करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी के दिन किया जाता है इस बार यह 10 अक्टूबर शुक्रवार को मनाया जाएगा।
विवाहित महिलाओं द्वारा पति की दीर्घायु के लिए करवा चौथ का यह व्रत और इसकी रस्मों को सुहागिनें पूरी निष्ठा से करती है। और अपने व्रत को चंद्रमा के दर्शन करने और अर्घ देने के बाद ही तोड़ती है।
वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस बार चतुर्थी तिथि 9 अक्टूबर को रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्टूबर को शाम 7:38 बजे तक रहेगी। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखेंगी और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं।
*करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त-*
10 अक्टूबर शुक्रवार को शाम 5:57 बजे से 07:11 बजे तक
*चंद्रोदय का समय* लगभग रात 08:10 से 08: 45 बजे तक हो सकता है, जो शहर के अनुसार थोड़ा आगे पीछे हो सकता है।
*करवा चौथ व्रत की विधि*- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और सरगी ग्रहण करे।
दिनभर निर्जला व्रत रखें और शाम को करवा माता की पूजा करें।
चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोले ।
पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा सुनें और अन्य महिलाओं के साथ मिलकर पूजा करें
करवा चौथ का पर्व महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके अपने पति के लिए पूजा करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं।
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