शुक्रवार, 28 मार्च 2025

28 मार्च 2025, शुक्रवार का पंचांग

 

*सूर्योदय :-* 06:16 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:35 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *चतुर्दशी तिथि*  19:55 बजे  तक फिर अमावस्या तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र 22:09 बजे  तक फिर उत्तराभाद्रपद नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *शुक्ल*  है। 

 *करण*  :-आज  *विष्टि* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक चल रही है। भद्रा 09:32 बजे तक , गंडमूल नहीं 

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 10:54 से 12:26 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*:- 

*मुहूर्त* : - कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र- कुंभ ,मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

चर 06:17 - 07:49 शुभ

लाभ 07:49 - 09:22 शुभ

अमृत 09:22 - 10:54 शुभ

काल 10:54 - 12:26 अशुभ

शुभ 12:26 - 13:59 शुभ

रोग 13:59 - 15:31 अशुभ

उद्वेग 15:31 - 17:03 अशुभ

चर 17:03 - 18:36 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

रोग 18:36 - 20:03 अशुभ

काल 20:03 - 21:31 अशुभ

लाभ 21:31 - 22:58 शुभ

उद्वेग 22:58 - 24:26*अशुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

गुरुवार, 27 मार्च 2025

अब राणा सांगा को लेकर जंग का आगाज

हमारा मुल्क बिना  जंग के रह नहीं सकता ।  हम बमुश्किल औरंगजेब से फ़ारिग हुए थे कि गुरु रामजीलाल सुमन ने राणा सांगा को मैदाने जंग में ला खड़ा किया। राणा सांगा की और से अब ये लड़ाई करणी सेना लड़ रही है और सुमन की और से अखिलेश यादव की यादवी सेना।  हम आम जनता मूकदर्शक  बने इस  जंग को देख रहे हैं।  हम न इस जंग का हिस्सा बन सकते हैं और न हमारी  इस जंग का हिस्सा बनने में कोई दिलचस्पी है। हाँ हमारी दिलचस्पी इस बात में जरूर है कि  उत्तर प्रदेश जैसे बड़े सूबे की उत्तरदायी सरकार कैसे एक निर्वाचित संसद को सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाती ।
राणा सांगा के बारे में जानने से पहले आप रामजी लाल सुमन के बारे में जान लीजिये। कोई 48 साल का संसदीय अनुभव रखने वाले रामजीलाल सुमन चंद्रशेखर से लेकर मुलायम सिंह जैसे कद्दावर नेताओं के भरोसेमंद और विश्वसनीय साथ ही रहे हैं।   25 जुलाई 1950 को हाथरस जनपद के बहदोई गांव में  जन्में रामजीलाल सुमन  की प्राथमिक शिक्षा गांव में हुई. उनकी माध्यमिक शिक्षा हाथरस में और उच्च शिक्षा आगरा कॉलेज में हुई।  समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन पहली बार 1977 में लोकसभा पहुंचे थे। यानि हमारे सुमन जी हमारे प्रधानमंत्री जी की उम्र के हैं और उनसे पुराने सांसद है।  उन्हें इतिहास का ज्ञान भी कम नहीं है।
आपको बता दें कि  रामजीलाल सुमन ने राज्यसभा में कहा था, अगर मुसलमानों को बाबर का वंशज कहा जाता है, तो हिंदू गद्दार राणा सांगा के वंशज होने चाहिए। हम बाबर की आलोचना करते हैं, लेकिन राणा सांगा की आलोचना क्‍यों नहीं करते ? सुमन ने सवाल किया था,जंगे ऐलान नहीं।  कोई राजपूत ,कोई हिन्दू हृदय सम्राट सुमन कि सवाल का शास्त्रोक्त जबाब देकर मामला शांत कर सकता था ,लेकिन दुर्भाग्य की जबाब देने कि लिए पढ़े-लिखे लोगों का टोटा है।  सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने भी सुमन के इस बयान का समर्थन किया है। इसके बाद विवाद शुरू हो गया है। सुमन ने यह भी कहा था कि आखिर बाबर को भारत कौन लाया। यह राणा सांगा ही थे जिन्‍होंने बाबर को इब्राहिम लोदी को हराने के लिए आमंत्रित किया था।अब गवाही कि लिए न इब्राहिम लोदी आ सकते हैं और न राणा सांग।  बाबर को भी समन नहीं किया जा सकता। भरोसा इतिहास की किताबों पर ही करना होगा।
रामजीलाल सुमन के बयान के बाद करणी सेना भड़क गयी।  ये सेना राणा सांगा के समय में थी या नहीं ,मै नहीं जानता ,लेकिन मुझे पता है कि  ये वो सेना है जो एक फिल्म का विरोध करने के लिए सड़कों पर पहली  बार उतरी थी ।  ये सेना भारतीय सेना की कोई ब्रिगेड है या नहीं  ये भी मैं नहीं जानता। हमारे देश में भारतीय सेना के अलावा भी अनेक सेनाएं हैं।  इन सेनाओं पर कोई लगाम नहीं लगाता ।  एक जमाने में बिहार में ऐसी निजी सेनाओं का बहुत बोलबाला था ,लेकिन बाद में सबकी बोलती बंद होगयी। उत्तरप्रदेश में करणी सेना की बोलती बंद नहीं हुई क्योंकि सूबे की सरकार ने इस सेना को तोड़फोड़ करने के लिए अधिमान्य कर रखा है अन्यथा किसी भी निजी सेना की क्या मजाल कि  वो 75  साल के एक प्रतिष्ठित नेता के घर को घेर कर वहां तोड़फोड़ करे और पुलिस को भी घायल कर दे ?
लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन का अधिकार सभी को है। करणी सेना को भी ,लेकिन विरोध प्रदर्शन के तरीके भी हैं ।  सुमन ने यदि कुछ गलत कहा है तो उनकी मुखलफ़्त राज्य सभा  में की जाये। क्या करनी सेना की और से एक भी राजपूत राज्य सभा में नहीं है जो खड़े होकर सुमन के बयान का विरोध कर सके ? करणी सेना को राजपूती अस्मिता की इतनी ही फ़िक्र है तो उसे पुलिस थाने जाना चाहिए अदालत जाना चाहिए ,लेकिन इतना ठठकर्म कौन करे। सड़क पर आकर जंग लड़ना ज्यादा आसान है।  कुणाल कामरा के खिलाफ महाराष्ट्र में इसी तर्ज पर शिवसेना [एकनाथ शिंदे समूह ] ने भी लड़ाई लड़ी।  क़ानून हाथ में लेने में उतनी मशक्क्त नहीं करना पड़ती जितनी की कानूनी रूप से जंग लड़ने में करना पड़ती है। शिंदे समर्थकों को कुणाल कि मुंह से ' गद्दार ' शब्द बुरा लगा लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुंह से नहीं। शिंदे का  कोई  समर्थक उद्धव के घर तोड़फोड़ करने नहीं गया। ठीक इसी तरह रामजीलाल सुमन के मुंह से गद्दार सशब्द सुनकर करनी सेना की आत्मा घायल हो गयी।
चूंकि हमारा इस जंग से सीधे कोई सरोकार नहीं है इसलिए हम तमाशबीन की हैसियत में है।  तमाशबीन या तो तालियां बजाते हैं या फिर सीटियाँ। तमाशा समाप्त होने पर पान चबाते या गुटका खाते हुए अपने घरों को लौट जाते हैं।  राणा सांगा बनाम रामनीलाल सुमन की जंग में भी यही सब होता दिखाई दे रहा है।  सत्ता पोषित हिंसा के हम सब मूक दर्शक हैं। हमारा क़ानून भारहीन है ,उसे कोई भी अपने हाथ में ले सकता है हालांकि हमारी बहादुर पुलिस क़ानून को बचाने के लिए करणी सेना से पिट भी लेती है।  पुलिस  बनाई ही गयी है पिटने-पीटने के लिए। जान जैसा मौक़ा होता है ,तब तैसा हो जाता है।
राणा सांगा हमारी राजयसभा में उसी तरह आये जैसे औरंगजेब और उनकी कब्र आयी थी।  मरे हुए लोगों को संसद में आने -जाने से कोई रोक नहीं सकता।  ये बिना चुनाव लड़े संसद में आ-जा सकते हैं और हंगामा खड़ा कर वापस भी लौट सकते हैं।राणा सांगा को भी हमने उसी तरह नहीं देखा जिस तरह की औरंगजेब को नहीं देखा था।  राणा की बहादुरी के किस्से हमने भी पढ़े हैं,सुने हैं लेकिन देखे नहीं हैं। सुमन ने भी नहीं देखे होंगे और करणी सेना ने भी। सबने उनके बारे में वैसे ही पढ़ा और सुना होगा जैसे की दूसरे नायकों,खलनायकों,अधिनायकों के बारे में पढ़ा  और सुना जाता है।
अतीत के किरदारों को लेकर हमारी भावनाएं आग की तरह क्यों भडक़तीं हैं ,इसके बारे में शोध होना चाहिए।  हमारी भावनाएं छुईमुई   हैं जो हाल कुम्हला जातीं हैं,आहत हो जातीं है।  मजे की बात ये है कि आहत भावनाओं का कोई भेषजीय उपचार नहीं है ।  आहत भावनाएं केवल खून-खराबा और अराजकता पैदाकर अपना इलाज खुद करना चाहती हैं। रामजीलाल सुमन पर हमला कर, करनी सेना ने हिन्दू-मुसलमान नहीं बल्कि हिन्दू -बनाम हिन्दू संघर्ष को न्यौता दिया है ।  एक तरफ करणी सेना के हिन्दू हैं   तो दूसरी तरफ वे हिन्दू हैं  जो अनुसूचित जाति के कहे और माने जाते हैं। हमारी सरकार भी यही चाहती है  कि  लोग इसी तरह से अपनी धार्मिक,जातीय भावनाओं को आहत करते-करते रहें और लड़ते-लड़ाते रहें। लेकिन मैं इसके खिलाफ हूँ ,क्योंकि इस तरह की गतिविधियों से हमारे विश्वगुरु  बनने के अभियान में खलल पड़ता है।
काश कि  इस तरह के विवादों में पीड़ित पक्ष   के रूप में खुद औरंगजेब  या राणा सांगा की आत्माएं प्रकट होकर जंग लड़तीं। मुमकिन है कि  वे लड़ती ही नहीं क्योंकि वे दोनों तो अब एक ही जगह पर पहुँच चुकी है।  मरी हुई आत्माएं कभी ,किसी से लड़ने नहीं आतीं ठीक वैसे ही जैसे नेहरू और इंदिरा भाजपा और माननीय मोदी जी से लड़ने नहीं आते। इसलिए हे भारतीय नागरिको ,जागो ! और ,बिना बात के बवाल मत काटो ।  बवाल काटना भी है तो उन मुद्दों पर काटो जो आपके भविष्य से जुड़े हुए हैं। वर्तमान से जुड़े हैं। अतीत के लिए वर्तमान से लड़ना कतई बुद्धिमत्ता नहीं है।
@ राकेश अचल  

