शनिवार, 17 मई 2025

लूट व चोरी के आरोपी गिरफ्तार, सोने चांदी के जेवरात एवं अवैध हथियार बरामद

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं एसडीओपी जतारा के मार्गदर्शन में पुलिस की 05 टीमे की गई थी गठित

 कुल मशरूका ₹ 1,85000/- व घटना में प्रयुक्त अवैध हथियार हुए जप्त

 टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

 टीकमगढ़ । पुलिस अधीक्षक  मनोहर सिंह मंडलोई के निर्देशन में लिधोरा पुलिस द्वारा लूट एवं चोरी करने वाले आरोपियों क़ो मशरुका सहित गिरफ्तार किया है ।

 विगत 10 मई को  फरियादी राघवेन्द्र सौर पिता रमसू सौर उम्र 21 साल निवासी ग्राम गोटेट थाना लिधोरा ने थाना लिधोरा में आकर  रिपोर्ट किया कि मैं व मेरे परिजन खाना खाकर घर के बाहर बने चबूतरा पर सो रहे थे। रात्रि 01 बजे करीब तीन व्यक्ति सफेद रंग की तौलिया से अपना मुंह बांधे आए।  जिसमें एक व्यक्ति हाथ में इकनाली बन्दूक लिये था ,एक व्यक्ति लोहे का पाईप लिए था व एक व्यक्ति बांस का डंडा लिये था ।जिन्होने मेरी व मेरे जीजा बीरसिंह आदिवासी व मेरे भाई जगतराज आदिवासी की लोहे के पाईप व डंडा से मारपीट की एवं घर में से 02 सोने के मंगल सूत्र, 1 सोने की बीजासेन, 3 जोडी चांदी की पायले, 5 जोडी विछड़ी, 4 मोवाईल फोन एवं नगद 20 हजार रूपये लूट कर ले गए एवं पास में ही हरिकिशन लोहार की दुकान से किराने का सामान चोरी कर ले गए ,घटना की रिपोर्ट किया था जिस पर थाना लिधोरा में अपराध 99/25 धारा 309(4), 309(6),332(b), 305, 351(2), 3(5) बीएनएस का पंजीबद्ध किया गया।

 वरिष्ठ अधिकारियो द्वारा दिये गये निर्देश

उक्त घटना क़ो गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़  मनोहर सिंह मंडलोई द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  सीताराम, एसडीओपी जतारा  अभिषेक गौतम के मार्गदर्शन में घटना का खुलासा कर मशरूका सहित आरोपियों क़ो गिरफ्तार करने हेतु पुलिस की 5 टीमे गठित की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए ।

पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही

गठित पुलिस टीमों द्वारा कड़ी मेहनत से कार्य करते हुए मुखविर एवं साइबर सेल की सहायता से घटना के आरोपियों का खुलासा कर लूट एवं चोरी गए मशरुका सहित आरोपियों क़ो गिरफ्तार किया गया।

 गिरफ्तार आरोपियों का विवरण

1. *शैलेन्द्र यादव पिता महीपत यादव उम्र 40 साल*  नि0 ग्राम जरूवा थाना लिधौरा

 *गिरफतार* - ग्राम जरुआ थाना लिधोरा से

 *_जप्त सामानः* -1 सोने का मंगलसूत्र, 2 जोडी चांदी की विछड़ी, टूटा हुआ ओपो कम्पनी का मोवाईल, नगद 5000 रूपये, 6 पारलेजी के पैकेट, 7 घडी साबुन, 2 सरगम डिरजेन्ट के पाउडर के पेकेट . 11 किलिनिट सेम्पू के पाउच, तीन कोलगेट शिवाका टीथ ब्रश, एवं घटना में प्रयुक्त किया गया एक 315 बोर का देशी कट्टा व दो खाली खोखे, एक 315 बोर का जिंदा कारतूस, एक नोकिया कम्पनी का किपेड मोवाईल ।

 *2.जागेश्वर यादव पिता छोटेलाल यादव उम्र 30 साल* नि० ग्राम बीरउ थाना दिगोडा से

 *गिरफ्तार* - ग्राम बीरउ थाना दिगोडा से

 *जप्त सामान* :- 1 सोने की बीजासेन, 1 जोडी चांदी की पायले, 2 जोडी चांदी की विछडी. 1 कीपेड सेमसंग कंपनी का मोवाईल, 4000/- रूपये नगद, 6 कुरकुरे का पैकेट 6 घडी साबुन, 4 संतूर साबुन, 3 कोलगेट शिवाका टीथ ब्रश, 1 घटना में प्रयुक्त की गई 315 बोर की एकनाली बंदूक, तीन जिंदा कारतूस एवं 01 टच स्क्रीन मोबाईल।

