बुधवार, 26 मार्च 2025

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना जमीनी स्तर पर हो रही चुनावी जुमला साबित?

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। यह योजना युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब यह जमीनी स्तर पर चुनावी जुमला साबित हो रही है।

वर्ष 2023 में ऊर्जा विभाग में चयनित हुए मध्य प्रदेश के युवाओं को अभी तक नियमित रोजगार नहीं मिला है। इसके अलावा, प्रशिक्षण पूर्ण होने के सात महीने बाद भी उन्हें प्रशिक्षण पूर्ण प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। युवाओं ने वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव,ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर,  ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, तथा अन्य बड़े-बड़े अधिकारियों को ज्ञापन दिया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।

इस मामले में मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग में कार्य कर चुके युवाओं की मांग है, कि उन्हें उसी विभाग में रोजगार प्रदान किया जाए। 

राहुल बौद्ध 


'गजवा -ए- हिन्द' बनाम 'सौगात -ए - मोदी '

आज मै खुले दिल से भाजपा के दुस्साहस को सलाम करता हूँ ।  आप कहेंगे कि सलाम क्यों,प्रणाम क्यों नहीं ? तो भाई केवल भाषा का फर्क है,भाव का नहीं। भाजपा एक तरफ हाल के अनेक चुनावों में देश के मुसलमानों  को मंगलसूत्रों का लुटेरा कह चुकी है। उनके खिलाफ ' बंटोगे   तो कटोगे ' का नारा लगा चुकी है ।  मुसलमानों के खिलाफ आधे हिंदुस्तान में भारतीय न्याय संहिता के बजाय ' बुलडोजर संहिता ' का खुले आम इस्तेमाल कर चुकी है ,बावजूद इसके आने वाली ईद पर भाजपा मुसलमानों के बीच ' सौगात-ए-मोदी ' लेकर पहुँचने वाली है।ये सौगात मसलमानों के ' गजवा ए हिन्द ' कि मुकाबले में है।  ईद पर 32 लाख गरीब मुसलमानों को 'सौगात-ए-मोदी' किट  में सेवइयां, खजूर, ड्राई फ्रूट्स, बेसन, घी-डालडा और महिलाओं के लिए सूट के कपड़े होंगे। 

सब जानते हैं कि  भाजपा और आरएसएस मुसलमान विहीन ,कांग्रेस विहीन भारत चाहते हैं  ,लेकिन वे सारा कस-बल लगाकर भी इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाए। इन दोनों संस्थाओं ने जिन्दा मुसलमानों के साथ ही मर चुके औरंगजेब   की कब्र तक पर हमले कर लिए लेकिन बात बनी नही।  संघ के इंद्रेश  कुमार मुस्लिम राष्ट्रिय मंच बनाकर भी देश के मुसलमानों को भाजपा के पक्ष में नहीं कर पाए किन्तु भाजपा ने हार नहीं मानी। भाजपा मुसलमानों को संसद में ' कटुआ' कहने के बाद भी सोचती है कि  गरीब   मुसलमान सेवइयां, खजूर, ड्राई फ्रूट्स, बेसन, घी-डालडा और महिलाओं के लिए सूट के कपड़े के लालच में आकर भाजपा का वोट बैंक बन जाएगा। उस भाजपा के साथ खड़ा हो जायेगा जो मुसलमानों को न संसद में जाने दे रही है और न विधानसभाओं में। 

भाजपा के दुस्साहस से देश की दीगर सियासी पार्टियों क सीखना चाहिए। भाजपा ने आज 25  मार्च से मोदी की सौगत वाली किट बाँटने का आगाज कर दिया है। भाजपा का कहना है कि यह योजना न केवल सहायता प्रदान करेगी, बल्कि मुस्लिम समुदाय को ‘चंद दलालों और ठेकेदारों’ के प्रभाव से बाहर निकालने में भी मदद करेगी।इसकी शुरुआत नई दिल्ली के गालिब अकादमी से हो रही है . इसके तहत हर एक भाजपा कार्यकर्ता 100 लोगों से संपर्क करेगा. भाजपा का दावा है कि यह कदम सामाजिक समावेश और गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा प्रयास है. इस पहल को बिहार सहित कई राज्यों में लागू किया जाएगा, जहां भाजपा की मजबूत उपस्थिति है। 

 सौगात ए मोदी अभियान भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। इसका उद्देश्य है मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देना और भाजपा और एनडीए के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाना है।  यह अभियान खास इसलिए भी है क्योंकि यह रमजान और ईद जैसे अवसरों पर केंद्रित है। भाजपा जहाँ एक और सम्भल और ज्ञानवापी जैसी मस्जिदों को खोदने पर आमादा हैवहीं दूसरी और भाजपा ने 3 हजार मस्जिदों के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है। आप इसे केंद्र सरकार का  समावेशी  निर्णय भी कह सकते हैं और राजनीति का हिस्सा हिस्सा भी कह सकते हैं  हैं। 