27 मार्च 2025, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:18 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:35 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *त्रयोदशी तिथि*  23:03 बजे  तक फिर चतुर्दशी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज*शतभिषा नक्षत्र 24:33 बजे  तक फिर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *साध्य*  है। 

 *करण*  :-आज  *गर* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक चल रही है। भद्रा 23:03 बजे से , गंडमूल नहीं 

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 13:59 से 15:31 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*:प्रदोष व्रत,रंग तेरस,मासिशिवरात्री

*मुहूर्त* : नाम कारण , वाहन क्रय है अन्य कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र- कुंभ ,मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

*🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 06:18 - 07:50 शुभ

रोग 07:50 - 09:22 अशुभ

उद्वेग 09:22 - 10:54 अशुभ

चर 10:54 - 12:27 शुभ

लाभ 12:27 - 13:59 शुभ

अमृत 13:59 - 15:31 शुभ

काल 15:31 - 17:03 अशुभ

शुभ 17:03 - 18:35 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 18:35 - 20:03 शुभ

चर 20:03 - 21:31 शुभ

रोग 21:31 - 22:58 अशुभ

काल 22:58 - 24:26*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

बुधवार, 26 मार्च 2025

गुडी पडवा कालयुक्तनाम नवसंवत्सर 2082 : 30 मार्च को मनाया जाएगा

ग्वालियर 26 मार्च । गुडी पडवा कालयुक्तनाम नवसंवत्सर 2082 , 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। इससे पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम शहर के विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए जा रहे हैं। आज रॉक्सी पुल पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। 

गुडी पडवा कालयुक्तनाम नवसंवत्सर 2082 30 मार्च को मनाया जाएगा। इससे सांस्कृतिक कार्यक्रम शहर के विभिन्न स्थानों पर प्रतिदिन सायं 6 बजे से आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें 27 मार्च को छत्री मंडी, 28 मार्च को जीवाजी चॉक बाडा पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम लोकगीत, भरत नाट्यम, बालिकाओं द्वारा नृत्य, काव्य गोष्ठी, शास्त्रीय संगीत आदि आयोजित किए जा रहे हैं। 

इसके साथ ही 29 मार्च को पूर्व संध्या वर्तमान पिंगलनाम संवत्सर 2081 विदाई समारोह सायं 6ः30 बजे से जलविहार स्थित मनाया जाएगा। इस अवसर पर ध्येय गीत, काव्य गोष्ठी, शास्त्रीय वादन, संगीत सरिता नवराग मंजरी, शास्त्रीय नृत्य, ओडिसी नृत्य आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें। 

मुख्य कार्यक्रम गुडीपडवा कालयुक्तनाम नवसंवत्सर 2082 स्वागत महोत्सव 30 मार्च को जलविहार पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम कर मनाया जाएगा। 

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना जमीनी स्तर पर हो रही चुनावी जुमला साबित?

