सोमवार, 9 जून 2025

9 जून 2025, सोमवार का पंचांग

 आप का दिन मंगलमय हो

*सूर्योदय :-* 05:24 बजे  

*सूर्यास्त :-* 19:17 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : ग्रीष्म ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *ज्येष्ठ* माह शुक्ल पक्ष *त्रियोदशी तिथि* 09:35 बजे तक फिर चतुर्दशी तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* विशाखा नक्षत्र 15:30 बजे तक फिर अनुराधा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *शिव* है।

*करण*  :-आज  *तैतिल* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा, गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज  पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज                       पूर्व में है।

*🌚राहूकाल* :आज  07:08 बजे से 08:52

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:51 बजे से 12:45 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा*:- कोई नहीं 

*मुहूर्त* : -  नहीं है। 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृष , चन्द्र-तुला, मंगल-सिंह, बुध-मिथुन, गुरु-मिथुन, शुक्र-मेष, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

अमृत 05:24 - 07:08 शुभ

काल 07:08 - 08:52 अशुभ

शुभ 08:52 - 10:36 शुभ

रोग 10:36 - 12:20 अशुभ

उद्वेग 12:20 - 14:05 अशुभ

चर 14:05 - 15:49 शुभ

लाभ 15:49 - 17:33 शुभ

अमृत 17:33 - 19:17 शुभ

*🌘चोघडिया, रात*

चर 19:17 - 20:33 शुभ

रोग 20:33 - 21:49 अशुभ

काल 21:49 - 23:05 अशुभ

लाभ 23:05 - 24:20*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

रविवार, 8 जून 2025

क्या मुमकिन है टूटे दलों का एकीकरण ?

 

महाराष्ट्र में शिवसेना के तीन धडों के एकीकरण की सुगबुगाहट के साथ ही ये मुद्दा भी गर्म होने लगा है कि क्या शिव सेना समेत देश के तमाम विखंडित राजनीतिक दलों का एकीकरण मुमकिन है?  क्या एकीकरण का बिस्मिल्लाह शिव सेना से ही होगा ?

शिवसेना नेता और बालासाहेब के पुराने भक्त गजानन कीर्तिकर ने  शिवसेना के एकीकरण का सुर्रा तब छोडा जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की शिवसेनाओं के एकीकरण की सुगबगाहट तेज हुई. कीर्तिकर ने कहा,कि ''बालासाहेब ठाकरे के जीवित रहते हुए भी राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को एक करने की कोशिश हुई थी लेकिन शिवसेना का विभाजन हो गया. शिवसेना और मनसे के अलग-अलग होने से शिवसेना को नुकसान हुआ. अब समय है कि ये दोनों एक साथ आएं. ठाकरे नाम एक ब्रांड है, और वह ब्रांड बना रहना चाहिए. ऐसी इच्छा पुराने शिवसैनिकों की है.'

शिंदे गुट के नेता गजानन कीर्तिकर ने कहा, “क्या ये दोनों (उद्धव ठाकरे-राज ठाकरे) साथ आएंगे? यह नहीं मालूम, लेकिन सुना है कि दोनों ने कुछ शर्तें रखी हैं. उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज ठाकरे को महायुति (बीजेपी गठबंधन) छोड़ना चाहिए, तो वहीं राज ने कहा है कि उद्धव को कांग्रेस का साथ छोड़ना चाहिए. दोनों की बातें सही हैं.” गजानन कीर्तिकर ने लोकसभा चुनाव के दौरान एकनाथ शिंदे की शिवसेना के लिए प्रचार भी किया था और शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में दोबारा एंट्री ली थी. 

 महाराष्ट्र में शिवसेना के तीन हिस्से हो गए है. एक शिवसेना उद्धव ठाकरे की है, दूसरी राज ठाकरे की है और तीसरी एकनाथ शिंदे की. उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), जो एमवीए के साथ है. एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की पार्टी एनसीपी है.  एकनाथ शिंदे गुट की पार्टी शिवसेना जो महायुति के साथ है. इसमें बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी है.तीसरी शिवसेना राज ठाकरे की है. उनकी शिवसेना  मनसे के नाम से जानी जाती है. शिवसेना पहले पारिवारिक विवाद के चलते टूटी थी बाद में भाजपा ने उद्धव ठाकरे की सेना को दो फांक कर दिया था.

