भोपाल। मध्य प्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो गया है। इसके पहले सुबह 5.30 बजे से मॉकपोल हुआ। प्रदेश में भी कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मतदान का समय शाम छह बजे तक रहेगा। उपचुनाव में 63,67,751 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। मध्य प्रदेश की राजनीतिे में यह पहला अवसर है जब इतनी अधिक सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने मतदान का समय इस बार एक घंटे का समय बढ़ाया गया है। अधिकारियों के अनुसार अंतिम एक घंटे में सामान्य मतदाताओं के अलावा कोरोना पॉजिटिव या असामान्य तापमान वाले मतदाताओं को मतदान का अलग से अवसर दिया जाएगा। निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा व्यवस्था के लिए कड़े किए गए हैं।
मंगलवार, 3 नवंबर 2020
सोमवार, 2 नवंबर 2020
वोटर टर्न आउट एप से ले सकेंगे मतदान प्रतिशत की जानकारी
भोपाल : प्रदेश के 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उप निर्वाचन के मतदान प्रतिशत की जानकारीमोबाईल एप “Voter turnout” से ले सकेंगे। इसेगूगल प्ले स्टोरएवं एप्पल आई स्टोरसेडाउनलोडकियाजासकता है। इस एपके माध्यम से उप निर्वाचन वाले 28 विधानसभा क्षेत्रों केप्रत्येक 2 घण्टे केमतदान प्रतिशत की जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा भारतनिर्वाचन आयोग की वेबसाइट लिंक https://eci.gov.in/voter-turnoutके माध्यम से भी मतदान प्रतिशत की l
वोट डालने आया वारंटी पुलिस ने पकड़ा
ग्वालियर l स्थाई गिरफ्तारी वारंटी गिरफ्तारी राजीव शर्मा उर्फ पुत्तन पुत्र रामकुमार शर्मा उम्र 44 वर्ष निवासी निवासी नोदिया वाली गली त्यागी महाराज के मंदिर के पास आरा मिल को आज उसके घर से गिरफ्तार किया है इसकी तलाश वर्ष 2016 से चेक बाउंस के प्रकरण में धारा 138 एन आई ए के के प्रकरण में स्थाई वारंट में थी आज मुखबिर ने डीसीबी शाखा ग्वालियर पदस्थ आरक्षक अशोक सिंह भदौरिया व प्रधान आरक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान को सूचना दी कि राजू शर्मा वोट डालने के लिए अपने घर आया है जो काफी दिनों से ग्वालियर से गायब था l इसी सूचना पर एसआई आई दिनेश राजपूत प्रधान आरक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान आरक्षक जनक सिंह अशोक सिकरवार रूपेश किशोर शर्मा जितेन जादौन ने दबिश देकर वारंटी को दबोच लिया । राजू शर्मा अंतर राज्य कार चोर है जो थाना पड़ाव , ग्वालियर व थाना कोतवाली झांसी उत्तर प्रदेश में कार चोरी के मामले में पूर्व में पकड़ा जा चुका है ।मुख्य भूमिका थाना हजीरा के प्रधान शैलेंद्र सिंह चौहान वह आरक्षक अशोक सिंह भदोरिया डीसीबी शाखा ग्वालियर की रही l वारंटी की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक ग्वालियर अमित सांघी ने 500 के इनाम की घोषणा की है।
प्रात: 7 बजे से सायं 6 बजे तक होगा मतदान
प्रदेश के 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप निर्वाचन 3 नवम्बर को
भोपाल : प्रदेश के 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उप निर्वाचन के लिये 3 नवम्बर को प्रात: 7 बजे से सायं 6 बजे तक मतदान होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश द्वारा लोकतंत्र की मजबूती के लिये मतदाताओं से अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की अपील की गई है।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मोहित बुंदस ने बताया कि कोविड-19 से सुरक्षित मतदान के लिये मतदान केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी की गई हैं। मतदान से कोई भी मतदाता न छूटे, इसके लिये सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचन सहभागिता(स्वीप) की गतिविधियों के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक किया गया है। लोकतंत्र की मजबूती के लिये मतदान करना बहुत आवश्यक है। मतदान आपका अधिकार ही नहीं बल्कि कर्तव्य भी है। पुरूष, महिला, दिव्यांग, युवा, वरिष्ठजन, तृतीय लिंग, श्रमिक, किसान, व्यापारी सहित सभी मतदाताओं को मतदान के लिये प्रेरित किया गया है।