कमलेश पिता सुखराम यादव उम्र 28 साल* निवासी ग्राम बीरऊ थाना दिगौडा जिला टीकमगढ 

 *गिरफ्तार* - ग्राम बीरउ थाना दिगोडा से

 *जप्त सामान* :- 1 रियलमी कंपनी का टच स्क्रीन मोबाईल, एक जोड़ी चांदी की पायले, एक जोडी चांदी की बिछिया, नगद 3000/- रूपये, घटना में प्रयुक्त होण्डा साईन काले रंग की मोटरसाईकिल 

*राममिलन पिता खिल्लू यादव उम्र 25 साल* निवासी ग्राम बीरऊ थाना दिगौडा जिला टीकमगढ

 *गिरफ्तार* - ग्राम बीरउ थाना दिगोडा

 *जप्त सामान :*- एक सोने का मंगसूत्र, एक जोडी चांदी की पायले, एक ओप्पों कंपनी का काले रंग का टच स्क्रीन मोबाईल, नगद 3000/- रूपये एवं घटना के समय उपयोग किया गया टैक्नो कंपनी का टच स्क्रीन मोबाईल।

 *कुल जब्त मशरुका* - कुल मशरूका 1,85,000/- रूपए (नगद 15000 रुपए,सोने चांदी के जेवरात, मोटर साइकिल, मोबाइल, किराने का सामान, अवैध कट्टे- कारतूस,डंडे )

 *सराहनीय कार्य :-* 

उपरोक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी लिधौरा निरी० वृजेन्द्र कुमार चाचोंदिया, उनि. संदीप चौधरी (थाना मोहनगढ), सउनि. सुकरत राय, सउनि. रविन्द्र, प्र०आर० 86 देवेन्द्र सिंह, प्र0आर0 407 रामचन्द्र नायक, प्र0आर0 129 रंजीत सिह, प्र०आर० आनंद सुडेले, प्र०आर० विजय घोष, ,आर. अवनीश पुरी,अजय शुक्ला, आर. ललित कुशवाहा, आर० रजित दांगी, आर० वृजेन्द्र अहिरवार, आर० मयंक, आर० सुनील साहू, आर. सौरभ शर्मा, आर० दिलीप निगम, आर. विनोद पलिया, आर. अवधेश यादव, आर. जाहर सिंह, म०आर० रोशनी, आर. चा० बृजप्रताप का सराहनीय योगदान रहा है ।

*पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है* ।

बम्होरी कला में लाइट न होने से ग्रामीण गर्मी में जीने को है मजबूर

 

टीकमगढ़ जिला ब्यूरो प्रमोद अहिरवार 

टीकमगढ़:- जनपद पंचायत पलेरा अंतर्गत ग्राम पंचायत बम्होरी कला इन दिनों अंधेरे में दिन गुजारने के लिए मजबूर है ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि इन दिनों बम्होरी कला में कई महीनो से लाइट नहीं आ रही है गांव के आसपास करीबन तीन-चार ट्रांसफार्मर आज से करीबन 4 से 6 महीने पहले ही जल चुके थे जो अभी तक के ट्रांसफार्मर बदले नहीं गए हैं वहीं लोगों को अंधेरे में एवं गर्मी में दिन गुजरते के लिए मजबूर हैं ग्रामीणों ने बताया कि हम लोग 2 किलोमीटर दूर से डोरी लगा करके घर में लाइट ला रहे हैं जिससे मोबाइल चार्ज हो सके ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर कई महीनो से लाइट न होने के कारण छोटे-छोटे बच्चे बूढ़े बुजुर्ग आए दिन उनकी तबीयत खराब हो रही है जिसका कारण है लाइट ना आना गर्मी इतनी जोर से पड़ रही है कि दिन रात निकालना बहुत मुश्किल होता है बम्होरी कला के खुशीपुरा मोहल्ला के हनुमान मंदिर वाला ट्रांसफार्मर और खुशीपुरा के हरदीला मोहल्ला एवं बम्होरी कला के हटवारा मोहल्ला का ट्रांसफार्मर कई महीनो से जला हुआ पड़ा है वहीं लाइनमैन से कहा जाता है तो उनका कहना होता है कि पहले हम लोगों को खर्चा पानी दो उसके बाद ही हम लाइट ठीक करेंगे।

और वही ग्रामीणों ने एक आरोप और लगाया है कि जो मीटर रीडर कर्मचारी है वह एक जगह बैठकर के मनमानी करके ग्रामीणों के बिल प्रिंट करता है जिससे ग्रामीणों में भारी नाराजगी है ग्रामीणों की शासन प्रशासन से एक ही मांग है कि गर्मी का मौसम चल रहा है जिसके कारण शासन प्रशासन बम्होरी कला की ओर ध्यान दें और ट्रांसफार्मर जल्द से जल्द बदलवाने का कष्ट करें जिससे ग्रामीणों को कुछ राहत मिल सके।

इतने असहाय क्यों हैं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव?

 

मप्र के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अपने बदजबान मंत्रियों को बर्खास्त करने में असहाय क्यों नजर आ रहे है , क्या उन्हें इतनी भी स्वायत्तता नहीं है कि वे मप्र हाईकोर्ट के आदेश का परिपालन और जनभावनाओं की कद्र करते हुए अपने किसी विवादित मंत्री साथी को मंत्रिमंडल से  बाहर का रास्ता दिखा सकें.

