शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025

स्मृति शेष : मनोज कुमार यानि भारत

हम लोग उस पीढ़ी से आते हैं जिसने राष्ट्रवाद का पाठ किसी संघ,जनसंघ या भाजपा से नहीं सीखा ।  हमारी पीढ़ी को राष्ट्रवाद और भारतीयता का पाठ पढ़ाया था एक शर्मीले से लम्बे और खूबसूरत अभिनेता ने ,जिसका नाम मनोज कुमार था। भारत देश का बच्चा-बच्चा मनोज कुमार को जानता था,उनसे मोहब्बत करता था और उनकी फिल्मों के गीत गुनगुनाते हुए भविष्य के सपने देखता था। मनोज मुमार जन्म से मनोज कुमार नहीं थे ।  उनका नाम हरिकृष्णा गिरी गोस्वामी था। 

मनोज कुमार यदि मनोज कुमार न बनते तो कथा वाचक बनते,क्योंकि उनके पास लोगों को आकर्षित करने का हुनर था ।  मनोज कुमार उसी दिल्ली के रहने वाले थे जिस दिल्ली में ग़ालिब हुए,बहादुरशाह जफर हुए। मेरे जन्म से दो साल पहले 1957  में फिल्म फैशन से फ़िल्मी दुनिया में कदम रखने वाले मनोज कुमार 1967  में उपकार बनाकर हर भारतीय के दिल पर छा गए ।  ' मेरे देश की धरती सोना उगले -उगले हीरा मोती ' हर भारतीय की जुबान पर था। वे आदर्श किसान थे उस फिल्म में। संघर्ष उनकी पहचान था। जो आज आधी सदी के बाद भी अमित है। 

भारत कुमार यानी मनोज कुमार ने भरी -पूरी जिंदगी पायी  ।

 वे 87  साल के होकर चुपचाप बिना किसी विवाद के इहलोक से विद्दा हुए हैं। उनके ऊपर कोई ऐसा दाग-धब्बा नहीं है की लोग मनोज कुमार से घृणा करे ।  मनोज कुमार केवल और केवल मोहब्बत के लायक थे। मनोज कुमार का फ़िल्मी सफरधीमी गति के समाचारों जैसा था ।  वे साल में एक फिल्म बना लें तो बहुत है। उन्हें सुपर स्टार या जुबली कुमार बनने की जल्दी शायद कभी नहीं रही। वे खरामा-खरामा अपना काम करते थ।। उनके काम करने के तरिके से आप शायद सहमत न भी हों ,लेकिन ये उनका अपना अंदाज था।  

 मनोज कुमार ने 1957फैशन,1958  सहारा और पंचायत में काम किया लेकिन पहचाने नहीं गए ।  1960  में हनीमून भी उनके काम नहीं यी लेकिन 1961  में रेशमी रूमाल और कांच की गुड़िया के जरिये वे चर्चा में आये। इसी साल सुहाग सिन्दूर ने उन्हें पहचान दिलाई। 1962  में शादी ,नकली नबाब ,डाक्टर विद्या ,बनारसी ठग, अपना बना के देखो और मान बेटा के साथ ही हरियाली और रास्ता ने मनोज कुमार की सफलता का रास्ता खोला ।  उन्हें कामयाब बनाने में गीत -संगीत की अपनी भूमिका थी। मुझे याद है की 1963  में मनोज कुमार गृहस्थी में नजर आये ,इसी साल उन्होंने घर बसा के देखो में काम किया। 1964  में फूलों की सेज और अपने हुएपराये ने दर्शकों को रुलाया भी और हसाया भी। लेकिन 1964  में ही आयी एक मिस्त्री फिल्म 'वो कौन थी ' ने उन्हें हीरो के रूप में स्थापित कर दिया। गुमनाम ने उन्हें नया मुकाम दिया। 1965  में बेदाग  और 1965  में ही शहीद ने उन्हें जो मुकाम दिया उसे वे ताउम्र भुनाते रहे। 

 मनोज कुमार ने हर विषय पर फ़िल्में लीन और अभिनय किया ।  शहीद के बाद पूनम की रात, से कहीं ज्यादा ' हिमालय की गोद में फिल्म ने मनोज कुमार को चमकाया ।  इस फिल्म का गीत ' चाँद सी मेहबूबा हो मेरी कब ऐसा मायने सोचा था। आज भी ज़िंदा है। सावन की घटा,पिकनिक,और दो बदन को कौन भूल सकता है ।  हम लोगों ने उस समय दो बदन स्कूल से गोत लगाकार देखीं थी । पत्थर के सनम  ने मनोज के अभिनय का लोहा मनवा लिया । उपकार तो ब्लाक बस्टर और मील का पत्थर फिल्म साबित हुई। मनोज कुमार की फिल्म  अनीता और आदमी जिसने भी देखी होगी वो इसे शायद ही कभी भुला पा।  जब मैं कक्षा 8  का छात्र था तब मनोजकुमार की फिल्म नीलकमल को देखने लवकुशनगर [ लौंडी] से महोबा तक साइकल से गया था। उनकी फिल्म साजन,पहचान,यादगार  के बाद पूरब और पश्चिम ने मनोज कुमार को जो छवि दी वो आजन्म उनके सतह चिपकी रही। उन्होंने मेरा नाम जोकर में भी काम किया। 

