शनिवार, 7 जून 2025

मेरी गजल

🌹🌹🌹

मोअजिज कौन है इस मुंबई में

जुबां हर मौन है इस मुंबई में

🌹

सभी परिचय, अपरिचय एक से हैं

सिसकती पौन है इस मुंबई में

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यहाँ घर हैं, मगर लगते हैं दडबे

मुहल्ले जोन हैं इस मुंबई में

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समंदर है यहाँ दुख बांटने को

अजब सी टोन है इस मुंबई में

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सुबह से शाम, भागमभाग, तौबा

सहारा फोन है इस मुंबई में

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धरम के नाम पर धंधे अनेको

नया इस्कोन है इस मुंबई में

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सऊदी सा, कतर सा, एक हिस्सा

उरई-जालौन है, इस मुंबई में

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कोई जीता नहीं, मरता नहीं है

सभी का 'क्लोन 'है इस मुंबई मे

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@ राकेश अचल

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