सोमवार, 18 अगस्त 2025

नेहरू के राधाकृष्णन और मोदी के राधाकृष्णन

 


भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को पानी पी पीकर भले ही कोसते हों लेकिन संकट की हर घडी में नेहरू ही भाजपा और मोदी की मदद करते हैं. मोदी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नेहरू की कल करते हुए न सिर्फ तमिलनाडु से प्रत्याशी को चुना बल्कि  उसी उप नाम का व्यक्ति चुना जिसका उपनाम राधाकृष्णन है.मोदी जी के राधाकृष्णन में और नेहरू जी के राधाकृष्णन में जमीन -आसमान का अंतर है.

मोदी जी के राधाकृष्णन चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन 68 साल के हैं और महज बीबीए कर पाए. हालांकि उन्होने अपने उद्यम से कोई 70 करोड की पूंजी जमा कर रखी है. मोदीजी के राधाकृष्णन 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और कोयंबतूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए थे।मोदीजी के राधाकृष्णन तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी हैं और उन्हें पार्टी ने केरल भाजपा प्रभारी नियुक्त किया गया था।वह 2016 से 2019 तक अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष थे, जो लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय (एमएसएमई) के अधीन है।


मोदी जी के राधाकृष्णन लोकसभा के दो बार सदस्य रहे ।1998 के कोयंबतूर बम धमाकों के बाद 1998 और 1999 के आम चुनावों में उन्होंने भाजपा के टिकट पर जीत हासिल की.राधाकृष्णन 1998 में 150,000 से अधिक मतों के अंतर से और 1999 के चुनावों में 55,000 के अंतर से जीते।

मोदीजी के राधाकृष्णन ने तमिलनाडु में भाजपा के लिए जमीन तैयार करने में खूब श्रम किया, लेकिन उन्ही की वजह से भाजपा का डीएमके से गठबंधन भी टूटा.

मोदीजी के राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता पर हमला करने वाले दोषियों के खिलाफ निष्क्रियता का विरोध करने के लिए मेट्टुपालयम में गिरफ्तारी दी।वे दक्षिण और तमिलनाडु से भाजपा के सबसे वरिष्ठ और सम्मानित नेताओं में से हैं और 16 साल की उम्र से 1973 से 48 साल तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ से सीधे संगठन से जुड़े रहे हैं। 

भाजपा ने सीपी राधाकृष्णन को चुनते समय भी लाभ- हानि का गणित लगाया.सीपी राधाकृष्णन हर मामले में फिट बैठते हैं. वे तमिलनाडु के नेता हैं. भाजपा और आरएसएस की विचारधारा से जुड़े हुए हैं.राज्य के शहरी और उच्च जातीय वर्ग में उनकी स्वीकार्यता है.उपराष्ट्रपति जैसे बड़े पद पर बैठाने से भाजपा तमिल समाज को संदेश देना चाहती है कि दिल्ली की सत्ता में उनका भी हिस्सा है.

भाजपा यहां से एक नेशनल कनेक्ट बनाकर दिखाना चाहती है कि दक्षिण का नेता भी पश्चिमी भारत में शासन संभाल सकता है और अब दिल्ली में नंबर दो पद पर आसीन है.आपको बता दें कि तमिलनाडु की राजनीति में जाति का वजन बहुत अहम है.तमिल राजनीति पर ओबीसी और द्रविड़ जातियां  हावी हैं लेकिन ब्राह्मण समाज की हिस्सेदारी कम है,  भाजपा को लगता है कि  ब्राम्हण ही उसका प्राकृतिक  कैडर बेस है, क्योंकि द्रविड़ दलों की एंटी-ब्राह्मण राजनीति ने इस वर्ग को हाशिए पर धकेला. भाजपा को उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसा उदभट विद्वान नहीं चाहिए उसे तो वोटों की फिक्र है राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति बनाने से भाजपा ब्राह्मण वोटरों के साथ-साथ उस शहरी, पढ़े-लिखे मध्यम वर्ग तक पहुंच बनाना चाहती है, जो अभी भी डीएमके या एआईएडीएमके की राजनीति से दूरी रखता है.