कोविड-19 से सुरक्षित मतदान के लिये मतदान केन्द्रों पर मास्क, सैनिटाइजर, साबुन, पानी, तापमान की जांच व्यवस्था के साथ सामाजिक दूरी आदि का ध्यान रखा जायेगा। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मतदान का समय इस उप निर्वाचन में गत निर्वाचनों की अपेक्षा एक घंटे बढ़ाया गया है। मतदान केन्द्रों पर अधिक भीड़ नहीं हो इसके लिये सहायक मतदान केन्द्रों की व्यवस्था की गई है। मतदान केन्द्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिये 6 फीट की दूरी पर गोले बनायें जायेंगे। मतदाताओं में कोविड-19 का भ्रम दूर करने के लिये मतदान केन्द्रों पर कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। मतदान केन्द्र का आवश्यक सैनिटाइजेशन कराया गया है। मतदान कर्मियों को पीपीई किट प्रदान की गई है। यदि तापमान दो बार मापने पर भी निर्धारित मापदंड के ऊपर आता है, तो निर्वाचक को कोविड-19 के निवारक उपायों का पालन करते हुए, मतदान के अंतिम घंटे में आकर मतदान करना होगा। कोविड संदिग्ध / क्वॉरेंटीन मतदाता मतदान केन्द्र के अन्दर एक बार में एक ही मतदाता प्रवेश करेंगे।
स्वीप गतिविधियों के अंतर्गत जागरूकता वाहन, दीवार लेखन, फ्लेक्स, होर्डिंग्स, पोस्टर के माध्यम से मतदाताओं को मतदान के लिये प्रेरित किया गया है। मतदान केन्द्रों पर सात तरह के पोस्टर्स द्वारा मतदान प्रक्रिया के संबंध में जानकारी उपलब्ध रहेगी। मतदान केन्द्रों पर पीने का पानी, मतदाताओं हेतु छायादार प्रतीक्षा स्थल, शौचालय, व्हील चेयर, रैम्प, दिव्यांग मतदाताओं के लिये सहायक आदि की व्यवस्थाएं भी उपलब्ध रहेंगी।
सुरखी विधानसभा उपचुनाव के लिए सामग्री का वितरण कार्य आज दोपहर किया गया
सागर से ही यशवंत चौधरी की रिपोर्ट
सागर l सुरखी विधानसभा क्षेत्र में होने जा रहे उपचुनाव के लिए सागर इंजीनियरिंग कॉलेज मैं सामग्री का वितरण कार्य आज दोपहर किया गया साथ ही सभी कर्मचारियों का चेक अप स्वास्थ्य संबंधी जांच आदि की गई सोशल डिस्टेंस के विषय में सभी को जानकारी दी गई एवं सामग्री में विशेष रुप से मास्क के sanitizer का भी वितरण किया गया । इस बार अन्य सामग्री की अपेक्षा कोरोनावायरस को देखते हुए विशेष सावधानी बढ़ती जाएगी l
सुरखी विधानसभा होने जा रहे मतदान के लिये शासन, प्रशासन की पूरी तैयारियां
सागर से यशवंत चौधरी की रिपोर्ट
सागर l सुरखी विधानसभा क्षेत्र के सभी 357 मतदान केंद्र पर सोशल डिस्टेंस को देखते हुए सभी मतदान केंद्रों को सैनिटाइजर कराया गया स 3 नवंबर को होने जा रहे मतदान के लिए शासन प्रशासन की पूरी तैयारी कर ली है।
भगवान बिरषा मुंडा जी की जयंती समारोह के लिये बैठक आयोजित
इटारसी । गत रविवार को होशंगाबाद जिले के आदिवासी समाज के समस्त सामाजिक जनप्रतिनिधियों ऊर्जावान कार्यकर्ताओ की एक विशेष बैठक आकाश कुशरामजी के निज निवास स्थान गोंडी मोहल्ला पुरानी रखी गई । बैठक मेें ।
कोविड 19 (कोरोना) महामारी को ध्यान में रखते हुए किस तरह से शासन - प्रशासन की गाइडलाइन के तहत ’15 नवम्बर को जननायक भगवान बिरषा मुंडा जी की जयंती समारोह कार्यक्रम को सफलतापूर्वक किया जाए और ब्लॉक और तहसील स्तर पर कैसे मनाया जाए । विलुप्त होती संस्कृति रीति रिवाज और महापुरुषों के इतिहास पर प्रकाश डाला गया एवं शिक्षा रोजगार के साथ समाज के युवा वर्ग व्यवसाय के रूप आगे बढ़े । बैठक में मातृशक्ति के साथ साथ जिसमे समस्त संगठनों के पदाधिकारी युवा साथी उपस्थित थे।
