रविवार, 23 मार्च 2025

खुशियाँ का विश्वगुरु फिनलैंड हैप्पीनेस इंडेक्स में आठवी बार बाजी मारी


  

जस्टिस के खिलाफ जस्टिस आखिर कौन देगा ?

 

ऊँट पहाड़ के नीचे जब कभी आता है ,और जब आता है तब उसे पता लगता है के दुनिया में उसका कद आखिर कितना छोटा है। जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में यही सब हो रहा है। जस्टिस वर्मा के घर में हुए अग्निकांड के बाद मौके पर मिले रुपयों का ढेर भी मिला था।    सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। वर्मा के सरकारी आवास से कथित नकदी बरामद होने के बाद उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। जांच के दौरान वर्मा न्यायिक कार्य नहीं कर पाएंगे।सीजेआई संजीव खन्ना ने जिन तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है उसमें जस्टिस शील नागू, जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं। सीजेआई खन्ना ने कहा कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए।

आपको बता दूँ की दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी. के. उपाध्याय ने जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से कथित तौर पर कैश मिलने के मामले में एक रिपोर्ट पहले ही भारत के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को सौंप दी गयी  है। बताया जा रहा है कि जस्टिस उपाध्याय ने घटना के संबंध में सबूत और सूचनाएं जुटाने के लिए इन-हाउस जांच प्रक्रिया शुरू की थी और शुक्रवार को ही रिपोर्ट पेश कर दी है। अब सुप्रीम कोर्ट का कलीजियम इस रिपोर्ट की पड़ताल करेगा और फिर कोई कार्रवाई कर सकता है।

जस्टिस वर्मा भले आदमी है न और व्यावहारिक भी। वे न दूध के धुले हैं और न महाकुम्भ में उन्होंने कोई डुबकी  लगाईं है। नोटों से उनका प्रेम पुराना है। एके  रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में यूपी की सिम्भावली शुगर मिल में गड़बड़ी के मामले में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ सीबीआई  ने प्रथिमिकी दर्ज की थी। जस्टिस वर्मा 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस बनाए जाने से पहले इस शुगर कंपनी में नॉन-इग्जेक्युटिव डायरेक्टर थे।

जस्टिस यशवंत वर्मा  ५६ इंच के सीने वाले जस्टिस हैं उन्होंने  अपने सरकारी आवास पर नोट बरामदगी विवाद में लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।  भारतीय न्यायपालिका में भ्र्ष्टाचार के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी कम से कम गूगल के पास तो नहीं है लेकिन गरोक गुरु बताते हैं कीन्यायपालिका में भ्रष्टाचार के कई रूप देखे जा सकते हैं, जैसे रिश्वतखोरी, पक्षपात, राजनीतिक दबाव और पारदर्शिता की कमी। निचली अदालतों से लेकर उच्च स्तर तक, कुछ मामलों में जजों और अदालती कर्मचारियों पर अनुचित प्रभाव डालने या लाभ लेने के आरोप लगे हैं। उदाहरण के लिए, 2011 में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने न्यायिक भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया था, और 2012 में "कैश-फॉर-बेल" घोटाले ने सुर्खियां बटोरी थीं, जिसमें जमानत के लिए पैसे लेने के आरोप लगे थे। इसके अलावा, लंबित मामलों की भारी संख्या (मार्च 2025 तक 4.7 करोड़ से अधिक) और न्यायिक नियुक्तियों में देरी भी भ्रष्टाचार के अवसर पैदा करते हैं, क्योंकि यह प्रक्रिया को धीमा और अपारदर्शी बनाता है। 

जहाँ तक मुझे याद है की भ्र्ष्टाचार के मामलों में आरोपी जजों के खिलाफ कार्रवाई करने में भारत बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है। आपको यद् होगा की 1993  में सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस वी. रामास्वामी पर वित्तीय अनियमितताओं और कदाचार के आरोप लगे थे। उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा में पेश किया गया, लेकिन यह आवश्यक बहुमत हासिल नहीं कर सका और असफल रहा। यह भारत में पहला मौका था जब किसी जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव वोटिंग तक पहुंचा। हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के खिलाफ समय-समय पर महाभियोग के लिए प्रस्ताव लाने की कोशिश हुई है, जैसे कि जस्टिस सौमित्र सेन (कलकत्ता हाई कोर्ट) के खिलाफ 2011 में। राज्यसभा में उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा में वोटिंग से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसी तरह, कुछ अन्य मामलों में जजों ने जांच या महाभियोग की प्रक्रिया आगे बढ़ने से पहले इस्तीफा दे दिया।

