षण किया।
संभाग आयुक्त श्री सक्सेना ने निर्देश दिए कि खाद्य प्रयोगशाला संभाग के छोटे-छोटे कस्बों में भी पहुँचे। साथ ही इस चलित प्रयोगशाला में उपलब्ध जाँच की सुविधाओं के प्रचार के लिये फ्लैक्स भी लगाएँ, जिससे लोग स्वत: ही खाद्य पदार्थों की जाँच के लिये आगे आ सकें। उन्होंने कहा खासतौर पर यह जानकारी लोगों को बताई जाए कि चलित खाद्य प्रयोगशाला में कौन-कौन से खाद्य पदार्थों की जाँच मौके पर ही कराई जा सकती है। संभाग आयुक्त ने ग्वालियर संभाग के सभी जिलों के लिये चलित प्रयोगशाला का तिथिवार भ्रमण कार्यक्रम निर्धारित करने के निर्देश संभागीय उप आयुक्त राजस्व श्री आर पी भारती एवं संभागीय संयुक्त संचालक लोक स्वास्थ्य को दिए।
ज्ञात हो खाद्य पदार्थों की जाँच से संबंधित अत्याधुनिक उपकरणों से युक्त एक वाहन पर चलित खाद्य प्रयोगशाला बनाई गई है। जिसमें टेक्नीशियन एवं खाद्य व औषधीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न बाजारों में पहुँचकर दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ, मसाले, तेल, नमकीन सहित किराना की अन्य सामग्री की मौके पर ही जाँच की जा रही है। साथ ही इच्छुक लोग मात्र 10 रूपए शुल्क अदा कर अपने खाद्य पदार्थों की जाँच करा सकते हैं। ग्वालियर आई इस चलित खाद्य प्रयोगशाला द्वारा मौके पर जाकर अब तक 154 नमूनों की जाँच की जा चुकी है।
मध्यप्रदेश में गौ-केबिनेट के गठन का महत्वपूर्ण निर्णय, 22 नवम्बर को प्रथम बैठक
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में गौधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ-केबिनेट के गठन का निर्णय लिया है। इस केबिनेट में पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग को शामिल किया जायेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि गौ-केबिनेट की प्रथम बैठक गोपाष्टमी के दिन 22 नवम्बर को आगर-मालवा में गौ अभ्यारण में आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए एकीकृत समेकित कृषि के महत्व को रेखांकित किया है। कृषि में खाद्यान्न के उत्पादन और कृषकों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के साथ गौ पालन की अहम भूमिका है। कृषि कार्य में संलग्न कृषकों को पशुपालन के लिए काफी समय मिलता है। गौ पालन की दिक्कतें दूर होंगी और इसे आर्थिक रूप से उपयोगी बनाने की दिशा में योजनाओं और कार्यक्रमों को गति मिलेगी। साथ ही गौधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए उपायों को अपनाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ही कृषि केबिनेट का गठन किया था। इस केबिनेट के निर्णयों पर अमल हुआ। कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि के साथ किसानों को शासन की योजनाओं का लाभ मिला। उन्हें आर्थिक रूप से काफी फायदा हुआ। ठीक इसी तरह गौ-केबिनेट के गठन से गौ-सेवकों, पशु पालकों और किसानों को फायदा होगा।
मध्यप्रदेश में गौ-केबिनेट के गठन से पशुपालक, गौ-सेवकों, कृषकों और खेतिहर श्रमिकों के आर्थिक कल्याण की संभावनाएं बढ़ेंगी। भारतीय संस्कृति में गौ सेवा का प्रमुख स्थान है। आज भी लाखों परिवार घर में बनी पहली रोटी गौ माता को खिलाते हैं। गौ-माता के दूध से निर्मित घी का पूजा अनुष्ठान में विशेष महत्व है। मध्यप्रदेश सरकार ने गौ- शालाओं के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गौ-केबिनेट के लिए आगर-मालवा जिले में स्थित गौ-अभ्यारण का चयन किया है। यह भारत में प्रारंभ होने वाला प्रथम गौ-अभ्यारण था। यह प्रदेश की महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गोपाष्टमी गौ-अभ्यारण में मनाने की घोषणा की थी। मध्यप्रदेश में गौ-सेवकों को गौ-शालाओं के संचालन के लिए सहायता दी गई। अशक्त और अस्वस्थ गायों के लिए उपचार और पोषण की व्यवस्थाएं भी की गईं। गौ-सेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर गौ- शालाओं के विकास के लिए सहयोग किया गया।