कीर्तिकर का दावा है कि, ''एकनाथ शिंदे, शिवसेना प्रमुख बालासाहेब की विचारधारा को लेकर ही पार्टी से बाहर निकले थे—जैसे हिंदुत्व, आक्रमक शैली, राष्ट्रीयता और मराठी लोगों का सर्वांगीण विकास लेकिन बीजेपी के साथ होने की वजह से आगे बढ़ने में उन्हें कई अड़चनें आती हैं. दोनों (उद्धव-राज) की शर्तें सही हैं, क्योंकि ये बाधाएं हैं जो अखंड शिवसेना बनने से रोक रही हैं. जब तक ये दूर नहीं होतीं, तब तक मजबूत शिवसेना नहीं बन पाएगी.”

आपको याद होगा कि एनडीए में पहले उद्धव ठाकरे की शिवसेना थी, फिर उन्होंने साथ छोड़ा, और फिर एकनाथ शिंदे ने उसमें प्रवेश किया. दोनों बालासाहेब की विचारधारा को आगे ले जाने की बात करते हैं. लेकिन मतदाता और कार्यकर्ता बालासाहेब की शिवसेना को जानते हैं, न कि बीजेपी या कांग्रेस प्रेरित शिवसेना को. इसलिए अगर असली शिवसेना को फिर से स्थापित करना है, तो इन तीनों को (राज-उद्धव-शिंदे) अपने-अपने गठबंधन छोड़ने होंगे.''

गजानन कीर्तिकर ने ये भी कहा, ''बालासाहेब खुद चाहते थे कि राज और उद्धव एक हों. उन्हें इस विभाजन के खतरे की पहले से जानकारी थी. आज अगर राज और उद्धव एक होने का रुख ले रहे हैं, तो वह अच्छा संकेत है लेकिन अगर हम फिर से बालासाहेब की प्रचंड, प्रभावशाली शिवसेना देखना चाहते हैं, तो उसमें एकनाथ शिंदे को भी शामिल होना चाहिए. अगर राज, उद्धव और शिंदे तीनों एक साथ आते हैं, तभी एक मजबूत शिवसेना दिखाई देगी. ये जरूरत महाराष्ट्र और शिवसैनिकों की है.

महाराष्ट्र में भाजपा ने केवल शिवसेना को ही नहीं तोड़ा बल्कि एनसीपी को भी तोडा. एक गुट शरद पंवार का है, दूसरा अजित पंवार का. एक गुट मविअ में है तो दूसरा एनडीए में.अब भाजपा ने शरद पंवार गुट को भी एनडीए में शामिल होने के लिए चारा डाला है. शरद पंवार भी भाजपा की ओर झुकते नजर आ रहे हैं. भाजपा के कारण मप्र में कांग्रेस टूट चुकी है. हरियाणा में भी ऐसी ही टूट जेजेपी में भी हुई. झारखंड में भाजपा ने झामुमो को  तोडा. बिहार में भी इसी तरह की तोडफोड प्रादेशिक दलों में हुई. सबसे ज्यादा तोडफोड का सामना कांगेस ने किया, फिर समाजवादी दल का नंबर आता है. बंगाल में सत्तारूढ तृमूका कांग्रेस का ही उत्पाद है.

अब सवाल ये है कि भाजपा की 'फूट डालो और राज करो  'की नीति के शिकार अनेक दल दोबारा एक होकर भाजपा से बदला लेंगे. इस सवाल का जबाब हां भी हो सकता है और ना भी. लेकिन टूटे दलों का एकीकरण. टूटना आसान है और जुडना कठिन भी. लेकिन राजनीति भी क्रिकेट की तरह संभावनाओं का खेल है. यहाँ कुछ भी सकता है. यदि टूटे दलों के एकीकरण की प्रक्रिया सत्तारूढ भाजपा के लिए घातक हो सकता है.