मुझे लगता है की जस्टिस वर्मा के मामले में भी कुछ होने वाला नहीं है। न्यायपालिका की बदनामी बचने के लिए जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच का कोई नतीजा जनता के सामने नहीं आएगा। भारत का मीडिया भी जस्टिस वर्मा के खिलाफ कोई नयी खोज नहीं कर पायेग।  कोई राजनितिक दल तो ईद मुद्दे पर कुछ बोलने  वाला है ही नहीं। हमारे यहां जस्टिस के लिए चुने जाने वाले लोग इनजस्टिस भी करें तो उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई आसानी से नहीं होती। जस्टिस साहिबान को कंबल ओढ़कर घी पीने की आजादी अघोषित रूप से दी गयी है ,ठीक उसी तरह जैसे जस्टिस मिश्रा को बलात्कार के मामले में ये कहने की आजादी है की किसी लड़की के स्तन छूना और उसका नाडा खोलना बलात्कार नहीं है। 

@ राकेश अचल

23 मार्च 2025, रविवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:22 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:32 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *नवमी तिथि*  29:37 बजे  तक फिर दशमी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* पूर्वाषाढ़ नक्षत्र 28:17 बजे  तक फिर उत्तराषाढ़ नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *वणिज*  है। 

 *करण*  :-आज  *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं   है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 17:02 से 18:33 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: -

*मुहूर्त* :कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-धनु मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

उद्वेग 06:23 - 07:54 अशुभ

चर 07:54 - 09:25 शुभ

लाभ 09:25 - 10:57 शुभ

अमृत 10:57 - 12:28 शुभ

काल 12:28 - 13:59 अशुभ

शुभ 13:59 - 15:30 शुभ

रोग 15:30 - 17:02 अशुभ

उद्वेग 17:02 - 18:33 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

शुभ 18:33 - 20:01 शुभ

अमृत 20:01 - 21:30 शुभ

चर 21:30 - 22:59 शुभ

रोग 22:59 - 24:27*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

शनिवार, 22 मार्च 2025

एसएसपी ग्वालियर ने जिले के थाना प्रभारियों की ली बैठक

 ग्वालियर 22 मार्च।  पुलिस कन्ट्रोल रूम सभागार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर श्री धर्मवीर सिंह द्वारा ग्वालियर जिले समस्त थाना प्रभारियों की  15 मार्च से 15 अप्रैल तक चलाये जा रहे निगरानी फाइल को अपडेट संबंधी अभियान तथा लंबित महिला संबंधी एवं एससी एसटी के अपराधों, जप्ती माल के निराकरण, रिकॉर्ड का बेहतर संधारण, थानों में साफ सफाई सहित थानों को आईएसओ सर्टिफिकेशन के लिये कार्य करने के संबंध में बैठक ली गई।

 बैठक में अति. पुलिस अधीक्षक(पूर्व/यातायात/अपराध) श्री कृष्ण लालचंदानी, अति. पुलिस अधीक्षक(मध्य) श्रीमती सुमन गुर्जर, अति. पुलिस अधीक्षक(पश्चिम) श्री गजेन्द्र वर्धमान, अति. पुलिस अधीक्षक(ग्रामीण) श्री निरंजन शर्मा सहित समस्त राजपत्रित अधिकारी एवं थाना प्रभारीगण उपस्थित रहे।
बैठक के प्रारम्भ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर द्वारा दिनांक 15 मार्च से 15 अप्रैल तक चलाये जा रहे निगरानी फाइलों को अपडेट करने के संबंध में समीक्षा की और थानों द्वारा तैयार की गई निगरानी फाइलों को चेक किया जाकर उन्हे 30 मार्च तक अपडेट करने के लिये कहा और आदतन अपराधियों की नवीन निगरानी फाइल खोलने के निर्देश दिये।
     थाना प्रभारियों एवं राजपत्रित अधिकारियों को  निगरानी फाइलों में अपनी टीप आवश्यक रूप से अंकित करने के निर्देश दिये और कहा कि जो निगरानी बदमाश विगत 05 साल से शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन यापन कर रहे हैं उन्हे निगरानी से माफी में लाने की कार्यवाही की जाए तथा ऐसे निगरानी बदमाश जो अन्य जिलों में जाकर बस गये हैं उनकी निगरानी फाइलों को संबंधित जिलों में स्थानांतरित की जाएं। बैठक में उन्होंने लंबित मर्ग का शीघ्र निकाल करने के निर्देश दिए साथ ही उन्होने कहा कि दुष्कर्म एवं पॉक्सो एक्ट के मामलों को अनावश्यक लंबित न रखा जाए समयसीमा में ऐसे मामलों में चालानी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए और एससी/एसटी के लंबित मामलों का भी गंभीरता से निराकरण करने के प्रयास किये जाएं।