मध्यप्रदेश में छह विभाग मुख्य रूप से गौ-केबिनेट निर्णयों के क्रियान्वयन को अंजाम देंगे। गाय के गोबर के कंडों का उपयोग भी किस तरह बढ़े, इस दिशा में कार्य योजना को लागू किया जाएगा। छह विभागों की सक्रियता से क्रियान्वयन के स्तर पर कठिनाई नहीं होगी। समन्वय से कार्य पूरे किए जाएंगे। वर्तमान में गौ-काष्ठ के निर्माण को प्रोत्साहन मिल रहा है। इस उत्पाद के विपणन के नये आयामों पर विचार किया जाएगा। इसी तरह गौ-दुग्ध से निर्मित अन्य वस्तुओं के विपणन के लिए भी प्रयास होंगे।
डिजिटल संग्राहलय काे देखने पहुंचे लाेग
ग्वालियर । महाराज बाड़ा के पास स्काउट एंड गाइड परिसर में बने स्मार्ट सिटी के डिजिटल संग्रहालय को सैलानियों के लिए मंगलवार को खोल दिया गया है। बुधवार से यहां सैलानी पहुंचना भी शुरू हाे गए हैं। लाेगाें काे यहां यह काैतुहल खींच ला रहा है कि आखिर डिजिटल संग्राहलय में क्या खास है। यहां पहुंचे सैलानियाें ने ग्वालियर व आसपास की धरोहर व कलाओं का दीदार डिजिटल मोड में करके अलग अनुभव महसूस किया। संग्रहालय में ग्वालियर की स्थापत्य शैली, वस्तु, परिधान, जीवनशैली, वाद्य यंत्र, आभूषण, हस्तशिल्प, सांस्कृतिक परंपरा, चित्रकारी सहित कई सुविधाओं को डिजिटल अंदाज में पेश किया गया है। खास बात यह है अभी कुछ दिन प्रवेश को पूरी तरह निशुल्क रखा गया है।
मंगलवार, 17 नवंबर 2020
वीरांगना लक्ष्मीबाई, इंदिरा गांधी की जयंती पर कांग्रेस नमन करेगी: डाॅ. देवेन्द्र शर्मा
ग्वालियर । शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि स्वाधीनता संग्राम की महान सैनानी वीरांगना लक्ष्मीबाई एवं भारत की एकता की बलिदानी श्रीमती इंदिरा गांधी के जन्म दिन पर कांग्रेस नमन करेगी।
शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि 19 नवंबर को सभी कांग्रेसजन प्रातं 9.30 बजे वीरांगना लक्ष्मीबाई समाधी स्थल पहुचंकर वीरांगना को नमन करेंगे, तदपष्चात सभी कांग्रेसजन छत्री मंडी स्थित लेडिस पार्क पहुचंेगे जहां पर प्रातः 10.00 बजे श्रीमती इंदिरा गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करेंगे।
इस अवसर पर विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सांसद, प्रदेष काग्रेस पदाधिकारी, शहर कांग्रेस, ब्लाॅक कांग्रेस, मंडलम कांग्रेस, सेक्टर कांग्रेस, कंाग्रेस सेवादल, महिला कांग्रेस एनएसयूई, युवा कांग्रेस पार्षद, पार्षद प्रत्याषी, पूर्व पार्षद, कांग्रेस विभाग प्रकोष्ठ सहित सभी कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मलित रहेंगे।
20 किसानों को जिला स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरूस्कार दिए जाएंगे
निवाड़ी l कलेक्टर आशीष भार्गव ने बताया है कि इस वर्ष निवाड़ी जिले के 20 किसानों को जिला स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरूस्कार दिए जाएंगे। पुरूस्कार में प्रत्येक किसान को 25-25 हजार रुपए दिए जाएंगे। यह पुरूस्कार उन किसानों को दिए जायेंगे जिन्होंने कृषि/उद्यानिकी/पशुपालन/मछली पालन या रेशम पालन से सम्बंधित विकासखंड स्तर का कोई उल्लेखनीय कार्य किया हो।
इसी प्रकार प्रत्येक विकास खंड से 5-5 किसानों को विकासखंड स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार के लिए चयनित किया जाएगा। निवाड़ी जिले में दो विकासखंड है। विकासखंड निवाड़ी से 5 और पृथ्वीपुर से 5 किसान, इस प्रकार जिले से 10 किसान चयनित हो सकेंगे। इनमें से प्रत्येक किसान को 10-10 हजार रुपये दिए जाएंगे। यह पुरूस्कार भी उन किसानों को दिए जायेंगे जिन्होंने कृषि/उद्यानिकी/पशुपालन/मछली पालन या रेशम पालन से सम्बंधित विकासखंड स्तर का कोई उल्लेखनीय कार्य किया हो।
इसके साथ ही खेतीबाड़ी में अच्छा काम करने वाले 10 समूह भी पुरुस्कृत होंगे। अच्छा काम करने वाले कृषक समूह को बढ़ावा देने के लिए उनको भी पुरस्कृत किया जाना है। जिले के 10 कृषक समूहों को जिला स्तरीय सर्वोत्तम कृषक समूह पुरस्कार दिए जाएंगे। विकास खंड निवाड़ी से 5 कृषक समूह और विकासखंड पृथ्वीपुर से भी 5 कृषक समूह चयनित किए जाएंगे। इन कृषक समूहों में से प्रत्येक को 20 हजार रूपये पुरूस्कार स्वरूप दिए जाएंगे। कृषक समूह पुरूस्कार को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है कि उन्होंने कृषि/ उद्यानिकी/पशुपालन/मछली पालन/कृषि प्रसंस्करण या रेशम पालन से सम्बंधित विकासखंड स्तर का कोई उल्लेखनीय कार्य किया हो।