आम आदमी के सरोकारों को लेकर बनी फिल्मों में काम करने के लिए जाने जाने वाले मनोज कुमार की फिल्म शोर ने जो शोर मचाया उसकी प्रतिध्वनि आज भी सुनाई देती ह।  बाकी कुछ बचा तो महगाई मार गयी ,पानी रे पानी को कौन भूल सकता है ?  बेईमान,रोटी कपड़ा और मकान तथा सन्यासी को हमारी पीढ़ी कभी नहीं भुला सकती। दस नंबरी ,अमानत,जैसी फ़िल्में बनाने वाले मनोज कुमार ने शिरडी के साइन बाबा जैसी फ़िल्में बनाने का काम भी किया। वे जाट पंजाबी भी बना सके,लेकिन क्रांति और कलियुग की रामायण तथा संतोष  जैसी फ़िल्में बनाने का दुस्साहस भी मनोज कुमार जैसे हीरो ही कर सकते थे। 

मुझे याद आता है कि मनोज कुमार ने 1995 की फिल्म मैदान-ए-जंग में काम करने  के बाद उन्होंने अभिनय छोड़ दिया । उन्होंने अपने बेटे कुणाल गोस्वामी को 1999 की फिल्म जय हिंद में निर्देशित किया , जो देशभक्ति की थीम पर आधारित थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही और कुमार ने जिस आखिरी फिल्म में काम किया, वह थी।

चार दशक से  अधिक के फ़िल्मी योगदान  के लिए उन्हें 1999 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। 

मनोज कुमार को जितने सम्मान मिले उतने ज्यादा नहीं हैं  लेकिन वे इन पुरस्कारों के पीछे भगे  नही।  उन्होंने किसी का पिछलग्गू बनना पसंद नहीं किया। वे किस का माउथपीस नहीं बने । बने भी तो आम आदमी के प्रवक्ता। लेकिन दूसरों की तरह मनोज कुमार भी आखरी वक्त में हिन्दू बन गए।  मनोज कुमार ने भी रिटायरमेंट के  बाद राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया।मुझे याद है कि  2004 के आम चुनाव से पहले, मनोज कुमार  आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। लेकिन ये उनकी गलती थी  या नहीं ये वे जाने ।  मैं तो उनका सम्मान एक भावुक,संवेदनशील ,शांत अभिनेता के रूप में याद करता हूँ। विनम्र श्रृद्धांजलि। 

@ राकेश अचल

आरकेएल गैलेक्सी स्कूल की छात्रा ओजस्वी गांधी ने 2डी डिजाइन प्रतियोगिता में जीता राजा रवि वर्मा का पुरस्कार

 देश की बेटियों ने हर क्षेत्र में यह साबित कर दिखाया है कि यदि चाह हो तो कोई काम मुश्किल नहीं है और यदि सच्ची लगन और परिश्रम से कोई भी काम किया जाए तो कोई भी बाधा लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती। यह  साबित कर दिखाया है ग्वालियर में पैदा हुई और पुणे में अध्ययनरत ओजस्वी गांधी ने ।

पुणे महानगर पालिका बालगंधर्व रंगमंदिर में अयोजित तीसरी राष्ट्रीय स्तरीय कलाकृति प्रदर्शनी आरकेएल गैलेक्सी स्कूल की 7वीं कक्षा की छात्रा ओजस्वी गांधी ने 2डी डिजाइन प्रतियोगिता में 2 बार महान कलाकार राजा रवि वर्मा का पुरस्कार जीतकर यह साबित कर दिया ।

ओजस्वी गांधी ने इसका श्रेय अपनी माँ निकिता गांधी और पिता कमल गांधी को दिया है ।




 

4 अप्रैल 2025, शुक्रवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:08 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:39 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2082* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष *सप्तमी तिथि*  20:12 बजे  तक फिर अष्टमी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* आद्रा नक्षत्र 29:19 बजे  तक फिर पुनर्वसु नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *शोभन*  है। 

 *करण*  :-आज  *गर* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, गंडमूल नहीं भद्रा 20:12 बजे से है।

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज पश्चिम दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 10:50 से 12:24 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:00 बजे से 12:50 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: कोई नहीं 

*मुहूर्त* : नामकरण, अन्नप्राशन , यज्ञोपवित  है अन्य कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-मिथुन, मंगल-कर्क बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

चर 06:06 - 07:40 शुभ

लाभ 07:40 - 09:13 शुभ

अमृत 09:13 - 10:47 शुभ

काल 10:47 - 12:20 अशुभ

शुभ 12:20 - 13:54 शुभ

रोग 13:54 - 15:27 अशुभ

उद्वेग 15:27 - 17:01 अशुभ

चर 17:01 - 18:34 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

रोग 18:34 - 20:01 अशुभ

काल 20:01 - 21:27 अशुभ

लाभ 21:27 - 22:53 शुभ

उद्वेग 22:53 - 24:20*अशुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

गुरुवार, 3 अप्रैल 2025

जन-गण-मन,अधिनायक जय हे

हमारे राष्ट्रगान की उक्त पंक्तियों को मैं कभी नहीं भूलता,क्योंकि इसमें भारतीय जनतंत्र की  ,भारतीय गणतंत्र ,की और भारतीय मानसिकता की   जय के साथ-साथ उस अधिनायक की भी जय बोली गयी है जो अदृश्य है। भारतीय जनतंत्र और गणतंत्र के बीच छिपकर बैठा ये अधिकानायक हमेशा बहुमत के रूप में   हमारे सामने प्रकट होता रहता है ।  इसका चेहरा कभी स्त्री  का होता है तो कभी पुरुष का और कभी अर्धनारीश्वर  का। अधिनायक  की पहचान अक्सर संसद में किसी विधेयक पर मत विभाजन के समय होती है ।  वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024  पर मत विभाजन के समय भी ये अधिनायकत्व खुलकर सामने आया है।