दुनिया और भारत का मुसलमान जानता है कि  भाजपा और भाजपा के प्रचारक से प्रधानमंत्री बने मोदी जी मुसलमानों की टोपी से चिढ़ते है।  प्रधानमंत्री आवास पर होने वाली इफ्तार पार्टियों को वे बंद करा चुके हैं ,लेकिन अचानक बिहार जीतने के लिए अब  भाजपा और संघ दोनों ने अपना रंग बदल लिया है। बिहार में अचानक  पटना में अलग-अलग राजनैतिक दलों द्वारा इफ्तार का आयोजन किया गया । भाजपा के सहयोगी  चिराग पासवान द्वारा भी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया ,लेकिन कई मुस्लिम नेताओं ने इससे  दूरी बना रखी। चिराग पासवान कहते घूम रहे हैं  कि केंद्र सरकार मुसलमानों के लिए लगातार काम कर रही है लेकिन उस हिसाब से मुस्लिम समुदाय के लोगों का वोट एनडीए को नहीं मिल रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुसलमानों का इस्तेमाल केवल वोट बैंक की तरह किया गया है। 

सौगात-ए-मोदी पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं हैं।  कोई इसे मुसलमानों के साथ छल बता रहा है तो कोई इसे चुनावी दांव बता रहा है. अखिलेश यादव समेत विपक्ष के कई नेता भाजपा की इस योजना पर बिफरे हुए हैं. तृमूकां  सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने तो इस योजना को मुसलमानों के साथ मजाक बताया है। बीजेपी ने सौगात-ए-मोदी की शुरुआत दिल्ली से की है, मगर इसकी सबसे ज्यादा चर्चा बिहार में है।  क्योंकि बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा  ने ये दांव चला है। हालांकि, विपक्ष के नेता ये भी कहते हैं कि ऐसी सौगातों से भाजपा  को बिहार में कोई फायदा नहीं मिलने वाला. जबकि भाजपा का कहना है कि गरीब अल्पसंख्यक भी खुशी से अपना पर्व मनाएं इस लिए ये योजना चलाई गई है। 

आप भाजपा से और अपने आपसे सवाल कर सकते हैं कि  भाजपा को अचानक गरीब मुसलमानों की चिंता क्यों सताने लगी ? भाजपा मुसलमानों को आतंकित कर देख चुकी है लेकिन उसे लगता है कि  बात अभी बनी नहीं है इसलिए अब मुसलमानों की गरीबी का लाभ उठाने के लिए उन्हें मोदी जी की और से सौगात बांटी जा रही है।  ये सौगात मोदी जी के वेतन से नहीं जा रही ।  भाजपा के चंदे से जुटाए करोड़ों रुपयों से नहीं दी जा रही ।  ये सौगात सरकारी पैसे से दी जा रही है। उस सरकारी पैसे से जो देश के आम करदाताओं का पैसा है। यानि ये  सौगात भी एक तरह का फ्रीबीज है। जिस देश में 80  करोड़ से ज्यादा लोग दो वक्त की रोटी के लिए सरकार के मोहताज हैं उस मुल्क में 32  लाख गरीब मुसलमानों को रिझाना कोई कठिन काम नहीं है। 

भाजपा का ये कदम हालाँकि साफतौर पर सियासी है लेकिन मैं इसकी कामयाबी की कामना करता हूँ। कम से कम गरीब मुसलमानों को कुछ तो मिलेगा।  किन्तु मुझे इस बात पर संदेह बह है कि  मुल्क का गरीब मुसलमान ईद जैसे पाक त्यौहार पर कोई सियासी सौगात कबूल कर अपने ईमान ,इकबाल का सौदा करेगा ? इस देश के मुसलमानों के मन में भाजपा को लेकर जो संदेह हैं वे मोदी जी की छह सौ रुपल्ली की सौगात से दूर होने वाले नहीं हैं।  फिर भी कोशिश तो एक आशा जैसी है ही। कांग्रेस समेत दूसरे तमाम दलों के पास मोदी की इस सौगात के जबाब में कोई और महंगी सौगात है क्या ? भारत में मुस्लिम आबादी अभी 20  करोड़ है । जाहिर है की भाजपा ने मोदी जी की  सौगात पूरे देश के मुसलमानों के लिए तैयार नहीं की है।  ये सिर्फ ३२ लाख मुसलमानन के लिए है जो बिहार में रहते हैं।  

@ राकेश अचल

26 मार्च 2025, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:19 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:34 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *द्वादशी तिथि*  25:42 बजे  तक फिर त्रयोदशी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* धनिष्ठा नक्षत्र 26:29 बजे  तक फिर धनिष्ठा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *सिद्धि*  है। 

 *करण*  :-आज  *कौलव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक 15:14 से चलेगी पांच दिन भद्रा, गंडमूल नहीं 

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 12:27 से 13:59 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: - पापमोचनी एकादशी व्रत

*मुहूर्त* : नाम कारण , वाहन है अन्य कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-  मकर ,मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 06:19 - 07:51 शुभ