@राकेश अचल

8 जून को इस विवाह सीजन की आखिरी शहनाई बजेगी

 फिर साढ़े पांच माह का होगा ब्रेक

कुछ लोग अधिक गर्मी की वजह से मई ,जून की बजाय जुलाई महीने में विवाह बंधन में बंधना चाहते हैं उनके लिए इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा क्योंकि इस बार देव सोने से लगभग एक माह पहले से ही विवाह मुहूर्तों पर रोक लग जाएगी।

वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि अमूमन विवाह मुहूर्त आषाढ़ शुक्ल  एकादशी  अर्थात देव शयन एकादशी से पहले तक लगभग मध्य जुलाई तक रहते है। 

लेकिन इस बार जो लोग यह सोचकर बैठे हैं कि जून के लास्ट और जुलाई के फस्ट वीक में विवाह के मुहूर्त निकाल लेंगे उनके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि इस बार विवाह मुहूर्त पर चार माह की जगह साढ़े पांच माह रोक रहेगी।

 ज्योतिषाचार्य डॉ जैन ने इस का कारण बताते हुए कहा कि इस बार गुरु तारा 12 जून  आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा तिथि गुरुवार को पश्चिम दिशा में अस्त होगा जो 06 जुलाई आषाढ़ शुक्ल एकादशी रविवार यानि देवशयनी एकादशी के दिन ही पूर्व दिशा में उदय होगा । गुरु अस्त कालांश एवं अस्त से 3 दिन पूर्व यानी वृद्वत्वकाल एवं उदय से 3 दिन बाद बाल्यत्वकाल तक शास्त्र युक्त विवाह मुहूर्त नहीं होता 02 नवंबर  को देवप्रबोधिनी एकादशी है  देवप्रबोधनी एकादशी और भड़ली नवमी को लोकाचार की दृष्टि से विवाह किए जा सकते हैं।

इसके अलावा  22 नवम्बर को ही शुद्ध विवाह मुहूर्त की अगले सीजन की शुरुआत होगी।

इस सीजन के शेष शुद्ध विवाह मुहूर्त:- 

 नवंबर - 22,23,24,25,30

दिसंबर - 04

8 जून रविवार 2025, का पंचांग

आप का दिन मंगलमय हो

*सूर्योदय :-* 05:24 बजे  

*सूर्यास्त :-* 19:16 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : ग्रीष्म ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *ज्येष्ठ* माह शुक्ल पक्ष *द्वादशी तिथि* 07:17 बजे तक फिर त्रियोदशी तिथि।

💫 *नक्षत्र आज* स्वाती नक्षत्र 12:41 बजे तक फिर विशाखा नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *परिधि* है।

*करण*  :-आज  *बालव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा, गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज  पाताल में है।

☄️ *दिशाशूल* : आज                      पश्चिम में है।

*🌚राहूकाल* :आज  17:33 बजे से 19:17

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:51 बजे से 12:45 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा*:- प्रदोष व्रत, वट सावित्री व्रत आरंभ 

*मुहूर्त* : - विद्यारंभ,सगाई है अन्य नहीं है। 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृष , चन्द्र-तुला, मंगल-सिंह, बुध-मिथुन, गुरु-मिथुन, शुक्र-मेष, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

उद्वेग 05:24 - 07:08 अशुभ

चर 07:08 - 08:52 शुभ

लाभ 08:52 - 10:36 शुभ

अमृत 10:36 - 12:20 शुभ

काल 12:20 - 14:04 अशुभ

शुभ 14:04 - 15:48 शुभ

रोग 15:48 - 17:32 अशुभ

उद्वेग 17:32 - 19:17 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

शुभ 19:17 - 20:32 शुभ

अमृत 20:32 - 21:48 शुभ

चर 21:48 - 23:04 शुभ

रोग 23:04 - 24:20*अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

शनिवार, 7 जून 2025

मेरी गजल

🌹🌹🌹

मोअजिज कौन है इस मुंबई में

जुबां हर मौन है इस मुंबई में

🌹

सभी परिचय, अपरिचय एक से हैं

सिसकती पौन है इस मुंबई में

🌹

यहाँ घर हैं, मगर लगते हैं दडबे

मुहल्ले जोन हैं इस मुंबई में

🌹

समंदर है यहाँ दुख बांटने को

अजब सी टोन है इस मुंबई में

🌹

सुबह से शाम, भागमभाग, तौबा

सहारा फोन है इस मुंबई में

🌹

धरम के नाम पर धंधे अनेको

नया इस्कोन है इस मुंबई में

🌹

सऊदी सा, कतर सा, एक हिस्सा

उरई-जालौन है, इस मुंबई में

🌹

कोई जीता नहीं, मरता नहीं है

सभी का 'क्लोन 'है इस मुंबई मे

🌹

@ राकेश अचल

लगातार गायब होते सिक्के और दुर्लभ होते नोट

  