पूर्व में भी तमिलनाडु के नेताओं को केंद्र की राजनीति में अहम पद मिले हैं. डाक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन पहले उपराष्ट्रपति फिर राष्ट्रपति बने.आर. वेंकटरमण राष्ट्रपति भवन तक पहुंचे. कई नेता मंत्री और स्पीकर रहे.

अब आइए आपको पंडित जवाहरलाल नेहरू के राधाकृष्णन से मिलवाते हैं. नेहरू के राधाकृष्णन 64 वर्ष की उम्र में उपराष्ट्रपति बने थे.डॉ॰ राधाकृष्णन का जन्म तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेन्सी के चित्तूर जिले के तिरूत्तनी ग्राम के एक तेलुगुभाषी ब्राह्मण परिवार में 5 सितम्बर 1888 को हुआ था।

 नेहरू के राधाकृष्णन शुद्ध शिक्षाविद और दार्शनिक थे. वे परास्नातक होने के साथ ही पीएचडी उपाधिधारक भी थे. वे 21वर्ष की उम्र में सहायक व्याख्याता बन गये थे.

नेहरू के राधाकृष्णन आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी व्याख्याता रहे. वे कलकत्ता, आंध्र, काशी और दिल्ली विश्वविद्यालयों के चांसलर रहे. संविधान सभा के सदस्य रहे. सोवियत संघ में भारत के राजदूत रहे. 1954 में उन्हे भारतरत्न से अलंकृत किया गया. नेहरू के राधाकृष्णन का जन्मदिन देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.नेहरू के राधाकृष्णन चुनावी राजनीति से सदैव दूर रहे. वे न चुनाव लडे और न किसी दल का चुनाव प्रचार करने गये. वे उच्चकोटि के लेखक भी थे. नेहरू के राधाकृष्णन नेहरू के सामने भी तनकर चल सकते थे लेकिन मोदी के राधाकृष्णन की ये हैसियत नही कि वे मोदी जी के हाथ में हाथ डालकर एक कदम भी चल सकें.

अब भाजपा अपने राधाकृष्णन सीपी को नेहरू के राधाकृष्णन सर्वपल्ली जितना न पढा सकती है और न उदभट विद्वान बना सकती है. तमिलनाडु के ब्राह्मण भी शायद ही मोदीजी के राधाकृष्णन के प्रति उतने श्रद्धानवत हों जितने कि नेहरू के राधाकृष्णन के प्रति हैं. मोदी के राधाकृष्णन तो पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड का भी किसी भी पैमाने पर मुकाबला नहीं कर सकते. बहरहाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने साबित कर दिया कि उसके पास बौद्धिक संपदा नगण्य है. उसे हर हाल में, हर पद पर केवल और केवल शाखामृग चाहिए. जिस गद्दी पर डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन बैठे उसी पर एक कारैबारी राधाकृष्णन को बैठे देखना भारत की विवशता है.

@राकेश अचल

18 अगस्त 2025,सोमवार का पंचांग

*🌞सूर्योदय :-* 05:53 बजे  

*🟠सूर्यास्त :-* 18:56 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल 

*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु  

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष *दशमी तिथि* 17:22 बजे  तक फिर एकादशी  तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* मृगशिरा नक्षत्र 26:05 बजे तक फिर आद्रा नक्षत्र

    *योग* :- आज *हर्षण* है।

*करण*  :-आज *वणिज* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,गंडमूल नहीं  है। भद्रा 06:22 बजे से 17:22 बजे तक।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज                    पूर्व दिशा में है।

*🌚राहूकाल* :आज  07:31 बजे से 09:09

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11: 59बजे से 12:52 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा* : - कोई नहीं 

*मुहूर्त* : - ,दुकान/ऑफिस ,व्यापार नामकरण , वाहन है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कर्क, चन्द्र - वृष, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

अब घर बैठे ही परामर्श प्राप्त करें: ज्योतिष,वास्तु , अंक ज्योतिष एवं जन्म कुंडली द्वारा शिक्षा, सर्विस,रोजगार,व्यापार, विवाह,मंगल,कालसर्प और  पितृ दोष शनि साढ़ेसाती मुहूर्त आदि जानकारी परामर्श समाधान

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 

(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )

विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।

मो .9425187186, 9302614644

रविवार, 17 अगस्त 2025

रेंजर जतारा की अनूठी पहल: रेंज स्टॉफ और ग्रामीणों के साथ शुरू किया सामूहिक भोजन कार्यक्रम

सुरक्षा में सहयोग और वन वर्धनिक कार्यों में ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाने के लिए जगह जगह चलाई जाएगी सामूहिक भोजन की मुहिम

सामूहिक भोजन से स्टॉफ की आपस में एवं ग्रामीणों के साथ हेरारकी और असमानता होगी कम

अजय अहिरवार aapkedwarnews 

जतारा–विदित हो कि जतारा रेंजर टीकमगढ़ जिले में कोई न कोई वन सुरक्षा और कर्मचारियों के संबंध में उल्लेखनीय कार्यवाही और नवाचार करते रहते हैं, चाहे वो ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाना हो या फिर कर्मचारियों के लिए आवास, स्वास्थ, और अन्य सुविधाओं के साथ वन अपराधों के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाहियां हो, हर पल जतारा रेंज से इस प्रकार की खबरें प्राप्त होती रहती हैं।

इसी के तारतम्य में विगत 15 अगस्त को जतारा रेंज के स्टॉफ की सामूहिक सहमति उपरांत जतारा रेंज अंतर्गत जितने भी कैंपस (जतारा, लिधौरा, पलेरा, लार एवं पिपरट) हैं उन सभी कैंपस में प्रत्येक रविवार को वन समिति सदस्यों, ग्रामीणों, और संपूर्ण वन अमले के साथ सामूहिक भोजन करने का नवाचार प्रारंभ किया गया, ताकि वन समिति सदस्यों, ग्रामीणों और स्टॉफ के मध्य व्याप्त हेरारकी और असमानता को दूर कर उन सभी का सहयोग वन सुरक्षा में लेकर वानिकी कार्यों में सभी की सहभागिता सुनिश्चित कराते हुए शासन की योजनाओं को गांव गांव तक पहुंचाया जा सके,जिसकी शुरुआत लार कैंपस से की गई, जिसमे लार गांव के वन समिति सदस्यों, और स्थानीय ग्रामीणों के साथ सम्पूर्ण वन अमले के द्वारा स्वयं के हाथों से स्वादिष्ट भोजन तैयार कर एक दूसरे को परोसते हुए सामूहिक भोजन किया गया जिसके दौरान जतारा रेंजर शिशुपाल अहिरवार द्वारा वन सुरक्षा के साथ साथ ग्रामीणों को वनों से प्राप्त होने वाली वनोपज और उससे आजीविका प्राप्ति और वन सुरक्षा में सहयोग लेने के संबंध में चर्चा करते हुए उपस्थित कर्मचारियों की समस्याओं एवं जिज्ञासाओं पर चर्चा की गई और सभी ने एक साथ बिना अधिकारी कर्मचारी के भेदभाव के साथ सौहार्द तरीके से स्वादिष्ट भोजन का प्रकृति की गोद में आनंद लिया गया।