अमृत 07:51 - 09:23 शुभ

काल 09:23 - 10:55 अशुभ

शुभ 10:55 - 12:27 शुभ

रोग 12:27 - 13:59 अशुभ

उद्वेग 13:59 - 15:31 अशुभ

चर 15:31 - 17:03 शुभ

लाभ 17:03 - 18:35 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 18:35 - 20:02 अशुभ

शुभ 20:02 - 21:30 शुभ

अमृत 21:30 - 22:58 शुभ

चर 22:58 - 24:26*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

छह ग्रहों के संयोग में हाथी की सवारी पर मां दुर्गा, इंद्र योग में अच्छी वर्षा होगी

चैत्र नवरात्र 30 मार्च रविवार से प्रारंभ होने जा रहे हैं बसंत नवरात्र

 दरअसल नवरात्र में माता की सवारी का विशेष महत्व होता है इस बार रविवार को गुड़ी पड़वा बसंत नवरात्र प्रारंभ होंगे।

 मां की सवारी हाथी होगी वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि जब माता रानी की सवारी हाथी होती है तो आने वाले वर्षा काल में वर्षा अच्छी होती है। खेती अच्छी होती है। देश में अन्न और धन के भंडार बढ़ेंगे और देश का नागरिक सुख समृद्धि पूर्वक रहेगा। 

इस वर्ष के संवत्सर के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य हैं। इस वर्ष नवरात्र नौ दिन के ना होते हुए 8 दिन के ही  हैं क्योंकि तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण दूसरा और तीसरा नवरात्र एक ही दिन है।

चैत्र मास का 9 दिनों तक चलने वाला नवरात्री त्योहार देवी दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा के लिए समर्पित है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिनिधित्व करते हैं। भक्त 9 दिनों तक बड़ी भक्ति और समर्पण के साथ मां के नौ रूपों का पूजन करते हैं व्रत करते हैं। 

चैत्र नवरात्रि को आध्यात्मिक नवीनीकरण, शुद्धिकरण और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह एक शुभ समय माना जाता है  अंधकार पर प्रकाश की धर्म पर अधर्म की और ज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। 

चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के भक्त कई तरह से पूजा अनुष्ठान करते हैं जिसमें परंपरागत तरीके से व्रत, उपवास, प्रार्थना, ध्यान और देवी दुर्गा के प्रति समर्पित रहते हैं। प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा से जुड़ा महोत्सव है जिसे नवदुर्गा के नौ रूप में जाना जाता है इन स्वरूप में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी ,मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, कालरात्रि ,मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा अलग-अलग दिन की जाती है। 

चैत्र नवरात्र घट स्थापना मुहूर्त :

30 मार्च रविवार को प्रात  सूर्योदय से दोपहर 12:49 बजे तक घट स्थापना करने के लिए पूरा समय है। 

इस में सूर्योदय समय और प्रातः 06:26 बजे से 10:26 बजे तक प्रथम शुभ व श्रेष्ठ मुहूर्त है दूसरा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00बजे से 12:48 बजे तक  रहेगा।

ग्रहों का इस दिन विशेष संयोग रहेगा ।

जैन ने बताया इस दिन इस बार छह ग्रह मीन राशि में इकठ्ठे होंगे सूर्य,चंद्रमा,बुध,शुक्र,शनि, राहु ऐसा संयोग 21 भी सदी में पहली बार देखने मिलेगा।

आने वाले समय में इस संवत्सर में  आंधी,तूफान,अग्नि की घटनाएं बढ़ेगी भारत सहित दक्षिण पश्चिम देशों में भूकंप  का प्रकोप बार बार होगा।

इस साल अष्टमी तिथि का कन्या पूजन 05 अप्रैल शनिवार के दिन और नवमी तिथि का कन्या पूजन 06 अप्रैल रविवार के दिन होगा।

मंगलवार, 25 मार्च 2025

मरे हुए लोग

 


मरे हुए लोगों से डरते हैं

जीवित होकर भी मरे लोग

मरे हुए लोग

मरे हुए लोगों के लिए होते हैं खतरा

जिंदा लोगों का 

मरे हुए लोग, कुछ नहीं बिगाड सकते.

मरा हुआ कोई औरंगजेब हो या बाबर

अकबर हो या शाहजहां

कुछ नहीं बिगाड सकते किसी का

मरे हुए लोग कब्र में हों या

उन्हे जला दिया गया हो

मरे हुए लोग चाहे समुद्र में फेंक दिए जाएं 

कुछ नहीं बिगाड सकते किसी का

मरे हुए लोगों के नाम पर 

हौवा खडा करने वाले लोग भी

मरे लोग ही हैं.

मरे लोगों को पसंद होते हैं 

मरे हुए लोग,

मरे हुए लोगों कब्रें 

जो दूसरों की कब्र खोदते हैं

या दूसरों के लिए कब्र खोदते हैं

वे खुद सुपुर्दे खाक कर दिए जाते हैं

ऐसे लोग औरंगजेब हों या 

शेर शाह सूरी.