डॉ मोहन यादव उज्जैन उत्तर से चुने जाने वाले ऐसे दूसरे विधायक हैं जो मप्र के मुख्यमंत्री बने. यादव से पहले प्रकाश चंद्र सेठी यहां से चुने जाने के बाद मप्र के मुख्यमंत्री बने थे. डा मोहन यादव के छोटे से कार्यकाल में उनके साथी मंत्री नरेँद्र पटेल, विजय शाह और उप मुख्यमंत्री जगदीश देवडा की बदजबानी यादव को परेशानी में डाल चुकी है. शाह के मामले में तो माननीय उच्च न्यायलय ने स्वतः संज्ञान लेकर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई लेकिन अब तक एक मुख्यमंत्री की हैसियत से डॉ मोहन यादव कोई कार्रवाई नहीं कर सके. वे पार्टी हाईकमान की ओर ताक रहे है.

विजय शाह का मामला अभी सुलझा भी नहीं है कि उप मुख्यमंत्री जगदीश देवडा ने भारतीय सेना को प्रधानमंत्री के चरणों में नतमस्तक करा कर एक नया बखेडा खडा कर दिया. शाह ने तो अपने बयान के लिए माफी भी मांगी लेकिन देवडा माफी मांगने को भी तैयार नहीं हैं. वे उलटे अपने बयान को तोड मरोडने के लिए मीडिया पर चड्डी गांठ रहे हैं. शाह और देवडा से पहले डॉ मोहन यादव के प्रिय नरेंद्र पटेल भी ग्वालियर में बखेडा कर व्यापारियों के निशाने पर आ चुके हैं किंतु मुख्यमंत्री एक भी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर पाए, उलटे उन्हें अपने मंत्रियों के बचाव के लिए मजबूर होना पडा है. इस कोशिश में वे माननीय हाईकोर्ट के रडार पर भी आ सकते हैं.

जाहिर है कि भाजपा हाईकमान अपने किसी भी जाहिल मंत्री को बर्खास्त कर हार नहीं मानना चाहता. पार्टी ने सभी विवादित मंत्रियों को बचाना अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है. अपने मंत्रियों के लिए भाजपा हाईकमान अदालत से भी टकराने के लिए तैयार नजर आ रहा है. पार्टी हाईकमान की मुश्किल ये है कि जिन मंत्रियों के खिलाफ कार्रकी मांग उठ रही है वे या तो अनुसूचित जाति से हैं या पिछडे वर्ग से. इनके खिलाफ कार्रवाई से इन समाजों में असंतोष पैद हो सकता है, और पार्टी ये जोखिम लेने की स्थिति में है नहीं.

आपको बता दें कि किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को बर्खास्त करना कोई अजूबी घटना नहीं है.मध्य प्रदेश में मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को विभिन्न कारणों से हटाया गया है, जिनमें किसी को राजनीतिक कारण से जैसे सत्ता परिवर्तन, पार्टी आंतरिक संघर्ष, गठबंधन की मांगें, या विधानसभा में बहुमत खोना।भ्रष्टाचार के आरोप: भ्रष्टाचार या घोटालों में कथित संलिप्तता के कारण मंत्रियों को अक्सर हटा दिया जाता है।प्रदर्शन में कमी: सरकार या जनता द्वारा अपेक्षित प्रदर्शन न दिखाने पर मंत्रियों को हटाया गया।

स्वास्थ्य या व्यक्तिगत कारण से भी कुछ मामलों में, मंत्रियों या मुख्यमंत्रियों ने  इस्तीफा दिया। कानूनी चुनौतियों या आपराधिक मामलों में दोषसिद्धि के कारण  भी अनेक मंत्रि को पद छोड़ना।चुनावी रणनीति या जनता की राय को बेहतर करने के लिए मंत्रिमंडल में फेरबदल तो होते ही रहते हैं.। मेरी अपनी जानकारी के मुताबिक 1956 से 2025 तक, लगभग 18 बार मुख्यमंत्री बदले गये.इनमें से कई परिवर्तन सामान्य चुनावों, पार्टी नेतृत्व के निर्णय, या राजनीतिक अस्थिरता के कारण हुए।जैसे कैलाश नाथ काटजू ने (1957): कांग्रेस के आंतरिक नेतृत्व परिवर्तन के कारण पद छोड़ा।दिग्विजय सिंह (2003): 1993-2003 तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पद छोड़ना पड़ा।शिवराज सिंह चौहान (2023): 2005-2018 तक और फिर 2020-2023 तक मुख्यमंत्री रहे। 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के बावजूद, भाजपा ने नेतृत्व परिवर्तन के तहत मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया.कमलनाथ (2020): 2018-2020 तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद सरकार गिर गई, और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