कब रुकेगा केंद्र और सर्वोच्च न्यायालय का टकराव


देश के सर्वोच्च न्यायालय और केंद्र के बीच का टकराव भी अब सनातन हो चला है. ये टकराव कांग्रेस की सरकारों के समय भी था और आज भाजपा की लंगडी सरकार के समय में भी है, बल्कि आज ये टकराव कुछ ज्यादा ही तेज हो गया है.राष्ट्रपति और राज्यपालों द्वारा विधानसभा से पारित विधेयकों पर मंजूरी या रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र की तीखी प्रतिक्रिया से इसटकराव की आवाजें साफ सुनी जा सकती हैं.
आपको बता दें कि केंद्र ने कहा कि शीर्ष अदालत का यह फैसला संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों के दायरे में अनुचित दखल है, जो विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच शक्ति संतुलन को अस्थिर कर सकता है। केंद्र ने अपनी लिखित दलीलों में कहा, “विस्तृत न्यायिक पुनरीक्षण की प्रक्रिया संवैधानिक संतुलन को अस्थिर कर देगी और तीनों अंगों के बीच संस्थागत पदानुक्रम पैदा कर देगी। न्यायपालिका हर संवैधानिक पेचीदगी का समाधान नहीं दे सकती।”
8 अप्रैल को जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने राष्ट्रपति और राज्यपालों के लिए विधेयकों पर निर्णय की समयसीमा तय की थी तथा तमिलनाडु के 10 विधेयकों को ‘डिम्ड असेंट’ घोषित कर दिया था। केंद्र ने कहा कि अनुच्छेद 142 अदालत को ऐसा करने की अनुमति नहीं देता और यह संवैधानिक प्रक्रिया को उलटने जैसा है।
केंद्र ने कहा,  है कि “राष्ट्रपति और राज्यपालों के निर्णयों पर न्यायिक शक्तियों का उपयोग करना न्यायपालिका को सर्वोच्च बना देगा, जबकि संविधान की मूल संरचना में ऐसा नहीं है। तीनों अंग (विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका) एक ही संवैधानिक स्रोत से शक्ति प्राप्त करते हैं और किसी को भी दूसरों पर श्रेष्ठता प्राप्त नहीं है।”केंद्र का मानना है कि विधेयकों से जुड़े सवालों के समाधान राजनीतिक प्रक्रिया और लोकतांत्रिक उपायों से होने चाहिए, न कि न्यायिक आदेशों से। उसने कहा कि संविधान ने जहां आवश्यक समझा, वहां समयसीमा का उल्लेख किया है, पर अनुच्छेद 200 और 201 में कोई समयसीमा नहीं दी गई है। ऐसे में न्यायालय द्वारा तय की गई समयसीमा असंवैधानिक है।
मजे की बात ये है कि जिस सबसे बडी अदालत को पूरा देश सर्वोच्च मानता है उसके फैसले ही अब केंद्र को आपत्तिजनक लगने लगे हैं.केंद्र ने  कहा कि राज्यपाल न तो राज्यों में बाहरी व्यक्ति हैं और न ही केवल केंद्र के दूत। वे राष्ट्रीय हित और लोकतांत्रिक भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं।
केंद्र की ये तकरार कम, ज्यादा होती आई है. श्रीमती इंदिरा गांधी हों या राजीव गांधी सभी ने सर्वोच्च न्यायालय की सर्वोच्चता को न सिर्फ चुनौती दी बल्कि धता भी बताया. मौजूदा मोदी सरकार इंदिरा गांधी और राजीव गांधी से भी चार कदम आगे बढ गए हैं. मोदीजी की सरकार चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट भी उसके इशारों पर वैसे ही काम करे जैसे ईडी, सीबीआई और सीईसी कर रहे हैं. राम मंदिर मस्जिद विवाद में  तबके सुप्रीम न्यायाधीशों ने ये किया भी. बदले में राज्यसभा की सीट भी हासिल की.
आपको पता है कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड कानून पर अपना फैसला अभी नही सुनाया है. इस बीच बिहार के बहुचर्चित वोट चोरी कांड यानि एस आई आर की बखिया भी उधेड दी है, इससे भी मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट को लेकर न सिर्फ असहज है वरन आक्रामक भी है. केंद्र ने इससे पहले तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड और राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के जरिए भी सुप्रीमकोर्ट को हडकाने का दुस्साहस किया था, किंतु सुप्रीमकोर्ट दबाब में नहीं आया. वर्तमान मुख्यन्यायाधीश जस्टिस बिआर गवई न पूर्व के सीजेआई की तरह मोदीजी को अपने घर किसी पूजा में बुला रहे हैं और न ही उन्होने अपनी सेवानिवृति के बाद कोई सरकारी, असरकारी पद की अपेक्षा की है. देखना होगा क अब सुप्रीमकोर्ट और केंद्र के बीच का टकराव कौन सी करवट लेता है?
@ राकेश अचल

17 अगस्त 2025, रविवार का पंचांग

 आप का दिन मंगलमय हो 🙏🏻

🌞सूर्योदय :-* 05:52 बजे  

*🟠सूर्यास्त :-* 18:57 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल 

*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु  

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष *नवमी तिथि* 19:34 बजे  तक फिर दशमी  तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* रोहिणी नक्षत्र 27:17 बजे तक फिर मृगशिरा नक्षत्र