@ राकेश अचल

होली-रंगपंचमी जैसे पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं : केंद्रीय मंत्री सिंधिया

 ग्वालियर  ।  होली दिल से दिल मिलने का त्यौहार है। होली पर रंगों में सभी के चेहरे और धर्म छुप जाते हैं। यह बात केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को ग्वालियर-15 विधानसभा क्षेत्र में ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर द्वारा कोटेश्वर पैलेस में आयोजित होली मिलन समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं संग गुलाब के फूलों की वर्षा कर होली खेली। इस मौके पर संत कृपाल सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री जयप्रकाश राजोरिया, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री आशीष अग्रवाल, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री वेदप्रकाश शर्मा, श्री अशोक शर्मा,श्री ओम प्रकाश शेखावत, श्री अरविन्द राय, श्री राजकुमार परमार,श्री राजेश सोलंकी, पूर्व जिलाध्यक्ष श्री अभय चौधरी, श्री कमल माखीजानी, पूर्व विधायक श्रीमती इमरती देवी, पूर्व विधायक श्री रमेश अग्रवाल, श्री मुन्ना लाल गोयल, नगर निगम सभापति श्री मनोज तोमर, भाजपा मंडल अध्यक्ष, पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता विशेष रूप से मौजूद रहे। 


केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा होली और रंग पंचमी ऐसे पर्व है जो हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं। उन्होंने होलिका दहन  की परंपरा का जिक्र करते हुए कहा तमाम कोशिशों के बाद भी हिरण्यकश्यप भक्त प्रहलाद को मारने में कामयाब नहीं हो सका। क्योंकि जो सत्य के रास्ते पर चलते हैं, ईश्वर उनके साथ रहता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा हमारी संस्कृति और परंपरा भी हमें यही सिखाती है कि सत्य के रास्ते पर चलो। उन्होंने कहा कि होली ऐसा त्यौहार है, जो कई विविधताएं लिए हुए है। ब्रज में अपने ढंग से होली मनाई जाती है, तो कोलकाता में  अपने ढंग से, लेकिन सभी इस पर्व पर दिल से दिल को मिलाते हैं। उन्होंने कहा होली हो या दिवाली देश की सीमाओं को पार कर गए हैं। श्रीलंका बांग्लादेश यूरोप और अमेरिका में भी होली और दिवाली मनाई जाती है। यह भारत की शक्ति का संकेत है, जो विश्व पटल पर उजागर हो रहा है।

इससे पहले होली मिलन समारोह  को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, सद्भावना और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का पर्व भी है। होली को वसंत महोत्सव, रंगों का त्योहार और प्रेम व भाईचारे का प्रतीक है। यह त्योहार धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री ने पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम के आयोजन की जानकारी दी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं को मंच से दंडवत प्रणाम किया। साथ ही केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया से निवेदन किया कि वह भी फूलों होली खेलें।

*ऊर्जा मंत्री ने किया रासलीला कलाकारों का सम्मान*

इस अवसर पर वृन्दावन से आए रासलीला कलाकारों ने रासलीला का मंचन किया तथा ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रासलीला कलाकारों को सम्मानित किया।

29 मार्च शनिश्चरी अमावस्या को सूर्य ग्रहण के साथ शनि का परिवर्तन बनाएगा रंक से राजा

शनि ग्रह का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छे लोगों के पसीने छूटने लगते हैं। किंतु शनि ग्रह इतना अशुभ नहीं है जितना कि उसे लोगों ने मानव रखा है। शनि ग्रह कर्मों का हिसाब किताब करने वाला न्याय प्रिय ग्रह कहा गया है अगर व्यक्ति की कुंडली में या हस्तरेखा में शनि ग्रह बलसाली है तो वह व्यक्ति को रंग से राजा बना देता है जितने भी उच्च पदों पर पहुंचे हैं वह सभी या तो शनि की साढ़ेसाती में या शनि की महादशा- अंतर्दशा में उच्च पदों पर पहुंचे हैं ।


ग्वालियर शहर के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए बताया की शनि ग्रह एक राशि में ढाई वर्ष अर्थात 30 महीने रहता है।

 अभी शनि ग्रह अपने ही घरों में मकर राशि में ढाई वर्ष फिर कुंभ राशि में ढाई वर्ष चला इस प्रकार कुल 5 वर्ष शनि अपने ही घरों में रहा था इस समय जगत के लिए कई उतार-चढ़ाव कोरोना जैसी महामारी से भी जूझना पड़ा था ।

अब शनि गुरु की मीन राशि में 29 मार्च शनिवार को रात्रि 09:41 बजे  कुंभ राशि से निकल कर शनिवार ,शनिश्चरी अमावस्या के दिन मीन राशि में प्रवेश करेगा और वह ढाई वर्ष इसी गुरु की मीन राशि में रहेगा।