भगवान अमित शाह को शक्ति प्रदान करे

 

मैं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुंह में घी-शक्कर भर देना चाहता हूँ ,क्योंकि उन्होंने संसद में  अहम घोषणा करते हुए कहा कि 31 मार्च 2026 से पहले देश के सभी हिस्सों से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है। 375 दिन में नक्सली खत्म, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की इस गारंटी को पूरा करने में सीआरपीएफ, डीआरजी, एसटीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के जवान जुट गए हैं।गूगल की परिभाषा के मुताबिक नक्सलवाद साम्यवादी क्रान्तिकारियों के उस आन्दोलन का अनौपचारिक नाम है जो भारतीय कम्युनिस्ट आन्दोलन के फलस्वरूप उत्पन्न हुआ।

सब जानते हैं कि नक्सलवाद  से अकेले छत्तीसगढ़  ही नहीं अपितु ओडिशा,महाराष्ट्र और झारखण्ड भी बुरी तरह प्रभावित रहा है। चूंकि ये एक उग्र संगठित आंदोलन है इसलिए इसके समर्थक भी हैं और ये विचार जंगलों से चलकर शहरों तक आ चुका है इसीलिए शहरों में रहकर काम करने वाले नक्सलियों को ' अर्बन नक्सली ' कहा जाने लगा है ,हालाँकि ये एक गलत परिभाषा है। क्योंकि शहरी नक्सलियों के पास बंदूकें नहीं किताबें और बुद्धिबल होता है। 

बहरहाल देश को नक्सलियों से मुक्ति दिलाने की बात हो रही है ।  देश में यदि सरकार चाहे तो कोई भी वाद समाप्त किया जा सकता है ,वो भी बिना बन्दूक के। लेकिन हर सरकार नक्सलवाद से बन्दूक से निबटती  आयी है। नकस्लवाद के खिलाफ लड़ते हुए सरकारों ने अपने तमाम अर्धसैन्य बल को खपाया ह।  बड़ी तादाद में हमारे जवान मारे गए हैं ,नक्सल विरोधी अभियान में जितने नक्सली मारे गए उससे ज्यादा वे आदिवासी मारे गए जो एक तरफ नक्सलियों से परेशान होते हैं और दूसरी तरफ पुलिस से। नक्सलियों के नाम पर निर्दोष आदिवासियों को फर्जी मुठभेड़ों में मरने की सैकड़ों वारदातें देश में हो चुकी हैं। 

सवाल ये है कि  क्या सचमुच नक्सलवाद समाप्त हो जायेगा ।  यदि सरकारी दावों को सही माना जाये तो  गृह मंत्री की इस मुहिम का असर दिखने लगा है। घने जंगल में और नक्सलियों के गढ़ में पहुंचकर सीआरपीएफ व दूसरे बलों के जवान 48 घंटे में 'फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस' स्थापित कर रहे हैं। अब इसी एफओबी के चक्रव्यूह में फंसकर नक्सली मारे जा रहे हैं। सुरक्षा बलों ने ऐसा जाल बिछाया है कि जिसमें नक्सलियों के पास दो ही विकल्प बचते हैं। एक, वे सरेंडर कर दें और दूसरा, सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में गोली खाने के लिए तैयार रहें। 