    *योग* :- आज *व्याघात* है।

*करण*  :-आज *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं  है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  पश्चिम दिशा में है।

*🌚राहूकाल* :आज  17:19 बजे से 18:57

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11: 59बजे से 12:52 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा* : - गोगामेडी, नन्द महोत्सव

*मुहूर्त* : - सगाई ,दुकान/ऑफिस ,व्यापार है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कर्क, चन्द्र - वृष, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

अब घर बैठे ही परामर्श प्राप्त करें: ज्योतिष,वास्तु , अंक ज्योतिष एवं जन्म कुंडली द्वारा शिक्षा, सर्विस,रोजगार,व्यापार, विवाह,मंगल,कालसर्प और  पितृ दोष शनि साढ़ेसाती मुहूर्त आदि जानकारी परामर्श समाधान

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 

(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )

विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।

मो .9425187186, 9302614644

राजनीति मे अजातशत्रु थे अटल‌जी : पिरोनिया

 बाजपेई ब कुशाभाऊ ठाकरे को याद किया

 उन्नाव । भाजपा विधानसभा क्षेत्र के उन्नाव मंडल में आज भारत अटल बिहारी वाजपेई एवं पुण्यतिथि एवं कुसाभाऊ ठाकरे की जयंती बूथ स्तर पर मनाई गई ।  मंडल के ग्राम सेरसा मैं पित्तृ पुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण करने के बाद कार्यकर्ताओं को स्मरण कराते हुए पूर्व विधायक घनश्याम पिरोनिया ने कहा कि भारत रत्न  अटल बिहारी वाजपेई राजनीति में अजातशत्रु थे । जिन्होंने कभी भी हिंदुस्तान के हितों से समझौता नहीं किया, राजस्थान के पोखरण में परमाणु विस्फोट, करके दुनिया को भारत की शक्ति से परिचित कराया । अटल बिहारी वाजपेई की सरकार को षडयंत्र पूर्वक एक वोट से कांग्रेस के लोगों ने लोकतंत्र का गला घोटकर सरकार गिराई थी । कार्यक्रम को मंडल अध्यक्ष दिनेश घरावा ने संबोधित करते हुए कहा कि अभी-अभी देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है जिस स्वप्न को कभी हमारे पित्त पुरुष अटल व ठाकरे जी ने  देखा था वह सने सने साकार होता जा रहा है । मोदी जी की जनहितैषी योजनाएं हमारे पित्तृ पुरुषों के उस समय लिए गए संकल्प की याद दिलाती है । अटल जी ने रजत शर्मा के शो में कहा था कि आज हम पर हंसने वाले लोग ध्यान रखें कल पूरा देश उन पर हंसेगा । कार्यक्रम को पूर्व मंडल अध्यक्ष कुशलपाल गुर्जर, रामजी पटेल ने भी संबोधित किया । इस अवसर पर यतेंद्र गुर्जर सो ग्राम यादव सुनील पांचाल अंशुल पांचाल राम दुलारे दुबे शंकर झा लालाराम पाल जितेंद्र पाल हेमंत यादव राजेश पाल कोमल पाल दीपक राय विजय दुबे आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।

शनिवार, 16 अगस्त 2025

वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक राकेश अचल की गज़ल


16 अगस्त 2025,शनिवार का पंचांग

सूर्योदय :-* 05:52 बजे  

*🟠सूर्यास्त :-* 18:58 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य दक्षिणायन, उत्तरगोल 

*⛱️ऋतु* : वर्षा ऋतु  

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष *अष्टमी तिथि* 21:34 बजे रात तक फिर नवमी  तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* कृतिका नक्षत्र 28:38 बजे तक फिर रोहिणी नक्षत्र

    *योग* :- आज *ध्रुव* है।

*करण*  :-आज *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक,भद्रा, गंडमूल नहीं  है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  पूर्व  दिशा में है।

*🌚राहूकाल* :आज  09:09 बजे से 10:47

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11: 59बजे से 12:52 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा* : - श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत

*मुहूर्त* : - सगाई है अन्य नहीं हैं।

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-कर्क, चन्द्र - मेष, मंगल-कन्या, बुध-कर्क, गुरु-मिथुन, शुक्र-मिथुन, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