सिंधिया के समक्ष कई लोगों ने ली भाजपा की सदस्यता
ग्वालियर । जय विलास पैलेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया समक्ष लोगों ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की । इस मौके पर
केशव पांडे एवं मान सिंह राजपूत उपस्थिति थे । यह जानकारी चुनाव प्रबंधन प्रभारी, विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर. के राजेंद्र शुक्ला ने दी ।
निवाड़ी विधुत विभाग उपभोक्ताओं से बसूल रहा मनमाना बिल उपभोक्ता हो रहे परेशान
प्रवेश प्रजापति AD News 24 सागर संभाग हेड
निवाड़ी l निवाड़ी विद्युत विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही सामने निकल कर आ रही है जिसमें निवाड़ी नगर के विद्युत उपभोक्ताओं को थमाये जा रहे हैं गलत बिल विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा बताया गया है कि हमें पिछले कुछ माह से गलत बिल दिए जा रहे हैं जिसमें बिल की यूनिट कुछ और होती है बिल की राशि हजारों मे है ऐसे ही निवाड़ी के वार्ड न.1 मे निवासरत व्यक्ति ने अपना बिल बताया जिसने 173 यूनिट का लगभग 10,000 तक का बिल वसूला जा रहा है कई बार विद्युत विभाग से दरख्वास्त की है कि हमारी गलत विद्युत बिल की समस्या को ठीक करें पर विद्युत विभाग अपनी ही धुन में मस्त है और लगातार मनमाने तरीके से बिल भेज रहा है कुछ उपभोक्ताओं ने 181 सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है पर बिना किसी उचित निराकरण के ही शिकायत को बंद कर दिया जाता है और किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है l अब नगर के विद्युत उपभोक्ताओं ने साफ शब्दों में कह दिया है कि विद्युत विभाग इस प्रकार की मनमानी नहीं कर सकता है और उपभोक्ताओं को हो रही समस्या का जल्द से जल्द निराकरण करें साथ ही गलत बिलों को सही करें |
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने के लिये प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों का मज़बूत होना ज़रूरी
नयी दिल्ली 2 नवम्बर, 2020, : भारत में वायु प्रदूषण के विकराल होते परिणामों के बीच एक ताजा अध्ययन में खुलासा हुआ है कि इस पर नियंत्रण के लिये जिम्मेदार केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) तथा राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बजट और तकनीकी दक्षता के गम्भीर अभाव से जूझ रहे हैं। इन इकाइयों के मूल लक्ष्यों को हासिल करने के लिये अत्यधिक पेशेवर रवैया अपनाने के साथ-साथ हालात की वास्तविकता समझने और उसके समाधान निकालने के लिये तकनीक और प्रौद्योगिकी में दक्ष लोगों को जिम्मेदारी दिये जाने की जरूरत है।
दिल्ली स्थित सेंटर फॉर क्रॉनिक डिसीस कंट्रोल (सीसीडीसी) ने आज एक नयी रिपोर्ट जारी की। ‘स्ट्रेंदेनिंग पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड्स टू अचीव द नेशनल एम्बिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स इन इंडिया’ (भारत में राष्ट्रीय वातावरणीय वायु गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरने के लिये प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को मजबूत करना) विषय वाली इस रिपोर्ट में पूरे देश में नेशनल एम्बिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (एनएएक्यूएस) के लक्ष्यों को हासिल करने में आ रही संस्थागत और सूचनागत बाधाओं को समझने की कोशिश की गई है। साथ ही उन्हें दूर करने के उपाय भी सुझाए गए हैं। अध्ययन के मुताबिक राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पिछले दो दशक के दौरान भले ही अपने दायरे को विस्तृत कर लिया हो और अपने काम को बढ़ा लिया है लेकिन उनके पास इतना बजट और कर्मचारी नहीं है कि वे इसे ठीक से संभाल पाएं।