इस दिन से मकर राशि पर से शनि की साडेसाती साढ़ेसात वर्षों से चल रही थी वह समाप्त हो जाएगी और कुंभ राशि वालों की आखिरी  साढ़ेसाती चलेगी। मीन राशि वाले पर की हृदय पर बीच की साढ़ेसाती मेष राशि वालों पर शिर से आती साढ़ेसाती साढ़ेसात वर्ष चलेगी।

 जैन ने कहा कि  इसी के साथ वृश्चिक राशि  और कर्क राशि वालों से शनि की ढैया समाप्त होगी उनके स्थान पर सिंह राशि, धनु राशि वालों पर शनि की ढैया प्रारंभ होगी।

 शनि न्याय प्रिय ग्रह है। यदि जन्मपत्री में या हस्तरेखा में शुभ स्थिति में बैठा है तो निश्चित ही व्यक्ति को अपनी साढ़ेसाती ,ढैया या महादशा में रंक से राजा बना देता है और यदि खराब स्थिति में बैठा हो तो वह व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्मों का हिसाब किताब कर उसे काफी दुःखी करता है ,बेचैन करता है, अशांत करता है, निर्धन बना देता है और यहां तक की राजा से रंग तक बना सकता है जेल और बंधन करा सकता है।

शनि ग्रह की सभी ग्रहों से धीमी चाल होने के कारण  एक राशि में ढाई वर्ष रहने के कारण यह अपना अच्छा और बुरा खास असर व्यक्ति के जीवन पर छोड़ता है। धीमी अर्थात मंद गति से चलने के कारण इसका नाम शनिश्चर पड़ा ।

जैन ने बताया 29 मार्च शनि अमावस्या के दिन इस बार सूर्य ग्रहण भी है। यह ग्रहण मीन राशि में पड़ेगा और शनि भी मीन राशि में प्रवेश करेगा शनि का साढ़ेसाती भी मीन, कुंभ और मेष राशि वालों का रहेगा। इसलिए इस दिन कुंभ मीन और मेष राशि वालों को विशेष ग्रहण वाले दिन पूजा, पाठ, स्नान, दान करना चाहिए ।

हालांकि यह सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी रूस, उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका में दिखाई देगा भारतीय स्टैंडर्ड समय के अनुसार दोपहर 2:21 बजे पर स्पर्श 4:17 बजे पर मध्य और 6:14 बजे पर ग्रहण का मोक्ष होगा किंतु है भारत में दिखाई ना देने के कारण इसके सूतक पातक और धार्मिक मान्यता नियम मान्य नहीं है।

 शनि के मीन राशि में प्रवेश करने से महंगाई बढ़ेगी गेहूं ,चना, जो, चावल आदि अनाजो, तुअर,मूंग, मोठ, उड़द, आदि दालवाना, तिल,सरसों,मूंगफली आदि तेलवाना और सोने, चांदी, तांबा आदि धातुएं में महंगाई चरम पर होंगी।

जिन राशि वालों व्यक्तियों को शनि की साढ़ेसाती ,ढैया, महादशा  चलेगी वे शनि ग्रह से पीड़ा की शांतियार्थ इस अमावस्या को उपाय अवश्य कर करे।

एक विदूषक से घबड़ाती राजसत्ता

क्या जमाना आ गया है कि राजसत्ता एक अदने से विदूषक से घबड़ाने लगी है। मुंबई में कुणाल कामरा नाम के एक विदूषक की पैरोडी के बाद एक वर्णसंकर  सियासी दल के कार्यकर्ताओं ने कुणाल के दफ्तर में जिस तरह से तबाही मचाई उसे देखकर लगता है कि  राजसत्ता कितनी कमजोर और असहिष्णु है। कुणाल ने किसी का नाम नहीं लिया । किसी को गाली नहीं दी ,लेकिन कहते हैं न कि-' चोर की दाढ़ी में तिनका ' होता है ,सो चोरों ने कुणाल को निशाने पर ले लिये। अब महाराष्ट्र की पूरी राजसत्ता कुणाल के खिलाफ राजदंड लिए खड़ी है। 

कोई माने या न माने किन्तु ये कटु सत्य है कि  भाजपा जब से सत्ता में आयी है तभी से देश में असहिष्णुता ,साम्प्रदायिकता,संकीर्णता और बेसब्री सीमा से ज्यादा बढ़ गयी है।  भाजपा सनातन की बात करती है ,भारतीय शिक्षा और संस्कारों की बात करती है लेकिन इसके बारे में शायद जानती कुछ भी नहीं है ।  यदि जानती होती तो कुणाल कामरा के शो को लेकर तालिबानों की तरह उसके ऊपर टूट न पड़ती। कामरा के शो को लेकर बवाल शिव सेना [एकनाथ शिंदे ]ने किया है। शिंदे के बारे में कुणाल ने जो कहा वो कटु सत्य है कि  शिंदे ने न सिर्फ मूल शिव सेना से गद्दारी की बल्कि अपना सियासी बल्दियत भी बदली। बस यही वो दुखती रग थी जिसके ऊपर हाथ रखने से एकनाथ के कार्यकर्ता गुंडई पर उतर ए और उन्होंने कुणाल को सजा देने का दुस्साहस दिखा दिया। 