राज्य स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार का मौका भी मिल सकता है
राज्य स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरूस्कार में किसान को पचास हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके लिए प्रत्येक जिले में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले किसान की प्रविष्टि राज्य स्तरीय समिति को भेजी जाती है। राज्य में चयन होने पर राज्य स्तरीय सर्वोत्तम कृषक पुरूस्कार भी जिले के किसान को मिल सकता है। सभी प्रकार के पुरूस्कार हेतु प्रविष्टि/आवेदन प्रपत्र कृषि विभाग में निशुल्क उपलब्ध हैं। आवेदन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी निवाड़ी तथा पृथ्वीपुर स्थित कार्यालय में बीटीएम/एटीएम से प्राप्त किये जा सकेंगे। किसानों को प्रपत्र देने के साथ-साथ इसको भरने के लिए मार्गदर्शन भी दिया जायेगा। सभी प्रकार के आवेदन प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 निश्चित की गई है।
पोषित परिवार-सुपोषित म.प्र." के अन्तर्गत अति गंभीर कुपोषित बच्चों के परिवारों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि
अजय अहिरवार ब्यूरो चीफ AD news 24
टीकमगढ़ l सुपोषित प्रदेश की संकल्पना को साकार करने के लिए कुपोषण जैसे गंभीर विषय पर समुदाय एवं परिवार की सहभागिता पर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत 'पोषित परिवार-सुपोषित मध्यप्रदेश' कार्यक्रम के अन्तर्गत अति गंभीर कुपोषण की श्रेणी में आने वाले बच्चों के परिवार को बच्चे के पोषण स्तर में उनके सक्रिय प्रयास से आयें सुधार के लिए प्रोत्साहित एवं सम्मानित किया जायेगा। प्रमुख सचिव, महिला-बाल विकास श्री अशोक शाह ने इस संबंध में सभी जिला कलेक्टर्स को पत्र लिख कर अवगत कराया है।
यह प्रोत्साहन राशि एक परिवार को 200 रुपये प्रति किश्त की दर से दो किश्तों में 400 रूपये दी जायेगी। इसके तहत दो प्रावधान सुनिश्चित किये गए है। पहले प्रावधान में ऐसे पंजीकृत अति गंभीर कुपोषित बच्चे जिनका पोषण स्तर में अति गंभीर कुपोषण की श्रेणी से मध्य गंभीर कुपोषण की श्रेणी में आ गया हो, ऐसे परिवार को प्रोत्साहन की प्रथम किश्त की राशि देय होगी। दूसरे प्रावधान में ऐसे पंजीकृत अति गंभीर कुपोषित बच्चे जो C-SAM कार्यक्रम में मध्यम गंभीर कुपोषण की श्रेणी में आने के बाद सामान्य पोषण स्तर की श्रेणी में आ गए है, ऐसे परिवार को द्वितीय किश्त की राशि भी देय होगी। इसके अतिरिक्त बच्चे से संबंधित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बच्चे की उम्र अनुसार टीकाकरण सारणी का अनुपालन, 6 माह से 2 वर्ष की आयु हो उनके 6 माह के बाद बच्चे के ऊपरी आहार की शुरूआत एवं उसकी निरन्तरता का स्तर निर्धारित मानक अनुसार है या नहीं तथा परिवार द्वारा अपनाये जाने वाले स्वास्थ्य एवं पेषण व्यवहार अथवा शिक्षा के स्तर का भी आंकलन किया जायेगा।
वर्तमान में प्रदेश के सभी जिलों में अति गंभीर कुपोषित बच्चों के समुदाय आधारित पोषण प्रबंधन कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत अति गंभीर कुपोषित बच्चों के चिन्हाकंन एवं पंजीयन के बाद 12 सप्ताह अथवा 3 माह तक सतत प्रयास कर उन्हें सामान्य पोषण स्तर पर लाया जाता है। इस दौरान बच्चों के परिवार को परामर्श देकर उनके सहयोग से बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य स्थिति में सुधार का प्रयास किया जाता है। 'पोषित परिवार- सुपोषित मध्यप्रदेश' में इन परिवारों का सम्मान किया जायेगा जिनके प्रयासों से पंजीकृत अति गंभीर कुषोषित बच्चों के पोषण स्तर में बदलाव परिलक्षित हो रहा है।
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*🌞सूर्योदय :-* 05:49 बजे *🟠सूर्यास्त :-* 19:01 बजे श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* *श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* *सूर्य*:- -सूर...