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। यह योजना युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब यह जमीनी स्तर पर चुनावी जुमला साबित हो रही है।

वर्ष 2023 में ऊर्जा विभाग में चयनित हुए मध्य प्रदेश के युवाओं को अभी तक नियमित रोजगार नहीं मिला है। इसके अलावा, प्रशिक्षण पूर्ण होने के सात महीने बाद भी उन्हें प्रशिक्षण पूर्ण प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। युवाओं ने वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव,ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर,  ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, तथा अन्य बड़े-बड़े अधिकारियों को ज्ञापन दिया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।

इस मामले में मध्य प्रदेश के ऊर्जा विभाग में कार्य कर चुके युवाओं की मांग है, कि उन्हें उसी विभाग में रोजगार प्रदान किया जाए। 

राहुल बौद्ध 


'गजवा -ए- हिन्द' बनाम 'सौगात -ए - मोदी '

आज मै खुले दिल से भाजपा के दुस्साहस को सलाम करता हूँ ।  आप कहेंगे कि सलाम क्यों,प्रणाम क्यों नहीं ? तो भाई केवल भाषा का फर्क है,भाव का नहीं। भाजपा एक तरफ हाल के अनेक चुनावों में देश के मुसलमानों  को मंगलसूत्रों का लुटेरा कह चुकी है। उनके खिलाफ ' बंटोगे   तो कटोगे ' का नारा लगा चुकी है ।  मुसलमानों के खिलाफ आधे हिंदुस्तान में भारतीय न्याय संहिता के बजाय ' बुलडोजर संहिता ' का खुले आम इस्तेमाल कर चुकी है ,बावजूद इसके आने वाली ईद पर भाजपा मुसलमानों के बीच ' सौगात-ए-मोदी ' लेकर पहुँचने वाली है।ये सौगात मसलमानों के ' गजवा ए हिन्द ' कि मुकाबले में है।  ईद पर 32 लाख गरीब मुसलमानों को 'सौगात-ए-मोदी' किट  में सेवइयां, खजूर, ड्राई फ्रूट्स, बेसन, घी-डालडा और महिलाओं के लिए सूट के कपड़े होंगे। 

सब जानते हैं कि  भाजपा और आरएसएस मुसलमान विहीन ,कांग्रेस विहीन भारत चाहते हैं  ,लेकिन वे सारा कस-बल लगाकर भी इस लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाए। इन दोनों संस्थाओं ने जिन्दा मुसलमानों के साथ ही मर चुके औरंगजेब   की कब्र तक पर हमले कर लिए लेकिन बात बनी नही।  संघ के इंद्रेश  कुमार मुस्लिम राष्ट्रिय मंच बनाकर भी देश के मुसलमानों को भाजपा के पक्ष में नहीं कर पाए किन्तु भाजपा ने हार नहीं मानी। भाजपा मुसलमानों को संसद में ' कटुआ' कहने के बाद भी सोचती है कि  गरीब   मुसलमान सेवइयां, खजूर, ड्राई फ्रूट्स, बेसन, घी-डालडा और महिलाओं के लिए सूट के कपड़े के लालच में आकर भाजपा का वोट बैंक बन जाएगा। उस भाजपा के साथ खड़ा हो जायेगा जो मुसलमानों को न संसद में जाने दे रही है और न विधानसभाओं में। 

भाजपा के दुस्साहस से देश की दीगर सियासी पार्टियों क सीखना चाहिए। भाजपा ने आज 25  मार्च से मोदी की सौगत वाली किट बाँटने का आगाज कर दिया है। भाजपा का कहना है कि यह योजना न केवल सहायता प्रदान करेगी, बल्कि मुस्लिम समुदाय को ‘चंद दलालों और ठेकेदारों’ के प्रभाव से बाहर निकालने में भी मदद करेगी।इसकी शुरुआत नई दिल्ली के गालिब अकादमी से हो रही है . इसके तहत हर एक भाजपा कार्यकर्ता 100 लोगों से संपर्क करेगा. भाजपा का दावा है कि यह कदम सामाजिक समावेश और गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा प्रयास है. इस पहल को बिहार सहित कई राज्यों में लागू किया जाएगा, जहां भाजपा की मजबूत उपस्थिति है। 

 सौगात ए मोदी अभियान भारतीय जनता पार्टी द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है। इसका उद्देश्य है मुस्लिम समुदाय के बीच कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देना और भाजपा और एनडीए के लिए राजनीतिक समर्थन जुटाना है।  यह अभियान खास इसलिए भी है क्योंकि यह रमजान और ईद जैसे अवसरों पर केंद्रित है। भाजपा जहाँ एक और सम्भल और ज्ञानवापी जैसी मस्जिदों को खोदने पर आमादा हैवहीं दूसरी और भाजपा ने 3 हजार मस्जिदों के साथ सहयोग करने की योजना बनाई है। आप इसे केंद्र सरकार का  समावेशी  निर्णय भी कह सकते हैं और राजनीति का हिस्सा हिस्सा भी कह सकते हैं  हैं। 