मंत्रियों को हटाने का अनुमानमंत्रियों को हटाने की संख्या का सटीक आंकड़ा देना कठिन है, क्योंकि मंत्रिमंडल में फेरबदल और इस्तीफे नियमित रूप से होते रहते हैं। हालांकि:औसतन: प्रत्येक विधानसभा कार्यकाल (5 वर्ष) में कम से कम 1-2 मंत्रिमंडल फेरबदल होते हैं, जिसमें 2-5 मंत्रियों को हटाया या बदला जाता है। पिछले 60 वर्षों में लगभग 12 विधानसभा कार्यकाल हुए, जिसके आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि कम से कम 50-100 मंत्रियों को विभिन्न कारणों से हटाया गया होगा।

मुझे स्मरण आता है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपने एक दशक के लंबे कार्यकाल में कई मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों (जैसे, व्यापम घोटाला) या खराब प्रदर्शन के कारण हटाया था. कमलनाथ की अल्पकालिक सरकार होने के बावजूद, कुछ मंत्रियों को आंतरिक असंतोष के कारण बदला गया।

अब देखना ये है कि मौजूदा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस झंझावात से निबट पाते हैं या नहीं. उनके सामने दो ही विकल्प हैं, पहला वे हाईकमान की कठपुतली बने रहें और दूसरे अपने विवेक से कार्रवाई करें. डॉ यादव के लिए शायद पहला विकल्प आसान है. वे जाहिल मंत्रियों के साथ सरकार चलाने लिए अभिशप्त जो हैं.

@ राकेश अचल

कलेक्टर ने गोपाचल पर्वत का अवलोकन किया

 

ग्वालियर  । कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने गोपाचल पर्वत का अवलोकन किया एवं जैन समाज की स्थापित प्रतिमाओं के दर्शन भी किए। ग्वालियर का गोपाचल पर्वत धार्मिक दृष्टि से बहुत ही प्रसिद्ध स्थान है। यह स्थान धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। गोपाचल पर्वत पर देश भर के लोग पधारते हैं। 

कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने भ्रमण के दौरान गोपाचल पर्वत पर पर्यावरण संरक्षण के लिये किए गए वृक्षारोपण कार्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने देखा कि बरसात के पानी को रोकने के लिये समाज के द्वारा एवं जनभागीदारी से अनेक कार्य किए गए हैं। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने गोपाचल पर्वत पर स्थित जैन प्रतिमाओं का अवलोकन भी किया। इसके साथ ही गोपाचल पर्वत पर किए गए सघन वृक्षारोपण कार्य को भी देखा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में जिस प्रकार गोपाचल पर्वत पर वृक्षारोपण कर हरियाली की गई है। इसी प्रकार की हरियाली शहर की अन्य पहाड़ियों पर भी की जायेगी। हरि पर्वत एवं आनंद वन के रूप में समाज के सभी वर्गों को साथ में लेकर वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर के साथ समाजसेवी श्री अजीत बरैया एवं पर्यटन विभाग के अधीक्षण यंत्री श्री राजीव श्रीवास्तव भी उपस्थित थे ।

17 मई 2025, शनिवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 05:30 बजे  

*सूर्यास्त :-* 19:04 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : ग्रीष्म ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *ज्येष्ठ* माह कृष्ण पक्ष *पंचमी तिथि* दिनरात    चलेगी।  

💫 *नक्षत्र आज* पूर्वाषाढ़ नक्षत्र 17:43 बजे तक फिर उत्तराषाढ़ नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *साध्य*  है।

*करण*  :-आज  *कौलव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज             पूर्व दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  08:54 बजे से 10:36

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:51 बजे से 12:45 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: - कोई नहीं 

*मुहूर्त* : - विवाह, जीर्ण / नव गृहप्रवेश,दुकान/ऑफिस/व्यापार देव प्रतिष्ठा है अन्य कोई नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृष , चन्द्र-धनु, मंगल-कर्क बुध-मेष, गुरु-मिथुन, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

काल 05:31 - 07:12 अशुभ

शुभ 07:12 - 08:54 शुभ

रोग 08:54 - 10:36 अशुभ

उद्वेग 10:36 - 12:18 अशुभ

चर 12:18 - 13:59 शुभ

लाभ 13:59 - 15:41 शुभ

अमृत 15:41 - 17:23 शुभ

काल 17:23 - 19:05 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

लाभ 19:05 - 20:23 शुभ

उद्वेग 20:23 - 21:41 अशुभ

शुभ 21:41 - 22:59 शुभ

अमृत 22:59 - 24:17*शुभ

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

स्टेशन रोड से अतिक्रमण हटाया गया

 

ग्वालियर 16 मई। यातायात थाना मध्य द्वारा बस स्टैंड तिराहा, स्टेशन बजरिया में यातायात को सुगम बनाने के लिये पड़ाव थाने की टीम की उपस्थिति में नगर निगम के मदाखलत दस्ते के साथ स्थाई एवं अस्थायी अतिक्रमण को हटाया गया।