वक्फ बोर्ड  की सम्पत्तियों पर मौजूदा सरकार की नजर शुरू से थी लेकिन उसे कोई मौक़ा नहीं मिल रहा था,किन्तु हाल ही में महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों में मिली जीत ने बैशाखी सरकार को इतना हौसला दिया कि वो मुसलमानों की टोपी जमकर उछाले। सरकार ने ऐसा किया भी। वक्फ बोर्ड क़ानून में संशोधन कर अपने लिए बोर्ड में घुसपैठ करने की गुंजायश निकाल ही li।  पूरा विपक्ष मिलकर भी इसे रोक नहीं पाया। रोक भी नहीं सकता था क्योंकि संख्या बल उसके पास नहीं था। अब ये विधेयक राजयसभा में  भी आसानी से पारित होने के बाद क़ानून का रूप ले लेगा। अब विपक्ष इसे न कानून बनने से रोक सकता है और  न इस पर अमल करने से।

लोकसभा में इस विवादास्पद विधेयक पर पूरे 12  घंटे बहस चली ।  मुमकिन है कि आप में से बहुत कुछ ने ये पूरी बहस देखी हो ,लेकिन मैंने इसे पूरा देखा,सुना। इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि सत्ता के लालच में टीडीपी और जेडीयू जैसे कथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने जहां अपना दीन-ईमान बेच दिया वहीं उद्धव ठाकरे की शिव सेना और तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जैसे लोग बिना लाभ-हानि की फ़िक्र किये विधेयक के विरोध में डटे रहे।अब पूरी मोदी सेना विपक्षी सांसदों को काफिर ठहराने पर   लगी है। यानी मुसलमानों का समर्थन करना काफिर होना है और विरोध करना सनातनी होना है।

भारत की आजादी के पहले के और बाद के इतिहास में किसी एक बिरादरी के साथ इस तरह के दोयम दर्जे के नागरिकों जैसा बर्ताव कभी नहीं हुआ। मुगलों के जमाने में तो ऐसे बर्ताव का सवाल ही नहीं उठता लेकिन अंग्रेजों ने भी ये जुर्रत नहीं की जो आज की जा रही है। सरकार  की रीती,नीति और कार्यक्रम न जाने क्यों अचानक मुसलमान विरोधी हो गए हैं। सरकार अपने कार्यक्रमों और नीतियों के जरिये मुसलमानों को मुसलमान बना देने पर आमादा है। लेकिन ऐसा होगा नहीं।  सरकार के मुस्लिम विरोधी रवैये से मुसलमान  को अपने शुभचिंतक चुनने में पहले के मुकाबले ज्यादा आसानी होगी।

अभी तक राजनीतिक   दलों पर मुसलमानो को तुष्ट करने का आरोप लगता था किन्तु अब मुसलमानों के हाथ में ये मौक़ा आया है की वे अपनी पसंद के राजनीतिक दलों को तुष्ट और पुष्ट करें। मुसलमान  किस दल के साथ रहना चाहते हैं ये तय करने वाले हम और आप कोई नहीं हैं किन्तु हम लोकतंत्र में अधिनायक की पहचान में सबकी मदद कर सकते है।  मुसलमानों की भी और हिन्दुओं की भी। आज से पचास साल पहले हम और इशाक भाई एक साथ एक क्लास में पढ़ते थे,खाते थे,खेलते थे । हमारी माँ और फ़रीदा बेगम में बहुत फर्क नहीं था । दोनों के आंचल की छांव एक जैसी थी ,लेकिन अब सब बदल चुका है।  न इशाक  हमारे साथ और  न फ़रीदा बेगम। सियासत ने सभी को पराया बना दिया है। कोई डर की वजह से पराया हुआ है तो कोई सियासत की वजह से ।

संख्या बल के चलते वक्फ बोर्ड विधेयक राजयसभा में भी आसानी से पारित  होगा,इसलिए वहां इस विधेयक पर बहस करने का कोई मतलब नहीं है। बहुमत के बूटों से अक्लियत का कुचला जाना अकलियत के लोगों की नियति बन चुकी है। फिर भी उम्मीद है कि बी भारत में जैसे हिलमिलकर हम सब  रहते थे वैसे ही आगे भी रहेंगे। नहीं रहेंगे तो सब बर्बाद हो जायेंगे। हमारा भी वही हाल होगा जो किसी जमाने में महाराणा प्रताप का हुआ,छत्रपति शिवाजी का हुआ। छत्तरसाल का हुआ,लक्ष्मीबाई का हुआ। बंटा हुआ समाज कभी देश की ताकत नहीं हो सकता। बंधी हुई मुठ्ठी ही लाख की होती है,खुल गयी तो ये मुठ्ठी ख़ाक की हो जाती है। मैं न काफिर हूँ  और न मुसलमान ,लेकिन मैं भी उसी तरह सनातनी भारतीय हूँ जिस तरह इस देश के सनातनी मुसलमान हैं। उनका भाग्य बैशाखी लगाकर सरकार चलने वाले तय नहीं कर सकते। किन्तु दुर्भाग्य है कि वे ऐसा कर रहे हैं।

