चंद्र ग्रहण को लेकर लोगो में बड़ी उत्सुकता और भ्राति चल रही है ।
सही मायने में 18 सितंबर पूर्णिमा को होने वाले ग्रहण का क्या असर रहने वाला है क्या धार्मिक नियम रहेंगे ?
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि 18 सितंबर पूर्णमा को सूर्य क्रांति मंडल में एवम चंद्र विमंडल में अपनी अपनी कक्षाओं में परिभ्रमण करते हुए चंद्रमा सूर्य से छः राशि के अंतर होगा।
पृथ्वी भी सीध में होगी।
अर्थात सूर्य,पृथ्वी,चंद्रमा तीनों ही एक सीध में रहेंगे। तब पृथ्वी की छाया चंद्रमा को ढक लेती है उस समय तक जब चंद्रमा पृथ्वी की सीध में रहेगा उतने समय तक उन उन स्थानों पर ग्रहण रहेगा।
जैन ने कहा सूर्य इस समय कन्या राशि में रहेगा चंद्रमा मीन राशि में रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में पश्चिम भाग के शहरों में 18 सितंबर को 06:11 बजे से 06:40 बजे तक भारत के इन नगरों में श्रीनगर, जम्मू,अमृतसर,श्री गंगा नगर,बीकानेर,नागौर,अजमेर,जोधापूर,पाली,ब्यावर,भीलबाड़ा,नीमच,उदयपुर,कोटा,सूरत,अहमदाबाद,उज्जैन,इंदौर, जलगांव नासिक,मुबाई,पुणे,हुबली,केरल,एवम यहां से पश्चिम के शहरो में मांध्य अर्थात छाया रूप में दिखेगा।
इस ग्रहण का मांध्य ग्रहण होने से इसका भारत में कही पर भी धार्मिक दृष्टि से कोई महत्व, नहीं है और नहीं कोई भी यम,नियम,सूतक आदि मान्य है।
यह चंद्र ग्रहण खण्डग्रास चंद्रग्रहण के रूप में अमेरिका ,अफ्रीका,यूरोप में दिखाई देगा और इन देशों पर अपना प्रभाव रखेगा ।
भारतीय समय अनुसार ग्रहण का स्पर्श 07:43 बजे मध्य 08:14 बजे और मोक्ष 08:46 बजे पर जिन देशों में खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा वहा इस के प्रभाव रहेगा भारत में नहीं नहीं ।
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