शुक्रवार, 16 मई 2025

कांग्रेस की लक्ष्मण रेखाओं पर तनाव

 थरूर के बाद चिदंबरम मोदीजी पर लट्टू


राकेश अचल

विभिन्न प्रतियोगिता में 67 बच्चे पुरस्कृत

एसोसिएशन ऑफ ग्वालियर यूथ सोसायटी का आयोजन 

ग्वालियर। एसोसिएशन ऑफ ग्वालियर यूथ सोसायटी द्वारा विगत दिनों में चित्रांकन प्रतियोगिता के विभिन्न आयोजन आयोजित किए गए थे संस्था के अध्यक्ष संजय कट्ठल ने बताया कि 22 अप्रैल को अर्थ डे पर चित्रांकन प्रतियोगिता आयोजित की गई 8 मई को रेडक्रास दिवस पर चित्रांकन प्रतियोगिता आयोजित की गई और 11 मई को मदर्स डे के अवसर पर चित्रांकन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी इन सभी प्रतियोगिता में विजेता बने बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा यह पुरस्कार वितरण समारोह 14 मई को स्थानीय दीनदयाल सिटी मॉल फ़ूड कोर्ट में प्रातः 11:00 बजे से किया गया इस आयोजन में मुख्य अतिथि घनश्याम पिरोनिया पूर्व  विधायक भांडेर एवम् विशिष्ट अतिथि अनिता गुर्जर थाना प्रभारी अजाक पूर्व सभापति ब्रिजेन्द्र सिंह जादौन उपस्थिति थे।

इस पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता संजय कट्ठल ने की इस आयोजन की आयोजन समिति मनोज अग्रवाल बाबा डाक्टर मनीष रस्तोगी विशाल जैन अशोक जैन ने सभी विजेताओं को पुरस्कार प्राप्त करने पर बधाइयां प्रेषित की इस अवसर पर मुख्य अतिथि घनश्याम पिरोनिया ने कहा कि बच्चों को मनोबल बढ़ाने के लिए आयोजन होते रहना चाहिए अनिता गुर्जर जी ने कहा की बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा बच्चों को पुरस्कृत करना चाहिए बिजेंद्र सिंह जादौन ने कहा बच्चों के आयोजन होते रहना चाहिए इससे बच्चों का मानसिक विकास होता है ।

अर्थ डे चित्रांकन प्रतियोगिता में विजेता एवम् उप विजेता इस प्रकार है वर्ग ए में प्रथम पुरस्कार जाह्नवीका उड्डयन द्वितीय पुरस्कार आर्यन सक्सेना तृतीय पुरस्कार सानवी दुसेजा वर्ग बी में प्रथम पुरस्कार आध्या जैन द्वितीय पुरस्कार वंशिका बतरा तृतीय पुरस्कार खुशी गुप्ता वर्ग सी में प्रथम पुरस्कार अवनि जैन द्वितीय पुरस्कार ईशिका दुसेजा तृतीय पुरस्कार लव कुश ग़ौर इसके अतिरिक्त सांत्वना पुरस्कार आरिस खान पूर्वी  त्रिपाठी ग़ौरी तोमर दैविक जगताप जाह्नवी वर्मा शास्वत पूर्वी वर्मा त्रिपाठी क्रिसनिका धाकड़ महिमा डेम्बूला रोशनी।

*रेडक्रास दिवस पर आयोजित होने वाली चित्रांकन प्रतियोगिता में विजेता टीम इस प्रकार है वैषणवी शर्मा, अथर्व शर्मा जेसिका चौहान, लवकुश गौर, चित्रांशि बाबाडी, ललित शर्मा, मालती सिंह, काशिका कुशवाह, मुस्कान बारोटिया, अक्शा खान, समृद्धि शर्मा, कृतिका पचौरी , आरिश् खान, सारांश कुमार, धृति सिसोदिया, आस्था कुशवाह, निहारिका कुशवाह, भव्या पचोरिया।

मदर्स डे पर आयोजित होने वाली चित्रांकन प्रतियोगिता में विजेता एवम् उप विजेता टीम इस प्रकार है वर्ग ए में प्रथम पुरस्कार दृष्ट प्रजापति द्वितीय पुरस्कार सानवी दुसेजा तृतीय पुरस्कार  प्रनिशा यादव , रोशनी तोमर वर्ग बी में प्रथम पुरस्कार सौम्या अग्रवाल ,ईशा प्रजापति द्वितीय पुरस्कार आकशा खान,सारांश तृतीय पुरस्कार मानवी कोली,निशी गौरी वर्ग सी में प्रथम पुरस्कार जाह्नवी कुशवाहा पूर्वी अग्रवाल द्वितीय पुरस्कार साक्षी शर्मा तृतीय पुरस्कार कृष्णा शर्मा इसके अतिरिक्त सांत्वना पुरस्कार में मुस्कान वोरोठिया ,कशिका कुशवाहा, महिमा डेम्बूला, लवकुश ग़ौर, प्रियंका बाथम, जेसिका चौहान, युवराज नरवरे, निहारिका कुशवाहा,अवनिजा शर्मा, प्रणव अग्रवाल नोमेन हुसैन, द्रष्टि चौरसिया, मनस्वी झा, इशिता दुसेजा, यथार्थ तिवारी रहे।