ऐसे मौकों पर मुझे ' मेरे महबूब 'फिल्म का वो  गीत  अक्सर याद आता है जिसे शकील बदायूनी ने लिखा था। -कोई देखे या न देखे ,अल्ला देख  रहा है। ' हमारी सरकार अल्लाह की सरकार नहीं है । वो राममजी की सरकार है इसलिए अल्लाह से डरती नहीं है ।  उसके लिए ईश्वर,अल्लाह तेरो ही नाम नहीं है। वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक से हमारा कुछ बनना और बिगड़ना  नहीं है ।  जिनका बनना और बिगड़ना है ,उन्हें तय करना है कि वे इस मसले पर कैसे अपनी प्रतिक्रिया दें। उनके सामने दोनों विकल्प हैं। वे चाहें तो सरकार के सामने घुटने टेकेन और न चाहें तो सरकार को घुटे टेकने पर विवश करें। सरकार को न अदालत रोक सकती है और न अल्ला।  सरकार को केवल और केवल वोट रोक सकता है। जो वोट की ताकत नहीं जानते,वे कुछ नहीं जानते।

इस देश में रामजी कि सरकार कभी हिन्दू मंदिरों के न्यासों के घपलों के बारे में कभी गंभीर नहीं हो सकती । कभी ये नहीं कहने वाली कि सौ साल पहले हिन्दू मंदिरों की आय कितनी थी और आज कितनी है ।  सौ साल पहले हिन्दू मंदिरों कि सम्पत्ति कितनी थी और   आज कितनी है ?ये सरकार कभी ये देखना और जानना या रोकना पसंद नहीं करेगी कि हिन्दू मंदिरों के ट्रस्टों कि आड़ में देश के राजे-महाराजाओं ने अपनी कितनी सम्पत्ति कराधान से बचा रखी है ? अकेले ग्वालियर में एक ही राज परिवार के 19  ट्रस्ट इसी तरह से करचोरी के धंधे में  लगे हैं। हरि अनंत ,हरि कथा अनंता ।

@ राकेश अचल 

3 अप्रैल2025, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:10 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:38 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2082* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष *षष्ठी तिथि*  21:41 बजे  तक फिर सप्तमी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* रोहिणी नक्षत्र 07:01 बजे  तक फिर मृगशिरा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *सौभाग्य*  है। 

 *करण*  :-आज  *कौलव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 13:58 से 15:32 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:00 बजे से 12:50 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: स्कंधषष्ठी व्रत,यमुना जयंती,भगवान संभव नाथ जी मोक्ष

*मुहूर्त* : नामकरण, वाहन है अन्य कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-वृष,मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 06:10 - 07:44 शुभ

रोग 07:44 - 09:17 अशुभ

उद्वेग 09:17 - 10:51 अशुभ

चर 10:51 - 12:25 शुभ

लाभ 12:25 - 13:58 शुभ

अमृत 13:58 - 15:32 शुभ

काल 15:32 - 17:05 अशुभ

शुभ 17:05 - 18:39 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 18:39 - 20:05 शुभ

चर 20:05 - 21:31 शुभ

रोग 21:31 - 22:58 अशुभ

काल 22:58 - 24:24*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

बुधवार, 2 अप्रैल 2025

छावा के बाद सिकंदर की धूम

 

ज्योतिषियों के परामर्श पर आज तुला राशि के जातकों को वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए ।  इसलिए मै आज सीधे-सीधे सियासत पर  कोई  बात नहीं कर रह।  मै आज बात कर रहा हूँ  फिल्म सिकंदर की ।  ये फिल्म छावा की तरह किसी एजेंडे के तहत नहीं बनी ।  और इस फिल्म का नायक इतिहास पुरुष नहीं बल्कि हमारे-आपके बीच का एक युवक है लेकिन उसका पीछ भी सियासत नहीं छोड़ रही। 

सिकंदर का नायक वही सलमान खान है जो लारेंस विश्नोई के साथ ही देश के नामचीन्ह हिंदूवादियों के निशाने पर रहता है। सलमान खान चाहे बजरंगी भाई बनाएं या सिकंदर उनके अंदर  का अभिनेता दर्शकों को हिला देता है ।  एक अभिनेता जैसी ताकत हमारे देश के किसी भी राजनेता के पास नहीं है ,और है तो वो जनता से ज्यादा से ज्यादा तालियां बजवा सकता है ,फूल बरसवा सकता है। नेता और अभिनेता  में यही मूलभूत अंतर् है। एक किरदार में डूब कर उसे असली जैसा बना देता है और दूसरा खुद किरदार बनने की कोशिश करता है लेकिन कामयाब नहीं हो पाता। छावा फिल्म का छावा विक्की   कौशल छावा नहीं था लेकिन उसने छावा के किरदार को ज़िंदा कर दिया। अक्षय  खन्ना औरंगजेब नहीं हैं किन्तु उन्होंने   औरंगजेब को ज़िंदा कर दिया। हमारे नेताओं ने भी औरंगजेब को कब्र से बाहर निकाला लेकिन अपने फायदे के लिए ,जनता के मनोरंजन के लिए नहीं। 