दुनिया और भारत का मुसलमान जानता है कि  भाजपा और भाजपा के प्रचारक से प्रधानमंत्री बने मोदी जी मुसलमानों की टोपी से चिढ़ते है।  प्रधानमंत्री आवास पर होने वाली इफ्तार पार्टियों को वे बंद करा चुके हैं ,लेकिन अचानक बिहार जीतने के लिए अब  भाजपा और संघ दोनों ने अपना रंग बदल लिया है। बिहार में अचानक  पटना में अलग-अलग राजनैतिक दलों द्वारा इफ्तार का आयोजन किया गया । भाजपा के सहयोगी  चिराग पासवान द्वारा भी इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया ,लेकिन कई मुस्लिम नेताओं ने इससे  दूरी बना रखी। चिराग पासवान कहते घूम रहे हैं  कि केंद्र सरकार मुसलमानों के लिए लगातार काम कर रही है लेकिन उस हिसाब से मुस्लिम समुदाय के लोगों का वोट एनडीए को नहीं मिल रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुसलमानों का इस्तेमाल केवल वोट बैंक की तरह किया गया है। 

सौगात-ए-मोदी पर प्रतिक्रियाएं आने लगीं हैं।  कोई इसे मुसलमानों के साथ छल बता रहा है तो कोई इसे चुनावी दांव बता रहा है. अखिलेश यादव समेत विपक्ष के कई नेता भाजपा की इस योजना पर बिफरे हुए हैं. तृमूकां  सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने तो इस योजना को मुसलमानों के साथ मजाक बताया है। बीजेपी ने सौगात-ए-मोदी की शुरुआत दिल्ली से की है, मगर इसकी सबसे ज्यादा चर्चा बिहार में है।  क्योंकि बिहार में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा  ने ये दांव चला है। हालांकि, विपक्ष के नेता ये भी कहते हैं कि ऐसी सौगातों से भाजपा  को बिहार में कोई फायदा नहीं मिलने वाला. जबकि भाजपा का कहना है कि गरीब अल्पसंख्यक भी खुशी से अपना पर्व मनाएं इस लिए ये योजना चलाई गई है। 

आप भाजपा से और अपने आपसे सवाल कर सकते हैं कि  भाजपा को अचानक गरीब मुसलमानों की चिंता क्यों सताने लगी ? भाजपा मुसलमानों को आतंकित कर देख चुकी है लेकिन उसे लगता है कि  बात अभी बनी नहीं है इसलिए अब मुसलमानों की गरीबी का लाभ उठाने के लिए उन्हें मोदी जी की और से सौगात बांटी जा रही है।  ये सौगात मोदी जी के वेतन से नहीं जा रही ।  भाजपा के चंदे से जुटाए करोड़ों रुपयों से नहीं दी जा रही ।  ये सौगात सरकारी पैसे से दी जा रही है। उस सरकारी पैसे से जो देश के आम करदाताओं का पैसा है। यानि ये  सौगात भी एक तरह का फ्रीबीज है। जिस देश में 80  करोड़ से ज्यादा लोग दो वक्त की रोटी के लिए सरकार के मोहताज हैं उस मुल्क में 32  लाख गरीब मुसलमानों को रिझाना कोई कठिन काम नहीं है। 

भाजपा का ये कदम हालाँकि साफतौर पर सियासी है लेकिन मैं इसकी कामयाबी की कामना करता हूँ। कम से कम गरीब मुसलमानों को कुछ तो मिलेगा।  किन्तु मुझे इस बात पर संदेह बह है कि  मुल्क का गरीब मुसलमान ईद जैसे पाक त्यौहार पर कोई सियासी सौगात कबूल कर अपने ईमान ,इकबाल का सौदा करेगा ? इस देश के मुसलमानों के मन में भाजपा को लेकर जो संदेह हैं वे मोदी जी की छह सौ रुपल्ली की सौगात से दूर होने वाले नहीं हैं।  फिर भी कोशिश तो एक आशा जैसी है ही। कांग्रेस समेत दूसरे तमाम दलों के पास मोदी की इस सौगात के जबाब में कोई और महंगी सौगात है क्या ? भारत में मुस्लिम आबादी अभी 20  करोड़ है । जाहिर है की भाजपा ने मोदी जी की  सौगात पूरे देश के मुसलमानों के लिए तैयार नहीं की है।  ये सिर्फ ३२ लाख मुसलमानन के लिए है जो बिहार में रहते हैं।  