आज का विषय शुष्क जरूर है लेकिन है महत्वपूर्ण. आज हम भारत की उस मौद्रिक प्रणाली की बात कर रहे हैं जिसके चलते हमारे देश से तमाम नोट और सिक्के गायब हो रहे हैं. हम शायद ऐसी आखिरी पीढी के लोग होंगे जिन्होने अपने देश की सबसे छोटी मुद्राक्ष1 पैसे के सिक्के या एक रुपये के नोट को बाजार में चलते हुए देखा था धीरे धीरे  ये सिक्के और नोट चलन से बाहर हो गये. अब 2000 के नोट के बाद 2रुपये का नोट भी दुर्लभ हो रहा है.

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा मुद्रा व्यवस्था में बड़ी बदलाव की गई है। आरबीआई ने ₹2, रु5 और ₹2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी है। इस बदलाव का मुख्य मकसद डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देना है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया पहले 2000 नोटों की छपाई बंद कर चुका है। अब ₹2 और ₹5 के नोटों की छपाई पर भी रोक लग जाएगी.अब ऐसे नोट आम लोगों के जेबों से भी गायब हो चुके हैं। इसका चलन लगभग बंद हो चुका है। सिर्फ नोट ही नहीं बल्कि सिक्कों के इस्तेमाल में भी कमी देखने को मिल रही है। छोटे लेनदेन के लिए ही लोग अब ₹2 या ₹5 के सिक्कों का इस्तेमाल करते हैं।

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बताया कि ऐसे नोटों के छपाई में ज्यादा खर्चा आ रहा था। हर साल इसके छपाई में लगभग 6372 करोड रुपए तक का खर्च आ जाता था। लेकिन इसका इस्तेमाल बेहद कम किया जाता था, यही वजह है कि ऐसे नोटों को बंद करने का फैसला लिया गया है।

आरबीआई ने साफ किया है कि पुराने और गंदे नोटों का रीसायकल किया जाएगा। आज के समय में ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा दिया जा रहा है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने साफ कर दिया है कि कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा दिया जाएगा यही वजह है कि छोटे नोटों को अब बंद किया जा रहा है।

अभी कुछ समय पहले ही रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने ₹5 के पुराने सिक्के को बंद करने का फैसला लिया था। इसका मुख्य कारण था ऐसे सिक्कों को छापने में काफी ज्यादा खर्च आ रहा था। अब दो और ₹5 के नोटों को बंद करने का भी और आरबीआई ने फैसला किया है और जल्द ही ऐसे नोट मार्केट से पूरी तरह गायब हो जाएंगे।

मुझे याद है कि आज से आधी सदी पहले देश में 1,2,3,5, और 25,पैसे के सिक्के इफरात में चलन में थे. सबसे छोटा नोट एक रुपये का था, जो चल तो अब भी रहा है लेकिन अब बेचारे की कोई हैसियत नहीं है. और अब दो, पांच रुपये के नोटों के वजूद पर संकट मंडरा रहा है. नोटों और सिक्कों के प्रचलन से बाहर होने की वजह मंहगाई है. नोट और सिक्के बनाने का बढता खर्च है. मजे की बात ये  है कि हमारी मौद्रिक प्रणाली जस की तस है लेकिन सिक्कों और नोटों का वजूद खतरे में है.

 मै उन लोगों मे से हूँ जिन लोगों ने अधन्नी, एकन्नी, दुअन्नी, चार पैसा, पांच पैसा, दस पैसा, बीस पैसा, चवन्नी (25 पैसे), अठन्नी (50 पैसे): के सिक्के देखे और इस्तेमाल किए हैं.ये सिक्के  धीरे धीरे बंद किए गए, क्योंकि उनकी खरीद शक्ति कम हो गई थी और उत्पादन लागत अधिक थी। उदाहरण के लिए, 25 पैसे और उससे कम मूल्य के सिक्के 30 जून 2011 से वैध मुद्रा के रूप में बंद हो गए।एक रुपये, दो रुपये, और पांच रुपये के नोट भी धीरे-धीरे सर्कुलेशन से हटा लिए गए, क्योंकि सिक्कों ने इनकी जगह ले ली। एक रुपये का नोट 1994 में बंद हुआ, और दो रुपये व पांच रुपये के नोट भी 1990 के दशक में धीरे-धीरे प्रचलन से बाहर हो गए।