फिल्म सिकंदर में राजकोट के राजा संजय के किरदार में सलमान खान नजर आए। फिल्म की शुरुआत में ही दिखाया गया कि उन्होंने फ्लाइट में एक राजनेता के बेटे अर्जुन (प्रतीक बब्बर) को पीट दिया। दरअसल, वह वहां पर मौजूद एक महिला का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद मिनिस्टर सलमान खान के किरदार से बदला लेने की हर संभव कोशिश करता है। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए घर जाती है, लेकिन राजा होने के कारण सलमान के किरदारों को लोगों का बेशुमार प्यार मिलता है और वह उसकी रक्षा करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच जाते हैं। खैर, मिनिस्टर के गुंडे सिकंदर के पीछे पड़ जाते हैं और इस लड़ाई के कारण उन्हें अपनी पत्नी साईंश्री (रश्मिका मंदाना) को खोना पड़ता है।

फिल्म सिकंदर ईद के दिन रिलीज हुई थी। इसी दिन देश के 32  लाख गरीब मुसलमानों को सौगात -ऐ-मोदी  मोदी भी दी गयी ,लेकिन ये सौगात -ऐ -मोदी 'सौगात सिकंदर के शोर में कहीं दबकर रह गयी। बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की फिल्म 'सिकंदर' प्रसिद्ध निर्देशक एआर मुरुगदॉस के निर्देशन में बनी है। मुरुगदॉस इससे पहले आमिर खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'गजनी' बना चुके हैं, जो बॉलीवुड की पहली 100 करोड़ क्लब में शामिल होने वाली फिल्मों में से एक थी। 'सिकंदर' में सलमान खान के साथ पहली बार रश्मिका मंदाना नजर आ रही हैं। दोनों की जोड़ी को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह है। फिल्म में प्रतीक बब्बर, काजल अग्रवाल, सत्यराज और शरमन जोशी जैसे शानदार कलाकार सहायक भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। कहानी एक ऐसे शख्स की है, जो भ्रष्ट सिस्टम से त्रस्त होकर इसके खिलाफ आवाज उठाने का फैसला करता है। फिल्म में जबरदस्त एक्शन, इमोशन और मनोरंजन का तड़का देखने को मिलेगा।

अब भ्रस्ट सिस्टम के खिलाफ आम जनता नहीं लड़ती ,फिल्मों का नायक लड़ता है ,जबकि ये लड़ाई आम जनता की है। जनता अपनी ओर से फ़िल्मी नायकों को लड़ते देख ही खुश हो लेती है। आम जनता भूल गयी है कि-स्वर्ग खुद के मरने पर ही मिलता है। फ़िल्मी  परदे की लड़ाई से भ्रस्ट सिस्टम का,जहरीली सियासत का मुकाबला नहीं किया जा सकता। सिकंदर फिल्म भी सिस्टम के खिलाफ लड़ाई को उस तरह तेज नहीं कर पायेगी जिस तरह की छावा ने नफरत फ़ैलाने में कामयाब हुई।  कुछ फ़िल्में राजनीति का मकसद पूरा करने में कामयाब हो जातीं हैं  ,कुछ नही।  सिकंदर एक मनोरंजन प्रधान फिल्म है इसलिए उसे कामयाबी दिलाने के लिए किसी खादीधारी प्रमोटर  की जरूरत नहीं है। सिकंदर की टीम के साथ कोई फकीर फोटो खिंचवाए या न खिंचवाए, ये फिल्म चल पड़ी है और करोड़ों कमाकर ही दम लेगी।  फिल्म 'सिकंदर' ने पहले दिन 30.06 करोड़ रुपये की कमाई की है।

सिकंदर  की कामयाबी का संकेत साफ़ है कि फ़िल्में केवल मनोरंजन और शुभ के सन्देश के साथ बनाई जाना चाहिये ।  फ़िल्में राजनीतिक एजेंडे के तहत बनेंगी तो इस माध्यम का दुरूपयोग समझा जाएगा। वैसे सिकंदर नाम ही कामयाबी का है।  असली सिकंदर ने 32  साल की उम्र में दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्य स्थापित कर लिया था। आज दुनिया में कोई सिकंदर जैसा नहीं है ।  लोग विश्वगुरु बनने के फेर में बूढ़े हो गए लेकिन अपना खुद का सम्राज्य नहीं सम्हाल पा रहे।  