अब सुप्रीमकोर्ट से राष्ट्रपति मुर्मू की भिडंत

 

लगता है कि सरकार और  भाजपा के बडे नेता सुप्रीमकोर्ट को चैन से नही बैठने देंगे. सुप्रीमकोर्ट से पहले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और बाद में उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड ने मुठभेड की थी. दुबे ने सीजेआई को देश में चल रहे तमाम गृहयुद्धों के लिए जिम्मेदार ठहराया था और धनकड ने राज्यपालों के अधिकारों को सीमित करने पर आपत्ति जताई थी. अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने  भी सुप्रीम कोर्ट के 8 अप्रैल के ऐतिहासिक फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है,.राष्ट्रपति ने इस फैसले को संवैधानिक मूल्यों और व्यवस्थाओं के विपरीत बताया और इसे संवैधानिक सीमाओं का अतिक्रमण करार दिया। 

संविधान की अनुच्छेद 143(1) के तहत राष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय से 14 संवैधानिक प्रश्नों पर राय मांगी है। यह प्रावधान बहुत कम उपयोग में आता है, लेकिन केंद्र सरकार और राष्ट्रपति ने इसे इसलिए चुना क्योंकि उन्हें लगता है कि समीक्षा याचिका उसी पीठ के समक्ष जाएगी जिसने मूल निर्णय दिया और सकारात्मक परिणाम की संभावना कम है।

सुप्रीम कोर्ट की जिस पीठ ने फैसला सुनाया था उसमें जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन भी शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, 'राज्यपाल को किसी विधेयक पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना होगा। इस समय सीमा में या तो स्वीकृति दें या पुनर्विचार हेतु लौटा दें। यदि विधानसभा पुनः विधेयक पारित करती है तो राज्यपाल को एक महीने मे उसकी स्वीकृति देनी होगी। यदि कोई विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा गया हो तो राष्ट्रपति को भी तीन महीने के भीतर निर्णय लेना होगा।'

राष्ट्रपति  नेश्रीमती द्रोपदी मुर्मू  ने इस फैसले को संविधान की भावना के प्रतिकूल बताया और कहा कि अनुच्छेद 200 और 201 में ऐसा कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। राष्ट्रपति ने कहा, “संविधान में राष्ट्रपति या राज्यपाल के विवेकाधीन निर्णय के लिए किसी समय-सीमा का उल्लेख नहीं है। यह निर्णय संविधान के संघीय ढांचे, कानूनों की एकरूपता, राष्ट्र की सुरक्षा और शक्तियों के पृथक्करण जैसे बहुआयामी विचारों पर आधारित होते हैं।”

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यदि विधेयक तय समय तक लंबित रहे तो उसे 'मंजूरी प्राप्त' माना जाएगा। राष्ट्रपति ने इस अवधारणा को सिरे से खारिज किया और कहा, “मंजूर प्राप्त की अवधारणा संवैधानिक व्यवस्था के विरुद्ध है और राष्ट्रपति तथा राज्यपाल की शक्तियों को सीमित करती है।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब संविधान स्पष्ट रूप से राष्ट्रपति को किसी विधेयक पर निर्णय लेने का विवेकाधिकार देता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप कैसे कर सकता.

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट की अनुच्छेद 142 के तहत की गई व्याख्या और शक्तियों के प्रयोग पर भी सवाल उठाए हैं । इसके तहत न्यायालय को पूर्ण न्याय करने का अधिकार मिलता है। राष्ट्रपति ने कहा कि जहां संविधान या कानून में स्पष्ट व्यवस्था मौजूद है वहां धारा 142 का प्रयोग करना संवैधानिक असंतुलन पैदा कर सकता है।परोक्ष रुप से राष्ट्पति की चिंता पूरी भाजपाऔर संघ की चिंता है.

 हमेशा मौन रहने वाली राष्ट्रपति मुर्मू ने एक और महत्वपूर्ण सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें संघीय मुद्दों पर अनुच्छेद 131 (केंद्र-राज्य विवाद) के बजाय अनुच्छेद 32 (नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा) का उपयोग क्यों कर रही हैं। उन्होंने कहा, “राज्य सरकारें उन मुद्दों पर रिट याचिकाओं के माध्यम से सीधे सुप्रीम कोर्ट आ रही हैं। यह संविधान के अनुच्छेद 131 के प्रावधानों को कमजोर करता है।”