मैने अपने घर में 1,000 रुपये और 10,000 रुपये के नोट देखे हैं. ये नोट देश आजाद होने के पहले से चलन में थे. इन्हे कुछ समय के लिए बंद किया गया लेकिन 1954 में फिर से शुरू कर दिया गया.साथ ही 5,000 रुपये का नोट भी छापा गया। लेकिन ये सभी नोट 1978 में फिर से बंद हो गए।

एक लंबे अरसे के बाद 2005 में नोटों का विमुद्रीकरण फिर हुआ.2005 से पहले के 500 रुपये के नोटों को मनमोहन सिंह सरकार ने बंद किया था।भारत में नोटबंदी की प्रमुख घटनाएँ 1946, 1978, और 2016 में हुईं, जिनमें उच्च मूल्यवर्ग के नोट (500, 1,000, 5,000, 10,000 रुपये) बंद किए गए। 2023 में 2,000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से हटाया गया, लेकिन यह पूर्ण नोटबंदी नहीं थी। सिक्कों में छोटे मूल्यवर्ग (जैसे 25 पैसे, 50 पैसे) और कुछ छोटे नोट (1, 2, 5 रुपये) भी समय के साथ बंद हो गए। इन फैसलों के खिलाफ देश में कभी कोई आंदोलन नहीं हुआ क्योंकि कभी किसी ने मुद्रा को देश की अस्मिता से नहीं जोडा.

मैंने  दुनिया के अनेक देशों में भी छोटे सक्के और नोट प्रचलन में देखे हैं खासतौर पर इंग्लैंड और अमेरिका में. दुनिया के तमाम देश आज भी अपनी मुद्रा का भरपूर सम्मान करते है एक भारत देश है जहाँ आपको एक रुपया या पचास पैसे के सिक्के के बदले में चाकलेट, माचिस या च्विंगम थमाई जा सकती है और आप कुछ नहीं कर सकते. विदेशों में आप छोटे सिक्कों को भी वही सम्मान मिलते देख सकते हैं जो किसी बडे नोट को मिलता है. विदेशो में छोटे सिक्कों को आप रुपये में बदल सकते हैं. इसके लिए टेलरिंग मशीनें लगी हैं. वहां लागत की बिना पर किसी सिक्के या नोट का गला नहीं घोंटा गया. लेकिन भारत में किसी मंच पर इस समस्या पर विमर्श नहीं होता. संसद में भी नही. सवाल मे है जब आप प्लास्टिक मुद्रा से पैसे और सिक्के नहीं हटा रहे तो आभासी दुनिया से उन्हें विदा क्यों किया जा रहा है.

लागत की आड में सिक्के ही नहीं हमारे पोस्टकार्ड, अंतर्देशी लिफाफे भी गायब हो गये. आने वाले दिनों  में और  पता नहीं है कि लागत बढने के नाम पर और क्या क्या बंद हो सकता है.

@राकेश अचल

7 जून शनिवार 2025, का पंचांग

आप का दिन मंगलमय हो


*सूर्योदय :-* 05:24 बजे  

*सूर्यास्त :-* 19:16 बजे 

श्री विक्रमसंवत्- *2082* शाके- *1947* 

*श्री वीरनिर्वाण संवत्- 2551* 

*सूर्य*:- -सूर्य उत्तरायण, उत्तरगोल 

*🌧️ऋतु* : ग्रीष्म ऋतु 

*सूर्योदय के समय तिथि,नक्षत्र,योग, करण का समय* - 

आज *ज्येष्ठ* माह शुक्ल पक्ष *द्वादशी तिथि* दिन रात

💫 *नक्षत्र आज* चित्रा नक्षत्र 09:39 बजे तक फिर स्वाति नक्षत्र चलेगा।

    *योग* :- आज *परिधि* है।

*करण*  :-आज  *बव* हैं।

 💫 *पंचक* :- पंचक, भद्रा, गंडमूल नहीं है।

*🔥अग्निवास*: आज पृथ्वी पर है।

☄️ *दिशाशूल* : आज  पश्चिम पर है।

*🌚राहूकाल* :आज  08:52 बजे से 10:36

 बजे  तक  अशुभ समय है।

*🌼अभिजित मुहूर्त* :- आज 11:51 बजे से 12:45 बजे तक प्रत्येक बुधवार अशुभ होता हैं।

*पर्व त्यौहा*:- निर्जला एकादशी व्रत वैष्ण, भगवान सुपार्श्वनाथ जी जन्म,तप

*मुहूर्त* : - नव  संस्कृत  गृह प्रवेश,दुकान/व्यापार, देव प्रतिष्ठा, वाहन क्रय,सगाई है अन्य नहीं है। 