बहरहाल मै सिकंदर की कामयाबी के लिए सलमान खान और सिकंदर फिल्म की पूरी टीम को मुबारकबाद देता हूँ। सलमानखान की फ़िल्में अक्सर ईद के दिन ही तोहफे के रूप में आतीं हैं और कामयब भी होतीहै। सनातनियों को भी चाहिए की वे भी अपनी फ़िल्में होली,दीपावली या रामनवमी को रिलीज किया करें। जैसे राजनीति का धर्म से गहरा नाता बना दिया गया है वैसा ही फिल्मों  का भी धर्म से सीधा नाता है। कुछ लोग मंदिरों पर धनवर्षा करते हैं तोकुछ लोग सिनेमाघरों पर,जिन्हें  अब मल्टीप्लेक्स कहा जाता है।मल्टीप्लेक्स मनी को मल्टीप्लाई करता है ठीक वैसे ही जैसे कोई भी मंदिर मनी को मल्टीप्लाई करता ह।  मनी को मल्टीप्लाई करने की ताकत किसी मस्जिद में नहीं है। ताजमहल इसका अपवाद है। 

@ राकेश अचल

2 अप्रैल 2025, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:11 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:38 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2082* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष *पंचमी तिथि*  23:49 बजे  तक फिर षष्ठी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* कृतिका नक्षत्र 08:49 बजे  तक फिर रोहिणी नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *आयुष्मान*  है। 

 *करण*  :-आज  *बव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 12:25 से 13:58 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:00 बजे से 12:50 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*:- श्री पंचमी , भगवान अजीत नाथ जी मोक्ष

*मुहूर्त* : नामकरण, अन्नप्राशन, अज्ञोपवीत है अन्य कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-वृष,मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

लाभ 06:11 - 07:45 शुभ

अमृत 07:45 - 09:18 शुभ

काल 09:18 - 10:51 अशुभ

शुभ 10:51 - 12:25 शुभ

रोग 12:25 - 13:58 अशुभ

उद्वेग 13:58 - 15:32 अशुभ

चर 15:32 - 17:05 शुभ

लाभ 17:05 - 18:38 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

उद्वेग 18:38 - 20:05 अशुभ

शुभ 20:05 - 21:31 शुभ

अमृत 21:31 - 22:58 शुभ

चर 22:58 - 24:24*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

मंगलवार, 1 अप्रैल 2025

जिले के सरकारी स्कूलों में मनाए गए प्रवेशोत्सव

नव प्रवेशी बालिकाओं का पुष्पाहारों से स्वागत कर उन्हें पाठ्य पुस्तकों के सैट सौंपे

ग्वालियर 1 अप्रैल । स्कूल चलें अभियान के तहत अप्रैल माह के पहले दिन ग्वालियर जिले के सरकारी स्कूलों में भी प्रवेशोत्सव कार्यक्रम आयोजित हुए। मुरार स्थित शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रवेशोत्सव में पूर्व विधायक श्री मुन्नालाल गोयल एवं कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय की नव प्रवेशी बालिकाओं का पुष्पाहारों से स्वागत कर उन्हें पाठ्य पुस्तकों के सैट सौंपे। 

पूर्व विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित करें और आत्मविश्वास रखकर लक्ष्य प्राप्ति के लिये कड़ी मेहनत करें। ऐसा करने से सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि ऊँचे सपने देखो और उन्हें हासिल करने के लिये अनुशासन के साथ प्रयास करें। 

आरंभ में अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री अजय कटियार, सहायक संचालक स्कूल शिक्षा श्रीमती पुष्पा ढोंड़ी, राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल से आए श्री आशीष भारती तथा विद्यालय के शिक्षकगण व विभिन्न कक्षाओं की बालिकायें मौजूद थीं।  स्कूलों में भी प्रवेशोत्सव कार्यक्रम आयोजित हुए। मुरार स्थित शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रवेशोत्सव में पूर्व विधायक श्री मुन्नालाल गोयल एवं कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय की नव प्रवेशी बालिकाओं का पुष्पाहारों से स्वागत कर उन्हें पाठ्य पुस्तकों के सैट सौंपे। 

पूर्व विधायक श्री मुन्नालाल गोयल ने इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि लक्ष्य निर्धारित करें और आत्मविश्वास रखकर लक्ष्य प्राप्ति के लिये कड़ी मेहनत करें। ऐसा करने से सफलता अवश्य मिलेगी। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि ऊँचे सपने देखो और उन्हें हासिल करने के लिये अनुशासन के साथ प्रयास करें। 

आरंभ में अतिथियों ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन कर प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री अजय कटियार, सहायक संचालक स्कूल शिक्षा श्रीमती पुष्पा ढोंड़ी, राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल से आए श्री आशीष भारती तथा विद्यालय के शिक्षकगण व विभिन्न कक्षाओं की बालिकायें मौजूद थीं। 

1 अप्रैल 2025, मंगलवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 06:12 बजे  

*सूर्यास्त :-* 18:37 बजे 

*श्रीविक्रमसंवत्-2082* शाके-1947 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : बसंत ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज चैत्र माह शुक्ल पक्ष *चतुर्थी तिथि*  26:32 बजे  तक फिर पंचमी तिथि चलेगी।

💫 *नक्षत्र आज* भरणी नक्षत्र 11:06 बजे  तक फिर कृतिका नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *विष्कुंभ*  है। 

 *करण*  :-आज  *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज पाताल में है भद्रा 16:बजे से शुरू है ।