सवाल ये है कि  सरकार एक एककर सभी संवैधानिक प्रमुखों का इस्तेमाल सुप्रीमकोर्ट से टकराने के लिए क्यों कर रही है? हमारी राष्ट्रपति मानें या न मानें हैं तो रबर स्टेंप ही. हां उन्हे हस्तक्षेप का अधिकार संविधान ने जरूर दिया है. उनके पास सरकारी विधेयकों को लौटाने का हक भी है. इस हक का इस्तेमाल दही- मिश्री खिलाने वाले हाथ कभी नहीं करते. ज्ञानी जैल सिंह जैसे राष्ट्रपति जरूर सुप्रीमकोर्ट से टकराने के बजाय सरकार से टकराने का साहस रखते थे. बहरहाल बात ये है कि क्या छह महीने के लिए देश के मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस बीआर गवई साहब राष्ट्रपति महोदया की आपत्तियों का निराकरण कर पाएंगे या फिर गेंद छह माह बाद आने वाले अपने उत्तराधिकारी के पाले में डालकर बच निकलेंगे? 

राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू एक भद्र महिला हैं, वे धनकड की तरह बडबड नहीं करतीं. उनकी इसी विनम्रता का लाभ परोक्ष रूप से अपनी राजनीति के लिए करती रही है. देश में जितने भी विधानसभा चुनाव हाल के वर्षों में हुए सरकार ने चुनाव से पहले राष्ट्रपति को उन राज्यों के आदिवासी अंचलों में भेजा. मप्र, झारखंड के राष्ट्रपति के दौरे इसका प्रमाण हैं. हमें उम्मीद करना चाहिए कि हमारी राष्ट्रपति महोदया अपना राजनीतिक इस्तेमाल नहीं होने देंगी. वे सुप्रीमकोर्ट से भी टकराव मोल नहीं लेंगी.

@  राकेश अचल

गुरुवार, 15 मई 2025

खेल के नये सन्यासी चीकू उर्फ विराट कोहली

 

हमारे चीकू और आपके चहेते क्रिकेटर विराट कोहली ने महज 36 साल की उम्र में क्रिकेट से सन्यास ले लिया. हालांकि ये उम्र सन्यास की थी नहीं, लेकिन एक समझदार खिलाडी वही है जो सही समय पर सही फैसला कर ले. विराट ने सन्यास का फैसला कब कर लिया इसकी भनक तक किसी को नहीं लगी.

दिल्ली में पैदा हुए विराट कोहली ने 2006 में अपनी पहली श्रेणी क्रिकेट कैरियर की शुरुआत  की थी. वे छात्र जीवन से ही क्रिकेट की पिच पर थे. उन्होंने 2008, मलेशिया में अंडर -19 विश्व कप में जीत हासिल की, और कुछ महीने बाद, 19 साल की उम्र में श्रीलंका के खिलाफ भारत के लिए अपना ओ॰डी॰आई॰ पदार्पण किया। शुरुआत में भारतीय टीम में रिजर्व बल्लेबाज के रूप में खेलने के बाद, उन्होंने जल्द ही ओ॰डी॰आई॰ के मध्य क्रम में नियमित रूप से अपने आप को स्थापित किया और टीम का हिस्सा रहे और 2011 क्रिकेट विश्व कप जीता। 

सब जानते हैं कि विराट ने 2011 में अपना टेस्ट मैच कैरियर शुरू किया था और 2013 तक ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट शतक के साथ "ओ॰डी॰आई॰ विशेषज्ञ" के टैग को झुका दिया। 2013 में पहली बार ओ॰डी॰आई॰ बल्लेबाजों के लिए आई॰सी॰सी॰ रैंकिंग में नंबर एक स्थान पर पहुँचने के बाद, कोहली को ट्वेंटी -20 प्रारूप में भी सफलता मिली, आई॰सी॰सी॰ विश्व ट्वेंटी 20 (2014 और 2016 में) में मैन ऑफ द टूर्नामेंट दो बार वह जीते । 2014 में, वह आई॰सी॰सी॰ रैंकिंग में शीर्ष रैंकिंग वाले टी 20 आई बल्लेबाज बने, जिसने 2017 तक तीन लगातार वर्षों की स्थिति संभाली। अक्टूबर 2017 के बाद से, वह दुनिया में शीर्ष रैंकिंग ओ॰डी॰आई॰ बल्लेबाज भी रहे हैं। एक ऐसा समय भी आया जब 13 दिसंबर 2016 को वह आई॰सी॰सी॰ रैंकिंग में तीनों फॉर्मैट के प्रथम स्थान पर थे।

कोहली को 2012 में ओ॰डी॰आई॰ टीम के उप-कप्तान नियुक्त किया गया था और 2014 में महेंद्र सिंह धोनी की टेस्ट सेवानिवृत्ति के बाद टेस्ट कप्तानी सौंपी गई थी।

मै यहां आपको कोहली की उपलब्धियां गिनाने नहीं बैठा. वे तो आप गोर्क या गूगल से पूछ सकते हैं. मै तो आपको ये बताना चाहता हूं कि सन्यास लेने में खिलाडी जितने मुस्तैद होते हैं उतना और कोई नहीं होता.नेता, वकील, लेखक मरते दम तक सन्यास के बारे में नहीं सोचते, निर्णय करना तो दूर की बात है.