इस अध्ययन के लिए प्राथमिक अनुसंधान का काम देश के आठ चुनिंदा शहरों में किया गया। इनमें लखनऊ, पटना, रांची, रायपुर, भुवनेश्वर, विजयवाड़ा, गोवा और मुंबई शामिल हैं। इस दौरान केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और संबंधित राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधियों तथा सदस्यों से गहन बातचीत की गई। इसके अलावा एक व्यापक परिप्रेक्ष्य हासिल करने के लिए अधिकारियों, शिक्षा जगत से जुड़े लोगों, पर्यावरण विदों तथा सिविल सोसायटी के सदस्यों से भी इस सिलसिले में व्यापक चर्चा की गई।
एनवायरमेंटल हेल्थ की प्रमुख और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सेंटर फॉर एनवायरमेंटल हेल्थ की उपनिदेशक डॉक्टर पूर्णिमा प्रभाकरण ने कहा ‘‘वायु प्रदूषण के अत्यधिक संपर्क में रहना भारत में सेहत के लिए जोखिम पैदा करने वाला सबसे बड़ा कारण है। सिर्फ पार्टिकुलेट मैटर (पीएम2.5) और ओजोन के संपर्क में आने से ही हर साल 12 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। भारत ने हवा की गुणवत्ता के स्वीकार्य न्यूनतम मानकों को हासिल करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुझाए गए अंतरिम लक्ष्यों के अनुरूप खुद अपने राष्ट्रीय वातावरणीय वायु गुणवत्ता मानक (एनएनएक्यूएस) तैयार किए हैं। भारत में वायु गुणवत्ता संबंधी मानक वैश्विक मानकों के मुकाबले कम कड़े हैं, मगर इसके बावजूद हिंदुस्तान के ज्यादातर राज्य इन मानकों पर भी खरे नहीं उतर पाते। ऐसे में वायु गुणवत्ता में सुधार की योजनाओं को जमीन पर उतारने में व्याप्त खामियों को समझना बेहद महत्वपूर्ण है।
अध्ययन में अनेक प्रमुख ढांचागत तथा संस्थागत बाधाओं का खुलासा हुआ है, जिनकी वजह से पहले से ही स्थापित नियमों पर प्रभावी अमल नहीं हो पा रहा है और ना ही हवा की गुणवत्ता के मानकों को व्यापक रूप से हासिल किया जा पा रहा है। इनमें से मुख्य बाधाएं इस प्रकार हैं-
संस्थागत क्षमता- राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दायरे और कार्य में पिछले दो दशकों के दौरान विस्तार देखा गया है लेकिन उनके पास इसे संभालने के लिए न तो बजट है और ना ही पर्याप्त कर्मचारी।
नेतृत्व से जुड़ी चुनौतियां- प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में नेतृत्व का जिम्मा लोक सेवकों पर होता है, जिनके पास इन बोर्डों में अपने काम को बेहतर ढंग से अंजाम देने के लिए जरूरी विशेषज्ञता की अक्सर कमी होती है और उन्हें आमतौर पर प्रशासनिक पदों पर देखा जाता है।
प्रेरणा और जवाबदेही- राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी अक्सर अपनी भूमिका और जिम्मेदारी को लेकर तंग नजरिया रखते हैं। इसलिये उनसे जिस भूमिका की उम्मीद की जाती है, वह नहीं निभाई जा पाती। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनेक अधिकारी संबंधित मौजूदा कानूनों के तहत खुद को मिली जिम्मेदारियों के बारे में पूरी तरह से नहीं जानते।
बहुक्षेत्रीयता और नौकरशाही- केंद्र तथा राज्य स्तरीय विभिन्न सरकारी विभागों के बीच तालमेल की कमी के कारण विभिन्न प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनेक ऐसे निर्देश लागू ही नहीं हो पाते जिन्हें अमलीजामा पहनाने का जिम्मा संबंधित विभागों पर होता है। कुछ राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का भी यही कहना है कि नौकरशाही संबंधी रुकावटें मौजूद हैं। नौकरशाही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में मानव स्वास्थ्य की रक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बजाय सिर्फ फाइलें निपटाने को ही अपना काम मानती है।