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक नक्सलियों के गढ़ में अभी तक 290 से ज्यादा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं। 2024 में 58 कैंप स्थापित हुए थे। इस वर्ष 88 कैंप यानी एफओबी स्थापित किए जाने के प्रस्ताव पर काम शुरु हो चुका है। ये कैंप नक्सल के किले को ढहाने में आखिरी किल साबित हो रहे हैं। जिस तेजी से 'फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस' स्थापित हो रहे हैं, उससे यह बात साफ है कि तय अवधि में नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा। सुरक्षा बल, नक्सलियों के गढ़ में जाकर उन्हें ललकार रहे हैं। 

इस साल जनवरी में ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर क्षेत्र, गरियाबंद में  ऑपरेशन ग्रुप ई30, सीआरपीएफ कोबरा 207, सीआरपीएफ 65 एवं 211 बटालियन और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप) की संयुक्त पार्टी के साथ हुई एक बड़ी मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए थे। भारी संख्या में हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ। उस ऑपरेशन में एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली जयराम चलपती भी ढेर हुआ था। फरवरी में बीजापुर के नेशनल पार्क इलाके में हुई मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे।नक्सलियों के हमलों में भी बड़ी संख्या में नागरिक और पुलिस तथा अर्धसैन्य बल के जवान भी मारे जाते रहे हैं। 

एक जमाने में मध्य्प्रदेश और बिहार में डाकुओं का आतंक भी ठीक वैसा ही था जैसा इन राज्यों में डकैतों का था ।  मप्र में डकैत उन्मूलन २००६ में पूरा हो गया ।  अब चम्ब्ल के बीहड़ सूने पड़े हैं। चंबल में आखरी सूचीबद्ध डाको गिरोह जे जे उर्फ़ जगजीवन परिहार का मारा गया था अब पुलिस रिकार्ड में सूचीबद्ध गिरोह हैं लेकिन बराये नाम। डाकुओं की तरह नक्सलियों का खतम आसान नहीं है क्योंकि नक्सली एक राजनीतिक विचारधारा से जुड़े हैं। डाकुओं की कोई राजनीतिक विचारधारा नहीं थी  इसलिए उनका खात्मा आसान रहा है। नक्सलियों के साथ ऐसा नहीं है। लेकिन यदि सरकार चाहे तो नक्सल समस्या का हल हो सकता है। लेकिन देश के वनवासी इलाकों के लिए जिस तरह की नीतियां सरकार बनाती है उनसे नक्सलवाद का सामना करना आसान नहीं है ।यदि होता तो नक्सलवाद अब तक समाप्त हो चुका होता। 

आपको बता दें कि  नक्सलियों से निबटने के लिए हर सरकार ने काम किया फिर चाहे वो कांग्रेस की सरकार रही हो  या भाजपा की  या वामपंथियों की सरकार। सबने नक्सल्वाद को बन्दूक से समाप्त करने की कोशिश की। मैंने अपने छात्र जीवन में पढ़ा था कि  नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा अभियान  स्टीपेलचेस अभियान था वर्ष  1971 में चलाया गए इस  इस अभियान में भारतीय सेना तथा राज्य पुलिस ने भाग लिया था। अभियान के दौरान लगभग 20,000 नक्सली मारे गए थे।लेकिन इस महा अभियान के बाद भी नक्सलवाद समूल समाप्त नहीं  हुआ। दूसरा बड़ा अभियान  वर्ष 2009 में ग्रीनहंट के नाम से चलाया गया। । इस अभियान में पैरामिलेट्री बल तथा राष्ट्र पुलिस ने भाग लिया। यह अभियान छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्र प्रदेश तथा महाराष्ट्र में चलाया गया। कोई सात साल पहले 3 जून, 2017 को छत्तीसगढ़ राज्य के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों द्वारा अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ‘प्रहार’ को प्रारंभ किया गया। किया गया।एक जमाने में हमारे मित्र और भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी केएस शर्मा ने भी इस अभियान को गांधीवादी तरिके से समाप्त करने की कोशिश की थी लेकिन उसे सरकारों का ज्यादा समर्थन नहीं मिला। 

बहरहाल नक्सलवाद के खिलाफ जंगलों से लेकर शहरों तक में अभियान जारी है। अब देखना है की भाजपा इस मामले में कितनी  कामयाब होती है। 

@ राकेश अचल

22 मार्च 2025, शनिवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:23 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:32 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *अष्टमी तिथि*  29:23 बजे  तक फिर नवमी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* मूल नक्षत्र 27:23 बजे  तक फिर पूर्वाषाढ़ नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *व्यतिपात*  है। 