@ राकेश अचल

26 मार्च 2025, बुधवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:19 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:34 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2081* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह कृष्ण पक्ष *द्वादशी तिथि*  25:42 बजे  तक फिर त्रयोदशी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* धनिष्ठा नक्षत्र 26:29 बजे  तक फिर धनिष्ठा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *सिद्धि*  है। 

 *करण*  :-आज  *कौलव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक 15:14 से चलेगी पांच दिन भद्रा, गंडमूल नहीं 

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 12:27 से 13:59 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:04 बजे से 12:53 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: - पापमोचनी एकादशी व्रत

*मुहूर्त* : नाम कारण , वाहन है अन्य कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-  मकर ,मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-कुंभ, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 06:19 - 07:51 शुभ

अमृत 07:51 - 09:23 शुभ

काल 09:23 - 10:55 अशुभ

शुभ 10:55 - 12:27 शुभ

रोग 12:27 - 13:59 अशुभ

उद्वेग 13:59 - 15:31 अशुभ

चर 15:31 - 17:03 शुभ

लाभ 17:03 - 18:35 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 18:35 - 20:02 अशुभ

शुभ 20:02 - 21:30 शुभ

अमृत 21:30 - 22:58 शुभ

चर 22:58 - 24:26*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

छह ग्रहों के संयोग में हाथी की सवारी पर मां दुर्गा, इंद्र योग में अच्छी वर्षा होगी

चैत्र नवरात्र 30 मार्च रविवार से प्रारंभ होने जा रहे हैं बसंत नवरात्र

 दरअसल नवरात्र में माता की सवारी का विशेष महत्व होता है इस बार रविवार को गुड़ी पड़वा बसंत नवरात्र प्रारंभ होंगे।

 मां की सवारी हाथी होगी वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि जब माता रानी की सवारी हाथी होती है तो आने वाले वर्षा काल में वर्षा अच्छी होती है। खेती अच्छी होती है। देश में अन्न और धन के भंडार बढ़ेंगे और देश का नागरिक सुख समृद्धि पूर्वक रहेगा। 

इस वर्ष के संवत्सर के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य हैं। इस वर्ष नवरात्र नौ दिन के ना होते हुए 8 दिन के ही  हैं क्योंकि तृतीया तिथि का क्षय होने के कारण दूसरा और तीसरा नवरात्र एक ही दिन है।

चैत्र मास का 9 दिनों तक चलने वाला नवरात्री त्योहार देवी दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा के लिए समर्पित है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिनिधित्व करते हैं। भक्त 9 दिनों तक बड़ी भक्ति और समर्पण के साथ मां के नौ रूपों का पूजन करते हैं व्रत करते हैं। 

चैत्र नवरात्रि को आध्यात्मिक नवीनीकरण, शुद्धिकरण और ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह एक शुभ समय माना जाता है  अंधकार पर प्रकाश की धर्म पर अधर्म की और ज्ञान पर ज्ञान की जीत का प्रतीक है। 

चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के भक्त कई तरह से पूजा अनुष्ठान करते हैं जिसमें परंपरागत तरीके से व्रत, उपवास, प्रार्थना, ध्यान और देवी दुर्गा के प्रति समर्पित रहते हैं। प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा से जुड़ा महोत्सव है जिसे नवदुर्गा के नौ रूप में जाना जाता है इन स्वरूप में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी ,मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, कालरात्रि ,मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा अलग-अलग दिन की जाती है। 

चैत्र नवरात्र घट स्थापना मुहूर्त :

30 मार्च रविवार को प्रात  सूर्योदय से दोपहर 12:49 बजे तक घट स्थापना करने के लिए पूरा समय है। 

इस में सूर्योदय समय और प्रातः 06:26 बजे से 10:26 बजे तक प्रथम शुभ व श्रेष्ठ मुहूर्त है दूसरा अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:00बजे से 12:48 बजे तक  रहेगा।

ग्रहों का इस दिन विशेष संयोग रहेगा ।

जैन ने बताया इस दिन इस बार छह ग्रह मीन राशि में इकठ्ठे होंगे सूर्य,चंद्रमा,बुध,शुक्र,शनि, राहु ऐसा संयोग 21 भी सदी में पहली बार देखने मिलेगा।

आने वाले समय में इस संवत्सर में  आंधी,तूफान,अग्नि की घटनाएं बढ़ेगी भारत सहित दक्षिण पश्चिम देशों में भूकंप  का प्रकोप बार बार होगा।

इस साल अष्टमी तिथि का कन्या पूजन 05 अप्रैल शनिवार के दिन और नवमी तिथि का कन्या पूजन 06 अप्रैल रविवार के दिन होगा।

मंगलवार, 25 मार्च 2025

मरे हुए लोग

 


मरे हुए लोगों से डरते हैं

जीवित होकर भी मरे लोग

मरे हुए लोग

मरे हुए लोगों के लिए होते हैं खतरा

जिंदा लोगों का 

मरे हुए लोग, कुछ नहीं बिगाड सकते.