अब घर बैठे ही परामर्श प्राप्त करें: ज्योतिष,वास्तु , अंक ज्योतिष एवं जन्म कुंडली द्वारा शिक्षा, सर्विस,रोजगार,व्यापार, विवाह,मंगल,कालसर्प और  पितृ दोष शनि साढ़ेसाती मुहूर्त आदि जानकारी परामर्श समाधान

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन 

(राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त )

विगत 26 वर्षों से लगातार ज्योतिष के क्षेत्र में कार्य रात- अनेक जटिल मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई।

मो .9425187186, 9302614644

शुक्रवार, 15 अगस्त 2025

नशा मुक्ति अभियान के संदेश के साथ मनाया स्वतंत्रता* दिवस

 ग्वालियर ।शासकीय हाई स्कूल आरोन परिसर में 79 वा स्वतंत्रता दिवस नशा मुक्ति संदेश के साथ एवं एक पेड़ मां के नाम तथा आगे बढ़ना है तो पढ़ना है के संदेश के साथ मनाया गया ध्वजारोहण ग्राम प्रधान श्रीमती सगुना परिहार एवं प्रभारी प्राचार्य  हाकिम सिंह चौकोटिया द्वारा किया गया।

  प्राचार्य द्वारा अपने संबोधन में बताया गया कि  भले ही हम आजाद हो गए हैं लेकिन अभी भी हमें पूर्ण रूप से स्वतंत्रता नहीं मिली यह स्वतंत्रता हमें केवल शिक्षा ही दिला सकती है शिक्षा के बगैर इंसान पशु के समान एवं गुलाम ही बना रहेगा शिक्षा विना व्यक्ति पल-पल पर दूसरों का मोहताज बना रहता है और हमेशा दूसरों के सामने गिड़गिड़ाता रहता है शिक्षा वह शेरनी का दूध है जो पियेगा वह धहाड़ेगा यह संदेश डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का एक वरदान साबित हुआ है। आज ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियों को पढ़ने में पालक लोग असहजता महसूस करते हैं अभी भी बेटियों के साथ लिंग भेद किया जाता है लड़कों की पढ़ाई पर अधिक जोर दिया जाता है जबकि बेटियों पढ़ लिखकर उच्च पदों पर पहुंचकर देश का नाम रोशन कर रही है।

 बेटियों के लिए शासन ने बहुत सारी सुविधाएं निशुल्क कर दी हैं बेटियों के लिए निशुल्क साइकिल,स्कूटी निशुल्क लैपटॉप एवं कन्या प्रोत्साहन छात्रवृत्ति जिससे वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सके तथा पढ़ लिखकर अपने माता-पिता का अपने गांव का अपने शहर का अपने देश का नाम रोशन कर दो कुलों का हित कर सके अपना भविष्य बनाकर अपना जीवन सुखमय में व्यतीत कर सकती हैं हमारे समाज में बहुत बड़ी बुराई वह है नशा  , शराब गांजा जिससे मनुष्य ग्रसित होकर अपने परिवार का अपने बच्चों का भविष्य चौपट कर रहा है नशा के लिए व्यक्ति अपने घर परिवार जमीन जायदाद अपनी इज्जत तक को बेच देता है।  

नशा करने वाले घर के मुखिया का उसके बच्चे उसकी पत्नी इंतजार करते हैं कि पापा आएंगे हमारे लिए कुछ किताबें पेन पेंसिल एवं खाने को कुछ लायेंगे परंतु नशे में चूर व्यक्ति जब घर आता है तो अपने साथ लाता है बच्चों की मायूसी पत्नी की बेबसी और  जिल्लत भरी जिंदगी हमें नशा  जैसी बुराई से बचना है और शिक्षा को अपनाना है तब हम वास्तविक रूप से स्वतंत्र हो पाएंगे। इस विद्यालय में हर विषय की विशेषज्ञ उपस्थित हैं अगर बच्चा नियमित विद्यालय आए और पालक बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजें तो उन्हें ट्यूशन पढ़ने की भी आवश्यकता नहीं होगी किसी विद्यालय से पढ़कर गए कई बच्चे आज डॉक्टर इंजीनियर बन चुके हैं हमारा उद्देश्य है की इस विद्यालय से बच्चे सेवार्थ ही  बाहर निकले और अपना भविष्य बनाएं । मंच का संचालन राखी गुप्ता मेम द्वारा तथा  आभार प्रदर्शन रजनी कुशवाह . दीप्ति मुद्गल द्वारा किया गया।