🪐  *सूर्योदय समय ग्रह राशि विचार* :-

 सूर्य-वृष , चन्द्र-तुला, मंगल-सिंह, बुध-मिथुन, गुरु-मिथुन, शुक्र-मेष, शनि-मीन, राहू- कुंभ,केतु-सिंह, प्लूटो-मकर ,नेप्च्यून-मीन

हर्षल-मेष में आज है।

 *🌞चोघडिया, दिन*

काल 05:24 - 07:08 अशुभ

शुभ 07:08 - 08:52 शुभ

रोग 08:52 - 10:36 अशुभ

उद्वेग 10:36 - 12:20 अशुभ

चर 12:20 - 14:04 शुभ

लाभ 14:04 - 15:48 शुभ

अमृत 15:48 - 17:32 शुभ

काल 17:32 - 19:16 अशुभ

*🌘चोघडिया, रात*

लाभ 19:16 - 20:32 शुभ

उद्वेग 20:32 - 21:48 अशुभ

शुभ 21:48 - 23:04 शुभ

अमृत 23:04 - 24:20*शुभ

 अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें - ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन (राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त)

जिनकी दर्जनों जटील मुद्दों पर भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई हैं।

मो . 9425187186

शुक्रवार, 6 जून 2025

एक लाख वृक्षारोपण का संकल्प : सांसद भारत सिंह कुशवाह के मुख्य आतिथ्य में संस्था सदस्यों के साथ पोधारोपड़ किया

 ग्वालियर। समाजसेवी संस्था अनुपमा राज डंडोतिया वेलफेयर फाउंडेशन गंगा जगत गुरुधाम अखाड़ा परिषद बड़ागांव द्वारा संस्था की सरंक्षक स्व. रामश्री देवी दंडोतिया  की स्मृति में एक लाख पोधारोपड़ करने का संकल्प लिया और सांसद भारत सिंह कुशवाह के मुख्य आतिथ्य में संस्था सदस्यों के साथ पोधारोपड़ किया ।

इस अवसर पर ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह ने अनुपमा राज दंडोतिया वेलफेयर फाउडेशन द्वारा अपनी माँ रामश्री देवी दंडोतिया की स्मृति में एक पेड़ माँ के नाम एक पेड़।पूर्वजो,शहीदों के नाम कार्यक्रम की सराहना की ऒर प्रधानमंत्री मोदी के साथ अनुपमा राज दंडोतिया वेलफेयर फाउडेशन की पुनीत पहल उद्देश्य में सभी से सहभागी बनने की अपील की ।
इस अवसर पर सांसद भारत सिंह कुशवाह,राज दंडोतिया अनुपमा दंडोतिया रामवरण शास्त्री, रामवीर शर्मा,पूजा गुप्ता, जयारोग्य अस्पताल अधीक्षक सुधीर सक्सेना,उप अधीक्षक बालेन शर्मा,अमित दुबे, अखिलेश पांडे सहित सेकड़ो कार्यकर्ताओ ने सभी देश व प्रदेश वासियो से एक पेड़ माँ पूर्वजों शहीदों के नाम लगाने की अपील की ।

सिंधी समाज के जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिये पाठ्य सामग्री वितरण कार्यक्रम के फॉर्म 15 जून से होंगे वितरित

 सिंधु विद्यार्थी शिक्षा चैरिटेबल ट्रस्ट की पहल

पूज्य सिंध  हिंदू जनरल पंचायत द्वारा गठित

 ग्वालियर । सिंधु विद्यार्थी शिक्षा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सिंधी समाज के जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए पाठ्य सामग्री वितरण कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदन फॉर्म का वितरण दिनांक 15 जून से प्रारंभ होगा। मीडिया प्रभारी अमर माखीजा जी ने बताया कि ट्रस्ट के मुख्यन्यासी श्रीचंद वलेचा जी के निवास पर हुई पंचायत के महासचिव श्रीचंद  पंजाबी जी की अध्यक्षता में मीटिंग में यह तय  किया गया।

ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री प्रहलाद रोहिरा एवं महासचिव ओम प्रकाश छाबड़ा के नेतृत्व में फॉर्म का वितरण तीन चरणों में सप्ताह के निर्धारित दिनों में झूलेलाल परमार्थ ट्रस्ट भवन दाना ओली में प्रातः 10: 30 बजे से 12:30 बजे तक किया जाएगा। यह तिथियाँ 15, 16, 17 जून, 22, 23, 24 जून एवं 29, 30 जून तथा 1 जुलाई रहेंगी। पात्र विद्यार्थियों को जुलाई के प्रथम पखवाड़े में पाठ्य सामग्री वितरित की जाएगी। इस कार्यक्रम के संयोजक विजय वलेचा, अमृत माखीजानी, धनराज दर्रा एवं गोपाल मोटवानी रहेंगे।

 मीटिंग में  मुख्य रूप से ट्रस्ट के उपाध्यक्ष भीष्म पमनानी, दिलीप हुंदवानी, सचिव मुकेश वासवानी कोषाध्यक्ष निर्मल एलानी एवं वितरण समिति सदस्य नरेन्द्र छबलानी, संतोष वाधवानी, जय जयसिंघानी एवं सुशील कुकरेजा, रमेश रुपानी उपस्थित थे ।

सभी अभिभावकों एवं विद्यार्थियों से समय पर फॉर्म प्राप्त कर निर्धारित तिथियों में जमा कराने की अपील की गई है।

6 जून 2025 शुक्रवार का पंचांग


संसद का मानसून सत्र ही कहीं विशेष न बन जाए

 

आपरेशन सिंदूर पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग को ठुकराने वाली मोदी सरकार ने अचानक संसद के मानसून सत्र की तारीखें घोषित कर विषयांतर कर दिया है. अभी तक के ज्ञात संसदीय इतिहास में किसी भी सत्र की घोषणा 47  दिन पहले नहीं की गई, लेकिन मोदी है तो सब मुमकिन है.संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को नई दिल्ली में इसकी जानकारी दी। रिजिजू ने बताया कि यह सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा।

आपको याद दिला दूं कि मोदी की पिछली सरकार में भी मणिपुर के मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई थी किंतु तब भी सरकार ने विपक्ष की मांग को ठुकरा दिया था और संसद का विशेष सत्र बुलाया भी था तो एक ऐसा कानून बनाने के लिए जिसका इस्तेमाल तत्काल नहीं किया जाना है. ये कानून था महिला आरक्षण का. कानून का नाम था नारी शक्ति वंदन कानून. ये कानून अगले आम चुनाव से साल भर पहले एक तुरुप के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा.

पिछले  एक महीने से आपरेशन सिंदूर और रहस्मय सीजफायर पर उठे सवालों से आतंकित मोदी सरकार ने विपक्ष और देश का सामना करने के लिए पूरे चार महीने ले लिए. इन चार मही में मोदी जी की रगों में गर्म सिंदूर भी बहने लगा और 33देशों में मोदी जी का डंका बजाकर 7 सर्वदलीय संसदीय दल भी सकुशल स्वदेश लौट आए हैं. अब माननीय  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के पास विपक्ष के सवालों का सामना करने के लिए छाते ही छाते हैं.

आपरेशन सिंदूर के समानांतर सरकार ने और सरकारी पार्टी भाजपा ने विपक्षी गठबंधन में सेंध लगाने का भी एक आपरेशन चलाया, जो लगभग कामयाब रहा. अब संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस सहित अनेक दलों के सांसद मोदी सरकार को भीगने से बचाने के लिए छाता ताने नजर आएंगे. मुमकिन है कि ये विपक्षी सांसद छाता तानने के साथ अपने ही दलों के खिलाफ सीना भी तानकर खडे हो जाएं.