मरा हुआ कोई औरंगजेब हो या बाबर

अकबर हो या शाहजहां

कुछ नहीं बिगाड सकते किसी का

मरे हुए लोग कब्र में हों या

उन्हे जला दिया गया हो

मरे हुए लोग चाहे समुद्र में फेंक दिए जाएं 

कुछ नहीं बिगाड सकते किसी का

मरे हुए लोगों के नाम पर 

हौवा खडा करने वाले लोग भी

मरे लोग ही हैं.

मरे लोगों को पसंद होते हैं 

मरे हुए लोग,

मरे हुए लोगों कब्रें 

जो दूसरों की कब्र खोदते हैं

या दूसरों के लिए कब्र खोदते हैं

वे खुद सुपुर्दे खाक कर दिए जाते हैं

ऐसे लोग औरंगजेब हों या 

शेर शाह सूरी.

@ राकेश अचल

होली-रंगपंचमी जैसे पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं : केंद्रीय मंत्री सिंधिया

 ग्वालियर  ।  होली दिल से दिल मिलने का त्यौहार है। होली पर रंगों में सभी के चेहरे और धर्म छुप जाते हैं। यह बात केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को ग्वालियर-15 विधानसभा क्षेत्र में ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर द्वारा कोटेश्वर पैलेस में आयोजित होली मिलन समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कार्यक्रम में मौजूद कार्यकर्ताओं संग गुलाब के फूलों की वर्षा कर होली खेली। इस मौके पर संत कृपाल सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष श्री जयप्रकाश राजोरिया, प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री आशीष अग्रवाल, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री वेदप्रकाश शर्मा, श्री अशोक शर्मा,श्री ओम प्रकाश शेखावत, श्री अरविन्द राय, श्री राजकुमार परमार,श्री राजेश सोलंकी, पूर्व जिलाध्यक्ष श्री अभय चौधरी, श्री कमल माखीजानी, पूर्व विधायक श्रीमती इमरती देवी, पूर्व विधायक श्री रमेश अग्रवाल, श्री मुन्ना लाल गोयल, नगर निगम सभापति श्री मनोज तोमर, भाजपा मंडल अध्यक्ष, पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता विशेष रूप से मौजूद रहे। 


केन्द्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा होली और रंग पंचमी ऐसे पर्व है जो हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देते हैं। उन्होंने होलिका दहन  की परंपरा का जिक्र करते हुए कहा तमाम कोशिशों के बाद भी हिरण्यकश्यप भक्त प्रहलाद को मारने में कामयाब नहीं हो सका। क्योंकि जो सत्य के रास्ते पर चलते हैं, ईश्वर उनके साथ रहता है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा हमारी संस्कृति और परंपरा भी हमें यही सिखाती है कि सत्य के रास्ते पर चलो। उन्होंने कहा कि होली ऐसा त्यौहार है, जो कई विविधताएं लिए हुए है। ब्रज में अपने ढंग से होली मनाई जाती है, तो कोलकाता में  अपने ढंग से, लेकिन सभी इस पर्व पर दिल से दिल को मिलाते हैं। उन्होंने कहा होली हो या दिवाली देश की सीमाओं को पार कर गए हैं। श्रीलंका बांग्लादेश यूरोप और अमेरिका में भी होली और दिवाली मनाई जाती है। यह भारत की शक्ति का संकेत है, जो विश्व पटल पर उजागर हो रहा है।

इससे पहले होली मिलन समारोह  को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, सद्भावना और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का पर्व भी है। होली को वसंत महोत्सव, रंगों का त्योहार और प्रेम व भाईचारे का प्रतीक है। यह त्योहार धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री ने पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम के आयोजन की जानकारी दी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित पार्टी कार्यकर्ताओं को मंच से दंडवत प्रणाम किया। साथ ही केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया से निवेदन किया कि वह भी फूलों होली खेलें।

*ऊर्जा मंत्री ने किया रासलीला कलाकारों का सम्मान*

इस अवसर पर वृन्दावन से आए रासलीला कलाकारों ने रासलीला का मंचन किया तथा ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रासलीला कलाकारों को सम्मानित किया।

29 मार्च शनिश्चरी अमावस्या को सूर्य ग्रहण के साथ शनि का परिवर्तन बनाएगा रंक से राजा