16 अगस्त शनिवार को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी

श्री कृष्ण जी का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को राजा कंश की जेल में वासुदेव जी की पत्नी देवकी जी के गर्भ से सोलह कलाओं से युक्त श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ था।

इस दिन देश के सभी कृष्ण मंदिरों का श्रृंगार किया जाता है।श्री कृष्ण जी का भी श्रृंगार कर झलकियां सजाई जाती हैं।

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त शनिवार को उदया तिथि में  मनाई जाएगी। सप्तमी युक्त अष्टमी को छोड़कर नवमी युक्त अष्टमी को मनाना श्रेयस्कर होता श्री कृष्ण जी का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था इस वार रोहिणी नक्षत्र अष्टमी के दिन न रहकर नवमी के दिन रहेगा इसलिए नवमी युक्त अष्टमी ग्रहण करना चाहिए।

अष्टमी तिथि का आरंभ 15 अगस्त रात्रि 11:49 से है अष्टमी तिथि का समापन 16 अगस्त शनिवार को रात्रि 09:34 बजे होगा।

पूजन का समय 16 अगस्त रात्रि 12:05 बजे से  रात्रि 12:47 बजे तक रहेगा।

इस समय शंख एवं घंटों की आवाज से श्री कृष्ण का जन्म की खबर चारों दिशाओं में गूंजने लगेगी।

पूजन कर आरती के बाद प्रसाद वितरण के साथ श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत खोला जाएगा।

सीना तान कर कहो-"हम सब चोर हैं "

 

 देश में वोट चोरी को लेकर बवाल मचा है. मामला देश की सबसे बडी अदालत तक जा पहुंचा.बडी अदालत ने बडप्पन दिखाया और चोरी जैसे घटिया अपराध के लिए अपना कीमती वक्त जाया किया, वोट चोरी रोकने के लिए कुछ निर्देश दिए, वो भी वोट चोरी के आरोपी केंचुआ को.

केंचुआ अर्थात केंद्रीय चुनाव आयोग. सुविधा के लिए हम सब इसे केंचुआ कहते हैं ठीक वैसे ही जैसे इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट को ईडी कहते हैं. वैसे नाम बिगाडने में हम भारतीयों का कोई मुकाबला नहीं. हम देवी प्रसाद त्रिपाठी को डीपीटी तो जुल्फकार अली भुट्टो को जुल्फी कहने से नहीं चूके तो केंचुआ किस खेत की मूली है.

बात चोरी की चल रही है. जिसके आसपास जो होता है वो उसे ही चुराता है. केंचुआ के आसपस चूंकि वोटर लिस्ट होती है सो उसने वोट चुराना शुरु कर दिया. केंचुआ ने चोरी भी की और सीनाजोरी भी लेकिन अपने लिए नहीं. जो किया परहित में किया, क्योंकि केंचुआ ने कहीं पढ- सुन लिया था कि -'परहित सरस धरम नहिं भाई '. बेचारा केंचुआ सत्तारुढ दल के लिए वोट चोरी करते हुए रंगे हाथ पकडा गया.

बहरहाल मै चोरी पर लौटते हैं. चोरी हमारा सनातन पेशा है. राष्ट्रधर्म है. त्रेता में रावण ने सीता को चोरी किया, द्वापर में भगवान कृष्ण निगरानीशुदा माखन चोर बने. उन्हें किसी ने चितचोर भी कहा, लेकिन उन्होने कभी बुरा नहीं माना. उस जमाने में सुप्रीमकोर्ट जैसा कुछ था नहीं सो अपील ज्यादा से ज्यादा मां-बाप तक हो पाती थी. हमारे कान्हा पर तो नींद चुराने, चैन चुराने और बंशी पर डाका डालने तक के इल्जाम लगे.