☄️ *दिशाशूल* : आज उत्तर दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज 15:31 से 17:05 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 12:00 बजे से 12:50 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*:- श्री गणेश दमनक चतुर्थी

*मुहूर्त* : - कोई नहीं 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-मीन, चन्द्र-मेष ,मंगल-मिथुन, बुध-मीन, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

रोग 06:12 - 07:46 अशुभ

उद्वेग 07:46 - 09:19 अशुभ

चर 09:19 - 10:52 शुभ

लाभ 10:52 - 12:25 शुभ

अमृत 12:25 - 13:58 शुभ

काल 13:58 - 15:31 अशुभ

शुभ 15:31 - 17:05 शुभ

रोग 17:05 - 18:38 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

काल 18:38 - 20:05 अशुभ

लाभ 20:05 - 21:31 शुभ

उद्वेग 21:31 - 22:58 अशुभ

शुभ 22:58 - 24:25*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

उत्तराखंड के नए नामदेव धामी

 

उत्तराखंड यानि देवभूमि। यहां के मुख्यमंत्री को भी हम देवता ही मानते हैं और हमें आज लगा कि  उनका नाम पुष्कर धामी नहीं बल्कि नामदेव धामी होना चाहिए।  वे राजनीति की उस वंश परम्परा से आते हैं जो इतिहास बनाने के बजाय उसे बदलने की होड़ में शामिल है। मुगलों कि बाद सबसे पहले नाम बदलने का शौक चर्राया था बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो बहन मायावती को ,लेकिन बाद में इसे भाजपा ने हडपलिया। भाजपा का हर मुख्यमंत्री अपने-अपने सूबे में ' नाम बदलो 'अभियान का सूत्रपात कर  चुका है ,और अब धामी साहब ने एक साथ डेढ़ दर्जन ठिकानों के नाम बदलकर अपने सभी वरिष्ठों को इस अभियान में पीछे छोड़ दिया है। 

धामी साहब वैसे भी किसी काम के मुख्यमंत्री नहीं है।  वे आम कठपुतलियों की तरह दिल्ली के इशारे पर नर्तन करते है। उनके पास करने के लिए कुछ है भी नहीं,क्योंकि उत्तराखंड में जो करते हैं वो सब देवता करते हैं वो भी दिल्ली कि देवता । नेता तो हाँ में हाँ मिलाते है।  मुमकिन   है कि  थोक में नाम बदलने का आदेश भी धामी जी को ख्वाब में किसी देवता ने दिया हो। पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधमसिंह नगर जनपद में स्थित विभिन्न स्थानों के नाम में परिवर्तन की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि  जनभावना और भारतीय संस्कृति व विरासत के अनुरूप ये नामकरण किए जा रहे हैं। इससे लोग भारतीय संस्कृति और इसके संरक्षण में योगदान देने वाले महापुरुषों से प्रेरणा ले सकेंगे।

धामी नकलची वानर की तरह है।  उन्होंने ' सौगाते मोदी ' की नकलकर उत्तराखंड के मुसलमानों को 'सौगाते धामी' के नाम से ठीक ईद के दिन मुस्लिम शासकों द्वारा बसाये गए तमाम शहरों के नाम बदलने का तोहफा दिया है। जैसे अब हरिद्वार जिले का औरंगजेबपुर- शिवाजी नगर गाजीवाली- आर्य नगर,चांदपुर- ज्योतिबा फुले नगर,मोहम्मदपुर जट- मोहनपुर जट ,खानपुर कुर्सली- अंबेडकर नगर,इदरीशपुर- नंदपुर,खानपुर- श्री कृष्णपुर,अकबरपुर फाजलपुर- विजयनगर के नाम से जाने जायेंगे। 

देहरादून जिले में मियांवाला- रामजीवाला,पीरवाला- केसरी नगर ,चांदपुर खुर्द- पृथ्वीराज नगर,अब्दुल्लापुर- दक्षनगर कहे जायेंगे। नैनीताल जिला

का नवाबी रोड- अटल मार्ग ,पनचक्की से आईटीआई मार्ग- गुरु गोवलकर मार्ग ,उधम सिंह नगर जिलाकी नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी- कौशल्या पूरी कही जाएगी। नाम बदलने से न मुसलमानों का कुछ बिगड़ना है और न हिन्दुओं का। क्योंकि जिसकी गर्भनाल जहां जमीदोज है उसे तो धामी जी उखड़वा नहीं सकते।  नाम बदलने को मुगलिया संस्कृति मानता हूँ ।  मुगलों ने किसी जगह का नाम क्यों बदला ये बताने वाला कोई मुगल सम्राट ज़िंदा नहीं है ,लेकिन मैंने जितना इतिहास पढ़ा है उससे मैं ये समझा है कि  वे जहाँ भी महीना-दो महीना अपना लश्कर रोकते थे उसे नया नाम दे जाते थे। उन्होंने समोने में भी नहीं सोचा होगा की भारत में पांच सौ साल बाद कोई उन्हीं की तरह नकल करते हुए फिर से उनके बसाये,बसाये  शहरों का नाम बदल देगा। 