शनि ग्रह का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छे लोगों के पसीने छूटने लगते हैं। किंतु शनि ग्रह इतना अशुभ नहीं है जितना कि उसे लोगों ने मानव रखा है। शनि ग्रह कर्मों का हिसाब किताब करने वाला न्याय प्रिय ग्रह कहा गया है अगर व्यक्ति की कुंडली में या हस्तरेखा में शनि ग्रह बलसाली है तो वह व्यक्ति को रंग से राजा बना देता है जितने भी उच्च पदों पर पहुंचे हैं वह सभी या तो शनि की साढ़ेसाती में या शनि की महादशा- अंतर्दशा में उच्च पदों पर पहुंचे हैं ।


ग्वालियर शहर के वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए बताया की शनि ग्रह एक राशि में ढाई वर्ष अर्थात 30 महीने रहता है।

 अभी शनि ग्रह अपने ही घरों में मकर राशि में ढाई वर्ष फिर कुंभ राशि में ढाई वर्ष चला इस प्रकार कुल 5 वर्ष शनि अपने ही घरों में रहा था इस समय जगत के लिए कई उतार-चढ़ाव कोरोना जैसी महामारी से भी जूझना पड़ा था ।

अब शनि गुरु की मीन राशि में 29 मार्च शनिवार को रात्रि 09:41 बजे  कुंभ राशि से निकल कर शनिवार ,शनिश्चरी अमावस्या के दिन मीन राशि में प्रवेश करेगा और वह ढाई वर्ष इसी गुरु की मीन राशि में रहेगा।

इस दिन से मकर राशि पर से शनि की साडेसाती साढ़ेसात वर्षों से चल रही थी वह समाप्त हो जाएगी और कुंभ राशि वालों की आखिरी  साढ़ेसाती चलेगी। मीन राशि वाले पर की हृदय पर बीच की साढ़ेसाती मेष राशि वालों पर शिर से आती साढ़ेसाती साढ़ेसात वर्ष चलेगी।

 जैन ने कहा कि  इसी के साथ वृश्चिक राशि  और कर्क राशि वालों से शनि की ढैया समाप्त होगी उनके स्थान पर सिंह राशि, धनु राशि वालों पर शनि की ढैया प्रारंभ होगी।

 शनि न्याय प्रिय ग्रह है। यदि जन्मपत्री में या हस्तरेखा में शुभ स्थिति में बैठा है तो निश्चित ही व्यक्ति को अपनी साढ़ेसाती ,ढैया या महादशा में रंक से राजा बना देता है और यदि खराब स्थिति में बैठा हो तो वह व्यक्ति के पूर्व जन्मों के कर्मों का हिसाब किताब कर उसे काफी दुःखी करता है ,बेचैन करता है, अशांत करता है, निर्धन बना देता है और यहां तक की राजा से रंग तक बना सकता है जेल और बंधन करा सकता है।

शनि ग्रह की सभी ग्रहों से धीमी चाल होने के कारण  एक राशि में ढाई वर्ष रहने के कारण यह अपना अच्छा और बुरा खास असर व्यक्ति के जीवन पर छोड़ता है। धीमी अर्थात मंद गति से चलने के कारण इसका नाम शनिश्चर पड़ा ।

जैन ने बताया 29 मार्च शनि अमावस्या के दिन इस बार सूर्य ग्रहण भी है। यह ग्रहण मीन राशि में पड़ेगा और शनि भी मीन राशि में प्रवेश करेगा शनि का साढ़ेसाती भी मीन, कुंभ और मेष राशि वालों का रहेगा। इसलिए इस दिन कुंभ मीन और मेष राशि वालों को विशेष ग्रहण वाले दिन पूजा, पाठ, स्नान, दान करना चाहिए ।

हालांकि यह सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी रूस, उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका में दिखाई देगा भारतीय स्टैंडर्ड समय के अनुसार दोपहर 2:21 बजे पर स्पर्श 4:17 बजे पर मध्य और 6:14 बजे पर ग्रहण का मोक्ष होगा किंतु है भारत में दिखाई ना देने के कारण इसके सूतक पातक और धार्मिक मान्यता नियम मान्य नहीं है।

 शनि के मीन राशि में प्रवेश करने से महंगाई बढ़ेगी गेहूं ,चना, जो, चावल आदि अनाजो, तुअर,मूंग, मोठ, उड़द, आदि दालवाना, तिल,सरसों,मूंगफली आदि तेलवाना और सोने, चांदी, तांबा आदि धातुएं में महंगाई चरम पर होंगी।

जिन राशि वालों व्यक्तियों को शनि की साढ़ेसाती ,ढैया, महादशा  चलेगी वे शनि ग्रह से पीड़ा की शांतियार्थ इस अमावस्या को उपाय अवश्य कर करे।

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