 *करण*  :-आज  *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं   है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 09:26 से 10:57 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: - शीतलाष्टमी,कालाष्टमी, भगवान शीतलनाथ जी गर्भ 

*मुहूर्त* :कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-धनु मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

काल 06:24 - 07:55 अशुभ

शुभ 07:55 - 09:26 शुभ

रोग 09:26 - 10:57 अशुभ

उद्वेग 10:57 - 12:28 अशुभ

चर 12:28 - 13:59 शुभ

लाभ 13:59 - 15:30 शुभ

अमृत 15:30 - 17:01 शुभ

काल 17:01 - 18:32 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

लाभ 18:32 - 20:01 शुभ

उद्वेग 20:01 - 21:30 अशुभ

शुभ 21:30 - 22:59 शुभ

अमृत 22:59 - 24:28*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

शुक्रवार, 21 मार्च 2025

महाराजा छत्रसाल जी की वीरता का वर्णन

  • करो देस के राज छतारे
  • हम तुम तें कबहूं नहिं न्यारे।
  • दौर देस मुगलन को मारो
  • दपटि दिली के दल संहारो।
  • तुम हो महावीर मरदाने
  • करिहो भूमि भोग हम जाने।

महाराजा छत्रसाल ने मुगलों से कभी हार नहीं मानी और सदा विजेता रहे। वह बुंदेलखंड के एक महान योद्धा थे जिन्होंने अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए अनेक युद्ध लड़े। उनकी वीरता और साहस की कहानियां आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं ।

    यशस्वी अरजरिया (दर्शनशास्त्र छात्रा MCBU)

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन दिल्ली में सम्मानित हुए

अखिल भारतीय जैन ज्योतिषाचार्य परिषद द्वारा भारत की राजधानी दिल्ली में दो दिवसीय ज्योतिष महाकुंभ का आयोजन संस्था के संस्थापक रवि जैन गुरु जी की अध्यक्षता एवं  बालयोगी  आचार्य सौभाग्य सागर जी आचार्य श्रुत सागर जी महाराज जी के मंगल आशीर्वाद एवं सानिध्य  में 18,19 मार्च 2025 को ग्रीन पार्क एवं कुंद कुंद भारती में  संपन्न हुआ।

इस अधिवेशन में देश से दिल्ली प्रांत के अलावा,उत्तरप्रदेश,हरियाणा,महाराष्ट्र,कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि प्रांतों के सैकड़ों ज्योतिष विद्वानों ने भाग लिया।

मध्य प्रदेश ग्वालियर  से ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने भी इस अवसर पर  अपने विचार रखे।

ग्रीन पार्क समिति एवं कुंद कुंद भारती ट्रस्ट ने उन्हें सम्मानित किया।

ज्ञात रहे जैन  ज्योतिषाचार्य विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य करते हुए ज्योतिष के माध्यम से अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी करते रहे हैं जो अक्सर कर समय समय पर सत्य सिद्ध हुई है।


21 मार्च 2025, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:25 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:31 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1946 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण,दक्षिणगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *सप्तमी तिथि*  28:23 बजे  तक फिर अष्टमी चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* ज्येष्ठा नक्षत्र 25:45 बजे  तक फिर मूल नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *सिद्धि*  है। 

 *करण*  :-आज  *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक नहीं गंडमूल दिन रात है भद्रा 15:39 बजे तक  है।

*🔥अग्निवास*: आज आकाश  में है।

☄️ *दिशाशूल* : आजपश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 10:58 से 12:28 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा* :शीतला सप्तमी 

*मुहूर्त* :कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-वृश्चिक मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