शिवसेना हो या भाजपा या कांग्रेस जब भी सत्ता में आते हैं तब उनका चरित्र लगभग एक जैसा हो जाता है। कांग्रेस चूंकि लम्बे समय तक सत्ता में रही इसलिए इसने सब्र करना भी सीखा और हास्य बोध   भी पैदा किया ,अन्यथा कांग्रेस के राज में लक्ष्मण,शंकर,सुधीर तैलंग  या काक जैसे मशहूर व्यंग्य चित्रकार पनप न पाते।  न राग दरबारी लिखी जा सकती थी और न हरिशंकर परसाई जैसे लेखक जीवित रह पाते ।  परसाई जी को भी संघियों ने मारने की कोशिश की थी लेकिन वे अपनी कमर टूटने के बाद भी दशकों तक अपना काम करते रहे। शिवसेना को शायद ये पता नहीं है कि  शिवसेना का ट्रीटमेंट हो   या  संघ का ट्रीटमेंट ,किसी विदूषक को,किसी व्यंग्यकार को किसी हास्य कलाकार को उसका काम करने से रोक नहीं सकता। 

भारतीय ज्ञान परमपरा की वक़ालत करने वाले संघी और शिवसैनिक शायद भारतीय ज्ञान परंपरा को जानते ही नहीं है।  उन्हें पता  ही नहीं है कि  साहित्यमें ,नाटक में कितने रस होते हैं ? वे यदि ये सब जानते तो खुद अपने पुरखों की कला का सम्मान करते ।  शिवसेना के संस्थापक बाला साहब ठाकरे खुद  एक व्यग्यकार यानि विदूषकों की बिरादरी से आते थे।  व्यंग्य के लिए कलम हो,कूची हो या मंच हो एक सशक्त माध्यम होता है। हास्य कलाकर हिंदुस्तान में भी होते हैं और पाकिस्तान में भी।इंग्लैंड  में भी होते हैं और अमरीका में भी। जीवन में यदि हास्य और व्यंग्य न हो तो जीवन न सिर्फ नीरस हो बल्कि नर्क बन जाये ।  हास्य-व्यंग्य कलाकार या लेख जीवन को सरस् बनाता है। कटु सत्य को शक्कर में पागकर आपके सामने पेश करता है और ऐसा करना दुनिया के किसी भी मुल्क में अपराध नहीं है । केवल तालिबानी संस्कृति में हसने,व्यंग्य करने पर स्थाई रोक होती है। 

भारत की राजनीती में हास्य बोध   लगभग मर चुका है ,हमारे नेता अब व्यंग्य करने वले को,व्यंग्य लिखने वाले को अपना दुश्मन मानने लगे हैं यही वजह है कि  पिछले एक दशक में कुणाल कामरा हों या कीकू सभी को धमकियों का समाना करना पड़ता है ,जेल जाना पड़ता है। लेकिन परसाई के वंशज कभी हार नहीं मानते ।  कुणाल ने भी हार नहीं मानी है। उसे हार मानना भी  नहीं चाहिए। भाजपाई और शिवसेना के कार्यकर्ता शायद न चार्ली चैप्लिन को जानते   हैं और न हमारे यहां के बीरबल को ।  वे मुल्ला नसरुद्दीन को भी नहीं जानते उन्होंने मुंगेरीलाल के बारे में भी पढ़ा और सुना नहीं है। वे तो यदि कुछ सीखे हैं तो तालिबानियों से सीखे हैं / भाजपा को मुसलमानों से नफरत   है तो शिवसेना को बिहारियों और गैर मराठियों से। दोनों कानून को अपने हाथ में लेने में कोई संकोच नहीं करते,खासतौर पर वहां ,जहां उनकी अपनी सरकार हो। कुणाल कि हाथ में संविधान की प्रति देख उन्हें लगा की मंच पर कुणालंहिं राहुल गाँधी खड़े हैं। 

हमारे यहां जो तमाम शब्द लोकभाषा में प्रचलित और स्वीकार्य शब्द थे उन्हें भाजपा ने सत्ता में आते ही असंसदीय घोषित कर दिया। अर्थात आप उनका इस्तेमाल संसद के भीतर नहीं करसकते,किन्तु संसद  के बाहर सड़क या किसी और मंच पर इनका इस्तेमाल न अपराध है और न इन्हें प्रतिबंधित किया गया है।  कुणाल ने जिस ' गद्दार ' शब्द का इस्तेमाल अपने गीत में किया वो भी सरकार की नजर में असंसदीय है ।  संसद  की बुकलेट में ‘गद्दार’, ‘घड़ियाली आंसू’, ‘जयचंद’, ‘शकुनी’, ‘जुमलाजीवी’, ‘शर्मिंदा’, ‘धोखा’, ‘भ्रष्ट’, ‘नाटक’, ‘पाखंड’, ‘लॉलीपॉप’, ‘चाण्डाल चौकड़ी’, ‘अक्षम’, ‘गुल खिलाए’ और ‘पिठ्ठू’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल अब लोकसभा और राज्यसभा में अब असंसदीय माना गया है। मेरा तो एक उपन्यास ही ' गद्दार ' नाम से है।गनीमत है की कांग्रेस से भाजपाई हो चुके सिंधिया समर्थकों ने इस पर कोई बखेड़ा खड़ा नहीं किया। वैसे भी  राजनीति में गद्दारी और बाप बदलना एक आम मुहावरा है।  इसे सुनकर यदि कोई बमकता है तो उसे राजनीति छोड़ देना चाहिए। 