कोहली क्रिकेट में जितना ऊपर जा सकते थे, वहाँ तक वे पहुंच चुके थे. इसलिए सन्यास लेना उनका सही और विवेकपूर्ण निर्णय है. उन्होने अपने पूर्ववर्ती क्रिकेटरों की तरह सन्यास लेने में ज्यादा वक्त नहीं लगाया. सन्यास लेकर वे संतों की शरण में पहुचे. इसका आशय ये नहीं है कि विराट भगवा धारण करने वाले है. वैसे इस समय देश में हर कोई भगवा धारण कर सन्यासी बनना चाहता है सिवाय नेताओं के. जैसा कि मैने पहले कहा कि नेता किसी भी दल का हो राजनीति से सन्यास नहीं लेता. उसे धकियाना पडता है.

मेरी सलाह है कि नेताओं को भी कामराज योजना पुनर्जीवित कर लेना चाहिए. आपको याद होगा कि अपने जमाने में किंग मेकर रहे तमिलनाडु के लोकप्रिय नेता के कामराज ने  साठ के दशक की शुरुआत में महसूस किया कि कांग्रेस की पकड़ कमजोर होती जा रही है। उन्होंने सुझाया कि पार्टी के बड़े नेता सरकार में अपने पदों से इस्तीफा दे दें और अपनी ऊर्जा कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए लगाएं। उनकी इस योजना के तहत उन्होंने खुद भी इस्तीफा दिया और लाल बहादुर शास्त्री, जगजीवन राम, मोरारजी देसाई तथा एसके पाटिल जैसे नेताओं ने भी सरकारी पद त्याग दिए। यही योजना कामराज प्लान के नाम से विख्यात हुई। कहा जाता है कि कामराज प्लान की बदौलत वह केंद्र की राजनीति में इतने मजबूत हो गए कि नेहरू के निधन के बाद शास्त्री और इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनवाने में उनकी भूमिका किंगमेकर की रही। वह तीन बार कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे।

भाजपा में अघोषित रुप से के कामराज योजना 2014 में लागू की गई, लेकिन इसकी बदौलत सत्ता में आए लोग अब खुद सन्यासी नहीं बनना चाहते. लोकप्रियता में लगातार गिरावट के बावजूद सत्ता का मोह हमारे नेताओं को सन्यास नहीं लेने देता. सबसे ज्यादा उम्र तक राजनीति और सत्ता में रहने का कीर्तिमान कांग्रेस और वामपंथियों के नाम है. भाजपा तीसरे स्थान पर है.

अब समय है कि हमारे देश और दुनिया के तमाम नेता खिलाडियों से प्रेरणा लें और सही वक्त पर सन्यास लें अन्यथा उन्हे वैसे ही धकियाया जाएगा जैसे हमारे लालकृष्ण आडवाणी को या अमेरिका में जो वाईडन को धकियाया गया. सत्ता लोलुप नेताओं को समझना चाहिए कि आज भी समाज में सन्यासियों का बहुत सम्मान है, वो भी तब जब समाज में आसाराम और राम रहीम जैसे वयभिचारी भी मौजूद हैंं.

@राकेश अचल

15 मई 2025, गुरुवार का पंचांग

*सूर्योदय :-* 05:31 बजे  

*सूर्यास्त :-* 19:03 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : ग्रीष्म ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *ज्येष्ठ* माह कृष्ण पक्ष *तृतीया तिथि*  28:02 बजे  तक फिर चतुर्थी  तिथि चलेगी।  

💫 *नक्षत्र आज* ज्येष्ठा नक्षत्र 14:07 बजे तक फिर मूल नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *शिव*  है।

*करण*  :-आज  *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक नहीं,भद्रा 15:18 बजे से  है गंडमूल दिन रात है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज           दक्षिण दिशा में।

*🌚राहूकाल* :आज  13:59 बजे से 15:41 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:51 बजे से 12:45 बजे तक  शुभ है।

प्रत्येक बुधवार को अशुभ होता है ।

*पर्व त्यौहा*: -

*मुहूर्त* : सगाई,विवाह, मुंडन ,विद्यारंभ,यज्ञोपवीत है अन्य नहीं है।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृष , चन्द्र-वृश्चिक, मंगल-कर्क बुध-मेष, गुरु-वृष, शुक्र-मीन, शनि-मीन, राहू- मीन,केतु-कन्या, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

शुभ 05:32 - 07:13 शुभ

रोग 07:13 - 08:55 अशुभ

उद्वेग 08:55 - 10:36 अशुभ

चर 10:36 - 12:18 शुभ

लाभ 12:18 - 13:59 शुभ

अमृत 13:59 - 15:41 शुभ

काल 15:41 - 17:22 अशुभ

शुभ 17:22 - 19:04 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

अमृत 19:04 - 20:22 शुभ

चर 20:22 - 21:41 शुभ

रोग 21:41 - 22:59 अशुभ

काल 22:59 - 24:17*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

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