चुनौतियों की निगरानी करना- हालांकि पिछले एक दशक के दौरान हवा की गुणवत्ता की निगरानी करने का काम तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में शामिल रहा है, मगर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास इतने कर्मचारी और इतनी विशेषज्ञता नहीं है कि वह अपने काम को अपेक्षित मुस्तैदी और गुणवत्ता से कर सकें। साथ ही साथ कार्रवाई करने के आधार के तौर पर देखे जाने के बजाए निगरानी को ही अंतिम कार्य मान लिया जाता है
सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को समझना- देश में बने पर्यावरण संबंधी प्रमुख कानूनों का उद्देश्य मानव स्वास्थ्य की रक्षा करना है लेकिन राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में वायु प्रदूषण संबंधी तथ्यों की गलत समझ या गलत सूचनाएं महामारी विज्ञान पर हावी हो जाती हैं। अगर प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को अपने उद्देश्यों में सफल होना है तो इन गलतफहमियों को दूर करना बहुत जरूरी है।
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) की इस रिपोर्ट के लेखकों में शामिल भार्गव कृष्णा ने कहा ‘‘हाल के अध्यादेश समेत विधिक ढांचे को मजबूत करने वाले कदम स्वागत योग्य तो हैं मगर उन्हें लागू करने वाली नियामक इकाइयों को जब तक तकनीकी और वित्तीय संसाधनों के जरिए मजबूत नहीं किया जाएगा, तब तक यह सारे प्रयास बेकार साबित होंगे। इंसान की सेहत की सुरक्षा का ही सवाल था कि हमें यह कानून बनाने पड़ी। इनके लक्ष्यों को हासिल करने के लिए स्वास्थ्य को नीति निर्धारण के केंद्र में रखना होगा।’’
एनएएक्यूएस को हासिल करने में उत्पन्न प्रमुख ढांचागत बाधाओं को दूर करने के लिए इस रिपोर्ट में निम्नलिखित सिफारिशें की गई हैं :
- सभी सरकारें मानव संसाधन तथा नेतृत्व संबंधी महत्वपूर्ण जरूरतों को तेजी से पूरा करें (जैसे कि प्रशिक्षण कार्यक्रम और कर्मचारियों के वेतन मानकों का पुनरीक्षण)।
- राज्य-केंद्र और अंतर विभागीय संवाद को मजबूत किया जाए।
- अनुपालन और जवाबदेही के लिए आंकड़ों को प्रभावशाली ढंग से इस्तेमाल करने के उद्देश्य से निगरानी की क्षमता का विस्तार किया जाए।
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में निवेश के लिए उल्लेखनीय वित्तीय संसाधन जुटाए जाएं।
- स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े हितधारकों को शामिल किया जाए।
- स्थानीय प्रमाण आधार को मजबूत किया जाए।\
सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल से जुड़ी विदुषी बहुगुणा ने कहा ‘‘अगर वायु प्रदूषण से जुड़े मौजूदा कानूनी और नियामक कार्ययोजना को हवा की गुणवत्ता में सुधार और मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करना है तो यह
सीसीडीसी के बारे में-
सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल (सीसीडीसी) दिल्ली स्थित एक स्वयंसेवी संगठन है। इसकी स्थापना दिसंबर 2000 में की गई थी। सीसीडीसी का प्रमुख उद्देश्य निम्नांकित कार्यों के जरिए विकासशील देशों में विभिन्न परिस्थितियों के बीच जीवन बीमारियों की बढ़ती चुनौतियों से निपटना है ।
Dr.Seema Javed
Independent Journalist &
Consultant GSCC
( Global Strategic Communication Council)
पलेरा तहसील मे मनाया गया मध्य प्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम
अजय कुमार ब्यूरो चीफ AD news 24
टीकमगढ़ l पलेरा तहसील मे 1 नवंबर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया गया जहा अनुविभागीय अधिकारी सौरभ सोनबडे द्वारा भीम राव अम्बेडकर,महात्मा गाँधी,सुभाष चन्द्र,आदी के चित्रो पर तिलक लगाकर,एवं माल्या अर्पण कर मध्यप्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम मनाया गया। इस मौके पर एसडी एम जतारा सौरभ सोनबड़े,पलेरा तहसीलदार कमलेश कुशवाहा एवं पटवारी,तथा समस्त तहसील स्टाफ के कर्मचारी उपस्थित रहे l
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