मेरी समझ में नहीं आता कि भाजपाई हों या बसपाई,सपाई हों या कांग्रेसी ये नयी बसाहट करने कि बजाय पुरानी बसाहटों कि नाम क्यों बदलते हैं।  कांग्रेस कि ज़माने  में हमारे मध्यप्रदेश में कांग्रेस कि एक नेता माधवराव सिंधिया कि नाम से [साडा ] ने एक शहर ग्वालियर में तीस साल पहले बसने की कोशिश की थी लेकिन बेचारा आज तक नहीं बस पाया। क्योंकि नया शहर बसना आसान काम नहीं है। मुगलों ने ये काम कैसे कर लिया  राम ही जानें ? भाजपा की सरकार भी देश में 10  साल से है लेकिन मोदी जी ने एक भी नया नगर नहीं बसाया। ऐसे में वे मुगलों से केवल नफरत कर सकते हैं,मुकाबला नहीं। नया नगर बसने की कुब्बत उत्तर प्रदेश कि मुख़्यमंत्रो योगी आदित्यनाथ में भी नहीं है ।  वे भी इलाहबाद को प्रयागराज कर पाए। नया नगर नहीं बसा पाये । इलाहबाद है कोर्ट का नाम आज भी इलाहबाद है कोर्ट ही है।  हमारे मध्यप्रदेश में भी होशंगाबाद का नाम बदला गया ।  हबीबगंज स्टेशन को रानी  कमलापत कर दिया गया ,क्योंकि ये आसान काम है। 

किसी बसाहट या संस्था का नाम बदलना ,उसकी बदलियत बदलने जैसा अक्षम्य अपराध नहीं है ,किन्तु होना चाहिए। किन्तु   भाजपा सरकार तो ये काम करने से रही ।  वैसे ये अपराध किस राजनीतिक दल ने नहीं किया ? कांग्रेस के लबे कार्यकाल में किसी बसाहट की बल्दियत बदली गयी हो तो सुधि पाठक मुझे भी बताने की कृपा करें।  नाम को व्याकरण में संज्ञा कहते हैं। संज्ञा बदली नहीं जाती लेकिन भाजपाई कुछ भी बदल सकते हैं।  मेरा मश्विरा है कि वे देश में रहने वाले करोड़ों मुसलमानों को तो देशनिकाला दे नहीं सकते  सो क्यों न मुसलमानों की बिरादरी का नाम बदलकर किसी भाजपा नेता कि नाम उसे नया नाम दे दें। हमेशा कि लिए रट्टा ही खत्म हो जाये।

जहाँ तक मुझे याद आता है कि  मोदीजी के राज में एक संसद भवन नया जरूर बना है ।  इसके लिए उन्हें साधुवाद।  कांग्रेस ये सुकृत्य नहीं कर पायी जबकि पचास साल से ज्यादा सत्ता में रही। अब ये बात और है कि नया संसद भवन पहली ही बरसात में टपकने लगा। क्या ही बेहतर हो कि  पुराने को पुराना रहने दिया जाये और नया ही कुछ किया जाये। नया करना ही पुरुषार्थ है ।  ये नहीं कि  किसी स्टेडियम पर कोई अपना नाम चस्पा कार दे और इतिहास पुरुष बन जाये। बहरहाल पुष्कर धामी को बधाई की वे भी नामदेव बन गये । 

@ राकेश अचल

सोमवार, 31 मार्च 2025

तरण पुष्कर 1अप्रैल से शुरू होगा, पूर्व सांसद शेजवलकर ने पहली छलांग लगाकर तैराकी का शुभारंभ किया

ग्वालियर  31 मार्च ।  गर्मी के मौसम में शहरवासियों के लिए राहत देने के नगर निगम द्वारा संचालित तरण पुष्कर 1 अप्रैल से आमजन के लिए खोला जाएगा । तरण पुष्कर में पूर्व सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने पहली छलांग लगाकर तैराकी का शुभारंभ किया।

नोडल अधिकारी एवं उपायुक्त सत्यपाल सिंह चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि तरण पुष्कर स्विमिंग पूल पर आज संगीत मय सुंदरकाड का पाठ कर विधि विधान से पूजा अर्चना की, इस मौके पर श्री विवेक शेजवलकर पूर्व सांसद, सभापति श्री मनोज तोमर, वरिष्ठ भाजपा नेता रामेश्वर भदोरिया, धर्मेन्द्र राणा, एवं निगमायुक्त श्री संघ प्रिय, उपायुक्त श्री सत्यपाल चौहान, सहायक खेल अधिकारी श्री जीतेंद्र यादव, श्री अयोध्याशरण शर्मा, सुश्री विजेता चौहान एवं तरण पुष्कर स्टाफ  मौजूद था

तैराकी के बैच सुबह 6 से 10 एवं शाम 5 से 8 तक रहेंगे, प्रत्येक वैच 45 मिनट का रहेगा, मुख्य कोच अयोध्या शरण शर्मा ने तैराकी आने वाले सभी सदस्यों से अपनी अपनी स्विमिंग कोस्टूम साथ लाने अनुरोध किया है, वगैर कोस्टूम तैराकी नहीं कर सकेंगे, एवं प्रथम दिवस निर्धारित समय प्रवेश कार्ड अनुसार समय से 10 मिनट पूर्व आने की सलाह दी है।

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