कुणाल कामरा कोई साहित्यकार नहीं है।  वे एक स्टेंडअप कॉमेडियन हैं। ये उनका व्यवसाय है।  ये व्यवसाय गैर कानूनी नहीं है ,इसलिए उनके ऊपर हुए हमले की ,उन्हें दी जाने वाली धमकियों की घोर निंदा की जाना चाहिए। हमारे यहां तो निंदकों तक को नियरे रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि वे स्वभाव को बिना पानी-साबुन कि निर्मल करने का माद्दा रखते हैं। एक सभ्य समाज में यदि हास्य-व्यंग्य को लेकर सरकार की और से असहिष्णुता का प्रदर्शन किया जायेगा, कलाकारों को धमकाया जायेगा ,उन्हें जेलों में डाला जाएगा    तो लोकतंत्र जीवित नहीं रह सकता। हास्य-व्यंग्य कोई गाली नहीं हैं। ये अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है ठीक उसी तरह जिस तरह की टीवी है,रेडियो है सोशल मीडिया है। इन सभी माध्यमों की सुरक्षा अनिवार्य है। इस मामले में देश की सरकार को ही नहीं बल्कि देश की सर्वोच्च न्यायपीठ को भी हस्तक्षेप करना चाहिए और कुणाल को ही नहीं  बल्कि हरिशंकर परसाई परम्परा को सांरक्षण देन चाहिए। अन्यथा वो दिन दूर नहीं जबआपको ताश के 52  पत्तों में से जोकर गायब नजर आये । 

@ राकेश अचल

25 मार्च 2025, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:20 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:33 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *एकादशी तिथि*  27:45 बजे  तक फिर द्वादशी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* श्रवण नक्षत्र 27:49 बजे  तक फिर धनिष्ठा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *शिव*  है। 

 *करण*  :-आज  *बव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं 

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 15:31 से 17:02 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: - पापमोचनी एकादशी व्रत

*मुहूर्त* :कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-  मकर ,मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

*🌞चोघडिया, दिन*

रोग 06:20 - 07:52 अशुभ

उद्वेग 07:52 - 09:24 अशुभ

चर 09:24 - 10:56 शुभ

लाभ 10:56 - 12:27 शुभ

अमृत 12:27 - 13:59 शुभ

काल 13:59 - 15:31 अशुभ

शुभ 15:31 - 17:02 शुभ

रोग 17:02 - 18:34 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

काल 18:34 - 20:02 अशुभ

लाभ 20:02 - 21:30 शुभ

उद्वेग 21:30 - 22:58 अशुभ

शुभ 22:58 - 24:27*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

सोमवार, 24 मार्च 2025

24 मार्च 2025, सोमवार का पंचांग


*सूर्योदय :-* 06:21 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:33 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *दशमी तिथि*  29:05 बजे  तक फिर एकादशी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* उत्तराषाढ़ नक्षत्र 28:26 बजे  तक फिर श्रवण नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *परिधि*  है। 

 *करण*  :-आज  *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, गंडमूल नहीं भद्रा 17:27 बजे से है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 07:53 से 09:25 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: - दशामाता पूजा

*मुहूर्त* :कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-धनु मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

अमृत 06:22 - 07:53 शुभ

काल 07:53 - 09:25 अशुभ

शुभ 09:25 - 10:56 शुभ

रोग 10:56 - 12:28 अशुभ

उद्वेग 12:28 - 13:59 अशुभ

चर 13:59 - 15:30 शुभ

लाभ 15:30 - 17:02 शुभ

अमृत 17:02 - 18:33 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

चर 18:33 - 20:02 शुभ

रोग 20:02 - 21:30 अशुभ

काल 21:30 - 22:59 अशुभ

लाभ 22:59 - 24:27*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

विनोद कुमार शुक्ल और ज्ञानपीठ पुरस्कार

 

मुझे आत्मीय ख़ुशी जब-तब ही होती है ।  पिछले वर्षों में  मुझे   ख़ुशी का अहसास बहुत कम हुआ है लेकिन पिछले दिनों जब कविवर श्री विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा की गयी तब मुझे अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव हुआ। साथ ही क्षोभ भी कि ये ज्ञानपीठ वाले कितने निर्मम हैं कि पुरस्कार देने का फैसला तब करते हैं जब लेखक की कमर झूल जाती है और वो इस तरह की सामाजिक स्वीकारोक्ति का आनंद नहीं ले पाता। शुक्ल जी को भी जब ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा की गयी तब वे 88  साल के हो गए हैं। 