*🌞चोघडिया, दिन*

चर 06:25 - 07:56 शुभ

लाभ 07:56 - 09:27 शुभ

अमृत 09:27 - 10:58 शुभ

काल 10:58 - 12:28 अशुभ

शुभ 12:28 - 13:59 शुभ

रोग 13:59 - 15:30 अशुभ

उद्वेग 15:30 - 17:01 अशुभ

चर 17:01 - 18:32 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

रोग 18:32 - 20:01 अशुभ

काल 20:01 - 21:30 अशुभ

लाभ 21:30 - 22:59 शुभ

उद्वेग 22:59 - 24:28*अशुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

गुरुवार, 20 मार्च 2025

मिशन से कमीशन तक पहुंची पत्रकारिता:अनिल तिवारी

 “एआई के दौर में बदलती पत्रकारिता और उसकी चुनौतियां“ विषय पर आयोजित व्याखान

ग्वालियर 20 मार्च । आजादी से पूर्व पत्रकारिता एक मिशन हुआ करती थी। स्वतंत्रता के बाद फैशन बनी और  मौजूदा परिवेश में कमीशन तक पहुंच गई है पत्रकारिता। यह कहना था मुंबई के प्रतिष्ठित हिंदी समाचार-पत्र “सामना“ के कार्यकारी संपादक अनिल तिवारी का। 

इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) पर “एआई के दौर में बदलती पत्रकारिता और उसकी चुनौतियां“ विषय पर आयोजित व्याखान में मुख्यवक्ता के तौर बोलते हुए यह बात कही। 

सेंटर डायरेक्टर डॉ. केशव पाण्डेय ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सामना जैसे समाचार-पत्र पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करते हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम बढ़ाने वाले युवाओं को समझना और जानना होगा कि आधुनिक परिवेश की पत्रकारिता में आने वाली चुनौतियां क्या हैं और उनसे कैसे पार पाया जा सकता है? कार्यक्रम का संचालन प्रतिभा दुबे ने तथा आभार व्यक्त संपादक विजय पाण्डेय ने किया। 

एआई का करें बेहतर इस्तेमाल 

मुख्य वक्ता तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता में आज कई बड़ी चुनौतिया हैं। तकनीक के बढ़ते प्रभाव से काम आसान हुआ है। जिस स्टोरी को बनाने में तीन घंटे लगते थे उसे एआई तीन मिनट में बना कर देता है, तो सोचिए हमारा स्थान कहां हैं? ऐसे में जरूरी हो जाता है कि एआई को टूल के रूप में इस्तेमाल करें न कि उससे प्रतिस्पर्धा। जिससे कि समय के साथ होने वाले बदलाव को अवसरों में बदला जा सके। हमें तकनीक को अपने से आगे नहीं होने देना है। तभी हम टिक पाएंगे। 

डिजिटल युग में आज कट और पेस्ट का जमाना है। सबकुछ एक क्लिक पर मौजूद है लेकिन आज का युवा आज में जी रहा है न वह भविष्य को देख रहा है और न हीं भूत को। पत्रकार एक आम आदमी होता है लेकिन उसके देखने, सोचने और लिखने का नजरिया ही उसे खास बनाता है। इसलिए समय के साथ अपने को बदलें और अपडेट होते रहें, नहीं तो वक्त के साथ पिछड़ जाएंगे। 

पत्रकारों ने किया सम्मानित 

व्याख्यान के बाद सर्व प्रथम सांध्य समाचार के प्रधान संपादक डॉ. केशव पाण्डेय ने शॉल, श्रीफल और स्मृति चिंह भेंट कर तिवारी का नागरिक अभिनंदन किया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रामबाबू कटारे, सुरेश शर्मा, राजेश शर्मा, देव श्रीमाली, प्रमोद भार्गव, प्रवीण दुबे, विजय पाराशर, जावेद खा, जितेंद्र जादौन, आशीष मिश्रा, एवं विनोद शर्मा सहित अनेक पत्रकारों ने भी उनका सम्मान किया।


कलेक्ट्रेट परिसर में अग्नि दुर्घटना

कलेक्टर तत्काल मौके पर पहुंची,जांच के दिये आदेश 

ग्वालियर 20 मार्च ।  कलेक्ट्रेट परिसर में गुरुवार की सुबह शॉर्ट सर्किट के कारण अग्नि दुर्घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान तत्काल मौके पर पहुँची। उन्होंने  अग्नि दुर्घटना से प्रभावित कोषालय , महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ अन्य विभागों के कार्यालयों का निरीक्षण किया। अग्नि दुर्घटना के कारण कोई क्षति नहीं हुई है। कलेक्टर ने इस घटना के कारणों की जांच के आदेश  दिए हैं। अग्नि दुर्घटना शॉर्ट सर्किट के कारण होना बताई गई है ।

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