हमारे यहाँ कलियुग में नारे, घोषणापत्र अक्सर चोरी हो जाते हैं. साहित्य में चोरी जग जाहिर है. आइडिया चोरी भी आम बात है. चोरी रोकने के लिए पुलिस बनी, कानून बने अदालतें बनीं किंतु चोरी पूर्ववत, यथावत धडल्ले से जारी है. जारी हो भी तो क्यों न हो भला? चोरी तो हमारा राष्ट्रीय चरित्र है, पहचान है. इसी लिए हम गर्व से करते हैं कि-' हम सब चोर हैं. चोरों की दो आंखें बारह हाथ होते हैं. फिल्म वाले कहानियाँ, संगीत और जाने क्या क्या चुरा लेते हैं.

भारत में चोरी नकबजनी, डाका आम बात है. इन्हें अंग्रेजों की आईपीसी नहीं रोक सकी तो सरकार को भारतीय न्याय संहिता रच डाली. आईपीसी और बीएन एस में धाराएं ही उलट-पलट की गई और कुछ नही. हमारा अनुभव है कि हम आकाश को जमीन पर उतार सकते हैं. चूंकि चरित्र है, चोरी पुरषार्थ है, चोरी एस ई एम ई है. चोरी चाल है, चोरी चरित्र है और चोरी पहचान भी है. जो चोरी नहीं कर सकता वो कुछ भी नहीं कर सकता. इसीलिए कहता हूँ कि आदमी का मूल तत्व मरना नहीं चाहिए. आदमी का मूल चरित्र चोरी करने का है. इसे महफूज रखना चाहिए. हमारे यहाँ तभी कहा जाता है कि-चोर चोरी से अलग हो सकता है, हेरा फेरी से नहीं. चोर*चोर मौसेरे भाई या चोरी और सीनाजोरी जैसी कहावतें प्रचलित हैं.

चोर चरितम पर हास्य, व्यंग्य, कहानी, कविता, इतिहास, संस्कृति सब कुछ है. जो चोरी करने से घबडा जाते हैं वे फरियादी बन गये. गवाह बन गये, वकील बन गये. जो कुछ नही बन पाए वे सब नेता बन गए. कोई किसी दल में कोई किसी दल मे समा गया. माँ में जैसे मातृत्व होता है, पिता में पितृत्व होता है पशुओं में पशुत्व होता है ठीक इसी तरह चोरों में चोरत्व होता है. वोट चोर इस समय सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित (बदनाम)है. भारत में हर कोई डाक्टर, वकील, आईएएस, आईपीएस, आईई एस,बनना शायद न चाहे किंतु वोट चोर जरूर बन जाता है. चारा, दवा, सीमेंट, दलिया सब तो चुरा चुके हैं आदमी.

आपको पता है कि हमारे यहाँ चोर अक्सर सफाचट यानि क्लीनशेव होते हैं. चोर अगर गलती से दाढी रख ले तो लोग कह उठते हैं कि चोर की दाढी में तिनका होत है. और इसी तिनके से चोर पकडा भी जाता है.चोर को जब आदमी नहीं पकड पाता तो चोर को पुलिस का कुत्ता इस काम को अंजाम देता है. हम अपना परिचय ये कहकर गर्व से देते हैं कि -'चोरी मेरा काम.,हमारा चोर पुलिस से तो खाक डरेगा, माननीय अदालत से क्या डरेगा. हमारा चोर भगवान के मंदिर से कलश, दानपटी, छत्र, मूर्ति सहित  चुरा लेता है.

चोर अपनी बात कहीं भी रखने के लिए परम स्वतंत्र है. चोर के लिए लालककिला हो नीलाकिला, मधुबनी हो या मुंबई कोई फर्क नहीं पडता. चोर हर महफिल में मिल सकता है. ढोल बजाते, भजन करते, ध्यान मग्न, खिलखिलाते, आंसू बहाते, सेना की वर्दी हो या संत की, कोई फर्क नहीं पडता. आप न वोट चोर पकड सकते हैं न नोट चोर. चोर किसी के हाथ नहीं आता. इसलिए बस जागते रहो. ऊपर वाले से दुआ करते रहो कि देश को चोरों से भी आजादी मिले.

@ राकेश अचल

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