वर्ष 2024 के लिए प्रतिष्ठित 59 वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा हुई है. यह भारत का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है, जिसे भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्य के लिए दिया जाता है. इसके अंतर्गत 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है. विनोद कुमार शुक्ल हिन्दी के 12वें और छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार हैं जिन्हें यह पुरस्कार मिला है। शुक्ल जी के खाते  में पहले से तमाम सरकारी और असरकारी पुरस्कारत तथा  सम्मान भरे पड़े हुए हैं इसलिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार ने बहुत रोमांचित किया होगा ऐसा मै नहीं मानता,लेकिन उन्हें भी ये संतोष  तो जरूर हुआ होगा की आज भी समाज सही और प्रासंगिक लेखन का सम्मान करता है। 

छत्तीसगढ़ जैसे पिछड़े राज्य में  रहने वाले विनोद कुमार शुक्ल को अभी तक किसी ने शहरी नक्सली सम्मान से नहीं जवाजा ये भी उनकी एक बड़ी उपलब्धि है अन्यथा उन्होंने जिस ढंग से कविता में,कहानी में,उपन्यासों में, और नाटकों में कहा है वो नक्सली प्रदेश के लेखक के लिए शहरी नक्सली कहे जाने के लिए ज्यादा नहीं है  तो कम भी नहीं  है।  शुक्ल जी अपने किस्म के एक अलग लेखक है ।  उनका उपन्यास ' नौकर  की कमीज ' तो साहित्य के हरेक पाठक ने पढ़ा ही होगा न पढ़ा हो तो अब मौका है उसे पढ़ने और शुक्ल जी को जानने का। मै अपने छात्र जीवन से ही शुक्ल जी के लेखन का ,उनकी साफगोई का कायल रहा हूँ। शुक्ल जी ने जो लिखा वो तुलसीदास की तरह स्वांत; सुखाय लिखा लेकिन उसमें जन हिताय भी शामिल रहा। 

अक्सर लेखक स्वांत; सुखाय ही लिखता है किन्तु उसके लेखन में सभी का सुख और सभी का दुःख शमिल होता है। विनोद कुमार शुक्ल जी का लेखन भी इसका अपवाद नहीं हैं ,किन्तु उनका लेखन सबसे अलग इसलिए है क्योंकि वे सबसे अलग होकर सोचते और लिखते हैं।  लेखन के जरिये ख्याति मिलना आसान काम नहीं ह।  ख्याति हमेशा सियासत से जुड़े लोगों के आगे-पीछे चक्कर लगाती रहती है किन्तु शुक्ल जी को ख्याति उनके लेखन से मिली। उस लेखन से मिली जो जन सरोकारों का लेखन है।  उन्होंने जिस समय में जो कुछ भी लिखा वो धारा के   विपरीत का लेखन है। शुक्ल जी के घर पर यदि कभी ईडी  या सीबीआई छापा मारती तो उसे नोटों के बंडल नहीं बल्कि किताबों का जखीरा और सम्मानों,स्मृति चिन्हों तथा प्रशंसा पत्रों का भंडार मिलता। शुक्ल जी ने   चाहे नाटक  'आदमी की औरत ' या पेड़ पर कमरा लिखा हो चाहे'  खिलेगा तो देखेंगे'  जैसा कोई उपन्यास। हमेशा अपने पाठक को चौंकाया है ,आंदोलित किया है। उनकी कविताएं या तो सीधे-सीधे समझ में आ जाती हैं या फिर आपको परेशान करती हैं। वे सादगी से ही लिखते हैं लेकिन उनके लेखन में जो तिलिस्म है उसे   भी समझा जाना चाहिए। अपनी आधी सदी से ज्यादा की लेखन यात्रा में विनोद कुमार शुक्ल न ठहरे,न टूटे,न बिखरे। वे सतत लिखते रहे और आज भी वे स्मृतियों का खजाना अपने पास रखते है।  अब कृषकाय हैं ,ज्यादा बोल नहीं सकते,ज्यादा लिख नहीं सकते लेकिन ज्यादा सोचते आज भी हैं वे। उन्होंने हिंदी साहित्य को जितना समृद्ध किया है उसका मूल्यांकन आने वाले पचास साल तक होता रहेगा। शुक्ल जी शतायु हों ।  ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए शुक्ल जी को उनके सूबे को और सभी साहित्यप्रेमियों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं। आपको बता दूँ किहिंदी में पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार 1968 में सुमित्रानंदन पंत को दिया गया था । ये पुरस्कार एक उद्यमी 22  मई 1961 को भारतीय ज्ञानपीठ के संस्थापक श्री साहू शांति प्रसाद जैन के पचासवें जन्म दिवस के अवसर पर स्थापित किया गया था इसलिए कुछ लोग इसे बनियों का पुरस्कार भी कहते हैं।ये पुरस्कार देश की 22  भाषाओँ के साहित्य के लिए दिया जाता है। 

@ राकेश अचल

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