इन चार महीने में सरकार इतना आत्मविश्वास जुटा लेगी कि संसदीय कार्यमंत्री 

किरेन रिजिजू कह पा रहे हैं कि - सरकार नियमों के तहत सत्र में किसी भी विषय पर चर्चा को तैयार हैं।  सत्र के दौरान जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश हो सकता है।

सरकार ने मानसूत्र सत्र का ऐलान विपक्ष के 'स्पेशल सेशन' की मांग के बीच की है। विपक्ष पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और CDS अनिल चौहान के भारतीय जेट गिरने पर सिंगापुर में दिए बयान पर चर्चा की मांग कर रहा है।

इंडिया गठबंधन के 17 दलों ने 3 जून को नई दिल्ली में बैठक की। इसमें स्पेशल सेशन बुलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था.मोदी सरकार 3.0 और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह संसद का पहला सत्र होगा।

प्रधानमंत्री माननीय नरेंदर मोदी को सरेंडर मोदी कहने वाली कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश ने कहा- सरकार ने विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने के लिए अचानक मानसून सत्र की घोषणा की। भारत के इतिहास में कभी भी 47 दिन पहले सत्र की घोषणा नहीं हुई है। आमतौर पर सत्र की जानकारी एक हफ्ता या 10 दिन पहले दी जाती है।

जयराम ने कहा कि प्रधानमंत्री विशेष सत्र से तो भाग सकते हैं, लेकिन मानसून सत्र से नहीं। हम विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं ताकि पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा हो सके। आतंकियों को अब तक सज़ा क्यों नहीं मिली? बहरहाल अब देश की जनता को माननीय प्रधानमंत्री जी का सिंदूरी भाषण सुनने के लिए दो महीने की प्रतीक्षा करना पडेगी. जनता के हिस्से में प्रतीक्षा के अलावा कुछ बचा ही नही है.

संसद के विशेष सत्रों की मांग से हर सरकार कन्नी काटती है और विशेष सत्र बुलाती भी है तो अपनी सुविधा से.उपलब्ध जानकारी के मुताबिक पहला विशेष सत्र1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान विपक्ष की मांग पर तत्कालीन प्रधानमंत्री  जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने 8 नवंबर1962  को संसद का विशेष सत्र आयोजित किया गया था. दूसरा विशेष सत्र15 अगस्त की मध्य रात्रि को औपनिवेशिक शासन से भारत की स्वतंत्रता की पच्चीसवीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक विशेष सत्र बुलाया गया था.. तीसरा विशेष सत्र 1977में नागालैंड और तमिलनाडु राज्यों में राष्ट्रपति शासन के विस्तार पर चर्चा के लिए 28 फरवरी को दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था । 

1991 में भी एक विशेष सत्र हुआ. बाद में भारत छोड़ो आंदोलन की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 9 अगस्त को मध्य रात्रि में एक सत्र बुलाया गया था । 

1997 में भारत की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 15 अगस्त को मध्य रात्रि सत्र बुलाया गया था। विपक्षी दल के नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय लोकतंत्र और इसकी लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थिति, आर्थिक स्थिति, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और क्षमता की स्थिति और देश में मानव विकास की स्थिति पर विचार करने के लिए प्रस्ताव पेश किया । एजेंडे पर चर्चा करने के लिए 26 अगस्त से 1 सितंबर तक छह दिवसीय विशेष सत्र आयोजित किया गया था। कांग्रेस सरकार ने 2008 में जुलाई में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान लोकसभा का एक विशेष सत्र बुलाया गया था। यह सत्र तब बुलाया गया था जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने वामपंथी दलों का गठबंधन समर्थन खो दिया था जिसके कारण अविश्वास प्रस्ताव आया था। 201213 मई को, लोकसभा ने भारतीय संसद की उद्घाटन बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए रविवार को एक विशेष सत्र बुलाया। [

2015 में 26 नवंबर को भारतीय संविधान की मसौदा समिति के नेता और देश के पहले कानून मंत्री बीआर अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने के लिए दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था। 

2017में 30 जून को, नरेंद्र मोदी प्रशासन ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को पेश करने के लिए संसद के दोनों सदनों का संयुक्त मध्यरात्रि सत्र बुलाया , जो एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है। यह किसी विधेयक पर विचार-विमर्श करने के लिए संसद के विशेष सत्र के बुलाए जाने का पहला उदाहरण था। 

मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर 2023 तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। नए बने संसद भवन में विशेष सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होनी थी। सत्र की शुरुआत पुरानी इमारत में हुई, और कार्यवाही 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन नई संसद इमारत में स्थानांतरित की जानी थी । 

इस सत्र में संविधान में 106वां संशोधन पारित किया गया , जिसने लोकसभा में महिला सांसदों के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण स्थापित किया । मुझे लगता है कि संसद का मानसून सत्र ही कहीं विशेष सत्र से ज्यादा विशेष न बन जाए.

@ राकेश अचल

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